कल रात पाश मेरे सपने में आया था
मरे हुए सपनों की अर्थियां सजा रहा था
बीच बीच में फूलों को रखते हुए और
बांस के फट्टे से मुर्दा सपनों को बांधते हुए
बुदबुदाता जा रहा था,लतियाते हुए मुझको
सबसे ख़तरनाक होता है हमारे सपनों का मर जाना
उससे भी ख़तरनाक होता है उनकी अर्थियां न उठाना
न जलाना उनको,न पहुंचाना शमशान में जिनको
ढोते रहना लाश को,काम पर आते जाते रहना
चुपचाप देखते रहा मैं अपने तमाम मरे हुए सपनों के बीच
आग पैदा कर देने वाले उस कवि को
जो हांफने लगा अचानक, बंद हो गई उसकी धौंकनी
मुर्दा सपनों के बीच एक अधमरा सपना देख कर
फिर बुदबुदाने लगा पाश, लतियाना बंद कर दिया मुझको
गा रहा था...चीख रहा था और जल्दी जल्दी लिख रहा था
सबसे ख़तरनाक होता है, हमारे सपनों में सांसों का बच जाना
न मरना एकदम से, न उनका जिंदा कहलाना
बचे हुए के नाम पर, चंद उम्मीदों का रह जाना
सबसे ख़तरनाक होता है,मरने से पहले आखिरी सांसों का आना जाना
डाक्टर को बुलाना, जीवन बीमा को भंजाना और रिश्तेदारों को फोन करना
सबसे ख़तरनाक होता है, मरे हुए सपनों को लेकर किसी कवि को सुनना
उससे आंखें मिलाना और उसकी कविता से लजाना
राशन की दुकानों से दफ्तर की अटेंडेंस सूची में बकायेदार की तरह
हर दिन अपने नाम को पढ़ना, हर दिन किराया देना
क्या क्या खतरनाक नहीं होता पाश, लेकिन इन सबमें
सबसे खतरनाक होता है,हमारे चंद सपनों का बचे रह जाना
सबसे अच्छा होता, हमारे सपनों का मर जाना
8 comments:
सबसे अच्छा होता है हमारे कुछ सपनों का पूरा हो जाना। सबसे अच्छा होता है, हमारे कुछ सपनों का सपना ही रह जाना। सबसे अच्छा होता है आंखों में सपने ही न आने देना। लेकिन क्या वाकई ऐसा होता है। लेकिन उनका मर जाना हमारे मर जाने से कहीं बड़ा है।
अच्छा लिखा है।
सपनों के बिना क्या जीना हो पाता है? एक मरता है तो चुपके से एक या दो और नए उग आते हैं।
बहुत सुन्दर कविता।
घुघूती बासूती
ना जाने कितने सपने कॉमा में हैं.....
बहुत अच्छी लगी...।
सपने क्या सच में मर पाते हैं . सपने के बिना कोई ज़िन्दगी क्या होगी ..अच्छा लिखा है आपने
सपने वो नहीं
जो सोते हुए दिखते हैं
सपने वो हैं
जो सोने नहीं देते,
यूं तो वोहर रोज़
टूट कर तड़पते हैं
मगर सपने ही हैं
जो रोने नहीं देते,
बनते हैं रोड़ा
किसी और के सपने
जो सपनों को हमारे
पूरा होने नहीं देते
jo sapne duniya ko khatarnaak lagne lagen un sapnon ki taqat ke baare men kya kahna. pash ko yaad kara diya aapne...
shukriya!
Dream is dream.but it is depend on your thought and it died and live on your work which have did in would.as Pash
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