Hello Ravish Ji, Just watched Hum Log - Rakhi Bidlan's interview. Just started thinking how this great father raised her daughter. Heads down in respect for the family. Thanks and Regards. Ashutosh
Ravishji, Maaf karna par fir se Ramdevji ke saath tax par discussion mat karna. Ye desh ke samay ka bahut bada nuksan hai. Wo kah rahe hai, cash syatem se nikalna padega, iske liye cashless transaction par unka jor hai, banks ke jariye. Hamare desh me 60% log ab bhi gaon me rahte hai, unke yahan ja kar ab ATM aur card reader lagane padenge. Unme gaon walon ko khub luta jayega. Garib log sedha-sadha paise ka hisab jante hai, ab unhe paisa sambhalne ke liye ATM or debit card samjhaya jayega aur luta jayega. Jaha abhi bank bhi nahi pauchi hai, waha debit card laya jayega. Jai ho Baba Ramdev ki.
हार्दिक बधाईयां ! आपको जानकर प्रसन्न्ता होगी कि आपके ब्लॉग ने हिन्दी के सर्वाधिक गूगल पेज रैंकवाले ब्लॉगों में जगह बनाई है। निश्चय ही यह आपकी अटूट लगन और अनवरत हिंदी सेवा का परिणाम है। एक बार पुन: बधाई।
जिंदल समूह से उगाही का मामला ः सेशन कोर्ट ने कहा, धारा 384 व 420 में एक साथ चल सकता है केस जी न्यूज के चेयरमैन व संपादकों की मुश्किलें बढ़ीं •अमर उजाला ब्यूरो नई दिल्ली। जिंदल कंपनी से उगाही के प्रयास मामले में जी न्यूज के चेयरमैन सुभाष चंद्रा और दोनों संपादक सुधीर चौधरी व समीर आहलूवालिया की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं। सेशन कोर्ट ने इन तीनों के खिलाफ फिर से जांच कर जल्द से जल्द पूरक आरोप पत्र दायर करने का निर्देश दिया है। अदालत ने चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें पुलिस पर जांच में खामियां बरतने व कई धाराओं के लागू न होने का तर्क दिया गया था। सेशन कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि उक्त सभी धाराओं में एक साथ मुकदमा चल सकता है। पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने सीएमएम अमित बंसल के फैसले के खिलाफ पुलिस की याचिका को स्वीकार कर लिया। अदालत ने कहा कि आरोप पत्र पर संज्ञान लेेने की स्थिति में सीएमएम को ऐसी टिप्पणियां करने का अधिकार नहीं है कि किस धारा में मुकदमा चलेगा या नहीं। उन्होंने कहा कि धारा 384 व धारा 420 में एक साथ मुकदमा चलाया जा सकता है। सेशन कोर्ट ने कहा, ‘आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर होने के बाद संबंधित अदालत को अधिकार है कि वह संज्ञान ले या नहीं, लेकिन वह जांच रिपोर्ट का पूरी तरह से अध्ययन करे बिना उसे खारिज नहीं कर सकती।’ अदालत ने कहा कि आरोपपत्र पर संज्ञान के दौरान यह तय नहीं किया जा सकता कि मुकदमा किस धारा में चलेगा। फैसले में सेशन कोर्ट ने कहा है कि चार्जशीट में सुभाष चंद्रा और बाकी आरोपियों पर लगाई गई धाराओं को न लगाने की टिप्पणी करने का अधिकार सीएमएम कोर्ट को वर्तमान समय में नहीं है। गौरतलब है कि सीएमएम अमित बंसल ने तीनों के खिलाफ दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि जांच में कई खामियां हैं, ऐसे में जांच कम से कम एसीपी स्तर के अधिकारी से करवाई जाए। पुलिस ने दायर आरोपपत्र में चेयरमैन सुभाष चंद्रा, संपादक सुधीर चौधरी व समीर आहलूवालिया के खिलाफ 100 करोड़ रुपये की उगाही का प्रयास, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश व साक्ष्य नष्ट करने इत्यादि के आरोप में कार्रवाई का आग्रह किया था। •सेशन कोर्ट ने इन तीनों के खिलाफ फिर से जांच कर जल्द से जल्द पूरक आरोप पत्र दायर करने का दिया है निर्देश
11 comments:
inspired bol!!!...
"bharti chaloo"...interestng!
That's grtt thing!
सवाल लोकतंत्र की रक्षा का है, नमो या बीजेपी का नही ,
येदियुरप्पा वापस आ गये है,रक्षा लोकतंत्र की हो रही है या बीजेपी और नमो के पी एम बनने के सपने की |
भर्ती चालू आहे लड़का या लड़कियां, कहीं मोदी भाई ने जॉब creatation का आईडिया यहाँ से तो नहीं ले लिए है
Hello Ravish Ji,
Just watched Hum Log - Rakhi Bidlan's interview. Just started thinking how this great father raised her daughter. Heads down in respect for the family.
Thanks and Regards.
Ashutosh
ॐ नमो स्वाहा !
वैसे, भर्ती चालू हो रही है या चालू लड़के लड़कियों की भर्ती हो रही है ? मने पूछ रहे हैं।
Ravishji, Maaf karna par fir se Ramdevji ke saath tax par discussion mat karna. Ye desh ke samay ka bahut bada nuksan hai. Wo kah rahe hai, cash syatem se nikalna padega, iske liye cashless transaction par unka jor hai, banks ke jariye. Hamare desh me 60% log ab bhi gaon me rahte hai, unke yahan ja kar ab ATM aur card reader lagane padenge. Unme gaon walon ko khub luta jayega. Garib log sedha-sadha paise ka hisab jante hai, ab unhe paisa sambhalne ke liye ATM or debit card samjhaya jayega aur luta jayega. Jaha abhi bank bhi nahi pauchi hai, waha debit card laya jayega. Jai ho Baba Ramdev ki.
हार्दिक बधाईयां !
आपको जानकर प्रसन्न्ता होगी कि आपके ब्लॉग ने हिन्दी के सर्वाधिक गूगल पेज रैंक वाले ब्लॉगों में जगह बनाई है। निश्चय ही यह आपकी अटूट लगन और अनवरत हिंदी सेवा का परिणाम है।
एक बार पुन: बधाई।
जिंदल समूह से उगाही का मामला ः सेशन कोर्ट ने कहा, धारा 384 व 420 में एक साथ चल सकता है केस
जी न्यूज के चेयरमैन व संपादकों की मुश्किलें बढ़ीं
•अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। जिंदल कंपनी से उगाही के प्रयास मामले में जी न्यूज के चेयरमैन सुभाष चंद्रा और दोनों संपादक सुधीर चौधरी व समीर आहलूवालिया की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं। सेशन कोर्ट ने इन तीनों के खिलाफ फिर से जांच कर जल्द से जल्द पूरक आरोप पत्र दायर करने का निर्देश दिया है। अदालत ने चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें पुलिस पर जांच में खामियां बरतने व कई धाराओं के लागू न होने का तर्क दिया गया था। सेशन कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि उक्त सभी धाराओं में एक साथ मुकदमा चल सकता है।
पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने सीएमएम अमित बंसल के फैसले के खिलाफ पुलिस की याचिका को स्वीकार कर लिया। अदालत ने कहा कि आरोप पत्र पर संज्ञान लेेने की स्थिति में सीएमएम को ऐसी टिप्पणियां करने का अधिकार नहीं है कि किस धारा में मुकदमा चलेगा या नहीं। उन्होंने कहा कि धारा 384 व धारा 420 में एक साथ मुकदमा चलाया जा सकता है। सेशन कोर्ट ने कहा, ‘आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर होने के बाद संबंधित अदालत को अधिकार है कि वह संज्ञान ले या नहीं, लेकिन वह जांच रिपोर्ट का पूरी तरह से अध्ययन करे बिना उसे खारिज नहीं कर सकती।’ अदालत ने कहा कि आरोपपत्र पर संज्ञान के दौरान यह तय नहीं किया जा सकता कि मुकदमा किस धारा में चलेगा। फैसले में सेशन कोर्ट ने कहा है कि चार्जशीट में सुभाष चंद्रा और बाकी आरोपियों पर लगाई गई धाराओं को न लगाने की टिप्पणी करने का अधिकार सीएमएम कोर्ट को वर्तमान समय में नहीं है। गौरतलब है कि
सीएमएम अमित बंसल ने तीनों के खिलाफ दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि जांच में कई खामियां हैं, ऐसे में जांच कम से कम एसीपी स्तर के अधिकारी से करवाई जाए। पुलिस ने दायर आरोपपत्र में चेयरमैन सुभाष चंद्रा, संपादक सुधीर चौधरी व समीर आहलूवालिया के खिलाफ 100 करोड़ रुपये की उगाही का प्रयास, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश व साक्ष्य नष्ट करने इत्यादि के आरोप में कार्रवाई का आग्रह किया था।
•सेशन कोर्ट ने इन तीनों के खिलाफ फिर से जांच कर जल्द से जल्द पूरक आरोप पत्र दायर करने का दिया है निर्देश
poster me B kala aur JP laal,matalab muh kala aur haath laal?
अब क्या मिसाल दूँ मैं तुम्हारे...मो रफ़ी का गाना याद आ गया(पॉलिटिकली) :)
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