ऑन रोड अंग्रेजी

लखनऊ से हमारे फेसबुकिया दोस्त सैय्यद मोहम्मद सोबान ने भेजी है। सोबान भी पत्रकारिता से जुड़े हैं। उन्होंने मेरे फेसबुक पर ये तस्वीर पोस्ट की थी लेकिन मुझसे रहा नहीं गया सो आप सभी के लिए उधार मांग ली।

नाम की भाषा से काम की भाषा बनाने वाले इस अंग्रेजी प्रचारक का लख-लख नमन। एलिटिया भाषा से फुटपथिया भाषा बनाने का मौलिक आइडिया अन्वेषण करने वाले इस युग मर्द का नाम पता लगाया जाना चाहिए। चिनिया बादाम खाते जाओ,अंग्रेजी सीखते जाओ। ऐ भइया, ऐ दीदी। आते जाओ,सीखते जाओ। एक रुपया में एक अंग्रेजी। खुदरा दीजिएगा। चेंज नहीं है। हमारे यहां से अंग्रेजी सीखे हुए लोग ओबामा तक से बतियाते हैं। शर्तिया अंग्रेजी सीखें। भगन्दर बावासीर ठीक हो न हो,अंग्रेजी ठीक हो जाएगी। कुंठित मन मचलन की बीमारी से मुक्त होने का वक्त आ गया है, अंग्रेजी सीख लेने का सुनहरा टाइम आ गया है।

12 comments:

Unknown said...

नमस्कार!
अछा है मुझे भी फेस्बुकिया मित्र बना लीजिये.

प्रवीण पाण्डेय said...

जय हो देश का, अंग्रेजी पर फिदाये पड़े हैं।

mukti said...

हे भगवान ! बेचारी अंगरेजी के ये दिन आ गए हैं.

Syed Mohd Sauban said...

sir bohat bohat shukriya

नितिन | Nitin Vyas said...

व्हाट एन आईडिया सर जी! (अब्बई एक ठो रुपया देके जे सीखो भईया)

Unknown said...

aacha hai india main log abhi bhi jugad technology main jee raha hai ,aur English Road par hi seekh raha hain

जीवन और जगत said...

तस्‍वीर में दिख रही लडृकी प्रतिनिधित्‍व करती है उन हजारों लाखों बच्‍चों का जिनमें पढने की ललक है पर जिन्‍हें अवसर नहीं मिलते कभी घर वालों के कारण, कभी समाज, तो कभी शासन'प्रशासन के कारणा फिलहाल आपकी पोस्‍ट बहुत अच्‍छी लगीा

योगेश कुमार 'शीतल' said...

ऐसे ही दिन हिंदी ke भी आएँगे दिल्ली में.वेट कीजिये.

sanjay said...

रविश सर, अंग्रेजी अब रास्ते पे आ गई!
इस से मुमकिन है लोग भी 'नई सड़क' पर चलने लगे बढिया है..!
सवजी चौधरी, अहमदाबाद, ९९९८० ४३२३८.

kirtan said...

Dear ravishg,
english mata nahi.madiar say saikal tak .ab to bagvan hi bachaya english say.

Unknown said...

raveesh jee aap bhi english seekh lijiye inse ku ki aisa sunahara mauka phir nahi ayega .ravvesh jee aapki jab bhi reporting dekhta hoo to aisa lagta hai ke jaise mai koi comedy show dekh raha hoo.kyo ki aap wyang k teer arjun ke tarah chalate ho.jo hamesa satteek lagta hai. us se badi baat hai ke aap us teer se apne aap ko bhi achuta nahi rakhte. yaad hai wo reporting karte hue jab aap ek patle raste se chat par chad rahe the.

Pankaj kumar said...

आवहु सब मिल रोबहु अंग्रेज भाई
इंग्लिश दुर्दशा अब देखि न जाई