साज़िश इन सियासत

सियासत और साज़िश का अन्योन्याश्रय संबंध हैं। सियासत में कई तरह की साज़िशें होती हैं। एक साज़िश वो होती है जो की जाती है। दूसरी वो होती है जो नहीं की जाती है लेकिन किये जाने की बात कही जाती है। एक साज़िश वो होती है जिसके सबूत होते हैं, दूसरी वो होती है जो साबित नहीं की जा सकती। पार्टी से निकाला जाना हमेशा किसी साज़िश के तहत होता। विवाद भी साज़िश की ज़मीन पर पनपते हैं। साज़िश न हो तो सियासत में सारे आरोप अनाथ हो जाएं। सारे आरोपों का एक ही मां बाप है- साज़िश। साज़िश का खानदान काफी बड़ा है। हरा देने की साज़िश का अलग रोल है। सियासत में भी साज़िशों का गठबंधन होता है। जैसे वरुण गांधी पर एनएसए लगने के मामले में सापा का आरोप है कि बीजेपी और मायावती की साज़िश है। बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस और मायावती की साज़िश है। अब इन तीनों में आपसी बातचीत नहीं है लेकिन साज़िश ये मिल कर कर रहे हैं। साज़िश का अलायंस हो सकता है। कुछ साज़िशें विदेशों में रची जाती हैं। कुछ साज़िशें देश में रची जाती हैं।
आज कल कुछ साज़िशों की वीडियो रिकार्डिंग भी की जाती है। हंसराज भारद्वाज अपने बेटे सरीखे संजय दत्त से साज़िश करने गए तो रिकार्डेड हो गए। संजय दत्त ने भी कह दिया कि मैं क्यों न करूं साज़िश। बिल्कुल सही बात है। संजय को हक है कि वो साज़िश करे, वर्ना सियासय छोड़ दे। साज़िश से बिल्कुल न घबराये। ये होते रहने वाली बीमारी है। कहीं न कहीं होती रहती है। वो शख्स कभी साज़िश नहीं करता जो खुद के खिलाफ साज़िश होने का आरोप लगता है। जो आरोप लगाता है उसे भी लगता है कि साज़िश को सामने लाना उसका राष्ट्रीय कर्तव्य है। चुनाव के समय साज़िशें बढ़ जाती हैं। चुनाव खत्म होते ही रेस्ट पर चली जाती हैं।

4 comments:

Arun Arora said...

और आप को तो इन मामलो मे मास्टरी हासिल है :)वैसे मुंबई कांड मे एस एम एस से कमाये पैसे मुंबई कांद के घयालो को देने के मामले क्या हुआ रवी्श बाबू ? या वो चैअनल पर कहना सिर्फ़ ड्रामा था जैसे बाकी ड्रामे आप ब्लोग और चैनल पर करते रहते है :)

परमजीत सिहँ बाली said...

यह भी एक साजिश है;))

Unknown said...

बहुत बाड़िया... वाकई मे पड़कर आनंद आगय..

मे कुछ जान ना चाहता हूँ वो ये हे की.. आप कौनसी टाइपिंग टूल यूज़ करते हे…?

रीसेंट्ली मे यूज़र फ्रेंड्ली टूल केलिए डुंड रहा ता और मूज़े मिला “क्विलपॅड”…..आप भी इसीका इस्तीमाल करते हे काया…?

सुना हे की “क्विलपॅड” मे रिच टेक्स्ट एडिटर हे और वो 9 भाषा मे उपलाभया हे…! आप चाहो तो ट्राइ करलीजीएगा…

http://www.quillpad.in

खबरची said...

यह रविशजी की साजिश हैं...
साजिश के इस ज़माने में हर कोई साजिश कर रहा हैं आप ने भी साजिश करने वालो की साजिश को बेनकाब कर एक साजिश कर दी यही कहेंगे यहाँ साजिश करने वाले आप ने मीडिया को क्यों छोड दिया उस पर भी आरोप हैं साजिश का वरुण गाँधी को लेकर साजिश का आरोप मीडिया पर भी लगा हैं अब बारी क़स्बा की हैं क़स्बा पर भी साजिश का आरोप लगेगा....