यह सब हुआ पलायन से । पिछले दस सालों में पलायन बढ़ा है । भैय्या भगाओ जैसे छिटपुट हिंसक घटनाओं को छोड़ दे यह दशक शांति से गुज़रा है । दंगे ज़रूर हुए मगर उन जगहों पर नहीं जहाँ रोज़गार के नए नए अवसर पैदा हो रहे थे । ऐसे कई शहरों में, जो पश्चिम से लेकर दक्षिण भारत तक फैले हुए हैं, मुस्लिम मज़दूरों को भी जाने का मौक़ा मिला । इस शांति काल में जगह और अवसर में मुस्लिम मज़दूरों की हिस्सेदारी बढ़ी जिसके कारण गाँवों में पैसा आया । कुछ साल पहले तक मुस्लिम बहुल गाँवों की मस्जिदें चमका करती थीं अब घर भी चमक रहे हैं । देहरा गाँव में भी ज़्यादातर मज़दूर लोग हैं जो बाहर कमाने गए हैं ।
नतीजा यह हुआ है कि औरतों के हाथ में पैसा आया है । इस गाँव में मुझे सूट और साड़ी की चार पाँच दुकानें दिखीं । मेकअप की भी । सब्ज़ी की दुकान दिल्ली मुंबई जैसी । इलेक्ट्रानिक तराज़ू और प्लास्टिक के कैरेट में सब्ज़ियाँ रखी हुईं थीं । बिजली के सामान की दुकान । एक मिठाई की दुकान । एक दवा की दुकान । बच्चों के पास अपनी साइकिल और स्कूल आते जाते बच्चे ।
इस गाँव की दीवारों पर स्कूल का विज्ञापन चिपका था । इश्तहार में जो लिखा है उसकी तस्वीर दे रहा हूँ । आप खुद पढ़िये । कैसे एक स्कूल मुसलमानों के गाँव में अपना प्रचार करने से पहले तालीम पर ज़ोर दे रहा है । जैसे पहली बार यहाँ शिक्षा का प्रचार प्रसार हो रहा हो । इश्तहार में कंप्यूटर लाइब्रेरी और मैदान का ज़िक्र है । मुस्लिम युवाओं की अब यही ज़रूरत है । पढ़ाई लिखाई पर ज़ोर तो बढ़ा है मगर इनके पास गुणवत्ता वाले सरकारी और प्राइवेट स्कूल नहीं हैं । गाँव में एक भी मौलाना मौलवी की तक़रीर वाले पोस्टर नहीं दिखे । बहरहाल इन इश्तहारों को पढ़िये और बदलते हिन्दुस्तान का लुत्फ़ लीजिये ।
22 comments:
Inshah Allah Bharat aise hi Tarakki karta rahe.
I must say, your video-reporting on 60-84 was of average quality. The questions asked were of very ordinary level. This type of reporting has minimal to no impact on viewers.
Pl ask anyone from your research team to contact rp.neuli@yahoo.com, if interested.
SIR JI kamal hai ,apne kam me hum ajj-kal itne busy hai ki apna desh hi sahi se nahi dekh paye hai .
Par ab koi tension nahi hai ,aap hai na.
Har topic ko aap equal importance dete hai.
Kafi serious topic hai EDUCATION .I suppose I am not wrong, if I say that education is one of the most pofitable business in INDIA. Par caste ko politics aur education se joda ja raha hai,
Itne serious topic par bhi politics kheli ja rahi hai yeh taklif dey hai.
Ravish, you need to do following debates (even if you 'think' it has no value):
1. If Modi/BJP's campaign looses traction, will it give advantage to Congress? or someone else? this is long debate and do it atleast 3 times till elections are over.
2. How many tainted UPA ministers, and parties have joined BJP? So, has Congress morphed into BJP? Or, It
is simply a case of crony capitalists using new tool(BJP), when old is broken(Congress)?
Ravish Ji, Apka ye Prime Time me bhi dekha, Mai chuki Desh se bahar hu to daily Prime Time Internet ke madham se dekhta hu.
Aajkal ki News reporting me kewal aap hi alag dikhte hai.
Aapko bahut-bahut Dhanyvaad
Aaj ke News Point me Okhla ke students se baat vala program bhi bahut achacha tha.
Sau baato ki ek bat keh diye aap aaj- " in rajnitik dalo ka dussahas to dekhiye desh k 40-50 karod kisano ki koi baat hi nahi h.. Dharam jati k lapete m lie ja rahe h... "
Yah desh ka durbhagya h. Muddo ki baat to karta hi nhi koi. Or jab mudde aate h to har party ko tolne k lie ek alag taraju lagwa dete h.. Tum bjp/congress k ho? Thode bhrasht ho? Chalega!! Thoda daag waag hain? Chalega!! AAP k ho? Munhfat ho? Muddo ki baatein karte ho? Arey arajakta aa gyi!!! Bachao desh ko! Experience kya h tumhara?
ajeeb h.. Hai na?
Mjhe laga tha arvind k aane se rajneeti k standard kuch sudhrenge.. Par kahan..??
Khaer aap pure maze maar rahe ho ravish ji. Lage rahiye sahab. Waese apka prime time k lie jb koi bolta h kisi reporr m to aap waesa hi prachar karte ho jaese wo hota h na" beqar wali chai" "beqar wali kulfi" aesa hi kuch karte firte h kuch marketing experts gaon qasbo main.. :-) Qasba!! Acha naam rakha h blog ka.
बहुत ही बढ़िया , कृपया करके अपने कैमराman को भी धन्यवाद दीजिये काफी चाँद दिखा देता है क्लोज उप से .. पसंद है
इ सब तो जो है सो ठीक है लेकिन इस बार आप उ बछिया को काहे लिए फिर रहे थे???
मैंने आपका वो प्रोग्राम पूरा देखा। राजपुत मुसलमानों के बारे में आपके और टीवी के माध्यम से थोड़ी जानकारी मिली। वर्ग विभाजन मुसलमानों में ज्यादा दिखता हैं। मध्यम -वर्गीय मुसलमान परिवारों की संख्या बहुत कम हैं। इल्म में एक खास धर्म के लोगों का पिछड़ना क्या समाज के लिए उचित हैं ?
आपकी पसंदीदा राजनीति और होली पर
1.सियासत की पिचकारी से पंक
जारी कुछ दिनों से एक ही रंग
लाख दर्ज़े भले हम जैसे मलंग
होरी इनके भक्त न कर दे भंग
2.ढोल मृदंग मजीरा छोड़ कर सब नाचे थे उस झाड़ू संग
पत्रकार गण को कितनी जल्दी दिखी बदज़बानी का रंग
Ravish ji u are great
बिना पढ़े लिखे उत्थान की रेखा कहाँ लिखी जा सकती है, सत्प्रयास सफल हों।
Strike scenario in NIT Jalandhar
No teaching from last 2 months.
Media please give attention.
Ravish sir aapki report ek din Jarur Kuch badi kranti layegi.
रवीश भाई, आजकल प्राइम टाइम बहुत बढ़िया हो रहा है, आपकी जमीनी हकीकत कि रिपोर्ट कि बात ही कुछ और है, धन्यवाद
Ravish Bhaiya Pranam,
ye hi tarakki ka ek matra rasta hai. Aur achchi baat hai ki logon ko ab ye samajh mein aane laga hai. Yahi ummeed ki ekmatra kiran dikhti hai, baki to jo hai so haiye hai.
regards
रवीश जी
कोई बात कहने का आपका तरीका बहुत अच्छा लगता है. आपके टीवी प्रोग्राम में जब एक समय में एक ही आवाज आती है, इसके लिए आप और आपकी टीम प्रशंशा कि पात्र है._ आपका कमेंट बाज सदस्य
रवीश जी
कोई बात कहने का आपका तरीका बहुत अच्छा लगता है. आपके टीवी प्रोग्राम में जब एक समय में एक ही आवाज आती है, इसके लिए आप और आपकी टीम प्रशंशा कि पात्र है._ आपका कमेंट बाज सदस्य
Sir, Aapka yeh show bahut achcha laga. Aap itne bade journalist hone ke bavjood gaon mein ghoomke aise show dikate ho. Sir, mein ummeed karta hoon aapke is program dekhe politicians in logon ke liye kuch achche kaam karein.
Aapka Sahranpur wala program bhi bahut achcha tha.
AApko Aur AApki poori Team Ko
Thank You.
I am proud of you.
Loved your SHOW !! You were amazing ... I had tears in my eyes !! Shama and Firdaus are tomorrow of India !!
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