क्या आपके पास आय से अधिक संपत्ति है ? नहीं है । किया क्या ? आय न संपत्ति । कहीं आप ग़रीबी रेखा से नीचे तो नहीं रह गए । ग़रीबों के लिए लड़े ही होते तो आज आय से अधिक संपत्ति होती । मौका गंवा दिया । भला हो साज़िश का जिनके तहत मुलायम मायावती की संपत्ति का पता चला है । अच्छी बात है । उत्तर प्रदेश में कोई आय के एक ही स्त्रोत तो नहीं हैं न । आदमी कहीं से कमाये । बस ये ध्यान रखे कि आय से अधिक न हो । अब आय कितनी हो । ये किसने कहा है कि आय वही है जो वेतन है । जो घोषित है । ग़लत । सरकार चाहती है कि हम सब बतायें । अपने मां बाप को आप सब बता देते हैं ? सरकार कौन है ? आय के कई स्त्रोत हो सकते हैं । ग़रीब आदमी भी हेराफेरी कर सकता है । रिश्वत पर ग़रीब परिवारों से आए नेताओं का भी अधिकार है । क्या सिर्फ राजपरिवारों से आए नेता ही रिश्वत लेंगे । ताकि वो कितने अमीर हुए पता न चले । ग़रीब नेताओं की आय से अधिक संपत्ति से कई बातें सामने आ जाती हैं। जब यह फटीचर इतना कमा सकता है तो रजवाड़ें के बचे खुचे यानी पूर्व महाराजा के पास कितना जमा हो गया होगा । आय से अधिक संपत्ति का होना देश में ग़रीबी रेखा के नीचे रहने वाले युवाओं को राजनीति में आने के लिए प्रेरित करेगा । क्योंकि राजनीति से सिर्फ ग़रीबो की ग़रीबी दूर नहीं होती । अपनी भी होती है । राजनीति घाटे का सौदा नहीं है । राजनीति में सेवा से कम से कम एक दो की ग़रीबी तो दूर हो ही जाती है ।
उत्तर प्रदेश में साज़िश हो रही है । मुलायम और मायावती ही क्यों पकड़े जा रहे हैं ? बिल्कुल ठीक । क्या औऱ किसी नेताओं के पास आय से अधिक संपत्ति नहीं है ? सुप्रीम कोर्ट ने सबकी जांच क्यों नहीं करवाई ? क्या बाकी नेताओं के पास आय से कम संपत्ति है ? बुरा हो इस साज़िश का जिसका दायरा सिर्फ दो नेताओं तक सीमित है । हम ऐसी सीमित साज़िश का विरोध करते हैं । हम मुलायम मायावती का समर्थन करते हैं । उनके पास आय से अधिक संपत्ति होनी ही चाहिए । आय के भरोसे रहे तो दिन का खाना भी न खा सकें । आय होती ही कितनी है ? कभी न बढ़ने वाले वेतन से संपत्ति बनेगी क्या ? बेवकूफ समझते हैं । मौलिक अधिकार होना चाहिए कि आप आय से अधिक संपत्ति जमा करें । वर्ना बचेगा क्या ? अधिक होगा तभी तो ।
उत्तर प्रदेश को औपचारिक रुप से आय से अधिक संपत्ति प्रदेश का नाम दे देना चाहिए । जिनके पास अधिक होगा उन्हीं के पास तो आय होगा । वर्ना कैसे होगी आय से अधिक संपत्ति । संपत्ति की पाठशाला होनी चाहिए । यही तो कारोबार है आय को दुगना करना । मुलायम मायावती करें तो क्या गुनाह । कारोबार ही तो है । हम साज़िश का विरोध करते हैं । रिश्वत साज़िश नहीं । सच है । सरकार है । संभावना है । आय से अधिक संपत्ति का ।
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लेकिन अमर सिंह जी को दुःख है कि श्री श्री लालू प्रसाद जी के ख़िलाफ सुप्रीम कोर्ट के इसी माननीय जज ने केस खारिज कर दिया। सुशील ने याचिका दायर की वो खारिज और चतुर्वेदी जी कांग्रेस से विधायकी की ज़ोर-आज़माईश कर चुके थे ये किसको नहीं मालूम है, भई। बहूत अन्याय है हो रहा है माननीय मुलायम सिंह जी के साथ। बताइए एक तो इलेक्शन हारने का डर और ऊपर से हर रोज़ नया बखेरा। आख़िर मैं कितनी प्रेस कांफ्रेंस करूं। कभी माननीय मुलायम जी को बचाता हूं तो कभी बड़े भाई अमिताभ बच्चन को। बीच बीच में ये मीडिया वाले मेरी सीडी भी लेकर चले आते हैं। कमबख़्त ऐसे मौक़ों पर वो सड़क छाप शायरी भी आजकल याद नहीं रहती। तो गाली-गलौच से ही काम चलाना पड़ता है।
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