चश्मेवाली और सैंडलवाली

झटके से लौट आई । फोटो खिंचनी हैं तो खिंच लो । तब तक कैमरा तैयार हो चुका था । पल भर में वो एक ज़िंदादिल तस्वीर में बदल गई । हुआ यूँ कि दिल्ली के कड़कड़डूमा चौराहे पर फ़्लाइओवर के नीचे वो अचानक आ गई । उँगलियों से कुछ पंप सा दबाया और चश्मे से पानी की धार कार के शीशे पर । बस तुरंत मोबाइल निकाला और फ़्रेम बनाने का प्रयास किया तब तक वो गुज़र गई । फ़िलहाल ये तस्वीर आपके लिए । इसे कहते हैं आत्मविश्वास । महिला दिवस के दिन इससे अच्छी तस्वीर क्या हो सकती है ।

और ये तस्वीर रश्मि जी ने भेजी । महिला दिवस पर । देख कर लगा कि किसी ने अच्छे से सैंडिलिया दिया है । जूतियाने की तर्ज़ पर । 

19 comments:

Atulavach said...

common to IBM, GM, Xerox, Dupont, Yahoo, IMF, Pepsi, Areva, SBI, ICICI, Axis, USFDA?
All headed by women

On Indian Women on this day

तलवार उठा या कलम उठा ,
कुछ तो हुनर ले अपने करों में।

क्षमा ना छोड़ जो तेरा आभूषण
झकझोर, चेतना दे अधमरो में।

janta hu,मुझसे अधिक निस्पक्ष तु
थोड़ा तो सींच खुद अपने जड़ो में।

Unknown said...

ravish ji badhiya dikhaya hain aapne
lekin bilkul eise hi mard ko kuchlna padega tabhi desh hi nahi duniya badal jayegi ,main to apni maa se bhi darta hoon aapni patni se bhi darta hoon aur aapni bahan se bhi aur kisi anjan mahila ko bhi. hamari soch ye ho chuki hai ki hum mard hain , isse badalna padega par kaise
mera to yehi manana hai kamjore ko aage badhao kyon ki ek darpok aadmi hi vayvtha parivartan karega

Ranjan said...

बढ़िया है ...घर से लेकर बाहर तक ...मस्त ..:)
देवी - देवता की जगह सैन्डील की पूजा कीजिए :))

Ranjan said...

बढ़िया है ...घर से लेकर बाहर तक ...मस्त ..:)
देवी - देवता की जगह सैन्डील की पूजा कीजिए :))

प्रवीण पाण्डेय said...

दोनों ही दमदार..

sachin said...

आज एक मित्र ने बताया कि ( सामाजिक रूप से ) पिछड़ी जातियों की महिलाओं को आज भी कई जगह मधुबनी चित्रकला बनाने (और पौराणिक कहानियाँ को अपने काम के ज़रिए उधृत करने ) की "इजाज़त" नहीं है । मेरी ये मित्र खुद एक हैंडलूम /बुटीक चलाती हैं। अभी गाँव में घूम घूमकर वहाँ से सीखने और मदद करने का काम कर रही हैं।

Mahendra Singh said...

Kya Baat hai. Dono tasweer jabardast hai.

Anonymous said...

Niche wali Tasvir.Good.

Unknown said...

Bahut badhiya ravish sir...

Unknown said...

Sir pehle bhi ek baar likha tha , ek aur baar nivedan kr rha hu please sir ho ske to month me ek baar rural area k baare me blog likhne ki koshish kre

wese to aapne apne gaav ke baare me likha h phir bhi aapko pta hi h ki rural area aur urban area me kitna gap ho gya h
kisi newspaper aur tv me inko dikhaya hi nai jaata , National dailies me to nai h

chalo itna nahi to youtube k channel(VIDEO VOLUNTEERS) ko subscribe hi kr le , thoda sa contribution

Video Volunteers

SeemaSingh said...

Jabardast

SeemaSingh said...

Jabardast

Unknown said...

ravish ji ye sandilyane vali photo dekhkar kuch achha nahi laga. kyoki yatharth isse akdum alag hai. par uper vali photo badhiya hai.

Unknown said...

http://m.youtube.com/watch?v=yRGNTXDO7dI

Suneel said...

1st is best

Ranjit Kumar said...

लॉट ऑफ़ कांफिडेंस... पावरफुल पिक्चर ।

Unknown said...

अरे रबीश जी ये तो प्रीतविहार और ककरडूमा वाले लाल बत्ती पे खिलोने बेचती है

Unknown said...

अरे रबीश जी ये तो प्रीतविहार और ककरडूमा वाले लाल बत्ती पे खिलोने बेचती है

Unknown said...

अरे रबीश जी ये तो प्रीतविहार और ककरडूमा वाले लाल बत्ती पे खिलोने बेचती है