बिहार के आर के लक्ष्मण का कार्टून












पवन कारीगर का कमाल पेश है। पब्लिक का डिमांड था सो आज ही पूरा किया जा रहा है। देखिये। बताइये। बस फोटो को क्लिक कीजिए। एकदम्मे बड़का हो जाएगा तो लऊकेगा साफ साफ। पवन की पत्नी रश्मि ने कुछ परिचय भेजा है। सोलह बरीस से इ हुनरमंद कमाल कर रहा है। प्रतिष्ठित हैं। सोलह साल से प्रभात खबर, दैनिक आज, नवभारत टाइम्स और दैनिक जागरण में पवन के कार्टून छप रहे हैं। कार्टून कोना ढब्बू जी नीयत। १९७७ में पवन जन्मे हैं। तब से आंधी की तरह कार्टून बना रहे हैं। लालू प्रसाद यादव पर पवन के कार्टून लोकप्रिय रहे हैं। इन दिनों नीतीश भाई को ठीक किये हुए हैं। हर दिन याद दिला देते हैं कि भाई भाषण से ना होई। राशन बांट। आप कार्टून देखिये। भाषा देखिये और अंदाज़ भी। फिर बताइये कि मैंने आर के लक्ष्मण से तुलना कर सही किया या नहीं।

10 comments:

Anurag said...

Kamaal ke cartoon banaye hain bhai Pawan ne, (mein bhi 1977 ki paidaish hoon aur tabse zindgi ki utha patak mien cartoon bana hoon.) Kambal download karne ki baat ne to jaan hi nikaal li. Saath hi aapne jo khoja hai us se lagta hai aap bade paarkhi type ke khoji hai. Vaise lage haath 24 december ki raat ke `Refrigerator' vaale kisse ne bhi sochne ke liye mazboor kiya. Mera bhi blog padhiye, Ummeed hai aapko mazaa aayega. Mera BLOG hai `anuragi-anurag.blogspot.com' Anurag

सतीश पंचम said...

ए रवीश भाई, अबहींए कमेंटियाये हैं पिछली पोस्टवा पर, तबले एक ठो और पोस्टवा ठेल दिये, अउर उ भी एकझांपल के साथ। जुटल रहो...औरो एकझांपल देले जाओ....हम लोग भी रेडिये हैं लोकने-लपकने के खातिर :)

ambrish kumar said...

bhdesh bhasha me majedar cartoon.

सुनील मंथन शर्मा said...

bahut behtrin, man gadgad ho gaya.

कुमार आलोक said...

बिहार में जब भीषण बाढ आइ और जब नीतिश सरकार के खिलाफ अखबारों में रपटें छपने लगी तब बिहार सरकार के पीआरडी विभाग ने उन अखबारों को सरकारी ऐड ना देने की धमकी दे डाली । बाद में दिल्ली की मीडिया जब पहुंची तब जाकर कोसी का कहर मीडिया में साफ दिखने लगा । हालांकि उस समय पवन के कार्टून राज्य सरकार की धज्जीयां रोचक तरीके से उडा रही थी । बिहार में लोग खबरों को बाद में पढते है पहले पवन के कार्टून को पढकर तरोताजा होते है । आप ने बेहतरीन कार्टूनों को प्रस्तुत कर ऐसा महसूस कराया जैसे आम आदमी भी बिहार की गलियों में सैर कर रहा हो । निश्चित रुप से पवन बिहार के R.K Laxman है।

रात का अंत said...

पवन भाई के कर्टूनवा देख के त मन प्रसन्न हो गया..गजबे कटाक्ष करते हैं..इनका पैनापन त बढ़ीया बढ़ीया नेता का नेटा चुआ देगा..आ क्या कहे बड़ाई में नीतिश बाबू त अपना कार्टून देख के रोजे दाढी बनाने चल जाते होगें की कहीं पवनवा और दाढ़ी न कल होके बढा ठीके बोले न रविश सर ?

निशांत

रात का अंत said...

पवन भाई के कर्टूनवा देख के त मन प्रसन्न हो गया..गजबे कटाक्ष करते हैं..इनका पैनापन त बढ़ीया बढ़ीया नेता का नेटा चुआ देगा..आ क्या कहे बड़ाई में नीतिश बाबू त अपना कार्टून देख के रोजे दाढी बनाने चल जाते होगें की कहीं पवनवा और दाढ़ी न कल होके बढा ठीके बोले न रविश सर ?

निशांत

संजीव said...

पवन के कार्टून देखकर एकबारगी अपनी भाषा-बानी की याद आ गई। खासकर बीफे को मुर्गा रहने देने वाला कार्टून तो बेहद दिलचस्प है...आपने पवन की तुलना आरके लक्ष्मण से की है। ...लेकिन सही पूछिये तो पवन निजी तौर पर मुझे कार्टून की दुनिया के फनीश्वरनाथ रेणु लगते हैं। जिनके पास अपनी खास भाषा है...चीजों को देखने का अपना एक भदेस अंदाज है। रेणु की यही ताकत है जो आजतक हम सबकी याद में जिंदा है। लेकिन रेणु के साहित्य और पवन के कार्टून की यही कमजोरी भी है। उनपर एक सूबाई फनकार होने की तोहमत लगा देना आसान है और बहुत हद तक इसे समझा भी जा सकता है। आप देखें तो पवन के कार्टून बिहार या पूर्वांचल को जितना गुदगुदाएगा...झकझोरेगा, देश के बाकी हिस्सों में उसके बेअसर रहने का भी खतरा है।....इसलिए आपने सही ही कहा कि पवन -बिहार- के आरके लक्ष्मण हैं। हम सबको उन्हें हिंदुस्तान का आरके लक्ष्मण बनने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए ...

संजीव said...

पवन के कार्टून देखकर एकबारगी अपनी भाषा-बानी की याद आ गई। खासकर बीफे को मुर्गा रहने देने वाला कार्टून तो बेहद दिलचस्प है...आपने पवन की तुलना आरके लक्ष्मण से की है। ...लेकिन सही पूछिये तो पवन निजी तौर पर मुझे कार्टून की दुनिया के फनीश्वरनाथ रेणु लगते हैं। जिनके पास अपनी खास भाषा है...चीजों को देखने का अपना एक भदेस अंदाज है। रेणु की यही ताकत है जो आजतक हम सबकी याद में जिंदा है। लेकिन रेणु के साहित्य और पवन के कार्टून की यही कमजोरी भी है। उनपर एक सूबाई फनकार होने की तोहमत लगा देना आसान है और बहुत हद तक इसे समझा भी जा सकता है। आप देखें तो पवन के कार्टून बिहार या पूर्वांचल को जितना गुदगुदाएगा...झकझोरेगा, देश के बाकी हिस्सों में उसके बेअसर रहने का भी खतरा है।....इसलिए आपने सही ही कहा कि पवन -बिहार- के आरके लक्ष्मण हैं। हम सबको उन्हें हिंदुस्तान का आरके लक्ष्मण बनने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए ...

आनंद said...

पवन के कार्टून हमें भी बहुत पसंद आ रहे हैं। आपका धन्‍यवाद कि आप इसे अपने ब्‍लॉग में दे रहे हैं। कृपया इसे जारी रखें। बहुतै मजा आता है।


- आनंद