हम सब एक हैं बस टीवी में नहीं हैं

मीडिया में जो चुनाव दिखता है वो चुनाव की हक़ीक़त के बहुत क़रीब नहीं होता । हम तक जो पहुँचता है या परोसा जाता है वो मीडिया के पीछे होने वाली गतिविधियों का दशांश भी नहीं होता । जो सवाल होते हैं वो हवाई होते हैं और जो जवाब होते हैं वो करिश्माई । सबकुछ इस तरह से स्वत आयोजित हो जाता है कि लोगों को प्रायोजित लगना स्वाभाविक है । एक ही बात का सुकून रहा कि बड़ी संख्या में लोग मिले जो इस सच्चाई को समझते हैं । इसका मतलब यह भी नहीं कि इस समझ को वे अपने फ़ैसले का आधार बनाते ही हो । सिर्फ छिपाने वाला ही पर्दा नहीं करता, जानने वाला भी करता है ।

जैसे आप कभी कैमरे पर होते नहीं देख पायेंगे कि कैसे अतीत के एक बड़े राष्ट्रीय नेता के प्रपौत्र विदेश से बुलाये जाते हैं ताकि वे अपने दादा का नाम लेकर अपनी जाति के इलाक़े में घूम सकें । सेवापुरी शायद भूमिहार बहुल इलाक़ा है । उस इलाक़े में प्रचार के लिए बिहार से भी बड़े नेता हैं । प्रपौत्र महोदय के साथ का लड़का कई बड़े नेताओं का नाम लेता है । शान से बिना पूछिए जाति बताता है । मैं सन्न रह गया । जिस राजनेता का ज़िक्र हमेशा करामात करने में आता रहा है उसका प्रपौत्र जात लिये घूम रहा है । क्या राजनारा़ण भूमिहार थे ? कहीं मैंने लंका के शोर में ग़लत तो नहीं सुन लिया । बहुत देर तक यही सोचता रहा है कि रणनीतिकार ने क्या शानदार डिटेलिंग की है । ख़ानदानों की खोज की है और विदेशों तक से बुलाया है । युवक बताता है कि हमारी ड्यूटी सेवापुरी में लगी है । सी पी ठाकुर की को भी बुलाया गया है । एक लाख वोट है भूमिहारों का । 

भीड़ में मेरे प्रदेश से कई नेता मिलते हैं । कहते हैं उनका कवर कर लीजिये । ये हाल ही में भाजपा में आए हैं । इनका क्यों कर लें ? धरना हो रहा है । सबका कवर होगा । इनका करें या उस कार्यकर्ता का जो इस गर्मी में तपती सड़क पर लेटा है । मुँह दिखाई की परिपाटी पर वो नेता भी चलता है जो राजनीति में एन आर आई, एम एन सी, आई ए एस और सेना से आता है । आज कल से राजनीति में विदेशों से आए लोग ऐसे परिचय देते हैं जैसे अहसान कर रहे हों । जबकि कर वही रहे हैं जो अपना सब गँवा कर स्थानीय कार्यकर्ता कर रहा है । लेकिन इनके मियामी, हावर्ड बोलते ही लोगों के कान खड़े हो जाते हैं । ये लोग भी अपने स्कूल कालेज का नाम जात की तरह बताते हैं ।

एक और राजपूत नेता वहाँ जा रहे हैं जहाँ राजपूत बिरादरी के लोग हैं । चौरसिया समाज के बीच चौरसिया जा रहे हैं । पटेलों के बीच पटेल जा रहे है । हर मोहल्लेे की पहचान जाति और भाषा के आधार पर की गई है । जनसम्पर्क के ज़रिये इन सब पहचानों को संगठित किया जा रहा है । कोई तो टूटेगा कोई तो जुटेगा । नतीजा जब आयेगा तो जानकार लिखेंगे कि इस बार जाति की राजनीति टूट गई । जबकि यह चुनाव जातियों की नई डिटेलिंग के साथ लड़ा जा रहा है । बीजेपी ने वाक़ई इस चुनाव को युद्ध की तरह लड़ा है । सब जायज़ है । बिहार के अख़बारों में विज्ञापन छपते हैं जिसमें मोदी के साथ एक जाति विशेष के नए पुराने नेताओं तस्वीर होती है । टीवी को यह सब नहीं दिखता । वो सिर्फ बयान सुनता है । बयान बंदर । बयान लोक कर पेड़ पर । इसका मतलब यह नहीं कि कांग्रेस सपा बसपा या जो भी प पा वाली पार्टियाँ हों वे जातियों की राजनीति नहीं कर रही हैं । 

होटलों में जाइये । आपको कई उद्योगपति और कारोबारी मिलेंगे । इनमें गुजरात से आए कारोबारी और उद्योगपति हैं । जिस चुनाव को जीता हुआ घोषित कर दिया गया है वहाँ उद्योगपति क्यों आ रहे हैं । कई तो ऐसे उद्योगपति भी हैं जो मौजूदा सरकार में लाभांवित होते रहे हैं । कोई अपनी तरफ़ से दस हज़ार नेता पर बने कामिक्स की किताब से आया है । हिन्दी अंग्रेज़ी में बाल नरेंद्र की प्रतियाँ बाँट रहा है । एक अजीब सी राजनीति संस्कृति पर बन रही है जो कई कारणों से आलोचना के केंद्र में ही नहीं है । रसूख़ वाले लोग आराम से बताते हैं अरे फ़लाँ होटल में वो उद्योगपति ठहरे हैं जो बल्ब बनाते हैं वो हैं जो टीवी बनाते हैं वहाँ वो हैं जो गंजी अंडरवियर बनाते हैं । 

वाराणसी के होटलों की लाबी में जाइये । अलग अलग राज्यों से अलग अलग जाति और भाषा के नेता आते जाते दिख जायेंगे । ज़्यादातर तो कांग्रेस बीजेपी के ही होते हैं । बसपा का तो कोई बेचारा भी नहीं दिखता । सारे स्टार वाले होटल हैं । इन होटलों में नेता और उद्योगपतियों के अलावा मीडिया के लोग ठहरे हैं । सुबह सुबह निरीह कार्यकर्ता इन नेताओं को लेने आते हैं । लाबी में खड़े खड़े इंतज़ार करते हैं । परफ़्यूम और कलफ़ से लकदक कुर्ता पहने नेता जी उतरते हैं । फारच्यूनर और स्कार्पियों धायं से रूकती है और नेता जी को कार्यक्रम में ले जाती है । इसमें भी एक भेदभाव दिख गया । एक समृद्ध पार्टी के दलित नेता को सैंट्रो कार या आई टेन में जाते देखता हूँ । आम आदमी पार्टी को नेता भी किसी बड़े होटल में ठहरे हैं क्या । मुझे़ नहीं दिखे । इतने महँगे होटलों में तो नहीं दिखे । 

खैर शाम होती है । ये नेता धीरे धीरे लौटने लगते हैं । 
दिन भर राष्ट्रवाद और संस्कार पर भाषण देने के बाद शाम अचानक इन सबसे से ऊपर उठ कर तर होने लगती है । थकान शायद शराब से ही उतरती होगी । बनारस बजबजा रहा है । सत्ता को सेवकों से भर देने वाली राजनीति संस्कृति शाम को होटलों में मिलती है । लाबी में खड़ा परिश्रमी या शायद आदर्शों या विचारधारा में डूबा कार्यकर्ता अपने लिए भी ऐसे दिनों की कल्पना करता होगा । आप कांग्रेस और बीजेपी में कोई फ़र्क नहीं कर सकते । अब तो यह बहस भी नहीं है । राजनीति की एक ही संस्कृति होती है । सत्ता । और सत्ता की देहभाषा एक ही होती है । रूतबा । पैसा,पावर और पोलिटिक्स । इनका संगम टीवी पर नहीं दिख सकता । टीवी सिर्फ बयान दिखा सकता है । जो टीवी देखते हैं वो भी भीतर से ऐसे होते हैं । बाहर से विकास, ग़रीबी दूर करने का जादू ,राष्ट्रवाद सेवा और विकास के भाषणों को पसंद करते होंगे । अंदर से कुछ और होते तो टीवी के ख़िलाफ़ सड़कों पर न होते । दर्शक भी तो इस गठजोड़ में शामिल है । होटल में नहीं रूका है तो क्या हुआ ऐसे सवालों पर चुप तो है । हम सबकी तरह । हम सब एक दूसरे के जैसे हैं । अपने अपने कमरों से निकल कर होटल की लाॅबी में घुलमिल जाते हैं ।

72 comments:

aayushi verma said...

Sir , baat to sahi hai,Pata nahi aajkal TV par kya aur kyon dikhate hai.jinhe 24x7 dikhate hai unke bare mein bhi batate kuch bhi nahi..... jagjit Singh Ka WO Gana yaad aa gaya.....socha nahi achha Bura dekha suna kuch bhi nahi... maanga khuda se raat din tere Siva kuch bhi nahi......jinhe cover hi nahi karte unke bare mein ab kya kahein.....sawal karna to apni aadat hai nahi.... jab aajtak apne bare mein nahi kiya to unke bare mein kyon kare...?

Unknown said...

Your story forced me to recollect the memory of yesterday's crowed welcoming the Modi and think that weather those people were outsiders? they were not from the Varansi & are they regrouped from different state & country just as showcase of the roadshow.
I thought they were weavers,farmers,local students & local voters , probably I was wrong
Thank u Sir as u disclosed Page 3 style of politicians. Sir just confirm that weather those Hotel expenses born by the related parties or businessmen who are also there for cleaning the Ganga (of course for their own benefit)
local hardworking party workers have nothing to do with those Five Star lobies. Ek Karyakarta ki kahani ka ant to usi Hotel ke bahar hi ho jati hogi.

tapasvi bhardwaj said...

Nanga sach h par adura h...AAP ke baare mein sirf ek hi line likhi?koi baat ni us se fark ni padta...aapne ue to bata hi diya ki wo is rajnitik sanskriti ka hissa ni bane ab tak

Unknown said...

aapke blog se ek kahani yaad aa gyi ki ek neta bhaar jakar khub saare kaarekram sambhodit krta h jisme mukhya mudda bal-shram hota aur jab vo raat ko thaka hara loot he toh uske kaam rhe baal-majdur se hi khana mangwata h . shayad yehi h hamare desh ki rajneeti . parde ke aage kuch aur peeche kuch
parda h parda... bas ek gaana yaad aa gya isi baat par

Unknown said...

aapke blog se ek kahani yaad aa gyi ki ek neta bhaar jakar khub saare kaarekram sambhodit krta h jisme mukhya mudda bal-shram hota aur jab vo raat ko thaka hara loot he toh uske kaam rhe baal-majdur se hi khana mangwata h . shayad yehi h hamare desh ki rajneeti . parde ke aage kuch aur peeche kuch
parda h parda... bas ek gaana yaad aa gya isi baat par

Unknown said...

I will analyze your writing in following way:
Hamare desh me do tarah ki rajniti ki shurwaat huyi. Ek vo jo comunist ne suri ki jaha punjiwad ke liye koyi jagah nahi thi. Dooshari congress ne jaha punjiwad aur samajwad ka ghal-mel tha. Dheere-dheere samay ke sath ek aur badi party BJP ka uday huva. Jise punjiwadi kahana glat nahi hoga kyoki usne narshimha rao ke kisi faisle ko kabhi nahi palta. BJP ki safalta aur comunist ke parajay ne shayad punjiwad ko rajnitik partiyon ke liye safalta ka mantra bana diya. Aaj samajwadi parti nam se chalne wali rajnitik party me samajwad chiraag lekar bhi nahi dhoondh payenge.

Is poonjiwadi vyawastha me pista gareeb hi hai. kahte hai na paisa paise ko kheechata hai. Ameer desh ke garrebon ka paisa kheench le raha hai. Sawal hai kaise: iska uttar apke is blog me chipa hai.

Adarsh sthiti paida kya ho. mujhe lagta hai, har gareeb nagraik 10-10 rupya dekar party banaye aur chunaav lade. Har sangathan apne malik ka hi LOYAL hote hai. 10-10 rupyaa dene wala malik tabhi banega.

Ek aur baat: mejhe lagata hai ki poore desh ko badalne ke liye shat-pratishat bharatwashi ke change hone ki jaroorat nahi hai. agar hamare desh ke 15% voter bhi floating condition me bane rahe to ye desh jaroor badlega.

Unknown said...

@tapasvi
abhi shayad hi koyi buisnessman hoga jo AAP par paisa lagayega. Vo log kamane ke liye kharch karate hai, gawane ke liye nahi.

Shambhu kumar said...

रवीश बाबू आप लिखने की हिम्मत तो दिखा रहे हैं... नहीं तो हम लोग मीडिया वाले तो नाक तक डूबे हुए हैं... आपका गर्दन बचा हुआ है... वैसे मीडिया में 99 फीसदी मेरिटवाले लोग हैं जो कहते हैं कि वो जात-पात नहीं करते... न्यूट्रल लोग हैं... ईमानदार... मेरी तो नौकरी जाते-जाते बचती है...

Nitin Shrivastava said...

लो जी हो गया लूज़ मोशन मोदी की रैली को देखकर रब्बिश कुमार को.

Nitin Shrivastava said...

रवीश जी अगर आपकी इस उछल कूद के बाद भी अगर मोदी जी जीत गये तो एक लेख लिखकर यह भी मान लेना की आपकी सोच भारत की सोच से अलग है यह भी मान लेना की आप की सोच ही घटिया है,पर में जानता हु उस दिन आप और आप जैसे बीके हुए लोग अपने बिलो से भी बाहर नही निकलोगे,

Nitin Shrivastava said...

चुनाव के दौरान किसी सरकारी अधिकारी को निजी कारणों से छुटटी नहीं मिलती। उन्‍हें चुनाव डयूटी पर लगाया जाता है, केवल श्रीमान अरविंद केजरीवाल की पत्‍नी को छोड़कर, जिन्‍हें कांग्रेस की विशेष कृपा से पति के चुनाव प्रचार के लिए छुटटी दी गई है ताकि नरेंद्र मोदी को हराया जा सके....। यह भी बता दूं कि इस समय कोई भी सरकारी नौकर किसी नेता के पक्ष में दिखाई देगा तो उस पर कार्रवाई होगी, लेकिन जनता के पैसे से सैलरी बटोरने वाली श्रीमती केजरीवाल को इसकी विशेष छूट है, क्‍योंकि इस पति-पत्‍नी पर निर्मल बाबा की नहीं, बल्कि सोनिया गांधी की विशेष कृपा है!

Shambhu kumar said...

रवीश बाबू आप लिखने की हिम्मत तो दिखा रहे हैं... नहीं तो हम लोग मीडिया वाले तो नाक तक डूबे हुए हैं... आपका गर्दन बचा हुआ है... वैसे मीडिया में 99 फीसदी मेरिटवाले लोग हैं जो कहते हैं कि वो जात-पात नहीं करते... न्यूट्रल लोग हैं... ईमानदार... मेरी तो नौकरी जाते-जाते बचती है...

Nitin Shrivastava said...

रविश जैसे कॉंग्रेस्सी / वामपंथी खबरिया दलालको UPA क घोटाले,देश की खराब हालत नही दिखते तो उनको मोदी लहर क्या दिखेगी

Rachit G said...

पिछले एक साल से मैंने कोई एक कांग्रेसी सोशल मीडिया पर नहीं देखा है...
किसी एक कांग्रेसी ने किसी पेज या प्रोफाइल पर आकर गंदगी नहीं फैलाई है...

कोई विश्वास करे या ना करे...
यह काम कजरी एंड गैंग ने एकमुश्त ठेके पर ले लिया है...
कांग्रेसियों की जगह आपीयों ने ले ली है...
मोदी अथवा भाजपा को गरियाने का काम आपीयों का है...
अपनी थूथन घुसाकर माँ भारती के मंदिर को गंदा करने का काम 'आप'के सूअरों ने ले लिया है.!!

jitendra wane said...

बहुत बढ़िया सर जी , दिल छू लिया आज तो आपने . thnk. गॉड जो अरविन्द जी आज hai. नहीं तो पता नहीं इस देश क्या होता . किसी ने सही कहा है . नेता बेश भी बेच देंगे बस कमिसन तो batao.... लेकिन 16th. मई को सब दूध का दूध और पानी का पानी हो jayega. ...क्योकि सचाई की ताकत को कोई आक नहीं सकता ...जय हिन्द

jitendra wane said...

बहुत बढ़िया सर जी , दिल छू लिया आज तो आपने . thnk. गॉड जो अरविन्द जी आज hai. नहीं तो पता नहीं इस देश क्या होता . किसी ने सही कहा है . नेता बेश भी बेच देंगे बस कमिसन तो batao.... लेकिन 16th. मई को सब दूध का दूध और पानी का पानी हो jayega. ...क्योकि सचाई की ताकत को कोई आक नहीं सकता ...जय हिन्द

Rachit G said...

न मैं बनारस अपने मन से आया हुँ, न मुझे गांगा मैया ने बुलाया है, मुझे तो मेरि इटालियन आम्मा ने मोदी विरोध के लिये भेजा है-खुजली

Unknown said...

Paisa, power, politics ye samaj aur rajniti ka kadva such hai.
is per sab log group banakar behas to kar sakte hai per iska samadhan nahi dhund sakte.

Nitin Shrivastava said...

कल मंच पर सुभाषचंद्र बोस के सहयोगी कर्नल निजामुद्दीन के पैर छूकर नरेंद्र मोदी ने कुछ विरोधियों का पेट दर्द शांत किया, जबकि कई अन्य विरोधियों को मिर्गी की बीमारी दे डाली.रविश तो बौखला गया है. बिकाउ पत्रकार है अब दूसरों को पेड बता रहा है.असल में मोदी से सर्वाधिक दुखी वही लोग हैं, जो समझ नहीं पाते कि इस आदमी का विरोध कैसे करें

Nitin Shrivastava said...

दलाली की भी हद है यार. शराब की बात करते हो फिर यह लिखने की हिम्मत क्यों नही करते की आपिये शराब पीकर घाट पर सूसु करते हुए पकड़ाए थे

Unknown said...

रविश जी, आज का आपका Blog ऐसे पढ़ गया जैसे की प्राइम टाइम पर आप अपनी ४-५ मिनट की शरुआती प्रस्तावना देते हैं । बिलकुल वही flavour । होगा कैसे नहीं , अब लिखने वाला और बोलने वाला तो एक ही व्यक्ति है ।

Anonymous said...

Mujhe lagta hi Madhur Bhandarkar ko Banaras me hona chaiye tha.Ek achchi movie dekhne mil jata.

Thank God AAP ne aakar thoda prachar ka charitra badal diya nahi isse bhi ganda mahual hota

Indra said...

@Nitin Shrivastava jaankar dukh hota hai ki aap AAP ke bade virodhi hain par ye virodh sach ka ho to achchha lage. Aapki sari daleelein jhooti hai ..

(1) AAP ke log sharab peete huye nahi pakde gaye..baad mein unka test kiya gaya woh drunk nahi the..jis patrakar ne is baat ki pushti ki baad mein usne maafi bhi maangi.. shayad aapne pahla part notice kiya hoga dusra nahi..

(2) Mrs. kejriwal bahut pahle se leave par hain..By the way aapki jankari ke liye bata dein ki sarkari employee sab ke sab election mein busy nahi hote hain..jo election mein busy hote hain unhe leaven ahi milti hai waki log to apni normal life jee rahe hote hain...

(3) Ravish ji ko bika hua kahte ho to fir unke blog mein itna interest kyun dikhate ho? kabhi kabhi lagta hai ki tumne apna zameer bech diya hai ...

(4) Tum jo soch rahe ho na ki Modi ka koi virodh nahi kar sakta...uski chinta mat karo..Modi ka jo haal hoga woh 16 may ko pata chal jayega aur tum bhi jaan jaoge ki modi kitne paani mein hain..

(5) Ravish jaise patrakaron ko is baat ka dukh hota hai ki is desh mein jhooth kitni asani se log bech lete hain ..Modi jaise log jinhone sabarmati ko ek inch bhi clean nahi kiya woh Ganga ko clean karne ka dava kar sakta hai aur tumhare jaise log uske bhakt ho jate hain... kai sari baatein hain ..par tumhe kahne ka koi matlab nahi hai.. Dukh isi baat ka humko bhi hai...

Unknown said...

रहीम ने ये तो बताया कि "निंदक नियरे राखिये", लेकिन कितना ये नहीं बताया....

Spamming की एक वजह भक्ति भी हो सकती है वो इस चुनाव और Social Media ने बता दिया।

Vivek Garg said...

@Nitin srivastava... Nitin bhai mere man ki bat kahi hai ekdum, ye ravish ji modi ki jeet k din bahar to aayege but latka hua chehra le k, jaise ki modi ki bihar ki pehli rally k baad aaye the, fir jab nitish ne uska jawab dia to kitne khush the saaf dikh raha tha...
loktantra hai har kisi ko apni pasand ki aazaadi hai...
#namonamo

dusy said...

Ravish keept the good work going...Inn "padhe likhe anpadh" logon ke commets ko Trash box bhejiye...

Unknown said...

Yar aap logo ko Deepak babu imandaar lagte hain aur ravish Ji beimaan, pata nahi aap log kaise sochate hain. Mai to bahut dino se prime time dekhta hoon , mujhe ravish ji hamesha nispacha lage. Ravish ji aap yese hi rahiye.

Niraj Modi said...

Ravish ji..Aap ne jo yaha likha hai wo sach hi hai..par AAP party ko leke aapka najariya hamesha biased dikha hai...ho sakta he aapko AAP ke liye soft-corner hoga....kripiya ho shake to soft-corner ko apni patrakarita se alag rakhe...dhanyavad.

कमल लखेडा़ said...

Ravish Ji ka PT hum isi liye dekhte hain ki wo kisi ki hawa mein bahte nahin hain.Nitin Ji bahut modiyaye huve hain,un logon ki tarha ki jo dikhta hai wahi bikta hai. BJP paisa paani ki tarha baha rahi hai, ab kuchh samajhdar log nahin bahke is prachaar par to nitin ko pata nahin kahaan-kahaan dard ho raha hai? Modi jis din jeet gaye wo din Gareebon ki haar aur Beiman udhyogpatiyon ki jeet ke roop mein yaad kiya jayega. Aur bhoolo mat bachua "Bure din aane wale hain."

कमल लखेडा़ said...

Ravish Ji ka PT hum isi liye dekhte hain ki wo kisi ki hawa mein bahte nahin hain.Nitin Ji bahut modiyaye huve hain,un logon ki tarha ki jo dikhta hai wahi bikta hai. BJP paisa paani ki tarha baha rahi hai, ab kuchh samajhdar log nahin bahke is prachaar par to nitin ko pata nahin kahaan-kahaan dard ho raha hai? Modi jis din jeet gaye wo din Gareebon ki haar aur Beiman udhyogpatiyon ki jeet ke roop mein yaad kiya jayega. Aur bhoolo mat bachua "Bure din aane wale hain."

Nitin Shrivastava said...

अब पता चल गया है की भारत में सुअरो की प्रजाति किस किस धर्म और जात में है वो सभी अब आआपा में दिख जाती है ।यही मोदी जी का जलवा है जिन्होंने इस महासंग्राम में भेडिये , सूअर, और कुक्कर किस किस जगह है वो सब बहार निकाल दिए है

Nitin Shrivastava said...

कमर तोड़ महँगाई, देशद्रोही आतंकवाद, अराजकता की ओर बढ़ती बेरोजगारी तथा लोकतंत्र को दीमक की तरह खा रहे महा भयंकर भ्रष्टाचार के बावजूद अगर कुछ लोग अब भी यह चाहते हैं कि केन्द्र की सत्ता में बदलाव नहीं होना चाहिए तो मेरे हिसाब से वो तीन प्रकार के लोग हैं !
१- वे जो गले-गले तक डूबे हैं !
२- हर चुनाव में जिनके गले तर हो जाते हैं !
३- जिन्हें अपने पापों के कारण खुद के गले कटने का डर है !

Nitin Shrivastava said...

खुजली बोल रहा है की नरेन्द्र मोदी गंगा आरती के बहाने राजनीति कर रहे हैं। अबे घटिया इंसान तुम उर्दू में लिखी टोपी पहन के मुस्लिम इमामो के पास मुजरा करने जाते हो क्या??

Nitin Shrivastava said...

केजरी उवाच - मोदीजी तो बनारस में राजनीती करने आये है जबकि हम पत्नी को बनारस घुमाने आये हॆं।

Nitin Shrivastava said...



मे तो यही कहूँगा की जितना आप जैसे लेखक मोदी पर कीचड़ फैकेंगे........ कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा.....और आने वाले 16 मई को आप भी जान जायेंगे आपकी सारी मेहनत बेकार चली गई........अपने हर लेख मे आपने पूरी कोशिश की ...... मोदी पर कीचड़ उछालने मे ......... अभी भी समय है......

jitendra wane said...

jo kerjwal se darta hai wo do sito se ladta hai

jo fixed interview karwata hai wo kejriwal se darta hai


ambani adani ki godi
Rahul aur modi

jitendra wane said...

jo kerjwal se darta hai wo do sito se ladta hai

jo fixed interview karwata hai wo kejriwal se darta hai


ambani adani ki godi
Rahul aur modi

Nitin Shrivastava said...

Kejriwal kehta hai ki Modi ki koi lehar nahi hai. Abe bhagode agar aisa hai to ek mahina se tu banaras me kya mullo ki Poti saaf kar raha hai.
Sun bhagode Modi vo sher hai jo pure Hindustan me apna seena taane ghoom raha hai aur tu vo chuha hai jisne banaras ko apna bil bana rakha hai.

Unknown said...

रवीश जी,सितारों वाले होटलों के खुशनुमा माहौल,जिनका जिक्र आप कर रहे हैं,उन दमदार पार्टियों के कुछ दमदार बड़े नेताओं की तस्वीरें और हां उनकी 'बाईट' अपने 'कस्बा' पर टांक दिया होता तो आपकी बनारस यात्रा-वृतांत का मज़ा दूना हो जाता.

Indra said...

Jahan tak hum jaante hain sher akela ghumta hai aur modi ke aaspas kitni security ye bhi sab jante hain aur kejriwal ke aspas kaun hai ye bhi pata hai .to sab samajh hi gaye honge ki chuha kaun hai aur sher kaun..

Modi ka Kamal bina jad (root) ka hai..jispe gulab jal dalo ya keechad dalo kuchh din ka hi mehman hota hai ..ant mein to use murjhana hi hai...Intezar kijiye 16 May ka..pata chal jayega ..kitna khila.. delhi mein to khilte khilte reh gaya..wahan bhi to modi ji ne bahut haath pair mare the na ..fir kya hua? yahi haal Varanasi mein hoga ...Modi ji dhool chat jayenge..tab baat karenge.

Unknown said...

Ravish ji main kal aapse Varanasi mein hi mila tha BHU ke saamne. Baat karna to chahta tha magar time nahi mila. Aisa mujhe lagta nahi ki aap ko pata nahi. Par bataye deta hoon jara Cantt area ke peeche wale area mein (jahan city ke sabse jyada hotel hain) chale jaayeye aur dekh lijiye AAP wale mahenge hotel mein ruke hue hain ya nahi.

aayushi verma said...

@nitin srivastava , bhai mere jahan nahi chaina ....waha nahi rehna ......plz qasba chod do....pl.......z.......!

Nitin Shrivastava said...

@aayushi verma
Modi k aane se aapko problem hain aapke din raat ka chain chala jaayega..aap ka kya plan hai 16 ko kahan jaa rahi ho...

Batao na .pl.......z.......!

Kriti Kapri said...

@Ravish , agar aap ye comments parh pate hon to, yaha likh rahe logon(Modi-fied) ko block mat keejiyega , na hee comments delete keejiye.Aane vala kal jab inko mirror dikhayega to fir ye khud delete karne aayenge yaha....vaise bhi inke comments parhkar sukoon hota hai ki , kitni khalbali machi hui hai ..khisyahi billi ki tarah khaba noch rahe hain...Itna kyon frustrate ho jab lahar hai , sunami hai , barh hai Modi ki to. Chill karo.Koi Journlist apne blogs main , TV ke ek program main kuchh bhi bole ..tumko kya. But nahi ..Asli followers to ye hain aapke. They are dying to be here.

Unknown said...

@Nitin Shrivastava Ko Samarpit :
सांप
सांप तुम सभ्य तो हुवे नहीं
नगर (Qusbay) में बसना भी तुम्हें नहीं आया,
एक बात पूंछूं
उत्तर दोगे-
फिर कैसे सीखा डासना
विष कहाँ पाया?
- अज्ञेय

Unknown said...

Good to know that you are going back to studios. It will be refreshing. Honestly, everybody seems to be on the road. Live coverage fatigue had started to build up.

aayushi verma said...

@nitin srivastava, ab ye bhi aap mujhse hi poochoge ?......matlab ki sarkar banane se pehle hi vadakhilafi.....?.....kaha hum soch baithe the ki ''modi desh bacho pariyojna'' ke tahat Kam se Kam 2bhk flat to hamare naam bhi alot ho hi raha hoga......padosi mulk me.....!.......dhyan se .....kahi pm banane ke baad WO aapke sapne bhi aise hi na tod de.....!

Unknown said...

sirji apka prime time dekh raha hoon
munsi premchand k bare mein dekh kar yahi soch raha hoon hum aaj k yuva jo angreji mein dawn brown aur sidney sheldon k fiction padh kar apne aap ko modern samjhte hain unhe ek baar hindi sahity bhi padh lena chaiye....sach mein angreji sahity se moah bhang ho jae....aaj apne hindi ki class yaaad aa gayi...

ankurbanarasi said...

मैंने हिंदी विषय बहुत पहले छोड़ दिया था और संस्कृत का विद्यार्थी रहा , हिंदी साहित्य में मेरी रूचि अगर आई तो सिर्फ और सिर्फ प्रेमचंद के कारण , उन्होंने आज से 90 साल पहले आज के समाज में घटने वाली हर घटना को महसूस और लिख दिया था चाहे वो राजनीति हो या धर्मनिरपेक्षता . लमही कभी गया नहीं , रविश जी का धन्यवाद बनारस को एक अलग ऐनक से देखने और दिखाने के लिए .

azdak said...

खूब रिपोर्टिंग...

Unknown said...

""Dairo haram me chain Jo Msilta Atey Kyon Qusbe Me Ye Log"" Lv U Bro....

aayushi verma said...

@ankurji , sir jitna premchand ko Maine Jana hai mujhe nahi lagta ki wo vhavisya bata rahe the.....ye to unke liye hum bhartiyon Ka pyaar hai Jo hamne abtak unke vartmaan ko zinda rakha hai.....aur usi me jiye bhi ja rahe hai......
Pata nahi kuch badalta kyon nahi.....yahan tak ki film le diologue bhi nahi .......raj kapoor se lekar ranbir kapoor tak ......wahi ek baat......''dad, zamaana badal gaya hai...''shayad badalte sirf chehre hai ......Jo zamane mein dhal se jaya karte hain....!

Unknown said...

आज केजरीवाल का शो चला directed by Mr. Kejriwal " हम APP के हैं कैान? "

Rajeev said...

वैसे सच कहे तो आप भी कम नहीं हैं ,तभी तो अगर आपके प्राइम टाइम के कायर्क्रम में कोई अगर ये मुद्दा उठाता या कहता है की भ्रस्टाचार के खिलाफ अगर लराये लरनी है तो पहले अपने घर से सुरवात करे। अपने पापा से पूछे की आपकी सैलरी तो ३० हज़ार है पर ५० हज़ार कहा से आते है हर महीने। तो आप हल्लू से कहते है सर जी दरस्सक बुरा मान जायेंगे ऐसा मत क़हीये। बेचारे सज्ज़न चुप हो जाते हैं। क्यूंकि आधी से ज्यादा टीवी देखने वाली जनता तो सायद इस्सी श्रेणी में आती है। जब तक अपने घर से लोग इस गन्दगी को साफ़ नहीं करेंगे तब तक समाज में इसकी सफाई कभी नहीं हो सकती। बाकि तो टीवी अब १६ के बाद ही ON करने में भालिये है नहीं तो नवरतन तेल लगा के सर दर्द भागना परेगा।

Rajat Jaggi said...

BAHOT KHUB RAVISH JI..
VAISE AGLE 5 SAAL MEIN HUM BHARAT VAASION KO EK BAAAR TOH AFSOOS ZARUR HOGA KI MODI KO VOTE DEKE PM KYO BNAYA THA

Unknown said...

aapke blog pe koi to sawal uthane wala aaya.aur aap bhi chahte the ki koi aapki burai kare.waise mujhe un modi samarthako se ek saawal puchna hian ki kya modi ji ke baare me ek shabd bolna bhi paap ho gaya hain kya.ye to wahi haal ho raha hain ki INDIA MATLAB INDIRA AUR INDIRA MATLAB INDIA.ravish ji aap ispe jyad a detail bata sakte hain.

naved gaus khan said...

apne man k vicharo ko kisi dusare ki kalam se nikalte dekhne ya dusare k shabdo me sunna achcha lagta hai is wajah se ham qasba zarur padte hai,,,,aap k blogs aur un par aaye comments ko bhi dhayan se padne ki koshish karte hai,,,,,,aksar MUNNA BHAI MBBS me SUNEEL DUTT ka dialogue yaad aa jata hai....ki ye public hai sab pareshan hai koi bv se jhagad k aaya hai to koi maa baap se....kisi ki gf naraz hai to kisi k boss ne ragad diya hai,,,,sab k sab tujh par he gussa nikalege....thik usi tarah koi BJP to koi CONGRESS se nirash hai sach ki parakh hai nahi to sab gussa QASBA pe he nikalenge.

Unknown said...

@ Ravish ji . pranam aur shukriya . is qasbe ko banane k liye . sachhiyi se bhi kabhi kabhi mulakat kara dete hain aap.

Anandita Raiyani said...

Ghar me mobile pe sab dikhane ke liye dhanyawad...

Anandita Raiyani said...

Aur ek baat..itana janane aur samjane ke baad 16 may ko pata chalega ki Hume aachhe aur sachhe log sachhi me pasand hai ya hamari ye pasand sirf filmo tak hi simit hai

saurabh said...

Ravish jee mai bhi varanasi mei jagrook karyakarta hun aur sab kuch bade kareeb se dekh raha hun...Kya utkrist shabdon ka tana bana buna hai aapne bus ek baat ki kami hai wo hai sachchai...mai to aapki bahut izzat karta hun...shayad aapko galatfehmi ho gayi aur agar apne apna zamir girwi rakh diya ho kisi NGO ke pass to phir ek patrakar ki maut ke saman hai yeh..abb aap patrakar nahi rahe afsos hai mujhe..aap agent ho gaye ho..!!

Unknown said...


पार्टी कार्यकर्ता की व्‍यथा -
http://praveendixit485.blogspot.in/2013/01/blog-post.html

Unknown said...

पार्टी कार्यतकर्ता की व्‍यथा -
http://praveendixit485.blogspot.in/2013/01/blog-post.html

Bhawna Tewari said...

'हम सब एक दूसरे के जैसे हैं'- आपको पढकर अच्छा लगता है सर. बस लगता है कि अभी हम इस लायक भी नहीं कि आपकी तारीफ़ कर सकें. बस कुछ सीख सकने की कोशिश जरूर जारी रहती है.

Unknown said...

You are another poverty tourist. Super casteist,supporter of maha casteist parties.You cannot digest aspirational india. India will not stay in picturesque poverty just to give you photo ops and chance to use your exaggerated dharti putra image.

Your kind of communist, socialist politics is what has destroyed india. Laloo, Mulayam, Maya - the leaders you support are glaring examples of corrupt dinosaurs.

Fortunately your days are numbered.Your desperation tells me you know this very well.

Anand Kumar said...

आपकी रिपोर्ट पढ़ कर ऐसा लगता है जैसे मैं बिलकुल ज़मीनी हकीकत देख रहा हूँ, जैसा मैं अपने गांव घर में बात करके चुनाव के बारे में जान पता हूँ, टीवी और अखबार में ऐसा क्यों नहीं होता ?
अखबार बंद करा दिया है, और टीवी अभी बंद है, अपने कंप्यूटर पर फ़िल्में देख रहा हूँ. लेकिन आपका रोड शो YouTube पर देख ही लेता हूँ, आपके ब्लॉग पर लेख आने से खुशी होती है, ऐसा लगता है जैसे गांव से खत आया है !

Bornphilosopher said...

बचपन से ग़लत को ग़लत और सही को सही कहने की एक जिद सी रही । इस कारण अक्सर अपनों का ही विरोध करना पड़ा । आखिर हम ९५% समय और जीवन अपनों के बीच ही तो गुज़ारते हैं । धीरे धीरे समय ने सिखाया , शान्ति से जीना है , तो उदासीन रहना सीखो । पर फिर भी मूलभूत स्वभाव पूरी तरह नहीं जाते । २-३ बार राजनीति का प्रारम्भिक निमंत्रण मिला , पर लगा कि जब समाज और हमारे अपने ही हमें तुरंत लाभ , कुछ कुनबे और अपने गाँव वालों की नौकरी , एवं अपने गाँव हेतु कुछ योजनाओं प्रस्ताव पास करा लेने को ही राजनीति समझते हैं , और उसमें भी वोगाँव वाले आपस में ही एक दूसरे की टांग खींचते नहीं रहेंगे , इसकी भी कोई गारन्टी नहीं है । तो फिर राजनीति में जाना एवं सफल होने के लिये इसके दाँव पेंच सीखने से अच्छा है , अपने परिवार का भरण पोषण करना , और अपनों और आस पास के समाज में ही वैचारिक क्रान्ति लाना । राजनीतिक पार्टियों के दाँव पेंचों को पढ़कर और उन्हें सफल होते हुए देखकर लगता है कि क्या वाकई हमारा समाज और देश की जनता , ईमानदार एवं निश्छल नेताओं को समझने एवं स्वीकारने हेतु परिपक्व हैं ??

Unknown said...

Aapki bhasha ki daridrata ye dikjati hai ki ye is peedhi ka hi parinaam nahi hai varan aapki ye daridrata khandani hai.

sumit bhati said...

Nitin ji modi ji aa rahe hai,isme koi do rai nahi hai lekin unhone ambanis k khilaf ek word bolne ki himakat nahi ki isme bhi do rai nahi hai..isse to mujhe ye hi lag raha ha ki topi wale kejribabu sahi bolte hai ki ambani ki ek jaib me modi aur dusri me sonia hai

Nitin Shrivastava said...

Sumit ji Kejri ne kabhi Naveen jindal, ford ,Bajaj k bare main nahi kaha Iska kya matlab hai

Unknown said...

Ravish ji, namstey, .... very recently i created a blog 'devensharma14.blogspot.com' and have started writing on politics in light and general sense. Now since i am very much into this (politics contents sort of) so i'm learning some sad aspects of 'compulsions of news-collectors'. May be its my myth that the so-called freedom of press does not really exist, but somehow a deep regret has rested in my soul, that 'limitations'in reports which are shown publically for sure do exist. Thank God, u are an exception. Ravish ji, i know u wud not trust when i say that you are my inspiration to write Blogs. Still, if u have time, u will find one of my blogs totally dedicated to you. Whole India has seen and appreciated your style of covering political dust in most interiors of our countryside. Ravish ji, i am too small to comment on 'now in Power'style of putting the things necessarily their way. But everyone is noticing the new-found aggression as to 'how to perpetually remain in Headlines of TV channels'. Hahaha i know u know all. Smiles ..... deven sharma

Unknown said...

Yeah ..Ravish ji ... forgot to send u my deepest Respects (u really moved me) for your coverage on Munshi Prem Chand. It was a total emotionally-charged true, honest, soul-deep coverage on Him which only an Anchor of your stature cud have covered. Munishi's Godhaan and Panch-Parmeshwar were in my school-time syllabus. When u were presenting that report on NDTV, I cruelly hush-hushed my family to be total quite or else ! For me it was like watching a movie-Thriller. No Ravish ji, don't expect pampering from me. Its already established that you are an 'Excellent reporter-cum-Anchor-cum-journalist-cum-etc.' so whether i pamper u or not, makes no difference. Right now i am writing this comment and watching you debating with panelists on Bihar showdown. On these concluded elections 2014, when entire Media ws busy covering Modi wherever he rallied or with high-profile Congress-rallies, it was really heartening to see u shaking people in far-off distant interiors with ur inimitable style to vote either on morality or on issue-based. Hahaha but what Ravish ji cud have done any better if these same simple innocent people even don't know who is Modi, who is Arvind Kejriwal, what is our national anthem, what is the name of our capital, etc. Once again please smile ... yeah ...thnx and bye