राहुल बाबा का बाइस्कोप



यूपी के चुनावी मेले में एक बाइस्कोप घूम रहा है । राहुल बाबा का बाइस्कोप । इसमें तीन खाने हैं । एक खाने से गांधी परिवार का कैलेंडर घूमता हुआ दिखता है तो दूसरे से यूपी का बीस साल पहले वाला स्वर्ण युग और तीसरे से मौजूदा नरक युग । टाटा सफारी से यह बाइस्कोप निकलता है और कुछ भी बोल देता है । पहले लगा कि नौजवान नेता नई बात करेगा । लड़ने आया है । कुछ सीखने और कुछ करने आया है । पर क्या है न ये लगने की बीमारी, होने की हकीकत से बड़ी दूर होती है । इसीलिए हम भी एकाध रोड शो में बाइस्कोप देखने चले गए ।

दूधिया सफेद एक लड़का खादी के कुर्ते में । इस देश में खादी का कुर्ता लोकप्रिय न होता अगर मोतीलाल और जवाहरलाल नेहरू ने गांधी जी के कहने पर पेरिस से धुल कर आए पतलूनों को जलाया न होता । शुक्र है बाबा के बाइस्कोप में अभी यह नहीं बोला गया है । माइक से राहुल बाबा बोले जा रहे हैं । लगता है कि दोस्तों के साथ पिकनिक पर निकले हैं । उनको जता रहे हैं कि तुम किसी मामूली के साथ नहीं निकले हो । यह देश देख रहे हो न हमारा है । दोस्त भी कहते हैं- वाव राहुल इट्स ऑल योर फैमिल..अमेज़िंग यार । अरे नौजवान क्यों बेवकूफी की हरकतें करते हो । पाकिस्तान का बंटवारा आपके परिवार की देन है तो बीजेपी कह देगी कि उससे पहले भी हिंदुस्तान पाकिस्तान का बंटवारा आपके परिवार की देन है । जिसके एक सदस्य देश के आज़ाद होने से पहले ही खुद को प्रधानमंत्री समझने लगे थे । जैसा कि आप भी खुद को भावी प्रधानमंत्री के रूप में देखने लगे हैं । भला हो मनमोहन का जिन्होंने आपको यूपी का भविष्य बता दिया है । लालू पहले बोले थे कि आपको मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बना देना चाहिए । मगर कांग्रेसी भड़क गए । और आप चुप रह गए । बताया भी नहीं कि आप नहीं तो कौन यूपी का नया भविष्य होगा । हिम्मत है क्या भई कह देने की । भावी प्रधानमंत्री को यूपी का भावी मुख्यमंत्री । ये हो क्या रहा है कांग्रेस में । कहीं बाबा को यूपी में सेट करने की सियासत तो नहीं चल रही । राहुल बाबा भी तो साफ नहीं करते ।

फिलहाल बाइस्कोप बने घूम रहे हैं । लोग भी देखने आ रहे हैं । और भीड़ देख कर बाइस्कोप को भरम हो गया है कि वह सिनेमास्कोप हो गया है । पर राहुल जी छोटा पर्दा इतनी आसानी से बड़ा नहीं होता । आप यूपी मे बाइस्कोप मत बनिये । नई बात छेड़िये । अगर छेड़ सकते हैं तो । देश में पहली बार नहीं हो रहा है कि किसी नेता ने अपनी टीम बनाई हो । प्रमोद महाजन, उससे पहले आपके पिता जी...इन सबकी अपनी टीम हुआ करती थी । पार्टी से अलग । इसका नतीजा ज़ीरो रहा । आपके पिता जी बदनाम हो गए और प्रमोद महाजन की टीम के बाद भी बीजेपी हार गई । हर नेता के पास विश्वस्त लोगों की टीम होती है । पर वो जानकारी के लिए होती है सियासत के लिए नहीं । अब आप देखिये कैसे यह बयान आपके बाइस्कोप को धुंधला कर देता है । अरे भई...हमारा नौजवान ऐसी बेवकूफी करेगा तो कैसे नौजवान उसके पीछे आएगा । दुनिया में किसी भी आंदोलन का इतिहास देखिये..नौजवान सेक्स अपील पर नहीं कूदता । उसे कार्यक्रम देना होता है । मौजूदा व्यवस्था से एक प्रस्थान बिंदु तय करनी होती है । आपने कोई नया कार्यक्रम दिया है । आपका भाषण कुल मिलाकर बेकार है । वो शानदार और जानदार हो सकता है । राहुल बाबा आपके पास मौका था कि नौजवान होने के नाम पर सियासी अतीत से छुटकारा पाने का । मगर आपने उसे अपने बाइस्कोप में लाद कर ठीक नहीं किया । आप तो अतीत में जाकर बुढ़ाते हुए लग रहे हैं ।

इसीलिए भीड़ में आए कई लोगों ने कहा हम तो राहुल बाबा को देखने आए हैं । वोट नहीं देंगे । वोट क्यों देंगे आप बताओ । बहुत सारे नौजवान नेता सांसद बन गए हैं तो क्या इनके आने से राजनीति बदल गई है । भई राजनीति तभी बदलेगी न जब जनता की हकीकत बदलेगी । जब तक आप जनता की हकीकत नहीं बदलोगे आप चिल्लाते रहो यह सियासत नहीं बदलने वाली । भले ही आप बोर हो जाए और पागल की तरह चीखने लगो कि इट्स टाइम टू चेंज । वक्त आ गया है । गांव के लोग और खड्डे के कस्बे में रहने वाले लोग कहते हैं यह वक्त कब आया भई ? राहुल बाबा सियासत की इस हकीकत का सामना करो । इससे भागो मत । रही बात नाना, दादी, पापा और मम्मी के योगदानों की तो उस पर आपका कापीराइट नहीं है । लोगों ने वोट दिया था । आप भी वोट मांगिये । यह मत कहिये कि मेरे नातेदारों ने ये किया वो किया..अब मैं यहां से जाने वाला नहीं..तुम्हें वोट देना ही होगा । आपसे यूपी की जनता ने कहा है क्या कि आप आइये...हम बदलने के लिए बेचैन बैठे हैं ?

चलो भई बाइस्कोप का टाइम ओवर हो गया । कब शुरू होता है और कब खत्म ...पता ही नहीं चलता । यही बीमारी है बाइस्कोप की ।

6 comments:

Sadan Jha said...

वाह साहब, बाइसकोप की कहानी कहुब कही. उत्तर प्रदेश हमेशा से िहंदुस्तान का चुनाबी िदल कहा जाता है. और, यही कारण है िक राहुल बाबा बज रहे हैं. लेिकन, अब देश का यह दिल को हर्ट अटेक हो गया है यह बात राहुल के जेहन में अ भी बैठी नही. बहरहाल, अाजकल इक और बाइसकोप लुभा रहा है मुझे. मध््यप्रदेश के प्रचार में, टी वी पर. इक और भी है, अपने वादशाह खान कमपेक कम्प्ुटर के प्रहार में मध्यवर्गीय ड्रीम मशीन के साथ. तो जनाब, तीन वाइसकोप अभी मेला में... तीनों खाव्् िदखाता, हिककत कहां?
सदन.

विशाल सिंह said...

दरअसल राहुल-सोनिया का तमाशा इसलिए चल जाता है कि बहुत सारे लोग अभी भी 'राज' वाली मानसिकता से बाहर नहीं निकले हैं। राजा का बेटा राजा, सोनिया के बाद राहुल, जैसे देश इन्हीं लोगों की बपौती है। कांग्रेस की चापलूसों, चमचों की फौज को तो अपना अर्थ बनाये रखने के लिए जीहूजुरी करनी पडती है, बाकि लोग इन्हें इतनी तवज्जो क्यों दे देते हैं।

चलते चलते said...

रवीश जी आपने राहुल बाबा का बाइस्‍कोप के माध्‍यम से सच्‍चाई को सभी के सामने रख दिया है। मेरे ख्‍याल से इसे राहुल गांधी पढ़ ले तो उनका भविष्‍य संवर सकता है और जो चाटुकार उनके साथ घूम रहे हैं, उनकी जरुरत नहीं पड़ेगी। लेकिन मैं आपसे कह सकता हूं वे इसे नहीं पढ़ेंगे। वे यह मानते हैं कि यह देश वही बात मानेगा जो मैं चाहूंगा, लेकिन ऐसा हो नहीं सकता। उनके चाचा संजय गांधी ने काफी कुछ चाहा लेकिन कुछ नहीं हुआ बल्कि जनता ने सत्‍ता से बाहर कर दिया। मेरी राय में तो राहुल गांधी को अपनी दादी, मम्‍मी के योगदान के अलावा चाचा संजय गांधी के योगदान का भी जिक्र करना चाहिए कि कैसे उन्‍होंने आबादी पर नियंत्रण के लिए कदम उठाए थे, लोग उन्‍हें खूब वोट देंगे और वे उत्‍तर प्रदेश में आजन्‍म राज करेंगे। ही....ही....

Ranjan said...

इन्ही सब योगदनो से तंग आकर इस परिवार को कई बार सत्ता से अलग कर दिया गया.

राहुल बाबा, इस देश कि जनता मुर्ख नहीं है. आपको देखने आते है इसका मतलब ये ना समझ लेना कि ये गुलामों की फौज है.

काम करके दिखाओ, वर्ना और भी लोग लाईन मे हे.

pichwada_buttocks said...

WAH WAH RAVISH KYA LIKHTE HO MAIN TUMHAARA DIWAAN HO GAYA HUN...MOHALLA BLOG SE YAHAN PAHUNCHA AUR AB TUMHAARE DIL ME BAS JAANE KA IRAADA HAI ....PLEASE HUMEN JAGAH DEDO

sushant jha said...

कमल जी, राहुल तो ये पोस्ट कैसे पढ पाएंगे...उन्हे देवनागरी तो आती ही नही...अपना भाषण वो रोमन हिंदी में पढते है।