आपका प्यार आपका इसरार

तभी कहूँ कि सबके फोन आ रहे हैं अरोड़ा साहब का फोन नहीं आ रहा । रवीश की रिपोर्ट के दौरान उनका फ़ोन खूब आता था । आज अश्क़ साहब का फ़ोन आया तो कहने लगे कि पंजाब आये और बताया नहीं । माफ़ी माँगते हुए कहने लगा कि सर वक्त नहीं होता । पर हमारा घर तो हाईवे पर है । गोविंदगढ़ के पास । नाश्ता या लंच पर आ जाते । 

इन आवाज़ों से मुलाक़ात नहीं मगर पहचानता हूँ । अश्क़ साहब ने कहा कि आपके अरोड़ा साहब इस दुनिया में नहीं है । जिन दर्शकों ने मेरी हर बार हौसला अफ़ज़ाई की उनमें अरोड़ा साहब भी थे । मुलाक़ात तो नहीं थी मगर नाता तो बन ही गया था । अच्छा तो नहीं लगा । काश एक बार मुलाक़ात तो होती । मुझे देखने वाला चुपचाप चला गया ।

मैंने जितना अपने दर्शकों को नहीं दिया उससे कहीं ज़्यादा दर्शकों ने दिया । पवन अरोड़ा साहब पर तो चिल्लाना पड़ा कि नहीं आप कुछ लेकर नहीं आएँगे । तीन घंटे में एक घंटे की डाक्यूमेंट्री शूट करते वक्त औपचारिकता नहीं निभा सकता । मगर अरोड़ा साहब ने पचास बार फ़ोन किया । कहने लगे कि बच्चों के लिए साइकिल ला रहा हूँ । बहुत मुश्किल से माने । फैक्ट्री छोड़ कर आ ही गए । शहर के बाहर पकड़ लिया । खूब सारी मिठाई और बहू के लिए शाल । हम टीवी के ज़रिये कितने पिताओं, माताओं, बहनों और महबूबाओं को हासिल कर लेते हैं पता नहीं होता । शाल ले आए । कोई मुलाक़ात नहीं । बस कार्यक्रम के ज़रिये वर्षों से बात करता रहा हूँ । आज पहली बार मुलाक़ात हुई । मुझे इन चीज़ों को देने के लिए उन्होंने कितनी मेहनत की बता नहीं सकता । 

चंडीगढ़ में बीजेपी दफ़्तर में पूर्व भाजपा अध्यक्ष मिल गईं । सब पूछा । कुछ खा लो । चाय पी लो । वक्त कम रहता है तो मना करता रहता हूँ । बस हाथ पकड़ कर कह दिया कि तुम छोटे भाई से लगते हो । मैं बड़ी बहन हूँ । उनकी आँखें भर आईं । उनका दिल हल्का करने के लिए कह दिया कि अरे मैं तो आपकी पार्टी के नेताओं को छोड़ता भी नहीं । फिर भी नहीं हँसी । कह दिया कि तुम अपना काम ठीक करते हो । कोई शिकायत नहीं । बस बिना खाये जाओगे तो बुरा लगेगा । क्या करता । हाँ कह दिया । बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए मँगाये गए भोजन से मेरे लिए ग्लास में रायता भर कर आ गया । शुक्रिया दीदी । पता नहीं कभी मिलूँगा या नहीं पर अचानक एक दर्शक का कलाई पकड़ कर बहन बन जाना अच्छा तो लगा ही । 

टीवी ने मुझे बहुत दिया । बेशुमार प्यार । भाजपा दफ़्तर के बाहर वो नेपाली ड्राईवर गले लग गया । मेरी गाड़ी आगे बढ़ी तो रोने लगा । कहने लगा कि सोचा था कि एक दिन दिल्ली जाकर मिलूँगा आपसे । पर आप तो यहीं मिल गए । गाड़ी रफ़्तार पकड़ रही थी । उसके हाथ ढीले ही नहीं पड़ रहे थे । कार रोक कर उतरा और उसे गले लगा लिया । मुझसे नहीं सम्भलेगा ये भरोसा । मुझे तोड़ना ही पड़ेगा । 

काश अरोड़ा साहब से भी ऐसे ही मुलाक़ात हो जाती । चोपड़ा साहब की मिठाई खा ली है । शाल भी लेकर जा रहा हूँ । तलवार साहब की बहू ने खाना भी बना दिया था । बस उसी दिन शूट कर एक घंटे का शो बनाना आसान नहीं होता । इसलिए खाना छूट गया । वो रिश्ता बनते बनते रह गया । जल्दी से पीने के लिए कुछ ले आईं । पहली मुलाक़ात ऐसी कि जैसे वर्षों से मिलते हों । घर के हर कोने में ऐसे चला गया जैसे यहाँ रोज़ आता जाता रहा हूँ । किसी ने पर्दा गिराया न कपड़ा हटाया । हर दरवाज़े का रास्ता बताते चले गए सब । अमृतसर की गलियों में कितनों ने कहा कि चाय पीते जाओ । हम रोज़ देखते हैं । जब मजबूरी समझाई तो कहने लगे कि हाँ हम समझते हैं । एक दुकान से भाग कर पानी ही ले आए । पी लिया । 

मैं इस बेपनाह मोहब्बत का सिर्फ शुक्रगुज़ार नहीं हो सकता । आप सब मेरी ज़िंदगी का हिस्सा हैं । मैं आपका हिस्सा हूँ । जो मेरा है वो आपका दिया है । प्यार के बदले प्यार होता नहीं । वो बस होता है । आपके प्यार पर मैं कौन होता हूँ कुछ बोलने वाला । क्या मैं त्यागी जी को बोल सकता हूँ कि आपने गुड़ के पैकेट क्यों दिये और दलिया क्यों दिया । क्या मैं गणेश को बोल सकता हूँ कि तुम मेरे लिए पानी की बोतलें ओर बिस्कुट न ख़रीदा करो । मानता ही नहीं है । पार्किंग में कितना कमा लेता होगा पर उसके इस प्यार को ठुकराने वाला मैं कौन होता हूँ । मानता ही नहीं है । बस एक दिन पानी की बोतल सीट पर रखते हुए कह दिया उस दिन शो में मज़ा नहीं आया । कम तैयारी थी । 

71 comments:

SiveeNitin said...

Apke kayi prashanshko mei se ek hoon mei. Kabhi comment nahin kiya , lekin aaj is blog ke baad apne majboor sa kar diya hai . Apka har ek blog, har ek report -- dil ko andar tak jhanjhor kar rakh deti hain. Aisa maloom hota hai - jaise dil ki awaz ho. Mere pati apki tareef karte nahin thakte. Dil mei yadi sacchai aur vicharo mei swachta ho -- tabhi koi is tarah chu sakta hai hazaro dilo ko.

Kriti Kapri said...

Kuchh Kahne ko Nahi ban raha hai ye parh kar....

Kriti Kapri said...

Chandigarh vali report main Jo gussa dikh raha tha usane dho diya. But ek baat ki khushi hui ki Jis subject par aapki report thi , Gul Panag usake kareeb thi ... At least

Unknown said...

patna kab aa rahe hai sir...yaha ki jiwant(live)reporting ke liye.

Unknown said...

saccche aur sahee reporting hai aap kee.....

Unknown said...
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Vikram Pratap Singh said...

Main bhi Highway ke pass Rahata hoon sir Delhi se Shimla jate huye aapko mere Ghar ke pass se hee gujarna hota hai :) Zirakpur

Faizan. said...

Gay mat samajhiyega but,I LOVE YOU SIR <3

Unknown said...

wakai mein samajh nahin aa rha h ki kya likhun... aapki reporting ne hamesha se hi dil ko jhakjhora h, lekin pichle kuch din alag hi rhe... aur aaj ise padhne k baad ruka nahin gaya... main 11th class ki student hun! sabse phle to aapko shukriya khna chahti hun, fir aapse namr nivedan h ki agar Rajashtan ka daura karein to shekhawati(jhunjhunu) mein zaroor padharein... azaadi k baad yahan 1 baar bhi BJP nahin jeet pai aur ab shishram ola ji ki mrityu k baad rajneeti naya mod le sakti h... sena mein apni bahadur chavi banane k sath yahan shiksha ka star bhi kafi badiya h, lekin in ankdon se zara hat kar dekhein to log aaj bhi apni mulbhut suvidhaon ko pura nahin kar paa rhe hain.. aise mein agar aap yahan ki asliyat ko uthayein to badi khushi hogi:)
-> aapke anek samarthakon mein se ek, Kanika

Faizan. said...

Ye to sahi hai sir k bina Politics me interest liye aur contribute kiye syatem to nahi badalne wala,,,It is so gud k aap politics me interest rakhne wale yuwaon k liye Taaliyan bjwa dete hain,Baki yuwaon ko ye dekhkar feel to hona chahiye k Politics me interest lena achhi bat hai.

Unknown said...

Sir aap hamari aawaz ho,humesha khush rhiye sir, agar ye comment padho to chhoti si smile jarur dena sir..

CS Sandeep Singh Chauhan said...

i really respect you... ...shayad kabhi ham bhi mil jaye

Unknown said...

आपकी रिपोर्टिंग बहुत अच्छी लगती है सर.

Unknown said...

पर ये समझ नहीं आता की आप अच्छे लगते हो इसलिए आपकी रिपोर्टिंग अच्छी लगती है या फिर आपकी रिपोर्टिंग अच्छी है इसलिए आप अच्छे लगते हो. खैर जो भी हो आज २३ साल के सरपंच को देखकर लगा की हमे निराश नहीं होना चाहिए. भारत में सब कुछ बुरा नहीं है. बहुत कुछ अच्छा हो रहा है.

Suneel said...

Aur hum jaise bhi hai jo Vaishali mein hi rahte hai, fir bhi mulakat nahi to hoti.. will catch one day ..

Unknown said...

Aatmiyata ka ye khajana kabhi na khali hoga balki sada falta foolta rahega.Hamesha yun hi kadra karte rahiyega.
rajendra rao

Unknown said...

Aatmiyata ka ye khajana kabhi na khali hoga balki sada falta foolta rahega.Hamesha yun hi kadra karte rahiyega.
rajendra rao

Shashank dalela said...

Ravish Ji.. aaj k corrupt Yug mai Jo aap TV k zarie Logon ko De rh hain.. Janta usi k badle mai aap ko be-inteha Pyar deti hai.. Aap ka kaam hi aap ki Pehchan hai.. is Chunav k mahaul mai Zameeni Reporting dekh kar dil ko bahut tasalli hoti hai. Saharanpur wali Report n specially Shama ki kahani dekh kar bht dukh hua but ek umeed dikhi ki aise mahaul mai ek bacchi kitna kuch samajhti hai.. aise hi kaam karte rahie sir.. kabhi rajasthan mai specially Bharatpur ki badhaali par bh ek Prime Time kar dijiye (Delhi k pass hi hai aur aapka dekha hua bh) shayad kuch chamatkar ho jaye wahan par .. Aapka Shashank Dalela, Hindi Medium Wala

Unknown said...

Heart touching

Unknown said...

Heart touching

Unknown said...

SIR JI yesterday's prime time was nice ,it was different from others.
SIR JI yeh sab to mamuli baat hai .Hum sab apke kaam ko pasand karte hai isliye apki dil se respect karte hai, isi respect ke vajah se hum sab ka aap se ek rishtey hai. Kisi ne sach hi kaha hai ki,Har insaan ki pachan uske kaam se hoti hai.
Karm karte ja fruit ki chitna mat kar .
Yeh apke karm ke fruits hai SIR JI, hak aur khushi se enjoy kijiye aur hum jo kare humhe karne dijiye.
SIR JI ACHCHA LAGATA HAI.......

DP SINGH said...

Sahab!
aisa hi hai apna Bharat Desh jaha log kab apne ho jate hai pata nahi chalta. Bus kuchh logo ne Desh ke us atit ko dhak kar rakh diya hai, us parde ko uthane ki aap ki koshis kabile tarif hai. Dhanywad

Unknown said...

SIR JI what do you think about congress' manifesto.

Atulavach said...


यकीन मानिए , आपने भी टीवी के माध्यम से हमें बहुत दिया हैं।
सोच को झकझोरा हैं , हमारी अंतरात्मा को आवाज दिया हैं।
कुछ लेख आप ही को समर्पित है छूटता बंधन http://atulavach.blogspot.com/ पर
हमारी तरह सेंटीमेंटल फूल बनने का मजा और ही हैं।

Unknown said...

Sir ji aap dusre patrkaro se bilkul alag hai.

प्रवीण पाण्डेय said...

प्रेम का यह भाव ऐसे ही संवर्धित होता रहे।

abhishek mishra said...

Ek baat mann mein aa gayi..pata nai kahan se....kaise....

Ki...kash...."Ravish sir" ko 10 saal pehle se jan raha hota....to shayad aaj jo naukri kar raha hu...wo na kar k kuch aur kar raha hota....

Ekabag se ye khayal aa gaya....thoda der socha bhi .....to mann ne kaha....shayad aisa ho sakta tha...

Fir mann ne dusra sawal daag diya....
Kya ye ab ho sakta hai....

Jawab aaya...Pata nai....dekhte hai...

Aur in sab vicharo se antim vichar aaya ki...
"Ravish kumar ek role model hai"...
Fakra hai mujhe ki main aaj unse se seedhe taur pe to nai....par ek darshak....ek pathak....aur ek prashanshak ke taur par juda hu.....

amrita said...

लोग आपमें खुद को ,और आप लोगों में खुद को देखते हैं तभी तो ये रिश्ता बन पाया है...

इतने सालों में आपने लोगों को बहुत कुछ दिया है ......लोगों के पास आपके लिए प्यार और आत्मीयता ही तो है न....

Suchak said...

:) :)

Yeh series me sir aapne Punjab, hariyana , Deldi,UP cover kar liya...ab thoda aage bhi to aayiye :D :D

abhilesh said...

Sir aap kisi ke ghar pahuche to aisa hi hota hai jaise sudama ke ghar krishn aa gaya ho. Sir hume bhi kabhi reply kar dena to hum bhi dhanya ho jaye.

raja said...

Ravish Bhaiya Pranam,
Aap raat 9 baje aate hain aur us andhere ke waqt ek ummeed ki kiran dikhate hain. Saharanpur mein bitiya Shama, Chandigarh mein beta Shubham aur Amritsar mein Yuva sarpanch. In sab ko dekhne ke baad lagta hai ki abhi sab kuchch nahin mara, aur us per ye jazbaati rishte jo sirf man se hi ban jaate hain, bina dekhe bina mile log kaise jud jaate hain. Ab is sab ke baad kaise kah sakte hain ki ab sirf matlab ki duniya hai, koi rishta sachcha nahin hai. Ye soch ker bhi khushi hoti hai ki aap jaisa vyakti jo kabhi naatkeeyta ya glamour ka prayog nahin karta ek dam seedha saada "HUM JAISA" aam insaan(aadmi kahne se gadbada jaayega) itna prasidh ho sakta hai. Ye jo relate karne ki baat hai na yahi param satya hai. Hume film stars, celebrities attract to kar sakte hain per hum kabhi unhe bhai, chacha, beta ,mama karke soch hi nahin sakte kyunki wo humse alag star ke nazar aate hain. Per aapne abhi bhi apna star maintain kiya hai jo asaan nahin hai. Hum bhi GZB. mein hi rahte hain aur sach maniye jis din pata chala ki aap bhi yahin rahte hain to ajeeb si khushi hui jabki milne ki ummeed kam hi hai. Yahi wo kamaai hai jo insaan ke baad bhi uske saath jaati hai. Prabhu se hamesha dua karenge ki aap swasth, shaant aur samarth bane rahen aur kabhi hume bhi milne ka saubhagya mile. Baaki to jo hai so haiye hai.
regards

Unknown said...

प्यार और विरह साथ में इतनी संवेदनशीलता,अच्छा लगता है.

Unknown said...

Prime Time ka intzar rahta tha hamesha, sochta tha or jada kaise judu aapse...google baba ne mila hi diya...

SHAHBAZ HAIDER Ali said...

Zinde rahe to insha ALLAH jarror milange warna ab itni ummeed to hain ke hamare jane ke baad Aroda ji ki tarah dukh to pirkat kar hi doge.

Ravish sir I like & love you......

Unknown said...

ravish ji , kal ka p.t. dekhkar lag raha tha ki aap jarur aisa kuch likhege. na jane kitano ki subaha aapke blog aur rat aapke p.t. se hoti hai. kabhi puducherry aana ho to bataiega.

Arpit Vyas said...
This comment has been removed by the author.
Arpit Vyas said...

जिसमे उम्मीद कि किरण दिखाई दे उसपर आज भी हम भारतीय लोग जान लुटा दे ... कितनी बेबसी है , पर उम्मीद भी .... शायद ऐसे ही १९४७ में लोगो ने प्राण आहुति दे दी थी ... अब लगता है ये लड़ाई पहले से ज्यादा मुश्किल है . पर विश्वास अब भी है , कुछ तो बदल रहा है मेरे देश में .... रवीश जी आप अच्छा काम करते चलिए , ईमानदारी वैसे भी आज कल विलुप्ति कि कगार पर है , हम सब आप के साथ है क्युकी आपने इस ईमानदारी कि धरोहर को अब तक सहेजा है .

Himanshu R. Jain said...

आप भाईसाहब कि तरह दिखते ही नहीं लगते भी है !!!

Unknown said...

aur mujhe laga mai akeli aisi hu ..... milte hain kabhi na kabhi......koshish to hai..

Unknown said...

Aapka Jo dil or dimag

Vidya said...

I am amazed at how gullible one can be.
We have the habit of offering food to those who can afford, while a genuinely hungry person at the doorstep is either shooed away or screamed at.

Unknown said...

sir pata nahi kab se apko janti hu.lekin sach aap kyo hame itne apne se lagte hai.ek bare bhai ke tarah

prince said...

Kabhi mumbai bhi aaoo na sir pls.Aur aana to batana jurur.

Anjan Singh said...

सर, हम सब आपके दर्शक आपको इतना प्यार इसलिए करते है क्यूंकि, पत्रकारिता के इस दौर में जहां लगभग हर चैनल और पत्रकार का एक पहले से तय नजरिया दीखता है, आपका कभी नहीं दिखा। मैं चाहे भाजपाई हूँ या कोई कोंग्रेसाई सपाई बसपाई आपाई या कोई अन्य, आप आपना काम हमेशा ईमानदारी और निष्पक्षता से करते है। एक दर्शक के रूप में जब हम टीवी पर अपनी कमाई का एक हिस्सा खर्च करते है, तो सच देखना चाहते है और आपको देखते है तो लगता है कि हमने अपने पैसे सही जगह खर्च किये, बाकि तो सब ऐसे ही है। मैं ईश्वर से हमेशा प्रार्थना भी करता हूँ कि आपको स्वस्थ और सक्षम बनाये रखे और आप अपना काम और भी बेहतर करते रहें।

Unknown said...

bahut hi achhe ravish..maine aapki is report ko dekha tha..aur aapka us paanchvi mein padhne wale ladke se samvad bhi bahut rochak tha..jaise wo apne aap mein aapki report mein apni taraf se kuch jodne ki koshish kar raha tha...dekh kar badi prasannta hui..dhanywaad

MANPREET SINGH said...

सर प्रणाम , आपसे विन्रम अनुरोध है कृप्या सन्देश को अवश्य व् पूर्ण पढ़े | रविश सर , आज 25 मार्च के प्राइम टाइम का कार्यक्रम कैसा था ये शब्दों में नहीं बयाँ कर सकता हूँ ? वास्तव में आपकी पत्रकारिता का कोई जवाब नहीं है | वास्तव में शब्दों के समुंद्र में से आप ऐसे शब्दों से अपनी बात को सुशोभित करते हो जो दिल को छु जाते है | आपने अपने कार्यकर्म के मध्य में एक नयी उभरती हुई पत्रकार को बोलने का एक सुअवसर प्रदान किया पर वो इसका सही इस्तमाल करने में असफल रही | उस युवा पत्रकार की रिपोर्टिंग में शब्दों का अकाल महसूस हो रहा था |अंग्रजी भाषा का हिंदी में पत्रकारिता करते समय इस्तमाल मुझे बहुत बुरा लगता है जैसे वो युवा पत्रकार कर रही थी | आपसे अनुरोध है उस युवा पत्रकार तक मेरा सन्देश पहुँचाने का कष्ट करे और हिंदी के युवा पत्रकारों को ये अवश्य आप सुझाव देते रहा करे की वो हिंदी माध्यम में पत्रकारिता करते समय केवल हिंदी का इस्तमाल करे जहा आवश्यक हो वहां ही अन्य भाषा का इस्तमाल करे | आज कल में हिंदी पत्रकारो की कमी हो गयी है हर चैनल का हिंदी एंकर अंग्रजी का इस्तमाल करता है | अगर ऐसा ही रहा तो शायद हिंदी पत्रकारिता के दिन कुछ समय बाद भारत से लद जायेंगे | आपके साथ व् ndtv के साथ जुड़ने का एक अपना अलग महत्व में | अगर भारत में पत्रकारिता को किसी टीवी चैनल ने जीवित रखा था तो वो आपका चैनल ही है | अगर ndtv नहीं होता तो कैसा होता भारत का मीडिया ये सोचा नहीं जा सकता | आपके बारे में बोलने के लिए तो शब्द ही नहीं है सर , मै भी एक छोटा सा युवा पत्रकार हु और मास्टर किया है पत्रकारिता में | परन्तु जीवन का लक्ष्य सिविल सेवा है |धन्यवाद सर , आशीष दे मेरे आगामी भविष्य के लिए | आप मेरे लिए बहुत आदरणीय है | आप गरीबों के दर्द को वास्तव में महसूस करते है इसी लिए आपकी पत्रकारिता पसंद है | आपका प्रशंसक - मनप्रीत सिंह ( हरियाणा )
Wednesday 10:40am
सर आपकी दिल्ली की मीडिया से एक शिकायत है कि वहां की मीडिया हमारे हरियाणा के मुद्दों पर असवेदंशील क्यों बनी रहती है ? आपको हरियाणा का भागना गाव का प्रकरण तो पता होगा सर ? वहा पर अभी स्वर्ण समुदाय के लोगो से दलित समुदाय की महिलाओं के साथ गैंग रेप किया है ! आप हरियाणा के हिसार जिले के पिछले कुछ दिनों के पत्र पढ़े कृप्या और विषय की गंभीरता को देखे . आपसे विन्रम अनुरोध है सर कृप्या
आपका परम् प्रशंसक
मनप्रीत सिंह

Deepesh Kumar said...

Touchy and pure emotions..
Ravish jee you are back at your best..

Good Luck..

abhilesh said...

Sir plz bhopal bhi aayie aur aane se pahle apne blog pe bata jaroor dijiyega aapka wait kar rahe hai.

Mahendra Singh said...

Prem ka yeh varnan Akathniya , Lucknow me to nahi haa Hajipur ke ore aaiyega to Bataiyega . Patna to pahuch nahi sakte . Hajipur se patna pahuchana Delhi ya Bombay pahuchane jaisa hai . Gandhi setu par karna chakravyooh todne jaisa hai.

amittiwari said...

भाई जी आपने लोगो को खुद की छवि दिखाई देती है इसीलिये पसंद करते है

sourabh singhai said...

Peshe se banker hoon hr Roj 10-20 naye logon se mulakat hoti hai kai baar gifts bhi offer krte hain' pr is dehshat se nahi leta ki intention galat na ho samne wale Ka' pr AAM logon ko Aap se kuch nahi chahiye bas apnaa kaam Aise hi jaari rakhiye main bhi Koi na koi mouka dhoond hi loonga aapse mulakat ka jabalpur m p aaye to blog pr jarror likha di jayega pareshan nahi karunga

Unknown said...

aapki baatein aur reporting dekh ke khushi hoti hai ki koi to hai jo gaon aur gaon walo ke dukho aur nabz ko pehchanta hai.dusre channel aur reporter to gaon ki baat bhi nai karte aakar reporting karna to baad ki baat hai.journalist to sirf aap hi lagte hain baaki to sab news ko entertainment ke roop main hi dikhate hain.god bless u

Unknown said...

aapki baatein aur reporting dekh ke khushi hoti hai ki koi to hai jo gaon aur gaon walo ke dukho aur nabz ko pehchanta hai.dusre channel aur reporter to gaon ki baat bhi nai karte aakar reporting karna to baad ki baat hai.journalist to sirf aap hi lagte hain baaki to sab news ko entertainment ke roop main hi dikhate hain.god bless u

Unknown said...

मुबारक हो भैया जी, पैसे तो हर कोई कमा रहा है पर आप प्यार कमा रहे हो। पर संभल कर क्योंकि कन्धों पर बोझ भी बढ़ रहा है।
कभी कभी जिम्मेदारियों का बोझ जीवन में ज्यादा हो जाता है और उसे उठाने को जीवन कम पड़ जाता है।

shail said...

Kon kehta hai ki TV se koi chavi nahi banti...

Janta ke dil ki bat jab sachai ke sath koi rakhta hai to dil ka rista ban hi jata hai.....

mere aas pass jitne bhi longo main janta sabhi aapki tarif karte hain.

aise hi badhe chalo sir...........

Unknown said...

बरसों पहले बुनियाद या हमलोग देख झुन्ज्लाहट होती थी कि इतना ही क्यों दिखलाया अब आपकी रिपोर्ट या ब्लॉग से जुड़ कर भी वही बेचेनी या उस से कंही ज्यादा दर्द होता है कि अभी न जाओ छोड़ कर कि दिल अभी भरा नहीं |
पुनश्च :लोगों का आप के प्रति प्यार देख पढ़ और जान कर पौराणिक कथा के सबरी के राम को बेर खिलने वाला प्रसंग कोरी कल्पना नहीं लगता |

Unknown said...

1 din me hi aisi khatarnak report banana tareefe kabil hai.. Badhai aapko or apki team ko.. Isi avtaar m jamte ho aap bhai sahab.. Dabbe k andar fit hoke reh jaiega to aap aap na reh paenge.. Anand lijie.. Anand hame bhi lene dijie.. :)

Ram nath thakur said...

प्राइम टाइम देखना प्राथमिकता रहती है लेकिन बीच-बीच में 'अर्नव' का शो भी देख लेता हूँ । लेकिन जब चैनल बदलता हूँ तब जो महसूस होता है वो बँया कर रहा हूँ। ऐसे लगता है जैसे "हॉलीवुड के हॉरर मूवी के बाद शुद्द भारतीय शास्त्रीय संगीत सुन रहा हूँ" यह मूल तत्व है भारतीय दर्शक का, पूरी दूनिया या वॉलीवुड के फिल्म देखने के बाद भी जब कार में सफर पर निकलता है तब गजल ही सुनना पसंद करता है ।

Ram nath thakur said...

और दूसरी बात यह कि आप सवाल पुछते रहते है कि सोशल मीडिया मे असलियत को कैसे पहचानते है अब मै जानना चाहता हूँ कि फेसबुक से हटने के बाद कौन सा पेज आपका है?? बाकी 'रविश फैन पेज' के नाम पर बहुत से पेज बने हुए है। एक पेज है जो आपका ब्लॉग भी शेयर करता रहता है लेकिन उसके दूसरे कंटेट देखकर लगता नही कि वो आपकी अपनी पेज है । संभव हो बताइयेगा ।

Unknown said...

maintain your attitude and behaviour......because mostly time people get love and prestige become VIP. pls do not feel i am saying ,because i respect you.i proud that someone is in this world who talk truth without leaving their culture (hindi) .

rahularyansharma said...
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Unknown said...

Apka blog pad Kar hamesha achcha lagta hai. Prime time ki reporting ka to javab nahi.....

jitendra pandey said...

Kabbo hamare ghar bhi aa jayiye ... lalasa rehti hai ki aap se milun per lalayit nahi ho pata hun ... sochta hun mere paas hai hi kya jo ravish kumar se mulakat hogi.. phir sochta hun, ki kuchh hoga tab koshish karunga shayd tab vo milne ki permission de dein !!!
Apka her epiksode dekhta hun.. kabhi kbhi chhoot jata hai, is dar se ki kahin tv se askti na ho jay... mere bade bhai sahab bhi aapke fan ho gaye hain.. iska shrey to mujhe bhi jata hai // khair agle hafte ASHOK ROHILA se milna hai.. kuchh kitabein dene ka vada kiya hai... aap jo na kara dein :p
Shubhkamnaon Sahit
Jitendra

Unknown said...

city beautiful chandigarh ke bare me kuch kuch janta tha par aapke reports ne to mujhe surat ki yaad dila di.whan bhi kuch kuch yahin haal hain. acha laga ki ek 23 saal ka sarpanch bhi hamare desh me hain.isse kuch ummed bandhti hain.aur kabhi jharkahand bhi aa jaiye.bahut ACHCHI repoRT milegi aapko.

hemant said...

शुभम अच्छा लगा

hemant said...

शुभम अच्छा लगा

hemant said...

शुभम अच्छा लगा

Unknown said...

kisi din mai bhi milunga aapse.....aur jarur milunga

Devendra said...

sir ap esse jyada deserve karte hai maine jyada to nahi dekha hai par 1 sal me apke sare video jo ndtv ya youtube par hai dekha hai aur bahut kuch shikha bhi hai

तर्कश said...

ज़यादा क्या लिखूं आप अमिताभ बच्चन हैं पहली बार आपको रवीश कि रिपोर्ट में फ़ोटो स्टूडियो और क्रोम के ऊपर स्टोरी करते देखा था मज़ा आ गया लगा कि कोई है जो वाकई हैण्ड पंप है (माफ़ कीजियेगा इससे अच्छा चुन सकता था पर भावनाए बाहर नहीं आ पाती ) क्या करे प्रेमचंद और रेणु की तरफ से आता हूँ । खैर … उस दिन के बाद से एक लम्बा सफ़र चल रहा है प्राइम टाइम को और आपके ब्लॉग्स को लेकर। यकीन मानिये जितना मोदी P.M पद के लिए बेक़रार है उससे ज़यादा हम प्राइम टाइम में रवीश के लिए रहते है। बाल तो अब आपके सफेदी कि तरफ का रुख कर चुके हैं पर चमक बढ़ती जा रही है। …। चमक बनाये रखिये और प्राइम टाइम से एब्सेंट मत हुआ करिये अन्यथा वैसे ही होता है कि इंतज़ार लावारिस का किया और टेलीकास्ट कस्तूरी हुई। .... आपको ढेर सारी शुभकामनाये

Unknown said...

Shriman Ravish JI , aapse baat karne ke liye hindi me type karna sikhna hoga. Angreji me kya mazaa h. Aapka Primetime hi ek aisa show h jisme MERA BHARAT dikhta h , baaki to h jo h hi.