रैव्स रिया की प्रेम कथा वाया मोहाली

मोहाली के मैच के दिन मेरे दिमाग़ में एक प्रेम कथा भुकभुकाने लगी। फेसबुक स्टेटस में वर्ण कैरेक्टर की सीमा में लिखी गई इस कथा को क्रमवार पढ़े। रैव्स और रिया डिसूज़ा की प्रेम कथा।
(1)
पटना के भिखना पहाड़ी के एटीसी ने सीटी बजा दी। पैड और हेल्मेट से लैस मैं फाइटर प्लेन लेकर मोहाली के आकाश में।नीली जर्सी में रिया डिसूज़ा थिंकिंग मुद्रा में-यू नो रैव्स..डिंट नो नैशनलिझम कैन बी सो फनी।तभी फाइटर प्लेन एफएम पकड़ लेता है। बलैती पी गए देसी अभी बाकी है।डैडी है नाराज़ पार्टी...खुश हो ले तू तो..बारूद अभी बाकी है। रैव्स और रिया नीचे न्यूज़ चैनलों के सेट को देखते हैं। मुर्गा छाप बम का कोई भरोसा नहीं। धड़ाम।
(2)
मैं मैड हूं या कंट्री मैड है। रिया यू कांट ब्लेम मी ओनली। बीच हवा में नीली जर्सी वाली रिया का मूड बादलों सा छंट गया। मैं मोहाली के हाई फ्लोर से मैच देखने के लिए ईगर था। रिया डिसूज़ा अचानक हॉकी,कबड्डी को लेकर डिप्रैस हो गई। आय नो रिया। वी हैव प्रॉब्लम। बट यू नो जर्नलिस्ट भी तो नैसनलिस्ट है। कांट आई बी। दिस इझ महायुद्ध। वी आर सेफ हीयर। नो नो..गेट मी डाउन रैव्स। डोंट ड्राइव मी मैड।
(3)
तभी भिखना पहाड़ी एटीसी से कॉल...रैव्स चाची का फोन।ऐ गुड्डू तू दिशासूल में काहे उड़ा रहे हो। पच्छिम के जत्रा नईखे। मोहाली ओनही नू बा।चाची शट अप। रिया भोजुपरी सुन कर एंग्री हो जाती है।सी हेट काउ बेल्ट लैंग्वेज।चाची बाद में...। यू नो रिया माय विलेज कनेक्शन इझ लाइक इंडियन हिस्ट्री। लेट्स गो टू द होटल भेयर पीएम ही स्टेयिंग....रिया चिल न। यू सूड रेस्पेक्ट भोजपुरी। वी आर नॉट गेंजेटिक बार्बेरियन्स। आय एम अ झर्नलिस्ट।
(4)
रिया गुस्से में शकीरा को रिंग करती है।शकीरा दिझ इंडियन्स कांट प्रोनाउन्स योर सांग। वाका वाका इझ वाघा-वाघा। डोंट टेल में रिया। हू आर यू विद। सेम..गेंजेटिक प्लेन वाला। ओ..रैव्स। माय गॉड। आय टोल्ड यू न। दिस मैन इझ क्रिकेट क्रेज़ी। हाउ कैन ही फ्लाई अ फाइटर प्लेन। यू नो शकीरा ही इझ नंबर वन जुगाड़ू। गॉट अ लाइसेन्स फ्राम राजस्थान फ्लाइंग क्लब। फेक है। झर्नलिस्ट है साला। मैनेज कर लेता है। शट अप रिया। यू लभ हिम।
(5)
और रैव्स को मोहाली ब्लूज़ होने लगा। उदासी के पल में उसका फाइटर प्लेन भी गड़गड़ाने लगा। रिया समझ गई। बोली चलो रैव्स भिखना पहाड़ी पर उतरते हैं. वहीं रिमझिम होटल में अंजुम जी के साथ पेट सिस्टम में खा लेंगे। नो रिया। कांट गो बैक। लेट्स गो टू खोड़ा खुर्द एट गाज़ीपुर बोर्डर। एटीसी को बोलता हूं। तुम जर्नलिस्ट लोग अपने ही ट्रैप में फंस गए। है न रैव्स। या...आय थॉट इट विल बी अ महायुद्ध। बट ये तो महाफुस्स निकला। चिल रैव्स।
(6)
पोस्ट स्क्रीप्ट बाय शेक्सपीयर- और रैव्स एक कमजो़र इंसान निकला....बल्लेबाज़ों के ख़राब प्रदर्शन के बाद ही मोहाली से भाग निकला। जर्नलिस्ट होते ही ऐसे हैं। विजेता का पीछा करने वाले। रिया एक समझदार लड़की थी। वो अब भोजपुरी बोलने लगी। एक गांव में सेल्फ हेल्प ग्रुप के साथ काम करने लगी। रैव्स ने एक हिट फिल्म की कहानी लिखी- मोहाली का महापापी कौन। दोनों जुदा हो गए। आज भी पटना म्यूज़ियम में रैव्स का फाइटर प्लेन रखा है।
(7)
भिखना पहाड़ी एटीसी की फिर सीटी बज गई। पटना म्यूज़ियम से फाइटर प्लेन लेकर रैव्स मोहाली की तरफ उड़ चला। रिया को लगा कि रैव्स मैच्योर हो रहा है। क्राइसस एन्ज्यवॉय करने लगा है। धोनी रमाए टीमिंडिया के गेंदबाज़ धौंक रहे थे। रिया ने कहा तुम न्यूज़ करते करते सेन्सिटिभ हो गए हो। थोड़ा मिक्स करो। प्रोफेशन के क्राउड में। अदरभाइझ लोनली हो जाओगे। रैव्स ने हां में हां कह दिया। और फाइटर प्लेन उड़ाने में बिझी हो गया।
(8)
...फाइटर प्लेन में रिया लेज़ी लम्हे सुनते हुए मोहाली के आसमान में चमकते सितारे गिनने लगी। पोएटिक मूड में रिया को देख रैव्स रंजन ऋतुराज के स्टेटस का वो गाना गुनगुनाने लगा...सिमटी हुई ये घड़िया..फिर से न बिखर न जाएं....इस रात में जी ले हम, इस रात में मर जाएं। रिया डिसूजा दोस्तों को मैसेज करने लगी। आय टोल्ड यू न ही इझ ए नाईस गाई। गेंजेटिक बार्बेरियन्स। रैव्स ने भिखना पहाड़ी एटीसी की लाइन काट दी।
(9)
और...रिया ने रैव्स को हग कर लिया...फाइटर प्लेन टिल्ट हो गया....मोहाली के आसमान में उठती आतिशबाज़ियों की लपटों से फाइटर प्लेन में माइनर फायर हो गया...समय रहते बुझा लिया गया...भिखना पहाड़ी के एटीसी को घंटा न पता चला.....बीच मैच से भागा रैव्स मिस्वा को आउट होते देख बहादुर फील करने लगा। मैनली। ओनली रिया उसके जज़्बात को समझ सकी। इसी के साथ मोहाली स.फा. की इस प्रेम कथा का सुखांत होता है।

8 comments:

Khushdeep Sehgal said...

आज तो हर भारतवासी को पूरी ताकत के साथ मुठ्ठियां हवा में लहराते हुए ये गाना गाना चाहिए...

हिमालय की चोटी पर चढ़ कर,
हमने ये ललकारा है,
दूर हटो, दूर हटो,
हटो हटो, ऐ श्रीलंका वालों,
वर्ल्ड कप हमारा है...

जय हिंद...

प्रभात said...

वाह...........
भिखना पहाड़ी ए टी सी ..........
गंगेटिक बारबेरियन ..........
सही शब्द चुनते है आप.
और आपकी यही विशेषता है.
लिखते रहिएगा.

prabhat
http://softmedi.blogspot.com/

सतीश पंचम said...

एकबारगी लगा कि शायद यह प्रमोद सिंह जी की अतिथि पोस्ट है :)

मस्त लिखा है....एकदम राप्चिक :)

वैसे चच्ची को भदेस ईस्टाईल में फेसबुकवा का अर्थ समझाये कि नहीं :)

फेसबुकवा = चेहरे पर राई पीस कर लगाया हुआ बुकवा

तभी तो लोग फेसबुकवा पर अक्सर राई का पहाड़ बनाते नज़र आते हैं :)

Kaushal Kishore , Kharbhaia , Patna : कौशल किशोर ; खरभैया , तोप , पटना said...

रविशजी सिम्पली अद्भूत. पढ़ते हुए बहुत मजा आया.ग्रेट फंतासी. गंगेटिक बरबरिंस और मस्त रिया. ऐसा भी लिखते रहिये.
सादर
कौशल किशोर ,
magahdes .blogspot .com

Kaushal Kishore , Kharbhaia , Patna : कौशल किशोर ; खरभैया , तोप , पटना said...

रविशजी
सिम्पली अद्भूत. पढ़ते हुए बहुत मजा आया.ग्रेट फंतासी. गंगेटिक बरबरिंस और मस्त रिया. ऐसा भी लिखते रहिये.
सादर
कौशल किशोर ,
magahdes .blogspot .com

दीपक बाबा said...

@सतीश जी, सही पकड़ लिए

@प्रमोद सिंह जी की अतिथि पोस्ट

पता नहीं क्यों, हमें भी यही लग रहा था.

Brajmohan Kumar said...

रवीश जी, ऐसी प्रेम कहानियों का पेटेंट आपके नाम पे होना चाहिए. आप ही लोगों को बाँधे रखने वाली ऐसी कहानियाँ लिख सकते हैं.

:)

संतोष कुमार said...

लाजवाब , कल्पना में भी कितनी सच्चाई दिखा देते है आप.