दिल्ली के ठेलों और कियाॅस्क पर मैगी छा गई है । अचानक से नाश्ते या भोजन के विकल्प के रूप में मैगी दिखने लगी है । बन बटर और आमलेट की तरह । बड़े से ग्लास में मैगी भर घूमते टहलते खा लिया । मेरे दफ्तर के बाहर भी इसी साल से यह दिखा है । यह तस्वीर ओखला की है और एक पैकेट मैगी से भरे ग्लास की क़ीमत है पचीस रुपये ।
9 comments:
Maggi to antrashtriya parampra ban gayi--paushtik ho na ho (maida hi to hai)---swaad ke lihaaz se lajawaab hai! Lijiye is par ek shrandhaanjlu ki charcha:
http://www.rogerebert.com/rogers-journal/the-blogs-of-my-blog
मैगी के पैक पे ingredient में देखें , flavor (E-635 ) लिखा मिलेगा |
Disodium Inocinate (E-631) का उत्पादन सूअर व मछली से किया जाता है, इसका उपयोग चिप्स, नूडल्स में चिकनाहट देने व स्वाद बढाने में किया जाता है|
एक बात और वो ये कि जो लोग लम्बे समय से मैगी खा रहें हैं , शायद उन्होंने अनुभव किया होगा की बिगत कुछ वर्षों से मैगी का वो स्वाद नहीं रहा जो पहले था , ठीक ?
ऐसा इसलिए की नेस्ले पहले मैगी में फ्लेवरिंग एजेंट -E 621 यानि Monosodium glutamate (MSG ) डालती थी , जो E635 से भी ज्यादा खतरनाक जहर था
इसके अलावा मैगी में वैक्स होता है और इस वैक्स को शरीर से बहार निकलने में 4 से 5 दिन का वक़्त लग जाता है जो शरीर के लिए बहुत खतरनाक है |
निम्नलिखित ई-नम्बर्स सूअर की चर्बी (Pig Fat )को दर्शाते हैं: आप चाहे तो google पर देख सकते है इन सब नम्बर्स को:-
E100, E110, E120, E 140, E141, E153, E210, E213, E214, E216, E234, E252,E270, E280, E325, E326, E327, E334, E335, E336, E337, E422, E430, E431, E432, E433, E434, E435, E436, E440, E470, E471, E472, E473, E474, E475,E476, E477, E478, E481, E482, E483, E491, E492, E493, E494, E495, E542,E570, E572, E631, E635, E904.
पता नहीं बच्चों को बड़ा आनन्द आता है इसमें।
Pata nahi kab aur kasya magi hamary mhinay kay rashn mai samil ho gaii
Pata nahi kab aur kasya magi hamary mhinay kay rashn mai samil ho gaii
ये ABCD में E क्यूँ आता है? :P
अब जब बिग बच्चन जी हीं इसका प्रचार कर रहे हैं तो इसको कहीं न कहीं शामिल होना ही था…
सर जी , इस बार आप जब नवरात्रि में गुजरात आयेंजे तब आईआईएम अहमदाबाद के सामने जयियेग वह मग्गी-ओम्लेट मिलाती है !
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