सब बराबर हैं, मार्केट के लिए


2 comments:

  1. दवा ही तो पैक करनी है, कौन ज्ञान पैक करना है।

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  2. ज्ञान पेक करने वालों की हालत तो और दयनीय है -सभी book binders even publishers लेखक भी:)
    लोन की package दवाइयों पर मार्किट मैं टिके है। sad-but true.

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