पहले तो बधाई आपको । इसलिए नहीं कि भारत रत्न मिला है बल्कि इसलिए कि इसके बहाने आपके बारे में जानने का मौक़ा मिला है । लगा कि कोई इतना भी काम कर सकता है । आप जैसों को ही भारत रत्न मिले तो इस पुरस्कार की महिमा बढ़ेगी ।
मगर सर । नेता मूर्ख होते हैं इस तरह के बयान मत दीजिये । राजनीति में नेताओं को चोर समझने वाले मूर्खों की कमी नहीं । इस देश में राजनीति ने जितना सामाजिक परिवर्तन किया है उतना विज्ञान ने नहीं । इस तरह के जनरल बयान वैज्ञानिकों के बारे में भी दिये जा सकते हैं । उचित ही आपने स्पष्टीकरण दे दिया । लेकिन राजनीति और सरकारी अस्पताल से दूर मत जाइये । जायेंगे तभी उसकी हक़ीक़त जानेंगे । बहुत लोग चोर हैं और मूर्ख भी मगर किसी अच्छे नेता और डाक्टर से आपकी मुलाक़ात हो ही जाएगी । आपने फ़ंड की कमी का रोना तो रो लिया सर लेकिन महज़ विचार के पीछे अपने घर से पैसे लगाकर राजनीति में दिन रात खपा देने वाला कार्यकर्ता तो किसी के पास रो भी नहीं सकता । वह भी राजनीति के किसी विचार से समाज कोसबदलने में खुद को समाप्त कर लेता है । कुछ लोग चोर बन जाते है को कुछ दलाल । इसीलिए राजनीति में हमेशा वही आगे रहेगा जिसके पास पैसा है । ज़मींदार है स्कूल है बिज़नेस है । ऐसे लोगों को बाहर करने और कार्यकर्ताओं और नेताओं को ऐसा न बनने देने पर विचार किया जाना चाहिए । न कि राजनेताओं को लतियाना गरियाना । विज्ञान जगत की भी समीक्षा कीजिये । समाज को एक अच्छे राजनेता और वैज्ञानिक दोनों की ज़रूरत है । उम्मीद हा आप राजनीति में लगे लोगों का हौसला बढ़ाने और सम्मान बनाए रखने में मदद करेंगे । बहुत दिक्क्त है तो भारत रत्न लौटा दीजिये लेकिन इससे क्या हासिल होगा । कुछ भी नहीं ।
आपका विज्ञान से घबराने वाला पत्रकार
रवीश कुमार
29 comments:
RAVISH ! (JEE NAHI LAHA RAHA HOON, LEKIN UMAR AUR ANUBHAV ME BADE HAIN ...JEE NAHI MANATA !)Aapne ab tak ke
achhche 'postoan'(Post ka plural)
me se ek hai yah post !
Bhagat singh ne kaha thaa -yuvaoan ko rajniti me aana chahiye . Rajniti ke bina loktantra kahan ?
Rajniti dwara hi pariwartan ...policies ..sambhav hai . Reservation , samaj pariwartan ..me rajniti sabase kargar hai .
rajniti ki idiotpana isliye hai ki samaj ek rekhiye nahi hai . samaj ke sabhi angoan me jo galat -sahi ho raha hai -usi kaa ek ang rajniti bhi hai . Agar achhche log , Rao aur Sachin jaise log rajniti me roochi nahi lenge to aur dusare log lenge . aise main aap bahar rahakar fatawa nahi de sakate . Haan ! Satta aur rajniti ko ek nagrik ke roop me tokate rahana chahiye .
Narendra modi PM ban gaye to desh me nahi rahenge type ke kuchh aur budhijivi bhi yahi kar rahe hain . Are bahi , aakar maidan me ladiye naa !
Ravish ji
Badhai. Bahut accha likha aap ne. Rajneeti karne walo ko gali dena aasan bhi hai aur fashion bhi. Rajneeti karne walo ko gali dekar sabko lagta hai unhone badi desh sewa kar le hai( Lip service).
Ravish ji
Badhai. Bahut accha likha aap ne. Rajneeti karne walo ko gali dena aasan bhi hai aur fashion bhi. Rajneeti karne walo ko gali dekar sabko lagta hai unhone badi desh sewa kar le hai( Lip service).
bahut achchha lekh
नेताओं का भी अपना दर्द है| समझने वाले बहुत कम लोग| रिश्ते के मामा जी समाजवाद के पीछे रेलवे की नौकरी छोड़ साइकिल घसीटने लगे| परिवार की लानत मलानत अलग| पर आज भी वही जूनून है, (जिसको परिवार वाले पागलपन कहते हैं) वही साइकिल और वही समाजवाद| १०-१५ लोगों के साथ विरोध प्रदर्शन करते मिल जाते हैं| इससे ज्यादा लोग मिल भी नहीं सकते| इस्तीफा और त्याग का भी महत्व तब होता है जब उसकी मार्केटिंग कि जाए और दिल्ली जैसा मार्किट मौजूद हो|
मै से IIT पढ़ा, कमिश्नरी से इस्तीफा दे दिया .. आदि आदि ..
अच्छा है बधाई ! ये सोचे की सारा पैसा विज्ञान को देने से हमारे पास ग़रीबी भगाने के लिए एक रोबोट होता चिटी ज़सा तो भी मज़ा ही आता ............
आपके हर पोस्ट को जरूर पढता हूँ अच्छा लगता है आप का हर पोस्ट पर मैं इस बात थोडा परेशान हूँ, कि आप मीडिया वाले लोग राजनीति का सम्मान और अपमान जो चाहे कर सकते हैं, जब मन करे तब ब्रेकिंग न्यूज़ चला दे पर एक वैज्ञानिक जो अपने जीवन का ४० साल सिर्फ रिसर्च करने में और देश कि सेवा करने में ही लगा देता है उसे कुछ भी अधिकार नहीं है वो तो एक साधारण आदमी है न जिसे सिर्फ चुप रह कर काम करते रहना चाहिए बाकि राजनीती वाले अपना घोटाला कर पैसा अपने जेब में रखें पर रिसर्च करने को ना दें
C N R Rao साहब ने वाकई कम बजट में मेहनत कर 1500 से भी ज्यादा पेपर पब्लिश किये आप मीडिया वाले बहुत मेहनती और काम करते हैं न आप तो एक टीवी शो में 1 घंटे में 2000 रिसर्च पेपर पब्लिश करने का काम करते हैं तो जिसे मन करे उसे मुफ्त में एडवाइस दे सकते हैं
are o ravish...aap bhagwaan ki tarah baat karte ho...itna ghamand theek nahi...choor choor ho jayega...internally u r a biased journalist..
arey o ravish
ur hidden agenda is obvious before people, u r inclined to nitish and u r jealous with modi...everybody knows that... u r rude with bjp spokepersons..u r not impartial...um modi k saath kai varshon se anyaya kar rahe ho...aur logon ki modi k prati sahanubhooti ho gai hai..dhol phhaartey reh jaoge..gaal bajate reh jaoge ... aap logon ki vajah se modi apne dum per 300+...aur kya kahun...only u mediacrooks are responsible for that...vaise bhi ye aam rai hai k ndtv congress ki b team hai...tumhara bhanddaa jald hi footega... kitni galat baat hai ki patna hunkar ralley blast per tumne conspiracy angle nahi dekha..ki modi ki ralley me bomb laga k usko dara kar bhaga do..aur maza lo..per modi bjp lions hain..tumhari tarah suited booted baabudom journalist nahi...
agar yahi blasts modi k gujrat main nitish ki ralley mein hota to tum media waley modi per blame lagatey ki divisive politics modi ne karaai...bomb lagwaa kar...u ravish type mediawaley ..all r biased...aur tum jaise log hi modi ko uthatey ho..weh pm banega aur us din ravish jal kar koyla ho jayega...raat bhar nahi so paygaa...u r garv se choooor ho...
Dear Ravish ji, your UPDESH to a Bharat Ratna undigestable. Please see your level before commenting on such devoted people, who are proud of our nation. Whether Netas are Murkh or not, you cannot judge it. U may your own view, I may have my own - but we should not impose our views on each other. In few months, when your journalism has leaved independence, I feel very sad to see your news. In fact, I have stopped watching most of your program as well as Abhigyan's. Dear, journalists had played crucial role for our independence, please do not use your journalism to be auctioned. No doubt u are a salaried person and can only work for you channel, but it is my request, please apane antaratma ki awaaj awashya sune. Some time I doubt it is the Ravish who famed with Ravish Ki Report and awarded with Goenka awards or some one else. Please re-think whether I am right or u are doing right in these days.
पिछले दिनों फेस बुक पर लिखा गया कि IBN-7 के राजदीप सरदेसाई ने जनपथ, दिल्ली में 58 करोड़ का बंगला खरीदा है दीपक चौरसिया को एक व्यक्ति ने चैनल पर ही पूछ लिया कि 5000 रुपये की पगार पे काम करने वाला दीपक चौरसिया 500 करोड़ का मालिक कैसे बन गया तो रविश जी आप अभी तक पत्रकार नहीं बन पाए पैसे कमाओ साहब कांग्रेस के राज में सब को मिले रहे आप क्यों सुक रहे है क्या रखा है देश भक्ति और इमानदारी में न जाने 2014 के बाद क्या होगा
इ पगला सब इहाँ भी पहुँच गया? ब्लॉक कीजिये सबको।
Prof. C.N.R. Rao is definitely one of the leading scientist of India. But money for HIS research was never a problem and still not a problem. He gets whatever is demanded from him. He has been scientific advisor to Prime minister for approx. 15 years. It was during congress govt. He probably knows politician and politics better than you. He has his own research institute. He is not director there, but nothing can happen there without his consent. This research institute is built like a resort. He still lives in govt bungalow inside IISC bangalore campus.
Also question is about the timing of his concern. Who is responsible for not convincing politician? He is the scientific advisor. He should share responsibility.
Sometime quantity is not the measure of your credentials.
रविश जी , Prof CNR RAO एकदम सही बोल रहे हैं अगर राजनीतिज्ञ मुर्ख नहीं होते तो देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान इन्हें कैसे मिलता.एक सलाह है की इन्हें थोड़ा और गहराई से जाने. मखौल बना कर रख दिया भारत रत्ना को. हमारे देश में हरेक शेत्र में माफिया है. विज्ञान का भी येही हाल है. प्रो. राव का विज्ञान के शेत्र में यही योगदान है. कई राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक संस्थाओं में गैर्वैज्ञानिक काम से जुड़े रहने के बाद यह लिख रहा हूँ.
रविश जी , Prof CNR RAO एकदम सही बोल रहे हैं अगर राजनीतिज्ञ मुर्ख नहीं होते तो देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान इन्हें कैसे मिलता.एक सलाह है की इन्हें थोड़ा और गहराई से जाने. मखौल बना कर रख दिया भारत रत्ना को. हमारे देश में हरेक शेत्र में माफिया है. विज्ञान का भी येही हाल है. प्रो. राव का विज्ञान के शेत्र में यही योगदान है. कई राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक संस्थाओं में गैर्वैज्ञानिक काम से जुड़े रहने के बाद यह लिख रहा हूँ.
रवीश दा
आप के तर्कों का कायल रहा हूँ पर इस बार बात कुछ हजम नहीं हुई.
"इस देश में राजनीति ने जितना सामाजिक परिवर्तन किया है उतना विज्ञान ने नहीं"
जिस माधयम का इस्तेमाल कर के अप राव साहेब को गरिया रहे हैं वो भी विज्ञानं कि ही देन है और आप कि नौकरी भी (उपग्रह टेलीविज़न)
और यह विज्ञानं का ही कमाल है जिसने बहुत हद तक जमीन से उठा कर राजनीति को सोशल मीडिया पे ला पटका है।
अगर आप लोहा, आग कि खोज से ले कर हरित क्रांति और श्वेत क्रांति का योगदान समाज के परिवर्तन में देखते हैं तो आपको विज्ञानं का पलड़ा इतना हल्का भी नहीं दिखेगा।
"लेकिन महज़ विचार के पीछे अपने घर से पैसे लगाकर राजनीति में दिन रात खपा देने वाला कार्यकर्ता तो किसी के पास रो भी नहीं सकता ।
वह भी राजनीति के किसी विचार से समाज कोसबदलने में खुद को समाप्त कर लेता है ।"
शराबी-जुवारी भी अपने घर के चीजों को बेचता है और कम से कम उसकी नज़र में तो उसके पास पर्याप्त तर्क भी होता ही है, इसका मतलब वैज्ञानिक, शराबी एक बराबर। कितने नेता अपने विचार के लिए मरते हैं और कितने इस सोच के साथ की आज एक लगा रहा हूँ तो कल हज़ार निकल लूँगा , ये तो आप को बेहतर पता होगा।
"बहुत दिक्क्त है तो भारत रत्न लौटा दीजिये … "
लुटवा लीजिये पर इससे हानि किसको है, क्या वाकई उस संत को कुछ फर्क पड़ेगा जिसने हमेशा से नीव का पत्थर बन जाना स्वीकार किया।
और फिर जैसे सांसद पे सवाल करना संसद का आपमान नहीं वैसे ही शायद राज नेताओं पर प्रशन करना राजनीति का आपमान नहीं।
चुनाव आयोग ने जब दोनों बड़ी पार्टी के शीर्ष नातों को फटकार बताया तब राजनीती का आपमान किसने किया चुनाव आयोग ने या राज नेताओं ने … जब ये लग आपसे में ही एक दूसरे को गरियाते रहते हैं तब राजनीति का आपमान नहीं हुआ … पर जब एक निष्पक्ष व्यक्ति ने नेताओं पर ऊँगली उठा कर उन्हें आत्म अवलोकन को कहा तो राजनीती का आपमान हो गया … पता नहीं रवीश दा ऐसा क्यूँ लग रहा है कि आप के ब्लॉग पे आप कि भाषा में किसी और के विचार पढ़ रहा हूँ।
"आपका विज्ञान से घबराने वाला पत्रकार"
जिस विषय से घबड़ाते है उस पे मत लिखिए … हो सके तो "एक डॉक्टर कि मौत" देखिएगा वैज्ञानिक का दर्द जानने के लिए।
सही कहा आपने...जनरल बात है...सब जगह अच्छे लोग भी हैं...पूरी कौम को एक ही आँख से नहीं देख सकते ।
O pagal aadmi...pahle ka post padh 'apne gaao se laut kar' logo k beech me modi k craze ka jikr kiya hai inhone. 'congress buri tarah haar rahi hai isi blog per likha hai. Tum modi k andhe bhakto ko kya bas unki taareef sunni hai?? Aisa hai to ek NaMo channel launch kar lo...24/7 jaap karna us per.
@ravish ji aap faltu me maidan chhor kar chale gaye,i mean twitter. Lekin ye pagal log yaha bhi pareshan karne lage.Dont worry yaha inko aapke fans paani pila denge. Aap bas apne mann ki likhiye.
Madan jha ji ur updesh to ravish ji is undigestable.Plz tell me ur LEVEL b4 commenting.
Sir,
Unhone theek hi kaha hai Politicians ke baare mein.
Kuch din pehle aapne hi likha tha ki Rahul ji ko bhi modi ji ki tarah kuch "chatpata" bolne chahie. Or agar kisi ne kuch aisa boldia toh aap CN Rao ji ke pichhu padh gye.
Vaise aap media vaale bhi ajeeb hi hote ho, koi chup rahe toh woh darpook or agar koi kuch bolde toh woh badbola ..!!
hamare Politions ne khud hi apni aisi image bnai hai ki sabke muh se unke baarey mein gaalian hi nikalti hai !
रविश जी ..एक पत्र अन्ना जी के नाम तो बनता ही हैं अब..
@Ravish Jee!
Apke vicharo ko jaan aur comments karne walo ko bhi. Vishay gambhir hai.Rajneeti apni garmima kho rahi hai..Aaj ek aam insaan sacha Vaigyanik baan sakta hai par sachcha rachnaitik nahi baan sakta.
Vichar avash kijiye ga
Dear Raveeshji,
I admire your anchoring style, style of Hindi. My best wishes for the future and hope you will continue to contribute in the Indian media with the same zest.
Though this time I totally agree with Sudhanshu's comment.
Ravishji badhai
aapne bahut hi achhe tark dekar rajniti ki kathin dagar ki satyata ko samne rakha aur uski avanchniya aalochana se bachne ki salah dekar anya vidha ke mahanubhaon ko zamini sachhai se avgat karaya.
Rajendra Rao
Ravishji badhai
aapne bahut hi achhe tark dekar rajniti ki kathin dagar ki satyata ko samne rakha aur uski avanchniya aalochana se bachne ki salah dekar anya vidha ke mahanubhaon ko zamini sachhai se avgat karaya.
Rajendra Rao
well - balance is required everywhere, and all kinds exist everywhere too ... there are good scientists and bad scientists and good attitude scientists and bad attitude scientists ---- same goes for politicians and political workers and journalists too.
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