रवीश जी ~ अभी हाल ही में मायावती के प्रदेश के गाजियाबाद शहर से प्रसारित समाचार से आप ही के बिरादरी, यानि मीडिया वालों से जानकारी मिली कि 'ज़हरीली शराब' पीने से ३७ (?) लोगों की मौत हो गयी...
और ऐसे समाचार देश के विभिन्न भागों से समय-समय पर मिलते रहते हैं...और दूसरी ओर यह आज कौन नहीं जानता कि हवा में, पानी में, खाने के सामान, आदि, आदि, में ज़हर कि मात्रा निरंतर बढती ही जा रही है - यहाँ तक कि राम की 'पतित पावन गंगा' भी मैली हो गयी है, यानि कृष्ण की यमुना के समान 'गंदे नाले' में परिवर्तित हो गयी है... किन्तु फिर भी 'मीडिया' वाले महाकुम्भ आदि पर विभिन्न स्थान में उमड़ी भीड़ की तस्वीर उतारने से नहीं थकते, जैसे यह उनकी मजबूरी हो - पापी पेट के कारण, एक नशे समान...
"सत्यम शिवम् सुंदरम" कहलाये जाने वाले 'शिव' के देश में, जिनका घर कभी गंगा के किनारे था और अब 'हिमालय-पुत्री', शैलपुत्री, यानि पार्वति के साथ विवाहोपरांत, घर-जमाई बन कैलाश पर्वत के शिखर में है,,,और उसके मूल में बने मानसरोवर ताल से भारत के अतिरिक्त पाकिस्तान, नेपाल, चीन आदि को भी विभिन्न नदियों द्वारा जीवन दायी पेयजल उबलब्ध कराया जा रहा है,,,और सबसे पवित्र गंगा नदी 'शिव के जटा-जूट' यानि हिमालयी जंगल के पेड़-पौधों से आरंभ कर यूपी, बिहार, बंगाल, बंगलादेश आदि भूमि के निवासी अनंत जीवों को जीवन दान देते आई है, अनादि काल से, जबसे हिमालय की उत्पत्ति 'जम्बूद्वीप' के उत्तर में भूमि के गर्भ से हुई थी...!
और प्राचीन ज्ञानी बता गए कि 'अमृत' पाने के उद्देश्य से देवता और राक्षश के द्वारा खींचातानी से 'समुद्र मंथन' करने के तुरंत बाद हलाहल / कालकूट यानि सर्वाधिक घातक विष उत्पन्न हुआ जिसे केवल शिव ही पार्वती की कृपा से अपने गले में धारण करने के लिए सक्षम थे और यूं 'नीलकंठ महादेव' कहलाये गए...वे ही केवल सोमरस (चन्द्रकिरण) पान के अधिकारी थे, और उनकी कृपा से उनके साथी 'पंचभूत' भी :)
sharab liquid ka sabse purest form hai, ganga jal mein keede lag sakte hain, sharab mein nahi.agar ise bhrashtachar dhone ka kam liya ja sakta hai, to liya jana chahiye.
बिना पिये जो मधुशाला को बुरा कहे, वह मतवाला, पी लेने पर तो उसके मुँह पर पड़ जाएगा ताला, दास द्रोहियों दोनों में है जीत सुरा की, प्याले की, विश्वविजयिनी बनकर जग में आई मेरी मधुशाला।
"बैर करते मंदिर मस्जिद मेल कराती मधुशाला" भैया शराब में बड़ी पावर होती है, और इसको पीने के बाद आदमी सच में आफिसर बन जाता है | और रही बात आगे चलने की तो अक टीवी विज्ञापन बताता है की रूपा बनियान पहनो तो सबसे आगे रहोगे| दिन को होली रात दिवाली रोज मनाती मधुशाला |
Yah taswir aaj ke most talented logon ki majbooriyon ko darsata hai kyoki hamare desh main hamari sarkar tatent ka anadar aur upekchha is parkar karti hai ki use apna pet bharne ke liye sarab mafia ke saran main jana parta hai.YAH TASWIR KISI SARAB MAFIA KI SOCH SE NAHI BAN SAKTI YAH TO BEHAD MAJBOOR TALENT KE DIMAG SE HI UPAJ SAKTA HAI.
19 comments:
"पंच लाईन शानदार है....."
प्रणव सक्सैना amitraghat.blogspot.com
kya yah kranti ka nayaa tarikaa hai ... ???? aapse bhi yahi sawaal...
arsh
काश ! 'राजा' भी यह पढ़ पाता !
चलो शराब से कुछ तो फायदा होता है
desh burai khatam karne ki nayi muhim hai.........
chahiye to swagat kijiye...
:-)
The Stel billboard, and now this one. We have similar tastes in the bizarre, these were my winter vacation favorites too.
By the way, cover the graffiti on the boundary walls Sanjay Gandhi zoo. They are somber and all, but somehow still hilarious.
यही कसर शेष थी। गांधी जी की स्मृतियाँ भारत वापस लाना स्मरण करा गई यह पोस्ट।
kya nazar paai hai aapne, shandar!!!
रवीश जी ~ अभी हाल ही में मायावती के प्रदेश के गाजियाबाद शहर से प्रसारित समाचार से आप ही के बिरादरी, यानि मीडिया वालों से जानकारी मिली कि 'ज़हरीली शराब' पीने से ३७ (?) लोगों की मौत हो गयी...
और ऐसे समाचार देश के विभिन्न भागों से समय-समय पर मिलते रहते हैं...और दूसरी ओर यह आज कौन नहीं जानता कि हवा में, पानी में, खाने के सामान, आदि, आदि, में ज़हर कि मात्रा निरंतर बढती ही जा रही है - यहाँ तक कि राम की 'पतित पावन गंगा' भी मैली हो गयी है, यानि कृष्ण की यमुना के समान 'गंदे नाले' में परिवर्तित हो गयी है... किन्तु फिर भी 'मीडिया' वाले महाकुम्भ आदि पर विभिन्न स्थान में उमड़ी भीड़ की तस्वीर उतारने से नहीं थकते, जैसे यह उनकी मजबूरी हो - पापी पेट के कारण, एक नशे समान...
"सत्यम शिवम् सुंदरम" कहलाये जाने वाले 'शिव' के देश में, जिनका घर कभी गंगा के किनारे था और अब 'हिमालय-पुत्री', शैलपुत्री, यानि पार्वति के साथ विवाहोपरांत, घर-जमाई बन कैलाश पर्वत के शिखर में है,,,और उसके मूल में बने मानसरोवर ताल से भारत के अतिरिक्त पाकिस्तान, नेपाल, चीन आदि को भी विभिन्न नदियों द्वारा जीवन दायी पेयजल उबलब्ध कराया जा रहा है,,,और सबसे पवित्र गंगा नदी 'शिव के जटा-जूट' यानि हिमालयी जंगल के पेड़-पौधों से आरंभ कर यूपी, बिहार, बंगाल, बंगलादेश आदि भूमि के निवासी अनंत जीवों को जीवन दान देते आई है, अनादि काल से, जबसे हिमालय की उत्पत्ति 'जम्बूद्वीप' के उत्तर में भूमि के गर्भ से हुई थी...!
और प्राचीन ज्ञानी बता गए कि 'अमृत' पाने के उद्देश्य से देवता और राक्षश के द्वारा खींचातानी से 'समुद्र मंथन' करने के तुरंत बाद हलाहल / कालकूट यानि सर्वाधिक घातक विष उत्पन्न हुआ जिसे केवल शिव ही पार्वती की कृपा से अपने गले में धारण करने के लिए सक्षम थे और यूं 'नीलकंठ महादेव' कहलाये गए...वे ही केवल सोमरस (चन्द्रकिरण) पान के अधिकारी थे, और उनकी कृपा से उनके साथी 'पंचभूत' भी :)
wase sach mein punchline waki achhi hai. sarkari sharab wali line hata do to uper wali line kuchh sochne ko najbur karti hai....
sharab liquid ka sabse purest form hai, ganga jal mein keede lag sakte hain, sharab mein nahi.agar ise bhrashtachar dhone ka kam liya ja sakta hai, to liya jana chahiye.
बिना पिये जो मधुशाला को बुरा कहे, वह मतवाला,
पी लेने पर तो उसके मुँह पर पड़ जाएगा ताला,
दास द्रोहियों दोनों में है जीत सुरा की, प्याले की,
विश्वविजयिनी बनकर जग में आई मेरी मधुशाला।
पंचलाइन वाकई में शानदार है
हा हा हा... वाकई बस अब शराब से ही कुछ होगा वर्ना नहीं.
solid!!! and impressive!
interesting...
"बैर करते मंदिर मस्जिद मेल कराती मधुशाला" भैया शराब में बड़ी पावर होती है, और इसको पीने के बाद आदमी सच में आफिसर बन जाता है | और रही बात आगे चलने की तो अक टीवी विज्ञापन बताता है की रूपा बनियान पहनो तो सबसे आगे रहोगे| दिन को होली रात दिवाली रोज मनाती मधुशाला |
Yah taswir aaj ke most talented logon ki majbooriyon ko darsata hai kyoki hamare desh main hamari sarkar tatent ka anadar aur upekchha is parkar karti hai ki use apna pet bharne ke liye sarab mafia ke saran main jana parta hai.YAH TASWIR KISI SARAB MAFIA KI SOCH SE NAHI BAN SAKTI YAH TO BEHAD MAJBOOR TALENT KE DIMAG SE HI UPAJ SAKTA HAI.
naasa shrab me nahi hamare andar hota hai..aur yah add hamare nashe ko basdane ke liye hi hai.. NASHA to kuch bhi ho sakta hai...
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