आज मैं भयंकर तनाव से गुज़र रहा हूँ (किसी और वजह से ) ऐसे में तुम्हारा इस्तीफ़ा न देना फिर से मुझे अपना स्टैंड बदलने पर मजबूर कर रहा है । कमाल हो तुम यार । तुम्हें मनमोहन सिंह की जगह होना चाहिए । टीवी चैनल के घंटों कवरेज से ऐसे दबाव में आने लगे तो हो चुका । ट्विटर अख़बार और फ़ेसबुक से तुम अकेले लड़े । तुम्हारी कुर्सी ज़रूर बड़ी होगी कि तुमने थोड़ी सी कमर खिसका कर ज़ग्गू दादा को जगह दे दी । वाह । किसी की मज़ाल नहीं हुई कि इस्तीफ़ा मांग ले तुमसे । ठीक किया तुमने । अब तुम अगले हफ़्ते भी छाये रहोगे । एंकर तुमसे इस्तीफ़ा माँगेंगे और तुम नहीं दोगे ।
मैंने पहले प्रेम पत्र में जो तुम्हारे बारे में बातें कहीं थीं वही सही निकलीं । जो माँगा ही न जाए उसे कैसे भला दिया जाए । नैतिकता मांग पर आधारित होती है । अगर इसकी डिमांड नहीं है तो जाए भाड़ चूल्हे में । सीमेंट ऐसे ही नहीं बेच लेते हो । धारणाओं का धारण नहीं करने वाला ही असाधारण होता है । गीता में कृष्ण लिखवाना भूल गए थे इसलिए उनके बिहाफ़ पर मैंने लिख दिया है ।
हठयोग की तरह तुमने पदयोग स्टार्ट कर दिया है । पद योग पद न छोड़ने का हठ है । तुम्हारी मानसिक बनावट का अध्ययन होना चाहिए । ये बंसल अश्विनी कितने कमज़ोर थे ।
श्रीनी तुम इस्तीफ़ा जैसी तुच्छ चीज़ों से ऊपर हो । ये क्या चीज़ है यार जो दिया जाए । स्टेप असाइड एक नया टर्म है जो अब चलेगा । वाह श्रीनी वाह । यार अब तो चार बोरी सीमेंट दे दो घर के सामने डिवाइडर बनानी है रोज़ वहाँ एक्सीडेंट हो जाता है ।
रही बात बीसीसीआई की छवि की तो उससे किसको फ़र्क पड़ता है । अब तुम्हारी राह पर मैं भी चलूँगा । हालाँकि मैं एक पदविहीन पत्रकार हूँ फिर भी इसे ही पद मानकर इससे कभी इस्तीफ़ा नहीं दूँगा ।
श्रीनी रियली कूल और कैट हो यार । थोड़े मेरी तरह फ़ैट हो ।
तुम्हारा
कोई नहीं तो क्या हुआ हूँ न मैं
रवीश कुमार
8 comments:
yaad nhi aati ab ,namskar :-) dil Unako Dhoondhataa Hai, Gam Kaa Singaar Kar Ke
aankhe Bhee Ruk Gayee Hai, Ab Intajaar Kar Ke
प्रसन्न हो जायें, राजनीति के लिये एक नया प्रयोग मिल रहा है, पद से बायें हट जाने का।
श्रीं नी अपने सीमेंट की तरह मजबूत है दरक सकते मगर गिर नहीं सकते।
यहा सब फिक्स ही होता है,
मेंच से लेकर मिंटींग तक .
श्रीनी के पूरे मामले पर गौर करने के बाद बंसल और अश्विनी के घर वाले उन्हें कोस रहे होंगे....।
Great ravish bhai, Achi bat hai ki abhi tak srini apki bat man kar hi chal rahe hain. lekin aap bhi kam nahi hain, jo ek tarah se srini ko bar bar uksa rahe hain. Lekin apne yahan ase logo ke liye ek bahut acha shabd hai na...thethar. bhai sahab ye log thethar hain thethar...
Great ravish bhai, Achi bat hai ki abhi tak srini apki bat man kar hi chal rahe hain. lekin aap bhi kam nahi hain, jo ek tarah se srini ko bar bar uksa rahe hain. Lekin apne yahan ase logo ke liye ek bahut acha shabd hai na...thethar. bhai sahab ye log thethar hain thethar...
आप लिखने के लिए ही अवतरित हुए हैं.
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