कुछ नए शब्दों की तलाश में

MOOD CHANGE का हिंदी में समानार्थी शब्द क्या हो सकता है? मन परिवर्तन। क्लिष्ट लगता है। इसका समानार्थी एक शब्द गांव में सुनाई दिया। जब एक सज्जन ने कहा कि वो ज़्यादा चाय नहीं पीते लेकिन कभी कभी मनफेरवट के लिए पी लेते हैं। मनफेरवट। यानी मन को फेर देने वाला। फेरना यानी बदल देने वाला। मू़ड चेंज का समानार्थी शब्द।

करेंसी का भी भोजपुरी में एक शब्द है। ढेबुआ। कहते हैं पाले ढेबुआ रखले बाड़अ। मतलब पैसे हैं पास में।

हेन-तेन और तेला-बेला जैसे व्यावहारिक शब्दों का जवाब नहीं। हेन-तेन MESSING UP का समानार्थी शब्द हो सकता है। भोजपुरी में इसका प्रयोग इस तरह से होता है- समूचा हेन-तेन कर देहलस।

तेला-बेला- लोग कहते हैं बड़ी तेला-बेला करके दू पैइसा कमइनी ह। यानी पापड़ बेल कर या फिर हेराफेरी कर पैसा कमाया है।

एक चाट वाले ने अपने ठेले पर लिखा था-
प्यार झुकता नहीं, उधार बिकता नहीं

10 comments:

क़ैसर रज़ा said...

का रवीश भईया भोजपुरी के ढेर चैनल आवता का इरादा बा। ए घड़ी बड़ा हाला बा ओकर। चलअ एगोबात बा तहरा भोजपुरी के बारे में लिखला से उ लोग के आसानी होई जे दांत पिजावता उ सब चैनल में जाए खातिर। वइसी दिल्ली में भी भोजपुरी के ले के सेमिनार भइलहां।
बढ़ीयां बा रवीश भाई अउर एइपर लिख
ह पहीला लाइन के जवाब दे देबअ त बढियां रही।

Yunus Khan said...

आपको कुछ और शब्‍द बताते हैं । बुंदेली में गिर जाने को कहते हैं बगर जाना । उदाहरण पर नज़र डालिए: कल केमिस्‍ट्री के प्रोफेसर मिश्रा जी सिविल लाइंस चौराहे पर बगर गये । स्‍कूटर भी पसर गओ । 'बगरना' का कोई जोड़ मिलेगा आपको ।

फिर जिसे मुंबईया लोग 'वाट लग गयी' कहते हैं उसे जबलपुरिया बुंदेली में 'लाई लुटना' कहते हैं । आप समझ गये होंगे अर्थी में लाई लुटाई जाती है । इसी का एक रूप है 'प्‍याज़ कटना'। उदाहरण देखिए: अरे यार हिस्‍ट्री के परचे में तो अपनी लाई लुट गयी/ प्‍याज़ कट गयी ।
बताईये इसका अंग्रेज़ी शब्‍द मिलेगा कुछ ।

अब हम इत्‍ती देर से उदाहरणों की लंबी बात कर रहे हैं । उसे मित्रों की भाषा में कहते हैं 'चटाई बिछा देना' । यार यूनुस तुम 'चटाई'बहुत बिछाते हो । इस 'चटाई' का जोड़ है क्‍या कोई ।

लेकिन अगर ये 'चटाई' काम की बातों की हो । तो मित्र उसे कहते हैं 'ज्ञान बिड़ी पिलाना' । सागर विश्‍वविद्यालय में पढ़ाई के दिनों का वाक्‍य होता था- आज त्रिलोचन जी के पास गए रहे, बढिया ज्ञान बिड़ी पिलाई उन्‍होंने । मजा आ गओ । बताईये इन शब्‍दों के कोई और जोड़ हैं ।

Manas Path said...

हर भाषा की अपनी विशिष्टता होती है. सबसे ज्ञान लें. इनमें तुलना अच्छी बात नहीं.

ब्रजेश said...

इलाहाबाद में एक हम डेलीगेसी में रहते थे। हमारे कमरे पर एक दोस्त आए। बोले अरे यार यहां तो बड़ा गांउज है।
गांउज यानी कि शोरगुल अस्त-व्यस्त।
इसी तरह अंगरेजी के बर्नर के लिए एक और शब्द है अइला। हमारा चूल्हा तीन अइला क ह।
गलचउर भी एक शब्द है इसका मतलब होता है फालतू बातें करना। ढेर गलचउर मत करा।
बचपन में हम बेईमानी को गलिया कहते थे जैसे- गलिया करके जीत गयल या उ बहुत गलिया करेला।
इसी तरह ढे़र सारे शब्द हैं बस याद करने की जरुरत है।

कुमार आलोक said...

भोजपुरी में लबार का arth है झूठा , मारअ..फलानवा के बात पर विश्वास मत कर उ त सार लबार ह..मेरा बिहार में एक साफ्टवेयर सेंटर था , एक लडकी थी एससीए कर रही थी ..अंग्रेजी भी उसकी अच्छी थी ..मैं उसके घर गया वो बोली सर वहा निशैनी है झुक कर आइयेगा..मगही में निशैनी को सीढी कहते है..

Sarvesh said...

Jab hum apni bhasha (bol-chaal waali) se nikal kar dusari bol-chaal waali bhasha me ghusate hain to bada azeeb mahsush hota hai. koi koi shabd pahli baar sunte hain to aur oont-patang lagta hai. Bhojpuri aur Hindi lagbhag milta julta hai. Bhojpuri bolne waale jab hindi bolte hain to aksar bhojpuri ke shabdo ka prayog kar dete hain. Jab ek non-bhojpuri sajjan oosko sunte hain to oonako bada maja aata hai. Ye natural hai.
Jamshedpur me ek Ojha jee hain jo Bhojpuri kahavat ka kitab nikale hain. Ek ek Kahavat aapke chehare par mushkan laa degi.

Waise badhiya hai. Ab hum jaada labar labar naa karenge.

Ram N Kumar said...

हमारी मुजफ्फरपुर की बज्जिका भाषा मे:
धहलेल बोले तो वो जिसको कोई भी समझ नही हो . जब कोई ज्यादा बोले तो लबरदौर.
हमारी अंग्रेज़ी की भी अपनी बोल है...फ्रस्तिया गया है
ढेला बोले तो मूर्ख.....
गुस्सा को पिनकी बोलते है..

और भी बहुत है...बहुत मिस करते है इसको हम तो.

JC said...

Ravishji says currency is ‘Debua’ in Bhojpuri. It is ‘Dabbu’ in Telugu in South India, and ‘Dhipu’ in the dialect spoken in the Hills of Uttarakhand!

Is it coincidence? Doesn’t it prove the belief that languages evolved according to the requirements of a particular region from time to time…when Aryans migrated to different lands…from God alone knows where! Ancient Hindus talk of ‘churning of the milky ocean’ to convey transmigration even of souls!

Bhasha is a medium of communication between life forms of same kinds...

छलिया प्रभात said...

रविश भईया, पांव लागी.... राउर शब्द खोजो यात्रा में अनेक लोगन के सुझाव पढ़नी त मन कईलस की आपनों ज्ञान सरिता बहावल जाओ... कई शब्द अईसन बाटे जेकर प्रयोग आज बिगड़ल रुप में होता... उदाहरण ,अरे एकरा 'लांड़ मुरई के पता नईखे'..मतलब इसे कुछ समझ में नहीं आता... इ मुहाबरा के वास्तविक संरचना अईसे बा.... 'लाड़ मुद्दई के पता नईखे' लाड़= दुलारा या प्यारा या हितैसी और मुद्दई= दुशमन, मुहाबरा के अर्थ भईल इसे दोस्त और दुश्मन की समझ नहीं है chhaliya

sanjay vyas said...

shabdon ke mool arth kai badal jaate hai. marwari main aakash ke liye prachlit saahityik roop AABHO raha hai jo sanskrit ke ABHR se shayad nikla hai. par wahan to iska arth badal hota hai. shabdo ke in rochak prayogon ki jaankari ke liye shukriya.
SANJAY VYAS