चुनाव आयोग ने क़रीब दो सौ करोड़ नगद पकड़े हैं । इन पैसों का कोई अता पता नहीं है । माना जा रहा है कि चुनाव के लिए पैसा इधर से उधर होते वक्त पकड़ा गया है । वो तबक़ा कहाँ है जो राजनीति को इन सब बीमारियों से मुक्त करने की बात को प्राथमिकता देता था । यही होता है जब आप अपनी निष्ठा किसी नेता या पार्टी में समर्पित करते हैं जायज़ नाजायज़ सवालों को देखना बंद करते हैं । यह चुनाव राजनीति को साफ़ करने के मुद्दे की मौत के रूप में भी याद किया जाएगा । चुनाव के बाद आयोग उन ग्यारह हज़ार एफ आई आर का क्या करेगा जो उसने उल्लंघन के आरोप में दर्ज किये हैं । चंद अपवादों को छोड़ दें तो कोई नतीजा नहीं आता है । इसको नोटिस उसको नोटिस की ख़बरें बेकार हैं । बाक़ी तो जो है सो हइये है ।
दो बातें
पंजाब में पाँच सौ करोड़ से ज़्यादा की हिरोइन पकड़ी गई है । चुनाव आयोग के आँकड़ों के अनुसार पिछले एक महीने में एक सौ दस किलोग्राम हिरोइन पकड़ी गई है । पंजाब के किसी भी शहर में जाइये औरतें शराब और नशे को लेकर शिकायतें करती मिल जायेंगी । लोग दबी ज़ुबान में मोहल्लों को पता बताते हैं जहाँ की जवानियाँ नशे में डूबी पड़ी है । तीन सौ करोड़ का ड्रग्स बिना राजनीति और पुलिस की गठजोड़ से नहीं आ सकता है । वोट वोटरों पर ऐसा क़हर ढायेगा किसने सोचा होगा । चेतना सुन्न करके चेतना ख़रीदी जा रही है । वहाँ की सरकार इसकी ज़िम्मेदारियों से मुक्त है । विपक्ष की तरफ़ से भी हमले नहीं है । ज़ाहिर है सबका हिस्सा होगा । आप जानते ही है पंजाब में अकाली और कांग्रेस के कई बड़े नेता आपस में समधी से लेकर साला साली , जीजा साढ़ू के रिश्तों से जुड़े हैं । यह प्रदेश परिवारवाद का विचित्र उदाहरण है । यहाँ का लोकतंत्र ग़ुलाम लोकतंत्र है । अब ऐसे में नशे का कारोबार गाँव गाँव पसर जायें तो कौन रोके । लेकिन पंजाब को चेत जाना चाहिए । पार्टी या नेता के प्रति अंधी निष्ठा से ज़्यादा ज़रूरी है पीढ़ियों को बचाना । जिस पंजाब पर गर्व होता था, वहाँ जाते ही लगता था कि मेहनत और ख़ुशियों की फ़िज़ा में आ गए हैं उस पंजाब को उसकी ख़ुशियाँ ही खा रही है ।
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11 comments:
रवीश भाई,
आज से १५-२० साल पहले जब मैं गाँव मे था, तब गाँव के खेतिहर मज़दूर फसल कटाई के समय पंजाब जाते थे और वहाँ कि खुशहाली कि चर्चा करते हुए नहीं थकते थे और मैं सोचता था, काश बिहार भी इतना विकसित होता। आज मैं जब भी पंजाब को नशे और कैंसर के चपेट मे सुनता हूँ तो सोचता हूँ, क्या फायदा ऐसी ख़ुशहाली से। कल का बिहार जैसा भी, ये मेरी दुआ है कि पंजाब जैसा न हो।
Bhagwan se yehi dua kar sakte hai ki is khushal Pradesh ko sankato se ubare.
Sarso ke sag,makke ki roti aur bhangada ke sath ye kaisi pahchan banti ja rahi hai Panjab ki?
भाड़ में जाये भ्रष्ट्राचार। मुद्दे गए तेल लेने यार।
वोट किसी को भी दो इस बार। जाती देखो चार बार।
ना किसानो की फिकर किसी को ना मजदूरों की चिंता यार.
येही तो हो गयी सोच हमारी। मति गयी है सबकी मारी।
बेवकूफ बनाते आये ये हमको। बना लिया है फिर एक बार।
सड़क पड़ी है सारी टूटी। किस्मत लगता है सबकी फूटी।
महंगाई है बढती जाती। सेकुलर कम्युनल मैं बहस बढाती।
बेरोजगारों को भी पूछ लो यार .। उन्हें भी कर दो वादे चार.
बने किसी की भी सरकार। वोट दो सोच समझ के इस बार.
रवीश सर आपकी रिपोर्टिंग के लिए धन्यवाद…
शायद आपकी मेहनत से देखने वालो कि शायद आँखे खुले और उनही खुली आँखों से वोट करे और अपने प्रत्याशी से पूछे कि "क्यूँ भाई समस्याओ का हल करोगे या हर बार कि तरह तिलाँजल करोगे और ५ साल बाद फिर यही आके वोट मांगते मरोगे"
नेहरू पंडित का दु:ख और २०१४ के चुनाव
स्वर्ग मे अपसराओ का नृत्य चल रहा था नेहरू पंडित पृथ्वी का भ्रमण करके आए थे और बहुत दुखी लग रहे थे। असरदार पटेल ने उनसे पूछा कि पंडित जी क्या बात है बड़े दुखी लग रहे हो, धरती पर सब ठीक है ना । नेहरू पंडित भर भरा के रो पड़े। नेहरू पंडित बोले क्या बताऊँ पटेल, पृथ्वी पर छोटू ने अपनी पार्टी का बेड़ा गर्त कर दिया। सभी का मानना है कि इस बार हमें सौ सीट भी नही मिलेगी। अरनब ने तो कह दिया अगर सौ सीट से ज्यादा मिला तो सन्यास ले लुँगा। छोटू इंटरव्यू दे देकर बची खुची इज्जत भी पानी में मिला रहा है। मैंने कभी सोचा नहीं था की एक दिन मै अपने छोटू के कारण मुझे बेईज्जत होना पड़ेगा।
नेहरु पंडित जी ने असरदार पटेल से कहा जानते हो कल का बच्चा फेकरीवाल, छोटू और अपनी पार्टी से ज्यादा फेमस हो गया है। हर तरफ फेकरीवाल के चर्चे है। ऐसे लगता है कि वो भी १०० सीट जीत जायेगा। कलयुग अपनी चरम सीमा पर पहुच गया है, आज कल धरती वासी हर हर भोले के बदले हर हर गोदी गोदी कहते है। गोदी का नाम चारो तरफ छाया हुआ है। ऐसा लगता है कि खुद विश्वकर्मा ने जाकर चारो तरफ गोदी का पोस्टर और बैनर लगा दिया है। चारो तरफ एक चायवाले कि पूजा हो रही है और अपना छोटू पांच जवाब रट्टा मारके हर सवाल का वही जवाब देता फिर रहा है और अपनी हंसी उड़वा रहा है।
असरदार पटेल ने नेहरु साहब से कहा कोई और रास्ता नहीं है क्या ? आप 1947 वाला फार्मूला क्यों नहीं अपनाते। नेहरु पंडित ने कहा कौन सा फार्मूला। असरदार पटेल ने जवाब दिया , याद है भारत के आजादी का समय आप और जिन्हा आपस में राजा बनने के लिए लड़ने लगे तो सबकी आपसी राय से ये निर्णय हुआ कि हैम भारत का दो भागों में बंटवारा कर देंगे और आप दोनों को एक एक भाग का राजा बना देंगे। नेहरु पंडित ने कहा, अरे पटेल अब जमाना बदल गया है , छोटू चाहे तो भी मेरा फार्मूला अमल में नहीं ला सकता है उसके पास दिमाग कहा जो वो इतना सोच सके।
नेहरु पंडित मदिरा का प्याला उठा कर अपसराओं के साथ झूमने लगे और असरदार पटेल ने पर्दा गिरा दिया।
twitter se aap nadarad hai to socha apna naya blog yahi share kar du
चुनाव में कुछ भी करने को उद्धत वोटनोचक।
Vote aane chahiye at any cost. Apna kaam banta bhaad mein jaye janta.
Sirji aap ko yad hoga ki kuch samay pahele rahul gandhi ne panjab mai nashe k bare mai kuch kaha tha tab pura vipaksh ne unke bayan ka ulta matlab nikal kar asa kaha tha ki rahul panjabio ka apman karte hai
sirji Dhyan rakheiga Rahul ki tarah media or log aapki bhi khilli na udaane lagein
Till yesterday 195 crores of Cash has been seized throughout India allegedly meant for elections
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