कूलर इतना पानी पीता है कि इसको लेकर भी पर्यावरण की लघु चिन्ता होने लगी है । जब तक पाइप से पानी भरता है तब तक दो चार बाल्टी उलट आता हूँ ताकि टँकी जल्दी भरे । ग्रिल को ऊपर-नीचे, आड़ा-तिरछा करके हवा के रुख़ को बदलने का प्रयास जारी रहता है । इतनी मान मनौव्वल के बाद तो हवा को चुपचाप पीछे पीछे आ जाना चाहिए ।
तो गर्मी हाज़िर है । तापमान हेडलाइन है । बिजली डेडलाइन । कोई बिजली मत्री का इस्तीफ़ा तो माँगों भाई या फिर उनके घर ग़ाज़ियाबाद वाली लाइन जोड़ दो । जल्दी प्राइवेट जेनसेट ईयमआई पर मिलने लगेगा । मैं गर्मी से आतंकित नहीं हूँ । बिजली से हूँ । जो आती नहीं है । आती है तो आते ही चली जाती है ।
3 comments:
aap gujarat mai nahi hai ,isliye bijali ki baat kar rahey ho aur solar panel ki baat nahi kar rahey ho
solar panel power house se sasta padega
बिजली ने सुख अपहृत कर लिया है।
ha ha ha, uttam, sahi chitran
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