मालिनी अवस्थी की पाठशाला
कोई भी काम तनाव पैदा करता है । उसके अच्छा होने की चाहत से या न हो पाने की झुँझलाहट से ।ऐसी आशंकाएं रात भर घेरे रहती है । सुबह जब आप काम के क़रीब होते हैं तो घबराहट और बढ़ने लगती हैं । क्यों कर रहा हूँ आज । फिर कब करूँगा । वैसा बन पाएगा जैसा सोचा था । ख़ुद से भागने लगता हूँ । सामने जाने पर सवाल लड़खड़ाते लगते हैं । धड़कने तेज़ हो जाती हैं कि सबकुछ मुकम्मल तो है न । देखने वाले की आँख में जँचेगा कि नहीं । नया क्या है । जो देखेगा वो कुछ जान पायेगा कि नहीं । सौ तरह के सवाल खोखला किये रहते हैं । आज मालिनी अवस्थी के साथ 'हमलोग' रिकार्ड कर रहा था । टीवी के चालीस मिनट में कजरी के चार सौ साल समेटने की ज़िद से । क्यों कोई कजरी के बारे मे देखना सुनना चाहेगा । अच्छा तो कर रहा हूँ । कजरी के बारे में शो कर । तीन साल से मालिनी और मेरी बात हो रही थी । रवीश की रिपोर्ट करने की योजना बनी थी । नहीं कर पाया । आषाढ़ की गर्मी में रिपोर्ट जल गई । पिछले साल हमलोग में ही यह शो करना चाहता था नहीं कर पाया । आज कर लिया है । मालिनी की आवाज़ पहाड़ से उतरती नदी की तरह है । चंचल । गाने के बोल उनके चेहरे पर अभिनय कर रहे होते हैं । वो उस दुनिया का खाका खींचने लगीं जिससे हम दूर चले आए हैं । कितना तनाव होता है । अभी तो दर्शकों का फ़ैसला बाक़ी है । टीवी स्वांत: सुखा़य नहीं है । फिर भी आज अपनी मुराद पूरी कर ली । रात आठ बजे देखियेगा । बहुत कुछ छूट गया है । जो आया है वो बेहद कम है पर मालिनी ने बेहतर करने का पूरा प्रयास किया । दिल अब भी धड़क रहा है । अच्छा लगेगा कि नहीं । पसीने छूट रहे हैं । मैं नहीं देख पाऊँगा । आप बता दीजियेगा । ऐसा क्यूँ लग रहा है जैसे किसी से नज़र बचाकर मैंने फ़्रीज़ की मिठाई खा ली हो और डर लग रहा हो । मुझसे पहले कई लोगों ने मालिनी का शो रिकार्ड किया होगा । आख़िर में वो ट्रांस में चली गईं । रूक नहीं रही थी । संगीत की आत्मा जब उतरती है तो परा हो जाती है । लगा कि इतना कम वक्त है तो कमबख्त तूने किया क्यूँ । उनकी प्रतिभा के लायक बन पाया या नहीं आप जानिये । हम इस तनाव से गुज़रते हुए ख़ुश हो रहे हैं कि मालिनी अवस्थी के साथ रिकार्ड कर लिये । एक ज़िंदादिल कलाकार के साथ आज का दिन बेहतर गुज़रा । आपकी शाम अच्छी गुज़रेगी ।
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28 comments:
हमें शाम आठ बजे का इंतजार रहेगा आपकी पाठशाला का
देखते हैं आज..
इतनी आतुरता और संजीदगी से किया गया काम गलत होता है क्या ? हमे याद है अनुपम मिश्र और अरविन्द गुप्ता का हमलोग
tensed naa hoyiye, acha hi hoga . . . acha hone ke karan iss prakar hain
1.malini awasthi
2.ravish kumar
3.kajri
4.jo U.P & BIHAR ke hain wo garv se dekhenge
5.jo other state ke hain wo kauotuhal me dekhenge jaise hum maharastra or other state ka folk music and dance dekhte hai . . .
simple
aap jhutto tenceniya jate hain ...
हम त अभी से लगा के बैठ गये हैं एन.डी.टी.वी.
will watch :)
All is well :D
`रविश जी आप ब्रेक लिया लिए और अचानक मालिनीजी ने जो संसार रचा बिखर गया ,ऐसे कार्यक्रम में आप ब्रेक न ले तो कितना अच्छा होता। लाजबाब मजा आ रहा है। चलते है कोई कजरी न छुट जाय। इस खुबसूरत कार्यक्रम के लिए आपका तहेदिल से सुक्रिया।
अति सुन्दर बस एक ही बात कही जा सकती है मालनी अवस्थी ने समां बांध दिया .....रविश कुमार का प्रोग्राम है भूल ही बैठे ...बस मालिनी ही गूंज रहीं थी | कजरी क्या होती है और क्यों गाई जाती है ये भी पता चला ...
बहुत सुन्दर! बहुत अच्छा लगा मालिनी अवस्थी जी को सुनकर!
शानदार कार्यक्रम!
maliniji ko sunker bahoot achha laga.mai bhi unko record ker chuki hoo.aap hi aisa progm la sakte hai.kewal ek kami lagi shayad aapki studio music ki nahi thi.mai doordarshan mei engineer hoo
aur maine apni highschool tak ki padhai ghorasahan champaran se ki hoo.
Are sir ji pahle bataya hota to kahin TV dekhne ka jugad karta. Radio se BBC sunkar kaam chala raha hoon. Net se kaise download kar sakte hain Batyeaga.2G se kitna der lagega.
Maine ye show aaj raat 8 baje dekha Ravish Ji - aur bas dekhte hi rah gaya.
Malini Awasthi ji ko ek national channel pe lake almost TV ke prime time ki bela me Kajri par yeh vishesh program humlog karne ke liya aapka bahut bahut dhanyawad.
Whether you accept this or not - but you are a journalist with difference. Tabhi shayad main News Channels pe aakpka program dekh pata hun. Chahe wo Prime Time ho ya fir Hum Log. Ravish Ki Report kyo band kar di - samaj ke un unsune hisso ko achha ubharte the aap apni report ke jariye.
Aage aur achha karne ke liye shadhuwad....
Maine ye show aaj raat 8 baje dekha Ravish Ji - aur bas dekhte hi rah gaya.
Malini Awasthi ji ko ek national channel pe lake almost TV ke prime time ki bela me Kajri par yeh vishesh program humlog karne ke liya aapka bahut bahut dhanyawad.
Whether you accept this or not - but you are a journalist with difference. Tabhi shayad main News Channels pe aakpka program dekh pata hun. Chahe wo Prime Time ho ya fir Hum Log. Ravish Ki Report kyo band kar di - samaj ke un unsune hisso ko achha ubharte the aap apni report ke jariye.
Aage aur achha karne ke liye shadhuwad....
संभव हो तो मालिनी अवस्थी जी वाले कार्यक्रम की रिकार्डिंग लगाइये अपने यहां। :)
आज के भ्रष्ट्राचार से मीडिया भी अछुता नहीं है , आपने भले ही आज जनसंचार में PH.D कियों न कर राखी हो लेकिन आज का मीडिया तो उसी फ्रेशर को नौकरी देता है जिसने जनसंचार में डिप्लोमा इनके द्वारा चालए जा रहे संसथान से कर रखा हो .. ऐसे में आप जनसंचार में PH.D करके भले ही कितने resume इनके ऑफिस में जमा कर दीजिये लेकिन आपका resume तो इनके द्वारा कूड़ेदान में ही जायेगा क्यों की आपने इनके संस्थान से जनसंचार में डिप्लोमा जो नहीं किया है ..आखिर मीडिया क्यों दे बाहर वालों को नौकरी ? क्योंकि इन्हें तो आपनी जनसंचार की दुकान खोल कर पैसा जो कमाना है .आज यही कारण है की देश के इलेक्ट्रोनिक मीडिया में योग्य पत्रकारों की कमी है .. केवल चेहरा देकर ही ऐसी -ऐसी महिला न्यूज़ रीडर बैठा दी जाती है जिन्हें हमारे देश के उपराष्ट्रपति के बारे में ये तक नहीं मालूम होता की उस पद के लिए देश में चुनाव कैसे होता है ..? आज इलेक्ट्रोनिक मीडिया के गिरते हुए स्तर पैर प्रेस कौसिल ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष भी काफी कुछ कह चुके है लेकिन ये इलेक्ट्रोनिक मीडिया की सुधरने का नाम ही नहीं लेता ….इलेक्ट्रोनिक मीडिया तो पैसों से खेलने वाला वो बिगड़ा बच्चा बन चुका है जो पैसों के लिए कुछ भी कर सकता है .
धन्यवाद .
राहुल वैश्य ( रैंक अवार्ड विजेता),
एम. ए. जनसंचार
एवम
भारतीय सिविल सेवा के लिए प्रयासरत
I need reply by raveesh ji
atna anand ayel ki ka batai apne ke ravish bhaiya.bahut bahut thanku for this.and aaj se utube pr kajri or other lok geet dekhna start
Youtube par intzaar rahe ga-TV to muddat se khamosh rakha hai
मालिनी अवस्थी जी का प्रोग्राम देखा... बहुत ही लाजवाब लगा... पुरे समय बैठ कर देखा बहुत ही अच्छा... दिखाने के लिए धन्यवाद !!
BAHUT HI ACHCHA LAGI AAPKI PATHSHALA, AAP SE GUJARISH HAI KI AAGE BHI AISI CLASSES LAGATE RAHIYEGA
Sir kal main dekh nahi paya. Iska repeat telecaste kab hoga. Kindly intimate.
पूरा प्रोग्राम देख नहीं सका. अंत में थोड़ा सा देखा. खासकर कजरी के एक धुन पर भिन्न भिन्न क्षेत्र के शब्दों को गाकर यह दिखाना कि बोल चाहे जो हो कजरी की आत्मा एक होती है और सर्वत्र प्रिय होती है. हमारे लोक जीवन में रचे बसे इन संगीत विधाओं को आज भी सुनने वाले और चाहने वाले हैं, इसमें कोई शक नहीं. बिरहा, चैता, कजरी, विदेशिया, फाग, बारहमासा, समदन, विवाहगीत, छठ गीत, आदि कई ऐसी विधाएं हैं जो सुनते ही बनती हैं. आपका यह प्रोग्राम बहुत बढ़िया लगा.
पूरा प्रोगाम शानदार था, रविवार की शाम में और भी जश्न जोड़ दिया मालनी अवस्थी की पाठशाला ने.......जब से पता चला था बस तब से हमलोग के आने का ही इंतजार हो रहा था।........आपकी इस कोशिश ने हमारी शाम सुरीली व यादगार बना दी।
Ravish bhai... Pahle to bahut bahut dhanyawaad.... Maliniji jis tarah se gaano me apne abhivyakti ko utarti hain wo bahut jaandaar hota hai....Khaas kar jab wo sayunkt parivaaro ki baat kar rahi thi to lagta tha kuch bahut mahangi jeez humne chamchamati nakali dhatu ke chakkar me chord di...Pravaasiyoon sada se apni mitti ke taraf khichta hai bhale wo usme jaakar kabhi rah na paaye...Par pata nahi aise laga ki program abhi shuru hi hua hai ki khatam ho gaya..samay bahut kachot khaya....
Par wahi baat "Na maama se kaana maama badhiya"....
Jyada ke chah me ye bhi na milta...
Bahut bahut dhanyawaad......
आपका प्रोग्राम बहुत अच्छा था
काश कि देख पाते और सुन पाते पर आपकी छटपटाहट, टेन्शन, मालिनी जी के गायकी के लिये पहाड से उतरती नदी की उपमा, सब कुछ बहुत पसंद आया ।
रविशजी आपसे शिवाजी पार्क मुंबई में आंबेडकर जयंती पर रिपोर्ट करते हुये मुलाकात हो चुकी है तब मैं भी एक अंग्रेजी अख़बार के लिए स्टोरी कर रहा था।आप और कमाल खानजी के लहजे का पुरे भारतीय पत्रकारिता में कोई सानी नहीं है. मालिनीजी के साथ हम लोग कार्यक्रम करके आपने पुरे भोजपुरी, अवधी समाज पर जो उपकार किया है उसे किसी भी प्रकार से कभी भी चुकाया नहीं जा सकता। इस मौसम में आपके इस शो ने जो आग लगायी है की मन करता है मुंबई में सपरिवार रहते हुए भी जैसा मालिनीजी ने कहा मेरा DNA कह रहा है चलो छोड़ दो ये आर्थिक रूप से सिक्योर्ड जिंदगी और वापस चले जाओ काशी के घाटों पर, आम के बगीचों में और बारिश की बूंदों में सराबोर होकर मोर की तरह नाचो जब तक की पैर न टूट जाये और आत्मा तृप्त न हो जाये… एक सवाल भी है आपसे की आपकी हर रिपोर्ट में एक पीड़ा झलकती है जो कह रही होती है की रविश आप दिल्ली जैसे शहरों के लिए नहीं हो… आप भले वास करते हो वहां, पर आपकी आत्मा गाँव में बसी है… क्या कभी आपने दिल्ली छोड़ कर गाँव का रुख करने की कोशिश की है? अगर हाँ, तो फिर क्या है जो आप को रोक रहा है? और हाँ एक विनती है आपकी 'रविश की रिपोर्ट' कुछ भी करके वापस शुरू करिये…. धन्यवाद् कप्तान माली
Thoda gaoun jaanta hoon thoda sheher jaanta hoon bohot thoda bada sheher jaanta hoon par kajari nahi jaanta tha,jaankar sunkar accha laga,dil khush hua,mere liye kuch naya anubhav tha...Bohot dhanywaad aapka
RAVISH JI AISE PROG KE LIYE TIME LIMIT NAHI HONI CHHIYE....BAHUT KUCHH CHHOT GAYA!!!
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