अचानक से लोकतंत्र बजबजा गया है
बात बात पर राय व्यक्त करने लगा है
रायों पर लोगों में कांय कांय मची है
बयान आते ही कुकुरमुत्ते की तरह
उग आते हैं भाँति भाँति के बयान
फ़ेसबुक पर निंदा ट्विटर पर परनिंदा
लगातार लिखा जा रहा है बयानों पर
बयान से बयान की भिड़ंत मचती है
मुर्ग़े की लड़ाई में चोंच से चोंच टूटती है
प्रति सेकेंड अनगिनत प्रतिक्रियाओं के इस दौर में
हर प्रतिक्रिया पिछली प्रतिक्रिया की क्रिया है
बयान ही अब लोकतंत्र का नया स्टेटस है
कमेंट और लाइक उसके झंडाबाज़ चेला
जागरूकता शेयर हो हो कर जाग रही है
बात जो बयान का मूल था वो वहीं है
वहीं था फ़ेसबुक से पहले जहाँ हुआ करता था
साम्प्रदायिकता सेकुलरता घोटाला पाकिस्तान
बस बकने की रफ़्तार बढ़ गई है
अचानक लोकतंत्र ब्राडबैंड हो गया है
बातों की स्पीड दन से दनादन हो गई है
बोलना लोकतंत्र की जीवंतता की निशानी है
तो यक़ीनन हम सबसे लोकतांत्रिक दौर में हैं
चलो फ़ेसबुक चलो, चलो ट्विटर चलो
चलो टीवी चलो,चलो जंतर मंतर चलो
जो नहीं चलकर चल पाये हैं
वो लोकतांत्रिक नहीं हो पाये हैं
वो लोकतांत्रिक नहीं हो पाये हैं
फ़ेसबुक खाद है ट्विटर खाज है
दलदल में हलचल मची है
उँगलियाँ डेमोक्रेट हो गई हैं
पिंडलियां टेक्नोक्रेट हो गई हैं
भावुकता से भरे कुछ लोग रो रहे हैं
अपने भारत की मर्दानगी को कोस रहे हैं
सब लोग सबलोक हो रहे हैं
हम लोकतांत्रिक हो रहे हैं
हम लोकतांत्रिक हो रहे हैं
हम तांत्रिक हो रहे हैं
हम तांत्रिक हो रहे हैं