रामधन मूलधनवा को खोजते हुए भागे जा रहे थे। ए मूलधनवा चलबे न रे। राहुल भइया पांच साल मांगत हवन। कहत रहलन कि बाईस साल सभन के देनी हमन के तब मिलकर सब धान बाईसे पसेरी कई दिहलन सन। सब धान पसेरी हमनी कई दिहनी हो भइया। न रे मूलधन सपा बसपा और भाजपा के कहत रहलन राहुल भइया। इब यूपी के पांचे साल मे चमकाए दिहन। भोट देबे रे। धत रामधन भइया। उपी कबहूं न चमकिहें। उपी के टूपी पहिरावत बाड़न सब। मूलधन तोहरे लइकवा त कहत रहे कि काका इंग्लिश मीडियम में न पढ़ल न से न मालूम तोहरा राहुल भइया का कहतरान। टाइम टू चेंज मने बूझले रे। बदलाव का वक्त। बयार बह रहिस है राहुल के पक्ष में। अरे भइया तू कांग्रेसी हो गइला का हो। कुछ मिलल बा का? मिली। बेनी बाबू कहतरहलन के सभन जात बिरादरी के कल्याण होई। अरे भइया कल्याण छोड़ पोंटी भइया वाला दारू सस्ती भइल की न। अखिलेश भइया त कहत रहलन के सझियां काल जे न पी सकेला उ सपा में आ जाए। पोंटी भइया के वसूली से तंग आ गए। दाल महंगी हो गई हम कुछौ न कहनी। चाय महंगी हो गए हम कुछौ न कहनी। दारूओ महंगी हो जाए तो समझो घोरे कलयुग आ गएल बा। अखिलेश भइया पोंटी भइया के दारू में डिस्काउंट दिलावे के कहतारन। अरे मूलधनवा, पोंटी भइया भिजनेसमैन नू हैं। भिजनेसमैन सब पार्टी का होता है। अरे हमनी इंग्लिश पढ़िले रहतीं तो बूझतीं इ कुल बतिया। पोंटी भइया सभन के यार हऊअन। पत्रकारों सभन के यार हउअन। देखल न अखिलेश भइया सीधे उनकर नाम न लेलन। कहलन के आ जा दारू पियाइब। बाप रे। त भइया चलन पोंटी भइया के इहां चलल जाओ। दारुओ मिली और मौजे रही। एकनी के भोटवा दे के का होई। पोंटी भइया जेकरा के कहियन भोटवा दे देवल जाइ। उपी के बदले द। हमनी के का करेके बा। बदलिहें उपी ते तबो हमरा कोदो मिली।
अरे भाग रे मनहूस मूलधनवा। खाली जुगड़वे में रहिबे रे। भोट लोकतंत्र का अधिकार है नू। भइया त रखन बक्सा में आपन अधिकार। भाला खानी निकाल के दौड़त जा राहुल बाबा के पीछे। बोलिह कि बक्सा से अधिकार निकाल के ले आइन बाड़ी। ले ल हमर भोट। लेकिन मूलधनवा हथिया देख लीहिस त रे। त ओकरा ला एगो चदरा ले जो। देखा दिहे। चदरा देखते ही हथिया भाग जाइ। न रे मूलधना। बहिन जी मूर्ति त बनौली नू। बोल औकरा पहिले लखनऊ लखनऊ नियत लागे रे? अब देख बाकी पर्टियां त कमइल सन आ एगो मूर्तियों ने भेटाइल। इ त कम से कम मूर्ति तो बनवा देहली। देखे खाती। भतीजवा के बियाह होई तो हनीमून खाथी हाथी पार्क भेज दिहे। देख भइया। हमनी हइं भोटर। इ कुली पार्टी पोलिटिक्स में पड़ेके ना। कहे द जे जौन कहता। तू भोट के ले के बेसी कूद जन। तन पर लुंगी आ गंजी लेकर भोटवा के भाला नियत जे भांज तारा नूं उ बुझाइ चुनउवां बाद। नाचते रह जइब। हम त कहतानी कि दू पैग मार नहरिया किनारे। तब चल जाइये कमलिया के नाच देखे। ते नाच देखबे रे मूलधनवा। साला इ लोकतंत्र के जगाइ रे। ए भइया तहार कुछौ न होई। लोकतंत्र त ना जागी बाकी तू जगले रह जइब। जा तू भाग राहुल अखिलेश आ बहिन जी के रैली में। हम जात हईं कमलिया के नाच देखे। हा..तनी पोंटी भइया भेटइहन तो कहिअ कि मूलधनवा दारू मांग रहले।
जागी लोकतंत्र, मुई भोटतंत्र, कइसन कटारी चलइले रे कमलिया तू....बतइबे रे कमलिया तू....काहे नाचत हउवे रे कमलिया तू...तू न शीला तू न मुन्नी तू न चमेली, तू तो बस हमरी कमली....भइले जवान,रहबे जवान। ते कबऊ न बुढइबे रे। तनी इ भोट में चुम्मा त दे दे रे। मूलधन चिल्लाने लगता है। रोने लगता है। गाने लगता है और नहर के किनारे गिर कर सो जाता है। नेपथ्य से आवाज़ आती है। उठो मूलधन, मैं हूं...मैं कमली। तुम्हारे सपनों की रानी। देखो तुम्हारे भोट ने कितनों को ताज पहनाया। बस मैं ही रह गई। मुझे अपने भोट से छू लो मूलधन। मुझे भी वो ताज दे दो। राज दे दो। प्यार दे दो। फिर पर्दा गिर जाता है।
11 comments:
जय जय हमार लोकतन्त्रवा..
sir, Is this in BHOJPURI? padha lekin kuch kuch samaj me nahi aayaa!!
english ki bat ki aapne to SP ne latest add diya tha TOI me 2week pahele woh bhi English me !!
it's show transforminf UP !!!
haha extreley good post. Ponty bhaiyya ka matlab Ponty Chaddha? Maanna padega aap U.P. ke bare me bahut kuch jaante hain. Thank you for such a nice post. good combo of Awadhi and Bhojpuri. Thodi si banarsi bhi hai.
ikai baat kah din i to hamka bahut neek lagan, ee batabo hamto aajai janvo tum to bhojpuria hoivo, i tohamko bahut bahut nik lagin ,badik bhai RAM-RAm !
Are E Ponti Bhaiya ke ha bhai.
raveesh ji aap kamal ke hain..
रवीश जी शराब की ठेकेदारी में चल रहे नेक्सस पर कभी रिपोर्ट बनाइये। बहुत बड़ा घपला चल रहा है यूपी में और कोई रिपोर्ट नहीं। यह भी तो उपभोक्ता अधिकार ही है।
wah wah maja aa gaya ba
ravish bhaiya ki jai ho...man gaini ravish bhaiya..bhasa par ka bejod pakad ba rauwa ke..
just an information I hope u will not mind me sharing it with you, important for every Indian
Department of Ayush is sleeping, in last 5 years 50000000000 Rs i.e. Rs 5000 Crore Rs were spend on it, but when I filed an RTI to know that how many time drug analyser are checking the medicine, in the last 4 years it was never done, companies such as Baidyanath Jhansi, are making metalic drug but they don't check the purity of metal, suppose to form Kajjalli they require 100 gm mercury and 100 gm sulfur, if mercury is 99.9 % pure and sulfur is 98 % pure than almst 2gm mercury will remain unreacted, and even the official know this but they are not acting.
these medicine are very effective, one of it cured my depression i.e. I again std enjoying my life after 9 years but unfortunately the quality was very unconsitent, when taken with lithium carbonate,u can check in my blog but unfortunately the consistency is very poor, I am a chemical engineer, I went to the company to know the details, I asked them detail & here i came to knew that they are not following any system.
Even after complaining, though they agree that I am right but they are not willing to do anything, I went to CCRAS but useless,
Deputy Director CCRAS, Mr. M.M Padhi is taking home Rs 1,60,000 per month to his home, but not doing anything.
Mr. Janardhan Pandey he is the Joint Advisor Ayurveda tells me that I am helpless as per law, he is fooling me arround as per law he has the power to stop the production of an ayurvedic firm if he found it to be harmful.
and 80% of Indian population Uses ayurvedic drugs and Chywanprash an Ayurvedic Medicine has substance such as Abhrak Bhasm hich is Pottassium alumino psylosillicate i.e. Mica, as well as other form of Bhasma
For the info, particularly of Shri Sumit, that the ancient wise Hindus called the 'present' as Kaliyug, ie 'Dark Age', a part of Mahayug, that believably repeats 1060 times within one day of Brahma, of over 4 billion years (our 12 hours day and equal duration night that follows in a day of 24 hours!...Thus expecting Satyug in Kaliyug itself is faulty, basically wrong...Krishna says one should remain unmoved under all circumstances and, like a spectator of a film, enjoy the Krishn-leela, like 'Bhojpuri' Ravish, and his friends...
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