मैं महान हूं
परचून की दुकान हूं
हल्दी धनिया अदरक
प्रकाशक लेखक विचारक
खुद की नुमाइश में
बिक्री योग्य सामान हूं
मैं महान हूं
साया न छाया
काया न माया
आगे न पीछे
दायें न बायें
अकेला खड़ा हूं
मैं महान हूं
जो लिखा है
वो लिख चुका हूं
जो कहा है
वो कह चुका हूं
मैं महान हूं
महान होना
आसान नहीं
दुकान खोलना
आसान नहीं
आज नगद
कल उधार हूं
मैं महान हूं
कई लोग
खारिज करते हैं
कई लोग
स्वागत करते हैं
विरोध और पक्ष में
हर तरफ बराबर हूं
मैं महान हूं
(उन सभी महान लोगों को जिन्हें लगता है कि वो महान हैं। महानता को समर्पित व्यंग्यरहित यह कविता दशहरा के पावन अवसर पर उन्हें भेंट की जाती है।)
14 comments:
अच्छी लगी।
वाह रवीश भाई!
आप तो सचमुच महान हैं.
अभी तो जा रहे हैं...एक बार प्रमोदजी हो जाएं...फिर वापस आकर देखेंगे
महानता की ये शायद सबसे उम्दा व्यंगात्मक परिभाषा होगी
वाकई महानता का ऐसा ढिंढोरा हर कहीं सुनाई देता है।
bahut karaara vyangya hai....aap umda likhte hain...lekh bhi, kavitaayein bhi....
nikhil
Dear Ravish ji,
For a long time I was in search of ur contact. Apki reports mujhe bahut pasand hai. By the way main bhi Zee news me stringer hoon. U.P. ke Farrukhabad me baith kar aas pass ke 100 Km circle me story karta rahta hoon. 10 saaal se is field me hoon. 4 saal se electronic media me. 2004 me apna local city news se electronic media me shuruaat ki phir ETV regional U.P aur hyderabad Ennadu desk se hota hua ab 1 saal se natioanl channel ki reporting kar raha hoon. Par kabhi kabhi lagta hai ki jo meri shoch hai vaisi story NDTV ka taste hai. Kya mujhe ek mauka mil sakta hai NDTV par story karne ka?
Agar mila to shayad main kuch aur achcha kar sakoon.
ye Gustakhi hi hai jo blog par comment ki jagah me apna avedan hi kar diya. Par kya kare adat hai. Ki jahan mauka mile chuko nahi.
Pankaj Dixit 09415333325
http://aajtak-khabarchi.blogspot.com/
महानता महान हैं.
बहुत अच्छी कविता। आप भी महान हैं।
सर कुछ नया पोस्ट करिए न कई बार लौट चुका हूं कस्बे से कि नया पढ़ने को मिलेगा, डालिए कुछ
webdunia me ravish ji...kya baat hain
सटीक, खरी-खरी।
बढ़िया है,,,, महानता क्या है... कुछ ऐसी......
साधुवाद....
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