कई नेताओं को पत्र लिखा मगर आपको पहली बार लिख रहा हूँ । सोचा था आपकी जीत के बाद लिखूँगा । लेकिन आज सुबह जब एक कार के स्क्रीन कवर पर विज्ञापन देखा तो बतौर मतदाता मेरा मन उखड़ गया । मैं ख़ुद इस बात को मानता रहा हूँ कि इस चुनाव में आपके विज्ञापन की टीम ने शानदार काम किया है । नारों में एक आक्रामक स्पष्टता बनाये रखते हुए आपके नेतृत्व को उभारा है । आपकी जीत में उनका बहुत योगदान होगा । इसके पीछे कितने अरब ख़र्च हुए यह सवाल बेमानी है क्योंकि इसका जवाब न तो आप देंगे न आपके तमाम विरोधी दल । मानकर चलता हूँ कि तमाम राजनीतिक दल विज्ञापनों पर जो ख़र्च करते हैं वो सफ़ेद धन ही होगा । हालाँकि ऐसा मानने पर मेरी यहीं जमकर धुलाई हो जाएगी लेकिन क्या करें अगर यह कह दें कि इसमें काला धन है तो आपके नमो फ़ैन्स मेरी धुलाई कर देंगे । दोनों ही हालत में मेरा बचना मुश्किल है । आप नई राजनीति करने निकले हैं बता दीजिये आचार संहिता से पहले के चुनाव प्रचारों पर कितना ख़र्च हुआ ।
मुझे इस विज्ञापन और इसके नारे से क्यों एतराज़ हुआ । किसे चुनेंगे ? भीख या स्वाभिमान ? । भीख वाली बात चुभ गई । मतदाता का विवेक अगर महान होता है तो वो दोनों तरह के मतदाता का होता है । एक जो विजेता को चुनता है और एक जो विजेता को नहीं चुनता है । क्या आपको मत नहीं देने वाला भीख को चुनने वाला है । आप खुद इस जुमले को निर्विकार भाव से देखियेगा तभी समझ पायेंगे कि मैं क्या कह रहा हूँ । ऐसा लगता है कि कोई मतदाता को धमका रहा है ।
आप ये दावा कर सकते हैं कि आप ही स्वाभिमान का प्रतिनिधित्व करते हैं पर यह कैसे मान लिया जाए कि जो आपके िवरोध में है उसका कोई स्वाभिमान नहीं । मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता । दीवार फिल्म में सेठ ने उस किशोर के काम को भीख ही समझ लिया था मगर टकरा गया उसके स्वाभिमान से । राजनीति सिर्फ स्वाभिमान से होती तो ये कैसा स्वाभिमान है कि आपने चौबीस घंटे सुबह शाम आपको गरियाने वाले रामविलास पासवान, जगदंबिका पाल, सतपाल महाराज को पार्टी या गठबंधन में ले लिया । क्या इन लोगों ने आपसे माफ़ी माँगी या आपने अपनी तरफ़ माफ़ कर दिया । राजनीति स्वाभिमान से नहीं व्यावहारिकता से चल रही है । स्वाभिमान से चलती तो आपकी पार्टी अपने कार्यकर्ता का स्वाभिमान ठुकरा कर किसी दलबदलू को टिकट नहीं देती । ख़ैर ये तो सब करते हैं ।
इसलिए इस विज्ञापन को हटवा दीजिये । कोई भीख का चुनाव नहीं करता है । सबके विवेक का सम्मान होना चाहिए । आप भले भीख मतलब उन अधिकार या गारंटी योजनाओं को समझते होंगे पर ऐसी योजनाएँ तो छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में आपकी सरकारों में भी चल रही हैं । आपकी ही पार्टी खाद्य सुरक्षा गारंटी की बहस के समय छत्तीसगढ़ का उदाहरण देती थी । आपके आलोचक भी छत्तीसगढ़ की चावल योजना की सराहना करते हैं । फिर भी आप इन योजनाओं से इत्तफ़ाक़ नहीं रखते तो इनकी बात होनी चाहिए । कहिये कि आप इन्हें समाप्त कर देंगे । इसलिए इस विज्ञापन के ज़रिये भीख बताकर उन लाखों भूखे लोगों का अपमान होना चाहिए जो राज्य की नीतियों के शिकार रहे हैं । वो भीख नहीं है । इंसाफ़ है । राज्य अगर अपने संसाधनों का वितरण कमज़ोर तबके में नहीं करेगा तो राज्य ही नहीं रहेगा ।
इसलिए इस विज्ञापन का स्वाद अच्छा नहीं है । अटल जी की शैली में कहूँ तो ये अच्छी बात नहीं है । अति स्वामिभक्ति के उत्साह में किसी ने लिख दिया होगा । इस विज्ञापन में गुजरात पूरे देश को नमक खिलाता है वाला भाव है जो आपने दिल्ली के एक कालेज में कहा था । मैंने एतराज़ भरे ट्वीट किये थे । नमो फ़ैन्स की गाली के बाद भी यक़ीन था कि आप दोबारा नमक का ज़िक्र नहीं करेंगे । आपका बहुत बहुत शुक्रिया कि आपने ऐसा ही किया । लोकतंत्र में विरोधी मत का भी स्वाभिमान होता है । । और हाँ हो सके तो पोस्टरों में अब मुस्कुराते हुए अपनी तस्वीर लगाइये । नेता में सख़्ती के साथ सौम्यता भी होनी चाहिए । आठ मार्च को महिलाओं के साथ चाय चर्चा में आप मुस्कुराते हुए अपनी सख़्त तस्वीरों से कहीं ज़्यादा सौम्य लग रहे थे । दिल्ली के पोस्टरों में ऐसा लगता है जैसे आप घूर रहे हों कि वोट न दिया तो समझ लेना । आँखें ग़ुस्से से भरी लगती हैं । खुद से देखिये इन पोस्टरों को ।बाक़ी तो है सो हइये हैं । भीख या स्वाभिमान वाला पोस्टर हटवा दीजियेगा ।
आपका
रवीश कुमार 'एंकर'
44 comments:
ravish ji , aajkal p.t. sarthak savalo ko samne la raha hai. kal ka bhi p.t. badhiya laga. jaha tak bjp ke poster ki bat hai vo vastav me apmanjanak hai.
i think its not official campaign poster of bjp......
Bhik ya swabhimaan bahut hi Apmaan janak hai.
Bilkul acchi baat nahi hai.
Ravish jee..aap ka post accha laga.....
People trying to make it Bush type compaign...."Either u with me or against me"...No inbetween place.Shame to all who thinks on these line.
Ravish jee..aap ka post accha laga.....
kya bat...isilie to hum aapko padhte hain....unbiased views.
kya bat...isilie to hum aapko padhte hain....unbiased views.
Ravish Bhaiya Pranam,
Modiji ko aajkal salah dene ki himmat unki party mein bhi shayad hi koi karta ho, aur jo karte hain unka hashra bhi sab dekh hi rahe hain. To aap kuch zyada hi himmat kar rahe hain. Per mera vishwas hai ki Modiji sahi salah ko maanenge aur ye kisi ati utsahi supporter ka kaarnama hoga jise theek kar liya jaayega.
regards
"BHAINS K AAGE BEEN BAJAI BHAINS RAHI PAGURAI" Lage rahiye
बाक़ी तो है सो हइये हैं .......
its always good to sse your liberal and impartail thoughts .... i am a big fan of u
लेकिन मैंने तो इसे कुछ अलग ही तरीके से पढ़ा..आप किसे वोट देंगे??भीख,स्वाभिमान,मोदी या कमल ;)
आपका
रवीश कुमार 'एंकर'।ये एंकर का उपनाम ऐसा लगता है जैसे खुद को ही गरिया रहे हैं..
SIR JI nobody else could have thought in this manner.Usually we don't pay so much attention to
these kind of publicity.THANK YOU for raising this topic which is related to the self respect of the voters.
SIR JI nobody else could have thought in this manner.Usually we don't pay so much attention to
these kind of publicity.THANK YOU for raising this topic which is related to the self respect of the voters.
Aaham hi safalta ke Nash Ka Karan hota hai
रविश जी मोदी जी बनारस से चुनाव लड रहे हैं जहां पं मालवीय ने भीख मांग कर ही भारत के सबसे बडे आवासीय विश्व विद्यालय का निर्माण किया था।
परंतु शायद आज की यही बिडंबना है कि अपराधियों और उद्योग पतियों से पैसे लेने वाले आम आदमी के थोडे से पैसे को लेने में अपनी तौहीन समझते हैं।
mere hi lahu par guzar auqat karo ho
mujh se hi amiron ke tarah baat karo ho
hum khaqnashin tum sukhanaray sar-e-bam
pas aakar milo dur se kya baat karo ho
hum ko jo mila hai wo tumhin se to mila hai
hum aur bhula den tumhen kya baat karo ho
yun to muh pher ke dekho bhi nahi ho
jab waqt pade hai to madarat karo ho
na daman pe koi chint na khanjar pe koi daag
tum qatl karo ho ke karamat karo ho
For modi
Dr. Kaleem Ajiz
अभी, ये लोग क्या-क्या बोलेंगे।
अगर आप कांग्रेस का विरोध कीजिये तो आप सेक्युलर नहीं है।
अगर आप भाजपा का विरोध कीजिये तो आप देशभकत नहीं है।
अगर आप AAP का विरोध कीजिये तो आप ईमानदार नहीं है।
ऐसे ही, गरीब विरोधी, दलित विरोधी, सामाजिक न्याय विरोधी और क्या-क्या नहीं हो सकते।
यहाँ तक कि, अगर आप वोट नहीं दीजिये तो आप लोकतंत्र विरोधी है और देश कि फ़िक्र नहीं है !!
अपने देश का लोकतंत्र लिक्विड ऑक्सीजन कि तरह है :)
Bhikh to gujarat ke sarakari karmachari ko de rahi he Mr.modi sarakar
Rs.5200 ki tankhva vo bhi pure 5 sal tak Bhikh..Bhikh..Bhikh..
Abitak 6 vetan ayog ka areas bhi nahi chukaya ravish sir
Samay hi batayega kon kishko Bhikh magavata he .. :(
Bhikh to gujarat ke sarakari karmachari ko de rahi he Mr.modi sarakar
Rs.5200 ki tankhva vo bhi pure 5 sal tak Bhikh..Bhikh..Bhikh..
Abitak 6 vetan ayog ka areas bhi nahi chukaya ravish sir
Samay hi batayega kon kishko Bhikh magavata he .. :(
आप सच्ची में कमाल लिखतें है सर। ये पत्र ब्लॉग पर ही है या स्पीड पोस्ट करवा सर।नहीं करवाया हो तो करवा दीजियेगा क्या पता कुछ असर हो जाये।
'कांग्रेस मुक्त भारत' बनाने का मोदी की भाजपा का नायाब फार्मूला...बीजेपी के 'कमल' पर बटन दबा कर 'कांग्रेस' को वोट दो !!=============================अजब कहानी चल रही है देश में … कांग्रेस से मुक्ति की बात मोदी करते हैं …अब कांग्रेस के लोगो को आयत कर-कर के टिकट दे रहे हैं... सबसे हास्यप्रद स्थिति तो हरियाणा में है... जहाँ बीजेपी ने जो 8 उम्मीदवार खड़े किए उनमे से 6 कुछ दिन पहले ही कांग्रेस से बीजेपी में आए हैं...क्या कहें इसको? 'कांग्रेस युक्त बीजेपी' का 'कांग्रेस मुक्त भारत' ??दिल्ली में ‘आप’ सरकार द्वारा कांग्रेस के आठ विधायकों के "बाहरी समर्थन" लेने पर हल्ला मचाने वाले"भाजपाई शिखंडियों" ने आठ भगोड़े कॉंग्रेसी विधायक "स्थाई" रूप से भाजपा में शामिल भी कर लिये हैं और अपने मूल कार्यकर्ताओं को ठेंगा दिखाकर उन्हे लोकसभा चुनाव का टिकट भी दे दिया है !!! … और यह प्रक्रिया अब भी जारी है ... भाजपाइयों अब लगे हाथ अपना नारा "कांग्रेस मुक्त भारत" से बदलकर "कांग्रेस युक्त भाजपा" रखने में देर कैसी और शर्म कैसी ? छोढ़ो शर्म तो उन्हे आती है जिनका जमीर होताहै!!!
आज चाचा और ताऊ दोनो कुछ बदले बदले से है......
मात पिता से जो ना पाया, चाचा ने था दिलवाया,
रामलीला हो या सर्कस, चाचा ने हमको घुमवाया,
बदलते दौर के चाचा तुमने भी क्या पलटी मारी है,
खोले कोई भैस तुम्हारी, भतीजा तुमने धमकाया।
ताऊ ने कंधे पर बैठा, शहर था मुझको दिखलाया,
मात पिता ने जब भी डाटा, उल्टा उनको धमकाया,
बदलते दौर के ताऊ तुमने भी क्या पलटी मारी है,
एक टिकट ना मिलने पर क्यूँ ताऊ को रोना आया।
keh kar le li....
Ravish sir...ye nai rajneeti hai...ya to mann se apnaiye ...ya aatankit ho ke...jhak maar k apnana to hoga hi ...kuch aisa hi bhav najar aata hai in vigyapno se...
Kal FM pe ek vigyapan aaya hai...jisme ek vyakti apne ap ko bhrastachar batata hai aur dusre vyakti se baat karta hai jo ki bhartwasi hai....bolta hai main india chhod k ja raha hu...kyu?...kyuki unki sarkar aa rahi hai...kinki?...unki...Modi ji ki....
Suna to mand mand muskurane laga...vigyapan se do chiz pratit hota hai...
Ek to ye ki matdata maan le ki modi sarkar ban gayi hai aur mehaj opcharikta ke liye apna mat dene jaye...
Dusra ki aajtak BJP ne bhrastachar se kabhi hath hi nai milai hai...
Waah re waah!!!!
Tatprya yahi hai ki janta ko bargalao aur gaddi hathiaao....
Dukhit mann se bolna pad raha hai...
Kya hoga is desh ka...
Modi ji ko ek sandesh dena chahunga...
Ki kripya ek baar prdhanmantri van kaye fir in sab tarah ke vigyapan kare...
Soch vichar k...
Ravish sir...ye nai rajneeti hai...ya to mann se apnaiye ...ya aatankit ho ke...jhak maar k apnana to hoga hi ...kuch aisa hi bhav najar aata hai in vigyapno se...
Kal FM pe ek vigyapan aaya hai...jisme ek vyakti apne ap ko bhrastachar batata hai aur dusre vyakti se baat karta hai jo ki bhartwasi hai....bolta hai main india chhod k ja raha hu...kyu?...kyuki unki sarkar aa rahi hai...kinki?...unki...Modi ji ki....
Suna to mand mand muskurane laga...vigyapan se do chiz pratit hota hai...
Ek to ye ki matdata maan le ki modi sarkar ban gayi hai aur mehaj opcharikta ke liye apna mat dene jaye...
Dusra ki aajtak BJP ne bhrastachar se kabhi hath hi nai milai hai...
Waah re waah!!!!
Tatprya yahi hai ki janta ko bargalao aur gaddi hathiaao....
Dukhit mann se bolna pad raha hai...
Kya hoga is desh ka...
Modi ji ko ek sandesh dena chahunga...
Ki kripya ek baar prdhanmantri van kaye fir in sab tarah ke vigyapan kare...
Soch vichar k...
wah " स्वाभिमान से चलती तो आपकी पार्टी अपने कार्यकर्ता का स्वाभिमान ठुकरा कर किसी दलबदलू को टिकट नहीं देती"
इस चुनाव में मोदी जी का समर्थन करने के बावजूद मुझे भी इस पोस्टर से काफी दुःख पहुँचा, आप बिलकुल सही कह रहे है सर, मतदाता आख़िरकार मतदाता है, मतदाता को भिखारी कहना स्वयं का अपमान है।
sach bolne ki bimari ho gyi h aapko.
Day by day BJP apna nuksaan kar Rahi hai , modi modi na hue Bhagwan ho Gaye ...cheap kind of publicity and Bahut hee saste ghatiya slogans , any educated and truly secular person can not bear him anymore . Ati ki iti hogi. I feel that strongly.
Ravish Ji,
Aap ki sachaaye aur bebaak zubaan ki mai dil se tareef karti hoon. I love to hear your programs.
Good Job !
Awesome line sir ji....
राजनीति सिर्फ स्वाभिमान से होती तो ये कैसा स्वाभिमान है कि आपने चौबीस घंटे सुबह शाम आपको गरियाने वाले रामविलास पासवान, जगदंबिका पाल, सतपाल महाराज को पार्टी या गठबंधन में ले लिया । क्या इन लोगों ने आपसे माफ़ी माँगी या आपने अपनी तरफ़ माफ़ कर दिया । राजनीति स्वाभिमान से नहीं व्यावहारिकता से चल रही है ।
...bahut badiya kaha
सत्ता मद में ऐसा हो जाता है। बाकी तो जो है सो हइये है।
May the LORD MODI can listen your voice.
गलत आदमी को पत्र लिख दिया आपने।
गलत आदमी को पत्र लिख दिया आपने।
aapka itni sahajta se bahut gambhir aapatti darja karana behad pasand aaya.yun hi belaag bekhauf apni muhim jari rakhiye.hal mein prapta sammanswarup puraskar ke liye hardik badhai
rajendra rao
Post a Comment