कुत्ते को गाली देने वाले दोस्तों

कुत्ते को लेकर हमारे समाज की सोच अजब गजब रही है। हमने कुत्ते को लेकर गालियां बनाईं, मुहावरे बनाए और अपने बच्चे की तरह घरों में पाला भी है। मुझे नहीं मालूम कि इंसानों के सबसे विश्वासी दोस्त जानवर के लिए गाली कैसे बन गई। अक्सर कोई तैश में कह देता है कि साला कुत्ता है। साला एक नंबर का कुत्ता है। कुत्ता हरामी। कुत्ता कमीना। कुत्ते की औलाद। इस तरह की गालियां मुझे परेशान करती है। आखिर बेचारा कुत्ता ऐसा क्या करता है कि सभ्य इंसान उसे इतनी गालियां देता है।

कुत्ता होने का क्या मतलब है? क्या गाली या फिर एक ऐसा रिश्तेदार जो रातों को जाग कर हमारे लिए पहरेदार का काम करता है। हम अजीब लोग हैं। विश्वास भी करते हैं और गाली भी देते हैं।

जब भी यह सुनता हूं कि धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का। तब बहुत दुख होता है। किसी का बेघर होना गाली कैसे हो सकती है। क्या हमें मज़ा आता है ऐसे बेघर कुत्तों को देख कर? आप उस कुत्ते के बारे में क्या कहेंगे जिसका एक घर होता है जहां वह बच्चे की तरह पाला जाता है। परिवार के सदस्यों के साथ उसकी तस्वीर होती है। उसका एक नाम होता है।

मैं बताता हूं। हम ऐसे कुत्ते को भी गाली देते हैं जिसका घर होता है। बल्कि इस मामले उसके मालिक को भी गाली देते हैं। हम कह देते हैं कि अमीरों का शौक है। जबकि कुत्ता पालने वाला या उससे प्रेम करने वाला हर कोई अमीर नहीं होता।
हम मालिक का वर्ग यानी क्लास का पता करने लगते हैं। आलोचक कहता रहता है कि इंसानों के पास खाने के लिए दो रोटी नहीं लेकिन कुत्ते को अमरीकी बिस्कुट खिला रहे हैं। यह है इंसान की जानवर से वफादारी। खुद तो चाहता है कि कुत्ता उसका वफादार बना रहे लेकिन जब कुत्ता खा रहा होता है तो वह भूखे इंसानों की तरफदारी करने लगता है। तभी उसे भूखे इंसानों की याद आती है।

लगता है हमें इस बात से खुशी होती है कि कुत्ते का कोई घर नहीं। कोई घाट नहीं। गली का कुत्ता कहने में हम राहत महसूस करते हैं। एक बेचारे जानवर को जाने हम किस किस नज़र से देखते हैं।

अक्सर हाईवे पर देखता हूं। एक ही जानवर इंसानों की गाड़ी से कुचला दिखता है। कुत्ता। लगता है कि गाड़ी चलाने वाले को कुचलने के बाद अफसोस भी नहीं हुआ होगा। संतोष होता होगा कि कुत्ते को मारा है। एक बार एक प्रेस कांफ्रेस में समाजवादी पार्टी के नेता अमर सिंह ने कह दिया कि सड़क पर वही कुत्ता मारा जाता है जो कंफ्यूज़ होता है। जो तय नहीं कर पाता कि आगे जाएं या पीछे और तब तक कुचला जाता है। मुझे बहुत दुख हुआ था। बजाए इसके कि इंसान शर्म करता या अफसोस ज़ाहिर करता कि उसकी वजह से एक कुत्ता मारा गया है वो कुत्ते को ही गाली देता है।

कहने का मतलब यह है कि इंसानों ने कुत्ते की वफादारी का ईनाम नहीं दिया। वो सिर्फ दुत्कारता है। और इससे भी जी नहीं भरता तो कुत्ते को पुचकारने वाले इंसान को ही दुत्कारने लगता है।

मुझे कुत्ते से डर लगता है लेकिन गाली देने में शर्म आती है।कभी कभी ज़बान से निकलती है तो उन दोस्तों का चेहरा याद आ जाता है जिनके घरों में वह आदर के साथ पलता बढ़ता है। एक दोस्त की तरह। जहां जाने पर वह करीब आकर पुचकारता है, खेलता है और डरा कर चला जाता है। कभी अनुशासन नहीं तोड़ता। मालिक की हर बात मानता है। वहां से लौट कर हर बार सोचता हूं आखिर कुत्ता ऐसा क्या करता है कि हम उसे गाली देते हैं। उसके नाम से इंसानों को गाली देते हैं। क्या आप भी ऐसा करते हैं?

11 comments:

विजय गौड़ said...

गधा भी ऎसा ही भोलाभाला जीव है जो कि गाली का पर्याय है. उल्लू के बारे में क्या कहेगें. अच्छी पोस्ट हैं. हल्के फ़ुल्के ढंग से भी बाते की जा सकती है, अच्छा लगा.

Rajesh Roshan said...

पहले पैरा की अन्तिम लाईन में सभ्य इंसान लिख दिया यही गलती हो गई. सभ्य होता तो गाली ही नही देता

Anonymous said...

वफादार जानवरों के नामों की गालियाँ बानाने वाले सभी गालियों के हक़दार हैं, सिवाय कुत्ते के .................... वो कुत्ते कहने लायक होते तो यह गाली ही न देते

JC said...

“Jiski phati na biwai/ wo kya jane peer parai!”

Kisiko kahte nahin suna shayad, “Kya pagal kutte ne kata hai mujhe?” (Chaudah injection lagte the pehle!) Gali nahin dega to kya pyar karega wo?

Krishna Kumar Mishra said...

Raveesh Ji Nice Thoughts for our fellow on earth. Afterall they came first on this planet before human being and now we are living on their (so-called animal named by human being) land..............

JC said...

Kahte hein ki ek admi ka takhna toota to uske wafadar kutte ka takhna laga diya gaya. Baad mein doctor ko ek din wo ‘naisadak’ per mila. Poochne per wo bola ki baki sab to theek hai, per khamba ya perd dekh taang khardi ho jati hai!!!

Ashok Pande said...

मैं तो कुत्तों का, ख़ासतौर पर सड़क पर पाये जाने वाले आवारा बेघर कुत्तों का मुरीद हूं. वे इस क़दर हम भारतीयों जैसे नज़र आते हैं.

रहा सवाल कुत्तों को या लोगों को 'कुत्ते' की गाली देने वालों का तो मुझे उन की समझ पर तरस आता है.

अच्छा है आपका आलेख!

कुश said...

ये तो बिल्कुल ठीक कहा आपने..

सागर नाहर said...

आज सुबह जब मैं परिवार के साथ पास के बगीचे मॆं तहलने के लिये गया था, कुत्ते के एक छोटे से बच्चे (पालतू नहीं- गली वाला, देसी) को देखा पहले तो वह इधर उधर दौ़ लघा रहे लोगों को देखता रहा फिर पता नहीं क्या सोच कर उसमे भी दौड़ लगानी शुरु कर दी।
हम सब दंग रह गये जब उसने आधा किमी के मैदान के आठ दस चक्कर बिना रुके लगा लिये, पता नहीं उसके दिमाग में इन्सानों से हौड़ लगाने की कैसे सूझी और हाँ उसने कितनों को पीछे भी छोड़ा ..।
इतनी समझ वाले प्राणी को हम गाली देते हैं वाकई गाली खाने के अधिकारी तो हम है।
बहुत बढ़िया लेख.. एक ही विषय पर आज दूसरा लेख पढ़ा। एक अतुल शर्माजी का लिखा हुआ था।

Manoj said...

If this will make you feel better:

The reason a dog has so many friends is that he wags his tail instead of his tongue.
-Anonymous

There is no psychiatrist in the world like a puppy licking your face.
-Ben Williams

A dog is the only thing on earth that loves you more than he loves himself.
-Josh Billings

The average dog is a nicer person than the average person.
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Dogs love their friends & bite their enemies, quite unlike people, who are incapable of pure love & always have to mix love & hate.
-Anonymous

Anybody who doesn't know what soap tastes like never washed a dog.
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Women and cats will do as they please, and men and dogs should relax and get used to the idea.
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If you pick up a starving dog and make him prosperous, he will not bite you; that is the principal difference between a dog and a man.
-Mark Twain

Dogs are not our whole life, but they make our lives whole.
-Roger Caras
If you think dogs can't count, try putting three dog biscuits in your pocket and then give him only two of them.
-Phil Pastoret


Manoj

banjara said...

mujhe apne un charo kutto ki yaad aa gai jinhe palne ka main dava to nahi karta lekin fir bhi vo mere hain. jab pandra bees din bad ghar lauta hoon to mujhse ase chiptte hain mano mere sage hon. mujhe dekh dhero savaal puchte hain. main bhi unhe unke naam se hi bulata hoon jise ve samjhte bhi hain. unke naam hai---
sheru, roket, baalu aur keekri.