याराना फ़िल्म के बहाने दास्तान ए दोस्ती

तुम गँवार आए थे और आज भी गँवार हो । तुमने मेरे सपने तोड़ दिये । आई हेट यू । मैं तुमसे नफ़रत करती हूँ । नीतू कपूर बच्चन को सुना कर चली गई हैं । उनकी बातें गूँज रही है । फिर मेरा फ़ेवरेट गाना गाने लगते हैं । छू कर मेरे मन को किया तूने क्या इशारा, नीतू बच्चन की बाँहों में । तू जो कहे जीवन भर तेरे लिए मैं गाऊँ । गाना आगे बढ़ रहा है । मैक्स पर याराना देख रहा हूँ । बच्चन बिशन को भूल कर नीतू के साथ मगन हो गए हैं । स्टेडियम में भीड़ आ गई है । बच्चन सफ़ेद पतलून पहने हैं । ऐसा लगता है नीतू वाली पतलून ही टाइट कर पहन ली है । नीतू हाई हिल्स के सहारे उनकी कमर तक आ गई है । ये कौन कह रहा है तू आज प्यार कर ले जो कभी भी ख़त्म न हो वो ऐतबार कर ले । हे सारा ज़माना । तालियाँ गूँज रही है । एक ही स्टैंड पर भीड़ जमा कर कैमरा इधर से उधर कर निर्देशक ने स्टेडियम का अहसास पैदा कर दिया है । 

जब हुस्न ही नहीं तो दुनिया में क्या कशिश है दिल दिल नहीं है जिसमें नहीं प्यार की ख़लिश है । मान ले मान ले मेरी बात ।  बच्चन ने अब सीरीज़ बल्ब वाला बाबा सूट पहन लिया है ।आज तक समझ नहीं आया बच्चन के इस बत्ती सूट की नक़ल किसी बैंड मास्टर ने क्यों नहीं की । बारात की क्या शोभा बढ़ती । 

ख़ैर गाना ख़त्म होता और याराना शुरु होता है । किशन को बिशन का राज़ पता चल जाता है । दोस्त ने अपने दोस्त के लिए सब दाँव पर लगा दिया है । मुकद्दर का सिकंदर, याराना, दोस्ताना और शोले इन फ़िल्मों में बच्चन दोस्ती ही करते रह गए । अब के दौर में दोस्ताना का कुछ और मतलब है तब के दौर में दोस्ती एक बड़ी थीम हुआ करती थी । हम उसी दौर के हैं । दोस्ती हो जाती है । और हो जाती है तो निभानी भी पड़ती है । हा हा । ये सलमान की फ़िल्म का डायलाग है । दोस्ती का मतलब या मतलब की दोस्ती अपन के बस की बात नहीं । पल्ले नहीं पड़ती । बेहद पाक चीज़ है । नेमत है उसकी जिसे हम गँवा देते हैं । संभालना सहेजना सीखो । 

 ब्रेक में बच्चन साहब कल्याण जूलर्स का गहना बेच रहे हैं । वक्त के साथ याराना भी बदल जाता है । यही होता है । बाद में सब गहना बेचने लगते हैं । बच्चन साहब स्लो मोशन में दौड़ रहे हैं । स्लो मोशन में दौड़ने की तमन्ना अधूरी रह गई । काश कई लोग फ़िल्म के असर में स्लो मोशन में दौड़ते नज़र आते । अब की फ़िल्मों में स्लो मोशन नहीं होता क्यों भाई । कोई बिछड़ा अब नहीं मिलता क्या । बहुत चालाकी ये यह फ़िल्म बालीवुड की दुनिया की चमक का अंधेरा दिखा देती है । 


4 comments:

nptHeer said...

ab dosti se bhi aap ko problem ho gai?chor ko police kahenge aur police statio ko-chor station-kahke bulayenge to kya unlogon main fark aa jayega?:-/ ajib ho aap bhi--duniya hamari sensitivity ke anusar nahee hamri sensitivity duniya ke saath taalmel se baithani parhti hai

Maine Amitabh bachchan ki sirf tin chaar movies hee puri dekhi hui hai-yarana,namak halal,baagbaan,aarkshan--kyun?sab yahan kyun likhun?:) :p meri marji :) movie dekho aap.. :p

Ria Sharma said...

दोस्ती का मतलब या मतलब की दोस्ती अपन के बस की बात नहीं । पल्ले नहीं पड़ती । बेहद पाक चीज़ है । नेमत है उसकी जिसे हम गँवा देते हैं । संभालना सहेजना सीखो ।

behad khuubsuurtee se likhe gaye shabd hain ye Ravish ji.

profound !!

Shyamlal suthar nashik said...

Good

suresh said...

Very nice aap ka cineman bahot dino bad najar aaya hai. Thanks