जाती जाती सर्दी है
आती आती गर्मी है
डालो न हम पे
पानी रे
इक दिन तो आया है
सब दिन कैसे बदरंग रे
रंग ले लो, संग ले लो
डालो न हम पे
पानी रे
उड़ती उड़ती ए हवा
होश उड़े हैं चिलमन से
उड़ने दो इनको आज यहां
डालो न इन पे
पानी रे
जो छुपा है वही खिला है
गहरा है कितना रंग रे
मल मल दे तू आज सखी
हर अंग तू गुलाल रे
सस्ता है हर रंग यहां
चढ़ता है पर जतन से
लाल,पीला,हरा, नीला
रंग दो न मुझको
रंग से
कब आएगी अबकी होली
एक बरस में आई है
आने से इसके सब खिले है
मुझको भी खिल जाने दे
डालो ने मुझ पे
पानी रे
2 comments:
होली की बहुत शुभकामनायें.
होली की हार्दिक शुभकामनायें ।
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