लगता है मेरा सपोर्ट तुम्हारे काम नहीं आएगा । जो लोग तुम्हें बचा रहे थे वो अब गुर्राने लगे हैं वर्ना वे नहीं बच पायेंगे । जिन जिन दलों के बंदों को तुमने जुटा रखा था उनके आकाओं ने उनका खाका खींचने का मन बना लिया है । अब उनमें इस बात की होड़ मचेगी कि उनके कहने के बाद ही तुम्हारा इस्तीफ़ा संभव हो सका । ये तमाशा देखना है तुम्हें । तुमको सेट असाइड हो जाना था । स्टेप डाउन से तो वही अच्छा था । इस्तीफ़ा टाइप करते वक्त कोई मोरल और इमोशनल स्टैंड ले लेना । इस्तीफ़ा नार्मल है ।
अत: तुम रात-बिरात इस्तीफ़ा देकर छाता लेकर घनी बारिश में कही निकल जाओ । ये क्लब-कमेटी की पोलिटिक्स में ऐसा हो जाता है । समय ख़राब है । दुनिया अपने दामादों को बचाकर तुम्हारे दामाद को पीछे पड़ी है । बीसीसीआई तुम्हारे बाद इतना नैतिक और क्लीन हो जाएगी कि तुम दूर से ही देखकर दुख भरी साँस लोगे । अभी तक हिन्दी साहित्य में सुख भरी साँस थी लेकिन मैंने तुम्हारे लिए दुख भरी साँस लाँच किया है । अब तुम्हारी औकात हमेशा के लिए कम हो जाएगी । तुम सीमेंट बेचने ही लायक थे । वही बेचना । इंडिया में मकान बनाना और रन बनाना ये लाँग टर्म सपना है । चलेगा । थोड़ी रेत मिलाकर अपना घाटा पूरा कर लेना ।
आगे से एक बात का ध्यान रखना । बीसीसीआई में एमपी मत रखना । इनकी बहुत ज़्यादा वो नहीं होती है । वो बोले तो औकात । पार्टी अध्यक्ष को ही मेंबर बनाना । सांसदों को अध्यक्षों के हिसाब से चलना पड़ता है । वे जिस क्लब से होते हुए तुम्हारे क्लब में आते हैं उनके बाॅस की ज़्यादा चलती है । वर्ना वहाँ से बाहर हुए तो ज़ाहिर है तुम भी उन्हें नहीं रखोगे ।
टीवी मत देखना । तुम्हें बुरा लगेगा कि वहाँ इस्तीफे की घड़ी चल रही होगी । अब तुम्हें देना ही होगा । मुझे बहुत दुख है । तुम्हारे जाते ही सारे अनैतिक नैतिक हो जायेंगे । अपना प्लेन है न । ठीक है । एयरपोर्ट पर ज़्यादा प्रोब्लम नहीं होगी तब ।
दे दो जो तुम नहीं दे रहे थे । ये इस्तीफ़ा क्या चीज़ है तुम क्रिकेट से कुछ भी कमा सकते हो तो क्रिकेट के लिए कुछ कर भी सकते हो । साबित कर दो । कुछ ख़ुलासा तुभी कर दो । डरो मत । बक दो । शुक्ला जी और जेटली जी को छोड़ कर । इनसे बिगाड़ मत करना । चुनाव का टाइम है । बाद में दोनों में से कोई एक काम आ सकता है । बाक़ी की चिन्ता मत करो । उनको तो बीट रिपोर्टर ही निपटा देगा ।
श्रीनी तुम इस्तीफ़ा दो, कोई तुम्हारे साथ नहीं है ।
ये नया नारा है ।
तुम्हारे लिए ।
तुम्हारा एक प्रशंसक
रवीश कुमार