यहाँ प्यार ज़िंदगी में

एक मिनट । मैं आपको कुछ देना चाहता हूँ । प्लीज़ मना मत कीजियेगा । मैं बस पैंट कर रहा हूँ । ये आपका नाम सही है न । आपको देखा घूमते तो जल्दी जल्दी पेंट करने लगा । प्राइम टाइम अच्छा लगता है । 

उसके बाद कलाकार जय शर्मा अपनी दुकान पर जा बैठे और बाक़ी की कलाकारी पूरा करने लगे । मैं उनकी दुकान पर खड़े होकर निहारने लगा । अजीब दुनिया के सामान । बैज, चेल्सी बार्सीलोना के झंडे, की रिंग, माला । 

जय शर्मा ने तो भावुक ही कर दिया । मालूम नहीं प्राइम टाइम में ऐसा क्या है । पर इस भरोसे और प्यार से सिहरन पैदा होती है । वे कहे जा रहे थे कि ऐसे ही काम कीजियेगा । सच के साथ बने रहियेगा । मैं उनकी बातों को इस तरह से सुन रहा था कि दर्शक सिर्फ सच्चाई और निष्पक्षता पकड़ते हैं । इसके अलावा उन्हें कुछ नहीं चाहिए । कप तैयार हो चुका था । कलाकार ने मेरे लिए एक संदेश भी लिख दिया- एक्सप्लोर द वर्ल्ड 

महागुन माॅल में आज ऐसे ही दिन गुज़रा । पत्नी के साथ चाय पी रहा था कि कोई मनीष आए । कनाट प्लेस में इवेंट मैनेजमेंट का काम करते हैं । बिहार से आये इस नौजवान ने अपनी कंपनी बनाई है । कहा कि नौ बजे घर पहुँचना ही होता है । भाग के आता हूँ । मनीष ने सैमसंग के स्टोर में बुला लिया और मियाँ बीबी की तस्वीर खींच कर फ़्रेम कर दिया । साथ का साथ और हाथ का हाथ । तब तक कुछ और लोग फोटो खिंचाने आ गए । इस बीच एक लड़की किनारे खड़ी मेरी पत्नी की तस्वीर लेने लगी । फिर मेरी भी । साथ में पाँच सौ रुपये का एक गिफ़्ट वाउचर पकड़ा दिया । । 

दो दिन पहले मुंबई जाते वक्त एक पोस्ट किया था । पोस्ट पढ़ते ही शिशिर और अखिलेश का फोन आ गया । आप मुंबई में ? हाँ । वादा हुआ कि लौटते वक्त एयरपोर्ट पर मुलाक़ात हुई । इससे पहले कोई जान पहचान नहीं । मैंने ई मेल कर दिया । दोनों मेरा बोर्डिंग कार्ड लेकर तैयार थे । बाद में उनके और दोस्त लवलीन गर्ग, मिश्रा जी भी आ गए । ये सभी दिल्ली के स्कूल आफ प्लानिंग के छात्र रहे हैं । नए बने मुंबई टर्मिनल में काम किया है । बस वही अड्डा जम गया । प्राइम टाइम के दर्शक परिवार की तरह हो गए हैं । 

अखिलेश तो नए टर्मिनल का एक कैलेंडर भी ले आए थे । मेरे लिए । मिलकर अच्छा लगा । 

प्राइम टाइम ने मेरी दुनिया बड़ी कर दी है । एकांत तो समाप्त ही हो गया । हर समय लोगों की निगाहों में रहता हूँ । अपनी कमज़ोरियों और कमियों के जानने के कारण यक़ीन ही नहीं होता कि वाक़ई में लोग इतनी शिद्दत से देखते हैं । विनम्रता से स्वीकार करने के अलावा रास्ता क्या है । मैं बहकता नहीं पर दिल तो धड़कता ही है । 

दर्शकों के साथ मिलने जुलने के अनुभवों पर इसी ब्लाग पर कई लेख लिख चुका हूँ । मुंबई से लौटते वक्त जब जहाज़ में बैठा तो बगल की सीट से एक सज्जन मेरी तरफ़ झुक गए । कारपोरेशन बैंक का कार्यकारी निदेशक हूँ । आपकी बहस अच्छी लगती है पर आपको रवीश की रिपोर्ट नहीं बंद करनी चाहिए थी । बनारस का हूँ और अगले साल रिटायर कर जाऊँगा । सोचा है बुंदेलखंड के इलाक़े में जाकर लोगों के लिए काम करूँगा । 

उसके बाद श्रीवास्तव साहब पत्रकारिता के असर की बात करने लगे । कहा कि दिनमान ने जवानी बचा ली वर्ना घूसखोर अफ़सर होता । शुक्रिया आप सभी का । प्राइम टाइम के ज़रिये मुझ तक पहुँचने के लिए और आप तक पहुँचने का मौक़ा देने के लिए । 

27 comments:

Akhilesh Jain said...

भाई, अव्वल तो हमें यकीन नहीं था कि आप हमें इतना सारा वक़्त देंगे। इतना वक़्त ही "प्राइम टाइम" का हुआ करता है. ये ४५-५० मिनट हमारी ज़िन्दगी का अब तक का सबसे मुकम्मल समय है. हम आपसे मिलकर अभिभूत हुऐ. आपने हमें इतनी तवज्जो दी जो हमारे यकीन से ज्यादा है. मिलते रहेंगे। धन्यवाद। अखिलेश, शिशिर, लवलीन और प्रमोद मिश्राजी

Unknown said...

Sir bahut dino se miss kar rahe hain apko, itne sare dhamake hue par prime time par aap nahi aa rahe.....ab hum TV par kya dekhe bata do aap.

Unknown said...

पुरकशिश लम्हे.

amrita said...

Padh kar main bhauk ho gayi...lucky hain o jo aapse mil pate hain........

Unknown said...

जैसे श्रीवास्तव साहब नें कहा कि दिनमान ने जवानी बचा ली वर्ना घूसखोर अफ़सर होता उसी तरह से कई अन्य लोगो को जानता हूँ जो रवीश के रिपोर्ट या प्राइमटाइम टाइप के शो कारण सही दिशा में चल रहे हैं। सामाजिक होने के यथार्थ को बड़ी संजीदगी से समझा है इन लोगो नें। जहाँ इन्हे आपकी तरह किसी भी बात का घमण्ड नहीं। इसका श्रेय तो आपको जाना ही चाहिए।

Unknown said...

sir pls ek blog likh dena p sainath pe

Unknown said...

Enjoy. Have a safe n interesting journey.

sachin said...

वाह ! आपके अनुभव पढ़कर लग रहा था, जैसे यहाँ बैठे हुए ठंड में कुछ पढ़ रहा हूँ और कोई प्यार से एक शॉल उढ़ाकर चला गया। इतना प्यार देखकर जब मुझे इतना अच्छा लग रहा है , तो आपको जो अनुभूति होती होगी उसका केवल अंदाज़ा ही लगाया जा सकता है। लेकिन ये तो हक़ है आपके चाहने वालों का। अभी अभी केटली चढ़ाई है स्टोव पर। क्या कहते हैं रवीशजी, १-१ कप चाय हो जाए ! :)

Tarun kumar said...

keep discovering urself you are gem of this generation.

Unknown said...

achhe aur sahi ko har koi pasand karta hai sir. 10 din se prime time nahi dekha. kab aayege?

Unknown said...

achhe aur sahi ko har koi pasand karta hai sir. 10 din se prime time nahi dekha. kab aayege?

Kamal Samonia said...

Hm b like krte h aapko prime time me

प्रवीण पाण्डेय said...

सच में, प्राइमटाइम पूरे देश में विस्तारित हो गया है।

Unknown said...

mai to besabri se us lamhe ke intejaar me hu jab aapse mil pau aur aapka autograph lu...bahut siddat se aapse milne ka intejaar hai pata nhi wo lamha zindgi me kab aaye waise mujhe umeed hai ki ek na ek din jarur aapse kisi na kisi mod pe mulakat jarur hogi, duniya bahut hi chhoti aur gol hai. 24 feb ka wait hai jab pt pe aap aaoge.

Unknown said...

Mai apne daftar se isliye bhaagte hue ghar 9:00 baje ke pehle pahuchne ki koshish karta hun...

Prime Time me Ravishji ki shurat ki 10 min ki nonstop Vyakhya sunne me maja ata hai....

Unknown said...

Mai apne daftar se isliye bhaagte hue ghar 9:00 baje ke pehle pahuchne ki koshish karta hun...

Prime Time me Ravishji ki shurat ki 10 min ki nonstop Vyakhya sunne me maja ata hai....

Unknown said...

Ravishji ek question hai..

Agar Arvind Kejriwal aapse puchenge, ki kya aap Aam Admi ho??

To aap kya jawaab denge???

Aap ke hisaab se AAM ADMI kaun hota hai??

Arti said...

apko sunna apna sa lgta h..i m an IAS aspirant..mukherjee nagar me taiyariyo k beech TV ni milti..bahut dukh hota h prime time na dekh pane ka..:( tathyon ka pata to whi se chalta h..apko sunkr aur padhkr bahut si duvidhayen door hoti h..bahut bahut shukriya...apke program hum log me ane ki icchha h pr pta ni kaise..world book fair me dhoondha apko ki saayad mil jaye..pr ummeed sath h kbhi to apse milenge..u r an ideal for journlism..keep going on..:) god bless u sir..:)

Ankit Singh said...

Dear sir whenever I see u on tv u inspire me ,u from so much small town to such big heights with some unique set skills.
when u can from the same school as of mine . I too can can create my big dreams to Come true .
Need To work hard for the night.

sushil rawat said...

Sir aapka ka time to bahut acha kat rha hai par aap Prime time par kab aayenge kiyon ki mera time nhi kat rha.

Unknown said...

Please friends subscribe to youtube channel -Video Volunteers
http://www.youtube.com/user/VideoVolunteers?feature=watch

It is the least you can do to contribute towards society development

SandeepChakraborty said...
This comment has been removed by the author.
SandeepChakraborty said...

Dear Ravish Ji,

I live in Japan and it takes 1 Hr every day of metro travel to office. Lately thanks to technology and NDTV iPhone App, I got introduced to your world. I will not hide it, I am a little edicted to Prime Time.

So when I could not see you for long, started snooping and found this blog of yours.

I have not read Hindi for very long time (I know, its not a very welcome statement for you but that's one of the professional hazards that Indians have started living in, and that's also being so obvious of the fact that they are missing such a colorful world . By the way, I am one of the rare breed who had Hindi as a subject in 12th standard in spite of being from Science Section, so I do hold it dear to me.)

Sorry I got drifted. So I was saying that you again introduced me to Hindi. I think it would not be a new thing if I start praising you, so I will keep the obvious points aside.

I would like to believe that you do take the opinion of common people seriously, thus I would like to promise that I would try to share my opinion in your blogs, as an honest effort from my end.

शैलेश पटेल ( बनारसी ) सूरत ,गुजरात said...

सबकी बात सही ही है,सोम से शुक ९ बजे रसोइ से अवाज आती है,कि रविश आयो होय तो बुम पाडजो.यानि अगर रविश है तो Prime Time वरना रजत जी तो है ना

Suchak said...

superb..laga post kee 1-1 line mahesus kee ho aesa laga :) :)

pragati sinha said...

Aap ye likhna bhul gaye k PLF me do ladkiyan aayi thi apna college bunk karke bas aapse milne k liye...koi baat nae maine likh diya,thanku sir for making my day wonderful and for helping me grow with your each primetime episode :)

Pawan07 said...

"मैं बहकता नहीं पर दिल तो धड़कता ही है... "- गजब लिखते है..|