प्रो सुहास चक्रवर्ती ने दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास पढाया है। आधुनिक भारत का इतिहास पढ़ाते थे। मूलत बाग़ी तेवर के प्रो चक्रवर्ती के पढ़ाने का अंदाज़ अलग था। उनकी अंग्रेज़ी और तीखे व्यंग्य के साथ निकलते वाक्यों से छात्रों में जोश भर जाता था। एम ए के क्लास में उनकी बातें निराली होती थीं। उनके अंदर एक टीस रही। प्रतिभाशाली और अच्छा काम करने के कारण उन्हें वो श्रेय नहीं मिला जिसके वो हकदार समझते थे। वो अंतर्विरोधों को इतने बेहतरीन तरीके से पेश करते थे कि सामने वाले की हालत ख़राब हो जाया करती थी। भाषा पर एकाधिकार तो लाजवाब था।
सेंट स्टीफेंस कालेज के छात्र रहे प्रो चकवर्ती ने कैम्ब्रीज विश्वविद्यालय से पीएचडी की। अपने कालेज में कई साल तक पढ़ाया। उसके बाद एम ए के छात्रों को पढ़ाने लगे। उनकी लिखी कई किताबें मशहूर हैं। अगर शानदार भाषा में ज़िंदादिल इतिहास लेखन से रूबरू होना हो तो आप डिक्शनरी लेकर बैठिये और पढ़िये। मज़ा आएगा। प्रो चक्रवर्ती का निधन तीन मई को दिल्ली के होली फैमिली अस्तपाल में हुआ। मुझे भी मौका मिला है उनसे पढ़ने का। हिंदी माध्यम का होने के बाद भी वो हमेशा ध्यान देते थे। उनको सुनना किसी भी भाषा को समृद्ध करता था। उनकी कुछ किताबें हैं-
1. From Khyber to Oxus
2. Anatomy of the Raj
3. Raj Syndrome
4. India League's condition of India
5. Afganistan- The Great Game
6. Three volumes on V K Krishna Menon
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