कस्बा सिर्फ एक व्यक्ति से आबाद नहीं हो सकता । कई लोगों को आकर बसना पड़ेगा । अपनी गुमटी खोलनी पड़ेगी । पान की गुमटी । मेरे कस्बे में एक बाबा आ गए हैं । बाबा की धुनी राजनीतिक ख़बरों से रमती है । कहते हैं ऑफ रिकार्ड को ऑन करने का टाइम आ गया है । कलयुग में सब कुछ ऑन होता है । तो आज से वो सियासी गप्पों को बताते रहेंगे और हम पेश करते रहेंगे ।
दो रुपये का रसगुल्ला और शेखी चुनाव जीतने की
लोक सभा चुनाव हारने के बाद बीजेपी के युवा चेहरों के दिन खराब चल रहे थे । पंजाब उत्तराखंड जीतने के बाद दिन लौटे भी हैं तो दो रुपये का भाव पीछा नहीं छोड़ रहा है । संसद के सेंट्रल हाल में उत्तराखंड के प्रभारी राजकुमार रविशंकर प्रसाद जीत की खुशी में दो रुपये वाले रसगुल्ले बांटते देखे गए । मगर कम लोगों की ही दिलचस्पी थी । सांसद फाइव स्टार का रसगुल्ला खाना चाह रहे थे । मगर रविशंकर प्रसाद होशियार हो गए हैं । वो दो रुपये में ही काम चला कर जीत की खुशी और प्रसाद दोनों बांट रहे हैं ।
अब कहां वर्ल्ड कप, एमसीडी कप ही मिल जाए....
संसद की सीढ़ी पर पंजाब के बीजेपी प्रभारी अरुण जेटली अकेले खड़े थे । लंदन से आए अरुण के पीछे सब दौड़ रहे हैं मगर बीजेपी को जीताने वाले अरुण अकेले । कहते सुने गए थे कि यह पहला मौका होगा जब वो वर्ल्ड कप का मैच देखने नहीं जाएंगे । जब से राजनाथ ने उनसे माइक छीनी है वो गांगुली भाव में आ गए हैं । कहते सुने गए कि उत्तर प्रदेश के चुनावों में जिम्मा न मिला तो दिल्ली के एमसीडी चुनाव का तो काम मिल ही जाएगा । मेरे इतने भी दिन खराब नहीं हुए हैं । बाबा बोले सही है अरुण जी..गांगुली भी यही कहता था । मैच रणजी हो या मोहल्ले का... क्रिकेट खेलता रहूंगा । संयास नहीं लूंगा ।
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