पोस्टर दर पोस्टर


















20 comments:

रजनीश जे जैन said...

आपकी अभिव्यक्ति के तरीके शानदार है। जहाँ शब्द काम न आसके वहाँ फ़ोटो से बात हो जाती है। बेहतरीन व्यंग।

Unknown said...

Ravishji ....aap hai born journalist ho.! Hajaro sawalose ek picture kam karta hai...hum sab journalism mai ye sikhe hai...kabhi kabar hum isse douharate hai..par aap masha aalah g8 ho g8.bas !!!

Unknown said...

Ravishji ....aap hai born journalist ho.! Hajaro sawalose ek picture kam karta hai...hum sab journalism mai ye sikhe hai...kabhi kabar hum isse douharate hai..par aap masha aalah g8 ho g8.bas !!!

Atulavach said...

aap to rudhi wadi nikle,purane vichar wale..adminstration mein kone jhakna hamne bhi seekha hain, premises ke kone aur loos ,ek tarah se efficiency bayan kar dete hain...Khair apki is ada par mushkan aa rahi hain..
majedar ye hain ki aapne (ravish ji ne) subtle way mein pasandida rajneeti ko tavajuh di hain

Balpreet singh said...

Acchi pics hain sir.

दीपक बाबा said...

राविश साहब : आपको तो समय का आभाव होगा पर मैं फुर्सत में आपके चित्रों के केप्शन (डेस्क्रिपटिव) दे रहा हूँ :

चित्र क्रमांक एक : कुमार विश्वास जनता में अपने प्रति विश्वास पुख्ता करना चाहते हैं.
चित्र क्रमांक दो : उसी आम आदमी के विश्वास को एक आम प्रोपटी डीलर भुनाना चाहता है.
चित्र क्रमांक तीन : इंसान से इंसान का प्यार – काश हिन्दुओं से इतर कौम भी यही सोचती – पर हाँ वो ऐसा दिखाती जरूर है.
चित्र क्रमांक चार : सबसे पुराना डर : सबसे नया व्यापार.– गरीबों के लिए आस और पैसे वालों का विश्वास – बाकि के लिए कयास.
चित्र क्रमांक पांच : शुद्ध व्यापार. एक बार पोस्टर लगे – काल करने वाली पार्टी को सबसे कम रेट लेंगे साहेब – पर बाद में जब सर्विस की बारी आएगी तो दूसरा मोबाइल नम्बर लेकर फिर से नए पोस्टर लगवाए जायेंगे. शुद्ध व्यापार – ग्राहक को सस्ता कैमरा, पोस्टर वाले को दुबारा आर्डर – फोन कंपनी से दुबारा न. ये चक्र पांच बार चलता है साहेब.
चित्र क्रमांक छ: - हरिद्वार और अन्य धार्मिक स्थलों पर फलता फूलता व्यवसाय – सौ का नोट देने पर ९० रुपये घोषित मिलते हैं और गिनने बैठो तो ८०-८५ ही मिलते हैं.

Unknown said...

Ravishji mai apka FAN hun...kyo hun vo roj aapkaa blog padh kar pata chal jata hai

Unknown said...

Chaliye aap ki baat Bhi sisodiyaji ne sun hi li. Shikayat karte rahiye, accha hi hoga

Unknown said...

शौक ये दीदार है तो नजर पैदा कर ।सही है सर जी

Atulavach said...

chahate-e –ravish, seerat- e tabdil::nazrat –e-hafeez, fitrat-e sangdil (each of us desires change of character in name of the enlightened sun , one who claims gifts of protection by lord is stone heart in nature)
Aaj pata chala ki AAP(Ravish) ki aur meri mitti ek hi hain,
Main to pardesi ho gayan hun, mitti ki yaad karti dundhli akhon se zyada kay likhu, phir kabhi

Ashwani Kumar said...

रविश जी मतलब देखिये AAP के पोस्टर्स का ,
" बदलेंगे दिल्ली बदलेंगे भारत " ये BJP की लाइन थी , उसको ही AAP ने चुराया और कहा
" बदलेंगे अमेठी बदलेंगे भारत " , BJP जो कुछ नया सोच कर कर रही है ,AAP वाले भी वही कर दे रहे हैं ,BJP पुरानी पार्टी होने के कारण घाटे में है |

अभी अरविन्द केजरीवाल का जनता दरबार media में ऐसे दिखाया जैसे ,ऐसा कभी हुआ नहीं ,AAP भी दिखाना चाहती है ,देखो हम अच्छे लोग भी हैं और जनता हितैषी भी ,

ये जनता दरबार नितीश कुमार भी लगते हैं ,
मोदी भी लगते हैं , कैमरे के सामने नहीं बल्कि सचिवालय में |

अरविन्द छत पर , जनता जमीं पर ,
ढोंग की भी एक हद्द होती है ,लोगों को BJP बेवकूफ बनती है , पर AAP कोई दूध की धूलि हुई नहीं है , media में सामने आ चूका है , केजरीवाल को समर्थन जयराम रमेश की मिली भगत का नतीजा है ,

अरविन्द टॉयलेट से बहार निकलते हैं ,तो media दिखाती है कितने अच्छे हैं , पानी भी डालते हैं ,बाकी राजनेता ये नहीं करते ,
जनता भी हाँ में हाँ मिला रही है |

AAP बीजेपी का आईडिया चुरा कर , उसपर ही भारी पड़ रही है , में तो कहता हूँ ,इससे अच्चा वक़्त राजनेता बनने का शायद ही आये ,
जिस पार्टी के सब्सिडी बाटने से जनता खुश है ,
1000 बाते बोल दो ,पूरा कर ही देंगे ,क्यंकि इमानदार हैं , इमानदारी की जैसे AAP ही ठेकेदार है |


क्या हो गया है देश को ,शायद में media के प्रभाव से बोल रहा हूँ ,या ये सच है की लोग दिमाग नहीं लगा रहे ,बस वोट देने में ,इमानदारी ओड़ने में लगे हुए हैं |


केजरीवाल ने कहा है ,की वो उन सब लोगों को रिहा कर रहे हैं जिन लोगों ने बिजली की चोरी की है पिछले 10 महीने तक | और जो भी लोग आन्दोलन से जुड़े हुए थे उनके सब बिल माफ़ किये जायेंगे , आप मुझे बताइए ये कौन सी विचारधारा है , आप लोग इस ढोंग का पर्दाफाश क्यं नहीं करते , क्या आप भी AAP के चमचे हैं |

2014 , जैसा की में देख पा रहा हूँ,
चुनाव होगा


AAP+कांग्रेस+सेकुलर+मार्क्सिस्ट+समाजवादी+दलितवादी+बाकी सब

Vs

नरेन्द्र मोदी

1 आदमी के पीछे हाथ धोके क्यं पद गए हो भैया , बराबर का मुकाबला रखो न |

भगवान आप सब को विवेक दे ,में ये नहीं कह रहा मोदी दूध के धुले हुए हैं , पर ये चुनाव विचारधारा और व्यक्ति विशेष बन चूका है ,
महंगाई ,भ्रष्टाचार की कमान AAP ने ले ली है | क्यंकि सिर्फ एकमात्र पुरे देश में वही इमानदार हैं |

AAP कांग्रेस के भ्रष्टाचार से होने वाली हार को जीत में बदल देगी |

बीजेपी बुरे से बुरे हालात में भी 150 सीट लाएगी , पर सरकार फिर से ढोंगी सेक्युलर लोगों की बनेगी , AAP फिर कहेगी न हम समर्थन लेंगे न देंगे , अब अगर नहीं भी देंगे तो भी कोई बात नहीं , कांग्रेस का काम तो बन ही जाएगा , लीजिये UPA-3 ,

अरविन्द PM बनेंगे तो ,में शर्त के साथ कह सकता हूँ ,दागी नेता के खिलाफ करवाई नहीं होगी , हाँ इलेक्शन के बाद AAP कांग्रेस का विलय हो सकता है , इससे कांग्रेस को युवा नेतृत्व मिल जाएगा |

पर उनका BJP उससे भी बड़ा मुद्दा मोदी को सत्ता से ,राजनीती से दूर करने का रास्ता प्रशश्त हो जाएगा |

देखते रहिये ,ये सब्सिडी वाले लोग , चादर ओड़ने वाले लोग कैसे निकलते हैं |

Ashwani Kumar said...

AAP कांग्रेस के भ्रष्टाचार से होने वाली हार को जीत में बदल देगी |

Ashwani Kumar said...

आशुतोष-अजीत अंजुम बहस

समय का पहिया कब किस दिशा में घूमे ये कहना मुश्किल है। कल तक नेताओं को अपने तेज-तर्रार सवालों से घेरने वाले पूर्व पत्रकार और अब आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष का राजनीति में शनिवार को पहला दिन था और इसी दिन टेलीविजन के कार्यक्रमों में वे नेता की भूमिका में दिखाई भी दिए।

शनिवार को न्यूज 24 के प्राइम टाइम के शो में कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह और बीजेपी के सुधांशु मित्तल के साथ अजीत अंजुम के सामने थे, उनके पुराने पत्रकार मित्र और राजनीति में दस्तक दे चुके आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष। आशुतोष किसी मंजे हुए नेता की तरह सवालों के जवाब दे रहे थे तो अजीत अंजुम ने भी अपना पत्रकारिता धर्म निभाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।

पत्रकारिता छोड़ राजनीति में आने के बाद आशुतोष के संदर्भ में ये कहा जा रहा है कि वे पिछले कई वर्षों से अन्ना और केजरीवाल के आंदोलन की हवा बनाने और बाद में आम आदमी पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे रहे। इस संदर्भ में अजीत अंजुम ने आशुतोष पर पत्रकारीय नैतिकता को लेकर कई तीखे सवाल किए। साथ ही, सुधांशु मित्तल और अखिलेश प्रताप को भी ये मौका दिया कि वे आशुतोष से सवाल कर सकें।

सुधांशु मित्तल ने दावा किया कि आशुतोष दिल्ली में लोकसभा चुनाव लड़ने की शर्त पर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं। सुधांशु और अखिलेश के सवालों के जवाब में आशुतोष एक घाघ नेता की दोहराते रहे कि चुनाव लड़ना उनकी प्राथमिकता नहीं है। इस बीच जब अजीत अंजुम ने आशुतोष के बोलने के क्रम में कुछ कहना चाहा तो कभी एंकर रहे आशुतोष ने कहा कि दरअसल एंकरों के साथ समस्या ये है कि वे किसी कों कुछ बोलने ही नहीं देते हैं और बीच में बात काट देते हैं। साथ ही, उन्होंने कहा कि दरअसल पत्रकार बहुत जल्दबाजी में निष्कर्ष पर पहुंच जाते हैं।

कार्यक्रम खत्म करते हुए जब अजीत अंजुम ने कहा कि आशुतोष शायद कहना चाह रहे हैं कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे, तो तपाक से आशुतोष ने कहा कि आप एक चैनल के मैनेजिंग एडिटर है और आप मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। साथ ही, आशुतोष ने एक बार फिर कहा कि मैंने कहा है कि चुनाव लड़ना मेरी प्राथमिकता नहीं है। जाहिर है, आशुतोष ने चुनाव लड़ने के सारे विकल्प खुले रखे हैं। (दर्शक की नज़र से)

nptHeer said...

इस लोक सभा के चुनावों में और तो होगा ही
लेकिन नेहरू वंश से देश की मुक्ति देखनेकी दिली तमन्ना है :)
Atleast i don't have any objection from k bisvas ---युवराज को कवी हराए यह सिर्फ भारत में ही हो सकता है :)

Unknown said...

kya kahun sab aap ki maya hai

Unknown said...

रवीश भाई ये बीजेपी वाले तो कतई फ्रस्टिया गए हैं..!! आप तो बस फोटो लगाये थे चार-पांच.. ये लोग तो निबंध लिखने लगे... इनके मोदी दुध के धुले.. मेरी समझ से बहार है कोई congress को भ्रष्ट और बीजेपी को पाक साफ़ कैसे कह सकता है.. भाई देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की कोशिश ही करना चाहते हो तो काहे मोदी मोदी करते रहते हो?

sachin said...

पंद्रह अगस्त का लाल किले को सलाम है।
पूरी दिल्ली हुई अब दीवान-ए-आम है।।

(एक शेर में , एक से ज़यादा माने फ्री !)

Vivek Garg said...

Sir Yaha aapne AAP ki pic 2 baar load ki hai... fir kahte ho ki main AAP ka favour.....

Brij ka baashinda said...

सत्ता सरकार बदलनी चाहिए। ठीक है। लेकिन बीजेपी /मोदी समर्थकों ने तो अति करना शुरू कर दिया है। कहीं ऐसा न हो जिस जनता की ये दुहाई दे रहे हैं वो इनके अतिवाद से तृस्त होकर अपना मत बदलने पर विचार करने लगे।

प्रवीण पाण्डेय said...

बहुत कुछ कहते ये चित्र।