कहने का मन करता है...
दवा ही तो पैक करनी है, कौन ज्ञान पैक करना है।
ज्ञान पेक करने वालों की हालत तो और दयनीय है -सभी book binders even publishers लेखक भी:)लोन की package दवाइयों पर मार्किट मैं टिके है। sad-but true.
दवा ही तो पैक करनी है, कौन ज्ञान पैक करना है।
ReplyDeleteज्ञान पेक करने वालों की हालत तो और दयनीय है -सभी book binders even publishers लेखक भी:)
ReplyDeleteलोन की package दवाइयों पर मार्किट मैं टिके है। sad-but true.