मैं कल्पना करना चाहता हूँ पर कर नहीं पा रहा हूँ । यही कि मोहन दास करमचंद गांधी किसी पार्टी का विज्ञापन कर रहे हैं । कैमरे के सामने टेक रीटेक दे रहे हैं । आप गांधी के बाद लगभग गांधी बनने वाले शख़्स तो बन ही गए थे । मीडिया हमने सबने आपमें गांधी देखा था । आपको भी लगा कि गांधी की तरह आश्रम में रहना चाहिए । आपने राजनीति से दूरी बनाये रखने के असंख्य बयान दिये । कहा कि राजनीति में नहीं जायेंगे । आपके आस पास ऐसे लोग जमा हुए जिन पर आपने यक़ीन किया कि ये भी राजनीति में नहीं जायेंगे । आप राजनीति की तरफ़ गए अरविंद से दूरी बनाते रहे और छकाते रहे । गांधी की हैसियत से सर्टिफ़िकेट जारी करते रहे ।
आज वी के सिंह बीजेपी में जा चुके हैं । किरण बेदी रोज़ मोदी का प्रचार करती हैं । आपके बाक़ी सदस्य क्या कर रहे हैं पता नहीं लेकिन आप तृणमूल कांग्रेस का प्रचार कर रहे हैं । आपको कौन मैनेज कर सकता है । यह ज़रूर है कि आपको मैनेज करने वालों को कोई और मैनेज कर रहा था । आपने वी के सिंह और किरण बेदी को कभी ख़त लिखकर सवाल नहीं पूछा । जनलोकपाल के बदले रूप को जब कांग्रेस बीजेपी अपनी विश्वसनीयता का हथियार बनाने के लिए पास कर रही थीं तब आपके साथ किरण बेदी थीं । आज उसी लोकपाल के लिए बनी सर्च कमेटी को लेकर विवाद हो रहा है । जो आपको नहीं दिखा कि सर्च कमेटी का क्या मतलब है जब सलेक्शन कमेटी मानने को बाध्य नहीं । इसी बिन्दु पर जस्टिस थामस ने सर्च कमेटी के प्रमुख का पद छोड़ दिया । उनका सवाल सर्च कमेटी की प्रासंगिकता को लेकर था मगर बीजेपी ने इसे सरकार की नाकामी बता दी । बीजेपी ने थामस के सवालों का जवाब नहीं दिया । उन्होंने सर्च कमेटी की क्षमता के प्रति अविश्वास व्यक्त किया जिसे कांग्रेस बीजेपी ने मिलकर पास किया था । सरकार और विपक्ष दोनों का गुमान है कि सच वही बोलते हैं ।
आप भी इस विवाद से दूर हैं । चुप हैं । आप अब अण्णा नहीं रहे । बारी बारी से कांग्रेस बीजेपी के काम आने के बाद ममता के कार्यकर्ता बन गए हैं । आपने ख़ुद मैं ही अण्णा तू भी अण्णा के नारे को ख़त्म कर दिया । आप मैं ही अण्णा मैं ही अण्णा जपने लगे हैं । यह भी हो सकता है कि आने वाले दिनों में आप अजित सिंह की पार्टी रालोद या चौटाला की पार्टी इनेलो के लिए भी प्रचार करते नज़र आयेंगे ।
अण्णा आपने गांधी को निराश किया है । आपने जेपी को निराश किया है । उनलोगों को सही साबित किया है जो आपके अनशनों और भाषणों के वक्त हँसा करते थे । आप किस प्रोजेक्ट के तहत तृणमूल के लिए प्रचार कर रहे हैं । आम आदमी पार्टी के आधार में कंफ्यूजन फैलाने का नया मंच है या दिल्ली में प्रचार कर तृणमूल को लिए कुछ वोट बटोरने का प्रयास कर रहे हैं ताकि उसे राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए पर्याप्त वोट मिल जाये या आप ममता के बहाने आप का वोट काट कर मोदी का भला कर रहे हैं । जैसे आप पर आरोप लगता है कि यह बीजेपी को हराने का कांग्रेस का प्रोजेक्ट है वैसे ही कहीं आप आप को हराने के लिए बीजेपी का प्रोजेक्ट तो नहीं ।
वैसे अण्णा आप गांधी से गन्ना बन चुके हैं । सब चूस रहे हैं आपको । चूस चुके हैं । आपको एक सुझाव देता हूँ । आप एक आत्मकथा लिखिये जिसमें सच बोलने का प्रयास कीजिये कि आप कैसे कैसे मैनेज होते रहे । उसका नाम रखिये- गांधी से गन्ना तक । कोई अचानक ब्लागर बनकर मैनेज करता है तो कोई सीडी रिकार्ड करता है । आपने अपना सबसे अचूक हथियार गँवा दिया है। नैतिकता का अधिकार । आपकी टोपी पर सब अपना नाम लिख चुके हैं । किसी रैली में ममता आपकी टोपी उतारकर अपनी टोपी पहना देंगी जिस पर लिखा होगा मैं भी ममता तू भी ममता । टीवी पर आप जिस ममता को अपना आशीर्वाद दे रहे हैं आप चाहें तो वी के सिंह को भी दे सकते हैं । वे बीजेपी में ही गए हैं । आपके हिसाब से तो अच्छे उम्मीदवार है हीं । बाकी त जो है सो हइये है ।
भवदीय,
रवीश कुमार एंकर
dear ravish
ReplyDeleteibn7 per vinod dua ka prashankal kaisa laga apko.
jarror comment kijeyga.
NDTV LOST HIS BEST ANCHOR AND REPORTER (VINOD DUA)
ye shahi mein shocking hai. Anna jaise uche kad ka vyakti Mamat didi ke liye prachar? kuchh samjh mein nahi aata...ye rajneeti andhaa kuaan hai ya log hi andhe hote jaa rahe hain.
ReplyDeletebaaki jo hai so haiye hai!
गांधी से गन्ना तक। हाहाहा। सही में! क्या कहा जाए। छोड़िए, सब लोग सब समझते ही हैं। अरविन्द "फेनोमेना" के साथ साथ अन्ना "से सर्टिफाइड होना" पर भी शोध होना चाहिए । अंधे की लाठी सुना था । एक अन्ना की लाठी देख ली । जब चाहे जिस पर बरस जाए । जब मन आये जिसका सहारा बन जाए - किसी डूबते हुए का या किसी को डुबाने का। ये अंतर तो अन्ना जाने । और वो जिसने टोपी पहनाई है । माने, पहनी है।
ReplyDeletedear ravish bhai
ReplyDeleteapne anna ka voh advt. dhyan se nahi suna
JO MAMATA NE KIYA VOH KISE NE NAHI KIYA,
JO MAMTA NE DIYA VOH KISE NE NAHI DIYA.
Anna like bengali Rasogulla.
सर , मेने तो बहुत पहेले ही ख़त लिख दिया था , आज लिंक नहीं पूरा ख़त ही यहाँ कॉपी करता हु - 13 Dec - 2013
ReplyDeleteकुछ तो हुआ है कुछ हो गया है,
अरविन्द जुदा हुआ है तब से लगता है ऐसे ,
सब कुछ नया है सब कुछ अलग है
जनलोकपाल को भूल गए है,
बेखयाली में अनशन पे बेठे है ,
अब अकेले में पछता ते है,
बदले हुए से आपके तेवर है
कुछ तो हुआ है कुछ हो गया है,
पिगला पिगला लगता है आपका दिल तो ,
हसके मिलते है आज कल कांग्रेसी से ,
कुछ तो हुआ है कुछ हो गया है,
ध्यान अब इमेज का ज्यादा रखते है ,
सोचते है केसे दिखते है ,
मीडिया में रहने को,
चिठ्टी भी लिख देते है
कुछ तो हुआ है कुछ हो गया है,
यह नशा जिसका आपको हुआ है ,
हो न हो उसको पॉलिटिक्स कहते है,
प्यार मिला तो , पॉवर आ गया है
कुछ तो हुआ है कुछ हो गया है,
~ इंडिया अगेंस्ट करप्शन का भूतपूर्व सपोर्टर
Credit lene ya malai khane Sab toot Padege jaise "junta Durbar " me par ladai ladne koi nahi aayega yahi Sach hai Iss desh ka ... Aur aaj Se nahi .. Delhi sultanate fir mughliya sultanate fir British raj yahi to dekha hai Iss desh ne ...kyu bhagat singh unke sathi kuchh nahi kar paye kyu netaji Bose apne hi deshvasiyo Se ladte hue haar Gaye wo Bhi tab jab Britishers were losing in all other fronts.
ReplyDeleteChalo achchha hai aapne Anna ko Ganna chusa diya. Waise to kuchh bacha hi nahi tha, jaanne ke liye. janta ke paas teesri aankh hai jisse sab jaan leti hai.. Anna ji apni vishwasniyata kho chuke hain woh bhi bahut pahle. Waki V K Singh ko jab Gopal Rai BJP ka agent batate hain to Anna unpe bhadak jate hain.. ye sab to bahut pahle ho chuka hai..
ReplyDeleteAAP के आने से जितनी राजनितिक महाभारत हुई है उसका कोई रिकॉर्ड नहीं तोड़ सकता ! रवीश जी एक अछा एंकर होने के नाते
ReplyDeleteआपको प्राइम टाइम मैं एक दिन समझाना चाहिए ये सारे महीन समीकरण ! आज तक कोई ऐसी पार्टी नहीं देखी जो एक साल
मैं मुख्य विपक्ष प्रतीत हो रही है BJP के सामने लोक सभा स्तर पे ! आप आज भी हलके मैं लेते है इन्हे ऐसा मुझे लगता है ! सर्वे वालो
के चक्कर मैं मत रहियेगा ! ये लहर मैं लहर है आप ही के शब्दो मैं !!!
You will do analysis of everyone except Kejriwal.Whatever Ashotop was doing in IBN,Punya Prasoon Vajpayee doing in AAj Tak you are doing in NDTV.Working as mouthpiece of AAP.
ReplyDeleteIf you are sympathizer of AAP nothing is wrong in it.Please accept it.Your personal political ambition/linking should not be mixed with your professional duty as an anchor.Please dont use Prime Time as a tool to spread the agenda of AAP/Kejriwal
ReplyDeleteयही आज की त्रासदी है जहाँ एक और केशुभाई पटेल राजनीति से संन्यास की घोषणा करते है वही अन्ना राजनीति में प्रवेश का आगाज़ .इतने दिनों तक देश को भ्रमित करते रहे ...गांधी कोई दूसरा हो ही नहीं सकता हां उनके नाम से अपना मेकप बदल जरूर सकता है ..आपने सही ही कहा है ये वो गन्ना हो गए है जो चूस जाने के बाद भी अपनी उपयोगिता कम होते नहीं देख सकते .
ReplyDeleteगांधी " जी " के बारे मे बहुत कुछ काला था ,गुगलिया लिजिये मिल ही जायेगा,जो हुआ है और जो होगा वो ठीक ही होगा,तभी तो हुआ,टीम अणणा ना टुटती तो कुछ तो ऐसा जरुर होता जिसके कारण आज की पिजा पीढी इनको सर पर बिठा कर घुमती,और घुमी थी,लेकिन सिरफ बेदी जी,सिह् साहब को दोष देना ? अगर केजरी,मनीष,गोपाल,कुमार,सिह साब,की महतवकानछा जरुरत से जयादा ना होती तो ? भगवाधारी अज्ञानिवेश कया कर रहे थे ? बेदी तो पहले से ही प्रसिध नही थी ? जनरल साब को कितने सलाम ठोकते थे ? कुमार को कौन जानता था ELITE के अलावा ? अब ambani को गरियाकर ,तब नही पता था जब थे आयकर अधिकारी , और अणणा का नाम पैसा शोहरत सब मिला ,
ReplyDeleteयेह बात माने या ना माने लेकिन टी वी से घिन इनके समाचारो की अति होने के कारण ही हुई है,
एक आप जैसा प्रतिभाशाली ,बेधडक, देखने या सुनने जय़ादा पढा जाने लगा कयो ? पता लग गया ने इसलिये
अण्णा आपने गांधी को निराश किया है । आपने जेपी को निराश किया है Ditto !!!
ReplyDeleteअन्ना ने सिर्फ गाँधी, जेपी को ही निराश नहीं किया है, बल्कि उन सभी को किया है जो आप पर गर्व करते थे और कहते थे की "अन्ना नहीं यह आंधी है, देश का दूसरा गाँधी है" |
ReplyDeleteअणणा के अनशन के समय सारा देश उनमे गांधी का नया अवतार देख रहा था और इसीलिए उनके पीछे खड़ा हो गया था . लेकिन उनके ममता के पीछे जाने से यह मोह भंग हो गया है.
ReplyDeleteअन्ना जी सियासी चाल मे फंस गये , अब राह दिखाने वाले भटक गये तो , अब उन्हें राह कौन दिखाये
ReplyDeleteMujhe bus itna kahna hai ki jaante to sab hai lekin kahne ki himmat sirf aapne ki hai
ReplyDeleteBaki ta jo hai so haiye hai
vo maaraa bhai Ravish ne topi wale ko.. swaalo kaa ambar laga diyaa hai.. anna will scratch his head.. aare baba . me kaye kelaa re..
ReplyDeleteSuperb and blunt article...
ReplyDeletehaha...gannaa..:P
ReplyDeleteRavish ji....nothing to say..I was also Anna supporter but your blog is correct state of my mind.
ReplyDeleteI was found of Ravish but due to some incidents I start disliking a bit [not totally] but this is true journalism which only have locality towards people and country
ReplyDeleteपूर्णतया सहमत , ये हमारे भी मन कि बात है रवीश जी ,
ReplyDeleteजनलोकपाल आंदोलन के दौरान अन्ना व् केजरीवाल उच्च नैतिकता के एक प्रतीक बन कर उभरे थे , केजरीवाल पहले ही वो उच्चता खो चुके थे, कल - परसो अन्ना को ममता बेनर्जी के विज्ञापन में देखकर रहा सहा मन भी खट्टा हो गया, फिर से प्रतिक खंडित हो गए !
क्या हुवा गर सनी लियोनी कंडोम का विज्ञापन करती है , अमिताभ गुजरात का विज्ञापन करते है , अन्ना आप भी विज्ञापन ही कर रहे है !
As usual best blog...
ReplyDeleteरविश आपने इस पत्र के माध्यम से जो सवाल अन्ना से पूछा है शायद हर कोई जो रामलीला मैदान में मोजूद था अन्ना से पूछना चाहता है, आज अन्ना, गाँधी जी कम एक प्रश्न चिन्ह ज्यादा बनगए है। समझ में नहीं आता उनकी किस बात को देश के हित के लिए माना जाये। आज ममता का प्रचार करते देख कर ऐसा लगता है जैसे वो भी अमिताभ की तरह - कुछ दिन तोह गुजारों गुजरात में का प्रचार कर रहे हैं। अत: जिसे देखे न देखें फर्क नहीं परता।
ReplyDeleteRavishji ek baat bolu Anna kabhi Gandhi nahi tha kabhi hoga... Jab Hum Gandhi ka nam lete he tab hamara man me Satt bhav Nirman ho jata he.. . maine aisa kabhi mahsus nahi kiya Anna ke prati...
ReplyDeleteThik he wo accha kaam kar rahe the... Ek baat jarur dikhane ayi is bahut sare kary me unki soch kam dikhati rahi.. wo ek mukhavte ke taur per the ek buddha insan...
hum bhartiyoko ek galat adat he compare karne ki jaise ki hamne unka compare gandhise kar diya... Anna ke bare me ek baat batata hu... wo kabhi kisike sath jyada time nahi rahe unhone bahut sare anshan kiye...alag alag logonke sahare... wo kaam ho jane ke baad wo team chhod dete... Arvind ke team ke sath bhi yahi hua... muze anna ko national leval pahachan banaekeliye is team bahut hath hai aisa mera manana he... apne uper jitane bhi likha he usase 100% sahmat hu... Anna ko abhi kuchh kam nahi bachha he... abhi wo arvind ko nicha dikhane keliye alag hath khande apna rahe he...
Think !!
ReplyDeleteAajkal aapki baaton se KEJRI supporter ki boo aati hai :D
ReplyDeleteThis country realy need the people who can ask questions...and u are one of those...we can only gossip with our colleague that who can ask about x and y issues with gov or with any specific person...now we have some answers like u... it is always good to c u on prime time..
ReplyDeleteSuperb! Lagta hai Anna AK ko niche dikhane ke liye kar rahe hai.Mamtaji Ka kitna bhala hoga pata nahi par Anna Hazare ne sab kuch gawan diya
ReplyDeleteWAKAI MAI ANNA KO GANNA BANA DIYE HAI SAB EK BUDBAK KE TARAH SE USE KAR RAHE HAI SAB
ReplyDeleteधन्यवााद रवीश जी,
ReplyDeleteकिसी ने तो साहस किया सच बोलने का, अगर हमने कहा होता तो लगता कि एक अरविन्द का समर्थक बौखला कर ये बाते कर रहा है। अच्छा लगा और एक सवाल जो हर अन्ना समर्थक के मन में में होगा कि आखिर ममता में ऐसा क्या दिखा जिसके सामने "आप" तथा "इण्डिया अगेंस्ट करप्शन" के निस्वार्थ कार्यकर्ताओ की अटूट मेहनत का अन्ना ने मजाक बना दिया । अब कोई किरण बेदी और वीकेसिंह से सवाल क्यों नही करता कि क्या उन्होंने अन्ना को धोखा नही दिया ?
आज खुद अन्ना एक मजाक से ज्यादा कुछ नही रहे । और हाँ अब मैं न ही इस आशा में हूँ कि ईश्वर अन्ना को सद्बुद्धि दे , और न ही आप को अब अन्ना की जरुरत ही है । अगर अन्ना साथ आये तो पिता की तरह सम्मान के साथ स्वागत है । पर उनके आने या जाने से "आप" के जनसमर्थन पर अब कोई असर नही पड़ने वाला ।
अन्ना' के लिए उनके भविष्य की शुभकामनाये । मैं इस अन्ना का नही उस पागल बूढ़े अन्ना का समर्थक हूँ जिसके जीवन का मुख्य उद्देश्य अरविन्द को सुधारना नही बल्कि देश सुधारना था ।
Good ravish ji. Anna k ansan pe jo hindustan unko gandhi mana vo sab jante h.anna ne hindustania k bhawanao se khela h. Dekhiyega ki kahi aapko bi bjp congress wale aap ka prawakta bata de. Sach to ye h ki aaj k netao ki den h arvind jo ek naawyug kranti ki starting h.
ReplyDeleteबात यहाँ विश्वास - अविश्वास की है ।
ReplyDeleteअन्ना ने एक नहीं हज़ारो गलतीया कि है ।
उनकी इस गलती कि वजह से जो हमारे देश के लोग किसी पे विश्वास नहीं करेंगे ।
कई दसको के बाद देश के लोग जागे थे, क्यूंकि देश कि जनता कई लोगो से धोखा खा चीकू है ।
कई मुस्किलो के बाद देश कि जनता ने विश्वास किया था मगर अन्ना ने भी धोखा दे ।
अब देश कि जनता किस पर विश्वास करे ?
magar ek kaam Anna ji ka safal hua...Arvind ko satta ka bhookha batane ka. Beech prachar mein Dilli mein jis tarah Kiran ji ke draft kiye huye chitthi baan ko unhone chalaya, hamare liye jawab dena mushkil kar diya..
ReplyDeletekuchh bhi ho, is desh ke logo ko ain waqt pe ek tukke se bhi bargalaaya ja sakta hai aur Dilli mein AAP ko nuksan pahuchane walon mein ek naam Anna ka bhi rahega
ravish ji is par ap prime time me report kariye..taki sabhi ka dimag aur vyapak dhang se khul sake....
ReplyDeleteAnna ka mann na maanta... Umhone kejriwal Se alag Ho kar galat kia ki nai yeh toh Nai keh Skte lekin sahi toh bilkul nai kiya... Aaj TMC ka prachaar krna shayad yahi dikhata hai ki unke pass gandhi jaisa vyaktitva hai.. soch hai.. lekin gandhi jaisi durr drishti nahinnn
ReplyDeleteRavish Sir has rightly said. But AAP will survive the attacks of all negative forces.
ReplyDeleteSad to know that IAC members are joining the old and decaying political outfits.
ReplyDeleteI find Arvind's decision to start from scratch a much better one in order to achieve the objectives of IAC compared to what VK Singh, Kiran Bedi and Anna chose to do.
The very people accused Arvind of being an opportunist and a man in a hurry!
Who's in a hurry now?
i do agree with Raveeshji
ReplyDeleteDear ravish
ReplyDeleteTo my view it appears that BJP is in hurry or desperate for power by hook and cook and playing big game behind the curtain.
रविश जी, आपके इजाज़त से, बिना इजाज़त का इंतजार किए , इस ब्लाग को शेयर कर रहा हूँ , अभय कुमार दुबे की इस टिप्पणी से सहमत होते हुए कि " अन्ना जी हमारे लिए न गाँधी है, न महापुरुष इसलिए उनकी आलोचना करने मे मुझे कोई असुविधा नही ".
ReplyDeleteरवीश जी, सब पहचान का संकट है| दरअसल अन्ना जी ने उस लड़ाई को अपना मान लिया जो कभी उनकी थी ही नही |लेकिन वो कैमरों की चकाचोंध का मजा अब इतनी आसानी से तो नही भुलाया जा सकता | अब जंतर मंतर पर नही तो फ़िल्मी स्टूडियो में ही सही ........|
ReplyDeleteVery good & rational thought.Anna is a good man but a fool one.He is being utilized by more than political parties.
ReplyDeleteRavish ji, aapka ye article bilkul achcha nahin laga. Kisi par akshep lagaane se pahle ek baar uski baat bhi jaan leni chahiye. Ye journalism ka pahla paath kya aapjo hamaare jaise logon se seekhna hoga?
ReplyDeleteRavish ji, aapka ye article bilkul achcha nahin laga. Kisi par akshep lagaane se pahle ek baar uski baat bhi jaan leni chahiye. Ye journalism ka pahla paath kya aapjo hamaare jaise logon se seekhna hoga?
ReplyDeleteअण्णा को देश के लोगों ने आनन-फानन में गांधी की संज्ञा दे दी । क्या वे गांधी की तरह तपे है । उन्हें राजनीतिक दलों ने राजनीति सिखा दी । वे अस्थिर मस्तिष्क के प्राणी है । उनके सुबह और शाम के बयानों में बेमेलता है । मुझे यह भी वगता है कि उन्हें छपास और दिखास की बीमारी हो गयी है ।
ReplyDeleteरवीश छले तो हम लोग गए न। वो हमेशा कहते रहे किसी पक्ष पार्टी का नाम नहीं लूँगा। क्या हो गया उनको। कहाँ गए उनके आदर्श। कैसे किसी पर भरोषा किया जाय। दुर्भाग्य हम ही लोगो का है. आपने लिखा; नहीं तो इसकी कोई चर्चा ही नहीं हो रही है अभी उनके फोल्लोवेर आपको गली भी देना शुरू केर देंगे जो आपके ही प्रोग्राम में बड़ी बड़ी बाते केर रहे थे।
ReplyDeleteGopal sahib kee baton ne bahoot kuch kah diya . Chapas ka rog aaj ke din ka sabse bada rog hai.
ReplyDeleteRavish ji aapka blog ek sachai ko to darsata hai aur mai chata hu ki Anna ji jarur padhe aur us per chintan kare.
ReplyDeleteबहुत दिन से दिल में हर वोह सवाल था जो आपने यहाँ उठाये हैं । आपके इस बेबाक लेख के लिए धन्यवाद |
ReplyDeleteबहुत दिन से दिल में हर वोह सवाल था जो आपने यहाँ उठाये हैं । आपके इस बेबाक लेख के लिए धन्यवाद |
ReplyDeleteकही न कही अन्ना का नाम तो है सर
ReplyDeleteRawish Kumar is my favourite anchor. Best part the way he finishes his programme. I had also written an open letter to respected annaji. Anna ne Arvind ko Kejriwal Banaya, true, at the same time Arvind ne Annaji ko second Gandhi Banaya. Beyond Maharastra, he was not known earlier. I do not know what 'Mamta ne Karke Dikhaya' as Anna says in his ad. It is a plot by BJP to stop AAP and to bring Mamta to NDA. Two of the search committee members of Jan Lokpal had quited commenting that selection will not be fair as final suggestion will be given by Govt., hope Annaji understand it and what a Jokpal he has given to the people.
ReplyDeleteRawish Kumar is my favourite anchor. Best part the way he finishes his programme. I had also written an open letter to respected annaji. Anna ne Arvind ko Kejriwal Banaya, true, at the same time Arvind ne Annaji ko second Gandhi Banaya. Beyond Maharastra, he was not known earlier. I do not know what 'Mamta ne Karke Dikhaya' as Anna says in his ad. It is a plot by BJP to stop AAP and to bring Mamta to NDA. Two of the search committee members of Jan Lokpal had quited commenting that selection will not be fair as final suggestion will be given by Govt., hope Annaji understand it and what a Jokpal he has given to the people.
ReplyDeleteRawish Kumar is my favourite anchor. Best part the way he finishes his programme. I had also written an open letter to respected annaji. Anna ne Arvind ko Kejriwal Banaya, true, at the same time Arvind ne Annaji ko second Gandhi Banaya. Beyond Maharastra, he was not known earlier. I do not know what 'Mamta ne Karke Dikhaya' as Anna says in his ad. It is a plot by BJP to stop AAP and to bring Mamta to NDA. Two of the search committee members of Jan Lokpal had quited commenting that selection will not be fair as final suggestion will be given by Govt., hope Annaji understand it and what a Jokpal he has given to the people.
ReplyDeleteरविश हो सके तोह इस विषय पर एक शो कीजिये, पर में आपकी मजबुरी समझता हूँ आप ऐसा नहीं कर सकेंगे क्योंकि सच्चाई आज पैसे के नीचे दब गयी है अगर ऐसा न होता तोह आप ब्लॉग पर अपने दिल की बात नहीं लिख रहे होते। फिर भी आपके विचार शुद्ध हैं। शुक्रिया!!
ReplyDeleteआदरिणय रविश एंकर से झाणु तकः
ReplyDeleteआप कि निषपक्ष पत्रकारिता का मेँ कायल था, पर आज आप किसी पार्टी के पी आर कसेलटेट व अप्रत्येक्ष रुप से किसी पार्टी कि पत्रकारिता करते नजर आ रहे हो।कही दुसरे राजीव शुकला,आशुतोष बनने का खयाल तो नही है।चले आप कि जिदगी कैसे भी जीए पर इमानदारी पर भाषण देने से बचिए।
Ravishji, Dil se aap ko salaam, dil ki baat kah di.
ReplyDeleteAnna ko gandhi banne ka shauk tha aur shayad ab bhi h, wo ye bhul gye ki unki credibility sirf unke naam se nahi unke kaam se bhi thi
ReplyDeletepolitics me nai aana , politics gandi cheez h , mai desh ko achhe candidates dunga , arvind tum jao , arvind tum mat jao
KYA H YE
kya politics sirf khud election me khade hona aur mp mla bnna h jo kiran bedi aur anna kr rhe h wo politics nai h ??
hadd h in sb ki , apne principles ko bachha kr to rkho taaki koi aap se jud ske apne principles ko hi gawa doge na idhar k rahoge na udhar ke
Aur jeete jee anna ka gandhi bnne ka sapna aur kaam dekh lo sbi newspapers me h
http://www.hindustantimes.com/india-news/anna-seeks-rajnath-s-help-in-installing-own-statue/article1-1169116.aspx
http://timesofindia.indiatimes.com/india/Anna-seeks-Rajnaths-help-in-installing-own-statue/articleshow/28350403.cms
http://archive.indianexpress.com/news/anna-seeks-rajnath-help-to-have-his-statue-in-gurgaon/1215326/
😞
ReplyDelete:(
ReplyDeleteye sara ka sara khel kewal aap ho raste se hatane ke liye khela ja rah ahi q ki sabhi jante hai ki aap sabhi ke liye khatra ban chuka hai lokpal jiske liye etna ho halla hua cong. , bjp ne us lokpal ka kya hal kiya .delhi bidhan sabha ka najara saf bayan karta hai ki cong., bjp lokpal ke nam par aam janta ko koi adhikar nahi dene wali hai,sochne wali bat hai koi kyun apna nuksan karegi, aanna ji ko kya ho gaya hai ye samajh se pare hai
ReplyDeleteअन्ना और रविश में सरलता का फर्क है. रविश जटिल गणनाए करते हैं दिल की गहराहियों में घुसी स्वार्थ की छटपटाहट को शब्द देते हैं पर वो शब्द सच्चे मन को छूते नहीं. रविश जी सिम्प्लिसिटी में वास्तव में अदभुत शक्ति होती है. अन्ना को समझने का रास्ता सरलता से हो कर गुजरता है.
ReplyDeleteअन्ना और रविश में सरलता का फर्क है. रविश जटिल गणनाए करते हैं दिल की गहराहियों में घुसी स्वार्थ की छटपटाहट को शब्द देते हैं पर वो शब्द सच्चे मन को छूते नहीं. रविश जी सिम्प्लिसिटी में वास्तव में अदभुत शक्ति होती है. अन्ना को समझने का रास्ता सरलता से हो कर गुजरता है.
ReplyDeleteअन्ना और रविश में सरलता का फर्क है. रविश जटिल गणनाए करते हैं दिल की गहराहियों में घुसी स्वार्थ की छटपटाहट को शब्द देते हैं पर वो शब्द सच्चे मन को छूते नहीं. रविश जी सिम्प्लिसिटी में वास्तव में अदभुत शक्ति होती है. अन्ना को समझने का रास्ता सरलता से हो कर गुजरता है.
ReplyDeletegood sir, it need most, by this comment U expose most exposed person of today's politics; whom we all support with all our good wishes on LokPal movement days
ReplyDeleteरवीश सर आपने तो हमारे दिल कि बात कह दी, आखिर कैसे ये कांग्रेस और बीजेपी कि कटपुतली बन गए जिनका इन्होने इतना विरोध किया और इन्ही के द्वारा बनाये हुए लोकपाल जिसकी पोल जस्टिस थामस ने खोल दी को इतना सराहा | एक समय इन्होंने केजरीवाल जी को ना जाने क्या क्या कहा और नैतिकता पर बड़े बड़े लेक्चर दिए और आज एक प्रोडक्ट का प्रचार कर रहें हैं अब वो प्रोडक्ट कैसा है ये तो भगवन और बंगाल के लोग ही बता सकेंगे....
ReplyDeleteऔर इनकी एक चहेती के साथ तो ऐसा है कि बस कब इनके अगले बीजेपी के लिस्ट में नाम आजए | यही वो लोग हैं जो राजनीती को कीचड़ बताते थे तो केजरीवाल में क्या खराबी थी जो आज दूसरों के साथ गंदे होने को तैयार हैं , इन्ही के साथ हो लेते ये तो इन्ही के चेले थे और कीचड़ को साफ़ करने में थोड़ा छींटे तो पड़ती ही हैं | ऐसे कीचड़ में ही तो कमल (बीजेपी वाला नहीं ) खिलता है....
मैंने भी आप की तरह गाँधी जी के बारे में सुना ही है सायद उस समय भी अगर टेलीविजन होता तो गाँधी भी अणा की तरह कांग्रेस के लिए प्रचार केर सकते थे ,किसी भी व्यक्ति से किसी भी तरह की अपेक्षाए रखना और वो भी राजीनीति में या तथाकहित समाज सुधार में बेईमानी होगी यह अन्ना और केजरीवाल दोनों ने अपनी अपनी तरह से दिखा ही दिया है |
ReplyDeleteAwesome Ravish.. U r AK of MEDIA.. u r never afraid of saying truth.. i saw u r interview on 10 janpath se reporter politian banthe hai and because of this reporter is aaj koi izzat nahi kartha.. But repect ua dn few more reproter as u don't have political connection and u say right things in brave manner.
ReplyDeleteRavish babu ... Kyon aap ptrkarita ko badnaam kar rahe hai ... Is lekh main pakshpaat ki buu a rahi hai .. Shayad apko na ayee par padhne waale jaan gate hain ki aap kya ishara kar rahe hain
ReplyDeleteThis Liar Anna Hazare was in Insult India Parade by Modi Supporters in USA in Aug 2013 along with another Tainted/fraud Gen. V K Singh. Anna Hazare & Gen V K SINGH HAS NO CREDIBILITY. V K Singh & Anna Hazare on their visit to America paid by Modi supporters to Media: Corruption & Racism are world phenomenon. So we are giving up our Fight against it. From now onwards we are going to Promote Corruption, Racism, Bollywood AND MODI!
ReplyDeleteAnna Hazare & Singh by joining the Insult India Parade in New York by Modi supporters FIA of one religion, one community and one region (Gujarat); sends a message if you can not fight with corrupt & racist JOIN THEM. For tainted general V K Singh every thing is fair. Anna Hazare’s greed to visit USA forced him to sacrifice his own principles and he accepted to be the guest of most corrupt and racist ethnic organization in America.
Anna Hazare is a hypocrite, on one hand he talks against corruption and on the other hand he was the guest of most corrupt and racist Modi supporters FIA in USA. Anna has very little or no credibility left in India because he is surrounded by idiots and opportunist who are en-cashing him. This writer tried for 15 days to contact Anna after sending him all the details on FIA and Insult India Parade but Mr. Datta 248 824 0401 refused to let him talk with Anna. According to Datta for 3 days Anna never came out of his room because he was resting! Then the writer contacted the Bhrashtachar Virodhi Jan Andolan V.P. Balaji Kompalwar cell 9970033125 balajikompalwar@gmail.com and Secretary Ashok Sabban ashok.sabban@gmail.com
cell 9422083206. After the exchange of numerous phone calls & e-mails finally on August 15th 2013 both confirmed that they have talked to Anna in details about the information on FIA sent by me and has advised him not to join the Parade. Anna's answer was they have invited him and paying travel expenses and accommodation for his group he will take a decision after reaching in America. Intersetingly Gen V K Singh & Kiran Bedi were also contacted; Kiran Bedi became the chief guest of Modi supporters FIA in California for Insult India Parade!
http://indiadayparade.blogspot.com/2013/09/annahazareinamerica.html
Superb article... truly Anna has made himself irrelevant now. Sab ne choos liya hai usko...
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteAnna wakai me ganna hain. Lekin unko chusne ki suruat kisne ki?
ReplyDeleteअन्ना जी का कुछ कुछ सच यहाँ आपने उजागर किया है रवीश जी। अन्ना जी की एक हाई रेंज थी कभी आज उसमें ओट सी आ गई है । जनता के साथ रहने वाले अन्ना जी पार्टी पॉलिटिक्स के पाले में इधर से उधर होते दिख रहे हैं । ममता दी कोलकाता में कैसा राज चला रही है, जिसकी ज़्यादा कुछ जानकारी नहीं है । फिर अन्ना जी का ममता दी का प्रचार करना…! अन्ना जी को उनके इस सपोर्ट के कारण भी जनता को बताने होंगे…बताएंगे
ReplyDeleteन ?
VK Singh ne Anna ko gaali di? Kiran bedi ne Anna ko bhala bura kaha?
ReplyDeleteKejriwal samarthakon ne khuleaam Anna ko gaali, aaj bhi dete hain.
Anna ne Kejriwal ko chithi likhi, Kejriwal ne public kar diya.
Anna ko ganne ke jaise sabse kisi ne istemall kiya to wo the Kejriwal. Baar baar kahte Anna nahi kahenge to rajneeti mein nahi jaoonga, mauka milte hi palat gaye.
To phir Anna kyun na paltein?
Shayad anchor saahab ko taqleef hai ki Anna Arvind ki doobit naiyya ko sahara kyun nahi de rahe.
Ak itna b bura Ni Tha Ki Kiran bedi or Anna roj kamiya ginate or jawab mangte the.....ab dekhlo....bjp ullu bna gyi anna ,Kiran , vk sabko......kal jab in bevkufoon ko akal aayegi....tab inki itni ijjat he Ni reh jyegi Ki log inko sune.....desh ka itna bura haal h,chor, uchhake, rapist mantri bane baithe hain...sare aam imandaron ka katl ho jata h,haath pair tod diye jaate h....mantrio k pille sareaam gundagardi kar rahe h....uski chinta Ni h inhe...bas ak k vaade or kamiyaan ginane se mtlb h...vo jaisa b ho at least koshish to kar ra h...bech k Ni kha jayega desh ko...bakiyon Ki trah....anna to the he bevkuf,ye Kiran ko kya khila Diya bjp ne..
ReplyDeleteAakhkir dil dukha to hai hum sabka. Par dil se dua dena chahta hu kejriwal ko, ki is baar usne mera vishwas nahi toda. Warna pachtawe ke siwa kuch ni milta.
ReplyDeleteRavish Ji,
ReplyDeleteRoz shaam'Primetime' ndtv.com par zarur dekta hu. Videsh mai hone k kaaran bharat ki rajneeti ki garmaahat kaa andaaza aapke iss program see chalta hai. Aaj hindi bhasha kaa inta spastha upyog dekhne ko yaa tau Vinod Dua jee k 'Zaayka' mai sunane ko milta hai yaa phir aapke primetime par. Khaas kar aapke opening comments sunane mai kaafi maza aata hai. Iss show mai BJP aur congress k baade netao ko dekhna chahunga. Umeed karta hu aap iss comment par zarur dyaan denge.
Aapka ek Darshak
Ravish ji ,
ReplyDeleteRoz shaam 'Primetime' ndtv.com par dekta hu. Videsh mai hone k kaaran bharat ki rajneeti ki garmaahat kaa andaaza aapke iss program see chalta hai. Aaj hindi bhasha kaa inta spastha upyog dekhne ko yaa tau Vinod Dua jee k 'Zaayka' mai sunane ko milta hai yaa phir aapke primetime par. Khaas kar aapke opening comments sunane mai kaafi maza aata hai. Iss show mai BJP aur congress k baade netao ko dekhna chahunga. Umeed karta hu aap iss comment par zarur dyaan denge.
Aapka ek darshak
Ravish Ji.. Vacations se aane k baad aap full form mai hain..last week 5 days ka prime time.. nit naye articles on your blog... bht maza aa rh hai.. Jab aap k face par wo kutil muskaan dekh tu, Office mai Primetime dekhte hue, apni hansi rokni pad jaati hai but khush ho jata hai.. Tuesday wala Primetime (BJP n Modi ji ka Pichde pan wala) bht mast tha... Jab AK ne Party banane ka fainsla lia tha tab se lekar Lokpal pass karane tak KIran Bedi ji ne Anna ka bht use kia.. Anna bechare itne seedhe the wo samajh hi nh paaye unhe kaise use kar lia gaya.. aur yeh Mamta ko aashirwaad dete hue ad.. Uff.. kya se kya ho gye Anna.. Aaj Arvind k sath khade hote AAP ki start se to AK ki Corruption ki ladai ko aur majboot banate.. but jo hu aacha hua.. Election se pehle Picture clear hoti jaa rh hai..
ReplyDeleteI still respect Anna because ye jo revolution khada hua h aaj,jo alakh dil me lgi h uski neev inhone hi rakhi so I respect him so much but I dont endorse his every action n word as mine
ReplyDeleteAnna I am Sorry but now I love Arvind not you.
I dont know what Mamta did that u got impressed, I dont agree with your word "Kaha sabne kiya Mamta ne" can we know what she did 4 us or 4 you ?
Sir aapne kaise anna (realy ganna) ko gandhi se tulna kar rahe hain...ye to gangu teli ki tulna Raja Bhoj se karne jaisa lagta hai...
ReplyDeleteअरविन्द ने अन्ना को धोका दिया या अन्ना ने अरविन्द को ? अन्ना :- मैं कभी किसी राजनीती दल का प्रचार नहीं करूँगा, मेरा नाम का इस्तमाल न क्या जाय। अभी खुद ही TV पे आ कर खुद का प्रचार कर रहे हैं या किसी पार्टी का ???????
ReplyDeleteअन्ना चाणक्य की तरह वही कर रहे है जो उन्हें एक देश भक्त होने के नाते उन्हें करना चाहिए. अन्ना मज्हे हुए देश भक्त है. अगर अन्ना केजरी के साथ नहीं है, तो क्या वे बुरे हो गये? बिल्कुल नहीं !!!.
ReplyDeleteअगर अन्ना, “गन्ना” है तो वे गाँधी जी से भी महान है, क्योकि गन्ने का कण कण समाज और जीवन के लिए उपयोगी होता है. अन्ना सत्य के प्रतिबिंब है.
रवीश की लेखन और बोलने शैली से प्रभावित हूँ, पर विषय वस्तु से बिल्कुल नहीं, जब तक रवीश NDTV के साथ है, उनसे अन्ना के बारे में इसके अच्छे लेख की उम्मीद नहीं की जा सकती है.
आंदोलन के दौरान कई बार देखा कि अरविन्द अण्णा के कान में फुसफुसा रहे हैं. अण्णा का दिमाग एक खाली बर्तन की तरह है जिसमें कुछ भी भरा जा सकता है. जब तक अरविन्द उनके दिमाग में अच्छा सामान डालते रहे अण्णा ढंग की बात करते रहे और जनता उनमें गांधी ढूंढ़ने लगी पर जब अण्णा ने अरविन्द का साथ छोड़ा उनका दिमाग एक तालाब हो गया (नदी होता तो ठीक होता) और स्थिरता के कारण सब उसमें काई लगने लगी और खुले तालाब का उपयोग सभी करने लगे. अन्ना का गाँधी रूप केजरीवाल ने लिया और अण्णा सिर्फ अण्णा रह गए. अब उनसे भूँख भी ना सही गयी और वो कांग्रेस के सूखे समोसे की महक में बहक गए. लोकपाल (जनलोकपाल पढें) की हार को उन्होंने हार समझ के पहन लिया और अब हारे हारे फिर रहे हैं. लोग अण्णा में गांधी ढूंढ रहे थे और अण्णा ने ममता में गाँधी ढूंढ लिया।
ReplyDeleteकब से लोगो को देख रहा हु ,…परख रहा हु ..सब देश को धोका दे रहे …वक़्त जैसे जैसे आगे बाद रहा है ..लोगो कि सचाई सामने आते जा रही है ….और अब तक बस एक आदमी जिसको में देख रहा हु वो नहीं बदला ,बल्कि उसके प्रति और सम्मान बढ़ता जा रहा है और वो है अरविंदजी …मुझे अब तक यकीं नहीं हो रहा के ऐसे लोग अभी बी दुनिया में है ….we love u sir…we with u always….
ReplyDeleteYeah ek aur Dronacharya ki tarah hai Jo Eklavya ko Arjun se aage na badhane dene ke liye kuchh bhi kar sakte hai..... Guru KO gurur hai!!
ReplyDeleteYeah ek aur Dronacharya ki tarah hai Jo Eklavya ko Arjun se aage na badhane dene ke liye kuchh bhi kar sakte hai..... Guru KO gurur hai!!
ReplyDeleteYeah ek aur Dronacharya ki tarah hai Jo Eklavya ko Arjun se aage na badhane dene ke liye kuchh bhi kar sakte hai..... Guru KO gurur hai!!
ReplyDeleteDear Ravish Sir
ReplyDeleteHa ye bilkul sahi Kaha aapne. Mai v pahle Anna ji ka bahut hi respect karta tha. Jab vo AAP & Arvind kejriwal ke khilaf bolte the tab mujhe thoda bura lagta tha. aakhir anna ji aisa kyun kar rahe hai? Fir mujhe kahi aacha lagata tha ki chalo anna ji bolte hai kisi rajnitik party ka support nahi karenge. Lekin Ab Mamta ji ka campg. sun ke kahi na kahi ye lagata hai ki vo Arvind ji badhte lokpriyta k chalte kahi na kahi ye Dukhi hai.
Bilkul sahi kaha aap ne kiran ji & VK Singh ji k bare me, Jab ye Arvind ji k har mod pe open letter likhte the, PC karte the, sting karte the,to Jab Kiran Bedi ji, VK singh ji & more ke bare me aisa kyun nahi ? man me shak to hota hai. ?
jaha tak sawal kiran ji ka hai , o to suru se hi BJP ke prati unka Jhukao rahata hi tha, Isi reason se wo Arvind ji Alag hui thi. & no comments abt VK singh. Unke bare me sabko pata hai.
Baki jo hai So to Hai hai.
हमारे देश के लिए इससे अधिक शर्मनाक क्या हो सकता है कि 65 साल से संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय लाखों तड़फती वं दम तोड़ती दुस्कर्म पीड़ित बेटियों कि चित्कारों से अधिक आमिर खान संचालित कार्यक्रम सत्यमेव जयते को महत्व देता है..अगर दो दिनों में दुस्कर्म पीड़िताओं की मेडिकल जांच में सुधार किया जा सकता था, तो क्या स्वास्थय मंत्रालय इतने वर्षों से दुस्कर्म पीड़िताओं के साथ हो रही असंवेदनशीलता को दरकिनार करते हुए सत्यमेव जयते के प्रसारण का इंतज़ार कर रहा था अथवा "सत्यमेव जयते इफ़ेक्ट" को अधिक बढ़ने के लिए स्वास्थय मंत्रालय को इंतज़ार करवाया जा रहा था.देश की सत्ता पर विराजमान गणमान्य लोग या तो इसका जवाब देश की अभागिन बेटियों को दे, नही तो चुल्लू भर पानी में डूब कर मर जाए.
ReplyDelete-दीपक बीठू
हमारे देश के लिए इससे अधिक शर्मनाक क्या हो सकता है कि 65 साल से संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय लाखों तड़फती वं दम तोड़ती दुस्कर्म पीड़ित बेटियों कि चित्कारों से अधिक आमिर खान संचालित कार्यक्रम सत्यमेव जयते को महत्व देता है..अगर दो दिनों में दुस्कर्म पीड़िताओं की मेडिकल जांच में सुधार किया जा सकता था, तो क्या स्वास्थय मंत्रालय इतने वर्षों से दुस्कर्म पीड़िताओं के साथ हो रही असंवेदनशीलता को दरकिनार करते हुए सत्यमेव जयते के प्रसारण का इंतज़ार कर रहा था अथवा "सत्यमेव जयते इफ़ेक्ट" को अधिक बढ़ने के लिए स्वास्थय मंत्रालय को इंतज़ार करवाया जा रहा था.देश की सत्ता पर विराजमान गणमान्य लोग या तो इसका जवाब देश की अभागिन बेटियों को दे, नही तो चुल्लू भर पानी में डूब कर मर जाए.
ReplyDelete-दीपक बीठू
"आदरणीय अन्ना जी....कहॉ से शुरू करूं....पर कहना तो पड़ेगा...मोहब्बत जो की थी आपसे....हमने ही कहॉ था ना....अन्ना नही ये आंधी है, देश का दूसरा गॉधी है! तो हिसाब तो ये देश गॉधी तक से मॉग लेता है...आप तो अन्ना ही रह गये सर....गॉधी से बहुत दूर रह गये आप...हमने कोशिश की आपमें देख लें वो मूरत..महात्मा को देखा जो नही था हमारी जनरेशन ने सर...निरे मूर्ख साबित कर दिये आपने ...ये भी समझा दिया की प्रतीकों मे रूह नही लायी जा सकती है....कोई दूसरा गॉधी लाया नही जा सकता...वो खुद आता है....और आपको तो रालेगन सिद्धी से ले आया गया था ना...पर फिर भी मै एक मूर्ख होकर भी ये तो समझ ही जाता हूं सर कि इतिहास गॉधी बनने का मौका किसी विरले शख्स को ही देता है...आपको तो दिया था ना...आप क्यूं चूक गये सर???
ReplyDeleteक्यूं मिले थे आप सब लोग....आप तो ये तक भूल गये है सर?....क्यूं बार बार रास्ते बदलने पड़ते है आपको और आपके कुछ रीढ़हीन साथियो को....क्यूं मुझे और मुझ जैसे बहुत से लोगो को ये लगने लगा है कि आप पूरी शिद्दत से अगर कोशिश कर रहे है तो सिर्फ अपनी पहचान बचाने की?? जिस बात के लिए आप गॉधी के प्रतीक बने या बना दिये गये...वो बात तो मै , मेरा, हमारा और उनका मे बहुत पीछे़ छोड़ आये सर आप....आपने जिनको त्याग दिया है वो अर्जुन से लगते है और जिनसे आपको मोह है वो दुर्योधन की तरहा सामने आने लगे है...आप खुद गॉधी नही तो भीष्म जैसे ही बन जाते...आप तो जबसे टी वी पर एड में नजर आने लगे हो...जाने क्यूं महान नही लगते....त्यागी नही लगते...वैसे निडर नही लगते सर....लगता है कुछ अपना बचाना चाहते हो आप...इतिहास से कोई सस्ती उपमा नही दूंगा आपको...सम्मान किया है आपका...मोहब्बत भी की है....लेकिन सच कहे बिना भी नही रह सकता सर....सच कहता हूं इसलिए तो आपसे जुड़ा था और इसलिए ही अब आपको छोड़कर भी चला आया हूं, आपके त्यागे हुए कुछ अर्जुनो के साथ , उसी मकसद के लिए जिसके लिए आपको गॉधी बनाया गया था....अफसोस, आपने निऱाश किया सर!!!.....प्रणाम...आम आदमी!!"
डॉ विकास
Kuch Dino pahle mera likha ek blog...ravish jee...kuch to ek jaisa sochte hai ham. ..n vo b ek hi time par...wud like to b ur fren
Akhilesh Jain ji मैं आप की बात से सहमत हूँ कि अण्णा का दिमाग एक खाली बर्तन की तरह है जिसमें कुछ भी भरा जा सकता है| यही बात जब अरविन्द ने बोली तॊ किरण बेदी जी गुस्सा हो गयी और अरविन्द को कोसने लगी लोकपाल के समय में|अन्ना के आन्दोलन के बाद संगठन को तोड़ने का काम इन्ही जेसे लोगो ने किया| अन्ना तो उस समय भी एक साफ़ सुथरी छवि वाला मुखोटा थे|
ReplyDeleteअच्छा और मज़ेदार पोस्ट है (ज्ञानवर्धक नहीं कह सकता! ;-). खैर....
ReplyDeleteबस इतना ही कहना है कि जब 'गाँधी स्वयं गाँधीवादी नहीं हो पाए थे (तभी न समय-समय पे नेहरु की हट्ठ्धर्मिता पे झुकते रहे) तो अन्ना का गन्ना के रूप में रूपांतरण तो होना ही था!
सारे घटनाक्रम में सभी की दूरदर्शिता से ज्यादा "अहं" का टकराव नज़र आता है. अरविंद इन सब के बिना भी अपने मक़सद में आगे निकल गया, इस बात की कसक सभी पूर्ववर्ती साथियों में ज़बरदस्त तरीके से घुसी पड़ी है. बाकि महाभारत जो है वो तो हेईये है!
सवाल यह है कि जो सारी घटनाएं, चरित्र, लफ़्फ़ाज़ी के दौर, वादों-दावों की भीड़, अपना-अपना मोड़ आने पर छूटते साथी और अण्णा का अकेलापन जब हम सारी जनता को दिखाई देता है तो अण्णा को क्यों नहीं...? अरविंद की जो अच्छी-बुरी बातें जन-मानस को भा गई हैं,वह अण्णा को क्यों नहीं. रवीशजी, आरटीआई और लोकपाल तो राहुल के अनुसार, कांग्रेस ने जनता को दिए हैं, तो एक और सवाल है कि फिर अण्णा से हमें क्या मिला है...मुझे ममता बनर्जी से कोई गिला-शिकवा नहीं है लेकिन क्या वे अरविंद से भी अधिक स्पष्टवादी हैं, ईमानदार हैं...? या अण्णा को ममता में वह सब दिखाई दे गया है जो आम लोगों को आज तक नहीं दिखाई दिया...! रवीशजी, अश्रद्धा का दौर है ये, पता ही नहीं चलता कौन सही कह रहा है, कौन गलत. सही-गलत छोड़िए, राजनीतिज्ञों की दलगत निष्ठा भी पता नहीं चल रही. मेरी इस उम्र में यह हालत है तो फिर अण्णा को तो सठियाये भी ज़माना हो गया है... अस्मिता कपिल सिंह
ReplyDeletemain daily aapka prime time show dekta hun par aap jaisa anchor nahin dekhi itni saralta se watt laga dete ho sabki anna ki bhi laga di
ReplyDeleteRavish Jee , aapne bahut achha kaha har ek shabad satek hai , Kya ANNA aur team ko BJP ki taraf incline karne ki policy thi jo fail ho gayi aur majboori mein BJP agent V K singh and Kiran Bedi BJP ko join kar liye aur ANNA ne apne izzat bachane ke liye TMC ka sahara liya, kya Rajnneetik golbandi zaroori thi
ReplyDeleteRivishji the truth is un bearable for the BJP trolls. Saach bole to unka faat rahi hain.
ReplyDeletethe true one sir
ReplyDeletesachche kahe sir !
ReplyDeleteRavish Ji..Jab Anna Ji ko Ghandhi Ji ke samkach rakha tab ye ek dum CLEAR ho gaya ki Ab Log inka use apni apni SUVIDHA se karege..
ReplyDeleteYanhi to sabse acchi baat hai hamare Janmanas ki.. Hum Gandhi aur unke vicharo ka use sirf apni suvidha ke liye karte hai..Jab Gandhi Ji jinda the tab bhi aur unke jaane ke baad bhi..
Nice work sir and yes you are right. I am a big fan of Yours. Sir i salute your research and u are doing best in your fied. I think this is the real drama in which all the political parties are participating to get the approval of anna.. Only Arvind is going in Different direction. Now Anna Ji have also Sacrified his Dignity of not being political. Now there is no difference between Arvind and Anna and I think Arvind is best.. At least he (Arvind) is doing his best to get ride to all political parties from the old political patterns. Now its New Inda Its Arvid's India and in his supervision India get his Selfrespect soon...
ReplyDeleteNice work sir and yes you are right. I am a big fan of Yours. Sir i salute your research and u are doing best in your fied. I think this is the real drama in which all the political parties are participating to get the approval of anna.. Only Arvind is going in Different direction. Now Anna Ji have also Sacrified his Dignity of not being political. Now there is no difference between Arvind and Anna and I think Arvind is best.. At least he (Arvind) is doing his best to get ride to all political parties from the old political patterns. Now its New Inda Its Arvid's India and in his supervision India get his Selfrespect soon...
ReplyDeleteNice work sir and yes you are right. I am a big fan of Yours. Sir i salute your research and u are doing best in your fied. I think this is the real drama in which all the political parties are participating to get the approval of anna.. Only Arvind is going in Different direction. Now Anna Ji have also Sacrified his Dignity of not being political. Now there is no difference between Arvind and Anna and I think Arvind is best.. At least he (Arvind) is doing his best to get ride to all political parties from the old political patterns. Now its New Inda Its Arvid's India and in his supervision India get his Selfrespect soon...
ReplyDeleteright said sir :(
ReplyDeletei am disappointing by anna
kya ravish bhai itne comment padne ke baad man nahi karta ki kisi ka jawab diya jaaye......ya lagta hoga ki kanha fans jaaonga, chhodo inhe.
ReplyDeleteitni bhi kya berukhi.....kabhi dil bhi rak liya karo. waise mast article tha. ye samajhta to tha hi. aaj ke zamane mein jab guru gud rah jaaye aur chela chini ban jaaye to jalan to hoti hi hai. Anna ji isi simple human character se jit nahi paaye. woh shayad jit bhi jaate par kiran bedi aur v k singh shayad aisa nahi chahte the. asli gunahgaar yahi dono hain.in dono ki mahatvakansha sabse jyada hai. waise ek aur ghamndi aadmi ko dekhna baki hai aur wo hoga KUMAR VISWAS......yeh aadmi next binni hoga...just speculating.
you are right sir....I was very hopeful in the way anna had started but it seems that he had lost track and having attention problem.
ReplyDeletesome day he praises some one other day the person changes his track....all is getting rubbish
रविश, तिन महीना पहले आपके ही ब्लॉग के कमेंट में लिखा था की अन्ना और बेदी BJP के एजेंट हैं. इनका छद्म रूप आन्दोलन के समय ही दिख गया था. मुझे कभी संदेह नहीं था. जिसे हम अन्ना आन्दोलन कहते हैं, अरविन्द उसके रीढ़ थे. एक बात और अन्ना सही मायने में गन्ना भी नहीं हैं. गन्ने में रस होता है . क्या आपको लगता है कि एना में कोई रस बचा है.
ReplyDeleteI dont think the indian voter has been confused as much as he has been in 2013-14..
ReplyDeleteFrom almost a bipolar electoral contest , today we have a triangular kind of series which takes shape of a quadrilateral or even pentagon in some states ...
People like anna are promoting one time ally of congress.. Miss bedi openly promoting modi..
Kejriwal running a race seperately .. bjp anticipating a so called "lehar"...
Nd congress trapped in a tsunami of weaknesses ..
Anna hazare had a USP of not being politicaly inclined And that USP no more exists now...
Arvind had a USP of motivating clean politics but with a lot of names of new member ee see on that USP has also been diluted.
Modi had the USP of being pro-developement leader..i.e vikaas ki rajniti...
But this also seems to be a half fake claim as somewhere the facts And data are against it..
SP calls itself socialist but people of U.P would agree that Mr. Yadav nd junior mr. yadav dont know a bit about socialism..
Trinalmool congress is an enigma ..
Who to choose??
Confusion !! Confusion !!
I learned something in sales & markwting.
When you cant't convince .. Confuse 'em !!
Ravish ji
ReplyDeleteyah sab third phrant ko rokne ki kosis hai ki kishi bhi tarah bam dal ki seat jyada na aa paye, nahi to na bjp aur na congress ki sarkar banegi, rahi bat AAp ki to inko delhi me single seat bhi nahi milegi
Anna ko TV par dekhkar lagta hai wo khud apna uphaas kar rahe hain. Arvind ke AAP banane ke baad aisa lagta hai jaise Anna kisi aur zamane ke neta hai.
ReplyDeleteAnna ko TV par dekhkar lagta hai wo khud apna uphaas kar rahe hain. Arvind ke AAP banane ke baad aisa lagta hai jaise Anna kisi aur zamane ke neta hai.
ReplyDeleteAapne dil ki baat kah di
ReplyDeleteAfter today's violent attacks, I hope that Indians will not vote for "the Dictator".
ReplyDeleteTrue
ReplyDeletesahi kah rahe hai sir ap...,100% agreed but kya kare ye politics hai,arvind ne anna ko gandhi banaya tha lekin koi ab unhe ganna bana rha hai.... ... .....aj bhi yaad hai arvind satta ka lalchi ho gaya hai to v.k.singh,mamta kya hai?.....
ReplyDeleteRavish, infact indians ki haalat abi registaan me bhatke hue aise insaan ki tarah ho chuki hai jisko baar baar saamne pani la kund nazar aata hai, wo bhag kar whan pahu hta hai lekin use ret hi milti hai. Hindustaan ki rajniti bhi wohi registaan hai. Yaha log imandar dikhenge zaroor par paas jane per.........!.?????
ReplyDeleteRespected Ravish Ji,
ReplyDeleteanna to ganna ho gaye aur unki team sugar.jo ki har party ke tea ka jayka ban gayi aur anna ko sugar ho gaya.isilia wo MAMTA ke chauo mai chale gaye.
Neeraj Kumar
Now a days every media person is praising AAP for the obvious reasons which is: they see prospect of political career in AAP(for e.g Ashutosh). But unlike Ashutosh, everybody is not joining AAP, bcoz AAP also requires sm of their people in media houses to propagate their agenda. And also like other people, Anna has also the rights to support any political party, who is Ravish to give judgments on Anna's choices. Finally a reporter's attempt to gather attention by criticizing public figure in his blog cannot be seen as final judgement.
ReplyDeleteravish sir.. I would vote this time for first time.. influence of AK is felt.. saw ur 05 march episode of primetime.. WoW was the word I asserted!!
ReplyDelete>>ek bePaak media hoti h you are jst a gr8 example
>>secondly just against AAP..eg:deepak chaurasia india news eWWWwWwwwW I hate his points and attitude altheway..
ravish sir.. I would vote this time for first time.. influence of AK is felt.. saw ur 05 march episode of primetime.. WoW was the word I asserted!!
ReplyDelete>>ek bePaak media hoti h you are jst a gr8 example
>>secondly just against AAP..eg:deepak chaurasia india news eWWWwWwwwW I hate his points and attitude altheway..
.वैसे तो रवीश कुमार से सहमत होना मुझ जैसे सामन्य आदमी क लिए सम्भव नही होता ..कारण यह कि वह अपनी बात के लिए कठोर हो जाते है , लेकिन ..क़स्बा में लिखे इस लेख के लिए . सहमत होना ही padega ...
ReplyDeleteकहने का मन तो करता है पर क्या कहूँ सब तो आप कह गए ... पर जो भी है अब मैं ये मान चूका हूँ की गांधी को बाहर किसी और में तलाशना बंद कर के खुद में तलाशना और तराशना चाहिए ..बाकी तो आप ने कह दिया जो है सो तो हैये ही
ReplyDeleteसही में ये सुन और देख कर बहुत बुरा लग रहा है जो अण्णा जी ने किया है . उम्मीद तो सब को थी लेकिन ये सब इस तरीके से होगा ये पता नहीं था . आज मै ये जरूर कह सकता हूँ कि अन्ना जी ने लगभग पुरे देस के लोंगो का दिल तोडा है . अब्ब तो सिर्फ मैं ही अण्णा बचा है …तु भी अन्ना तो देस की जनता थी जो आज भी वही जोस और जज्बा रखती है देस के लिए . Anna G ek ummid bane the jo des me kranti la diye the lekin ab jab sab apane rah me chal diye to fir "mai bhi Anna tu bhi Anna" ki bajay sab hi Anna ban gaye hai. Alag Alag lap alapne me lage hai jaha jisaka fayada dikh raha hai.Mai to AAP ka samarthak hoo. APP kya kar kahi hai aur kaise kar rahi hai ye jaroor praschan wachak hai leki kuch kar rahi hai aur naye tareeke se kar rahi hai. Jo mujhe abhi bhi mere sanyam/dharya ko bacha ke rakha hai. Ant me Anna G se mera nivedan karoonga ki jab DIDI ka hi prachar karna tha to AAP party ne kya bigada tha jo aaj bhi etana hone ke bad koyee teeki pratikriya nahi dete aur utane hi sneh se apana pakhay rakhate jitana ki pahele jab aap unake sath the.
ReplyDeleteVery well written.
ReplyDeleteEspecially, the point that people who always suspected what he is capable of is now getting a hearty laugh.
It take some innate qualities to be Gandhi and time and again it has been proved that it takes ages for someone to transform into the purest form of humanity, that Gandhi was.
Besides innate qualities, it also takes good education, great wisdom and unquestionable judgement to make a Mahatma.
Unfortunately, Anna lacks many of these. History will reward him for appearing at the right time at the right place. But, would it even qualify a good coverage in this history. I am afraid it will get forgotten like a blip on the radar.
Excellent Ravish. Appreciate your true journalism. This is an open question and Anna should answer it.
ReplyDeleteआजादी के बाद 60 के दशक में जब दिखावी आदर्शवाद खत्म होने लगा और येन केन प्रकारेंण सत्ता सुख प्राप्त करने के लिए कुछ नेताओं नें संसद और विधानसभाओं में पहुचनें के लिए दबंगों और बदमाशों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करना शुरू किया । इन बदमशों का इस्तेमाल करके पोलिंग स्टेशनों को लूटा गया, लोगों से जबरन चुनिन्दा लोगों के लिए ही वोट करवाया गया और लोकतन्त्र को अपने कब्जे में कर के रखा गया ।
ReplyDelete70 और 80 के दशक में इन गुंडे ,बदमशों और डकैतों को ये लगने लगा, कि ये नेता लोग हमारा प्रयोग करके संसद और विधानसभाओं में पहुचते हैं, तो इससे बढ़िया है कि हम इनके लिए काम न करके स्वयं के लिए काम करे और खुद ही संसद पहुंच जाए और इस तरह राजनीति का बड़े पैमाने पर अपराधीकरण शुरू हुआ ।
90 के दशक में जब संचार क्रांति हुई और इलेक्ट्रोनिक मीडिया की पहुँच घर घर में होने लगी तो इन नेताओ ने पेड न्यूज़ के द्वारा पुनः पब्लिक को मूर्ख बना कर संसद और विधानसभाओं में पहुँचना जारी रखा और इस प्रक्रिया में एक बहुत बड़ा भ्रष्ट मीडिया तंत्र पैदा किया ।
इक्कीश्वी शताब्दी के पहले दशक में मीडिया के इन भ्रष्ट पत्रकारों ने खूब पैसा कमाया और शोहरत भी कमाई । अब इन पत्रकारों को ये लगने लगा कि क्यों ना हम ही संसद में पहुँच जाए और इन्होने पब्लिक के बीच में छद्म पार्टी बनाकर अपना प्रोपेगण्डा शुरू किया । और अपने इस प्रोपेगण्डा के लिए इन्होने अण्णा को गांधी बना दिया, और जब अण्णा ने इनके प्रोपेगण्डा का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया तो इन्होने अण्णा को गन्ना बना दिया ।
आजादी के बाद 60 के दशक में जब दिखावी आदर्शवाद खत्म होने लगा और येन केन प्रकारेंण सत्ता सुख प्राप्त करने के लिए कुछ नेताओं नें संसद और विधानसभाओं में पहुचनें के लिए दबंगों और बदमाशों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करना शुरू किया । इन बदमशों का इस्तेमाल करके पोलिंग स्टेशनों को लूटा गया, लोगों से जबरन चुनिन्दा लोगों के लिए ही वोट करवाया गया और लोकतन्त्र को अपने कब्जे में कर के रखा गया ।
ReplyDelete70 और 80 के दशक में इन गुंडे ,बदमशों और डकैतों को ये लगने लगा, कि ये नेता लोग हमारा प्रयोग करके संसद और विधानसभाओं में पहुचते हैं, तो इससे बढ़िया है कि हम इनके लिए काम न करके स्वयं के लिए काम करे और खुद ही संसद पहुंच जाए और इस तरह राजनीति का बड़े पैमाने पर अपराधीकरण शुरू हुआ ।
90 के दशक में जब संचार क्रांति हुई और इलेक्ट्रोनिक मीडिया की पहुँच घर घर में होने लगी तो इन नेताओ ने पेड न्यूज़ के द्वारा पुनः पब्लिक को मूर्ख बना कर संसद और विधानसभाओं में पहुँचना जारी रखा और इस प्रक्रिया में एक बहुत बड़ा भ्रष्ट मीडिया तंत्र पैदा किया ।
इक्कीश्वी शताब्दी के पहले दशक में मीडिया के इन भ्रष्ट पत्रकारों ने खूब पैसा कमाया और शोहरत भी कमाई । अब इन पत्रकारों को ये लगने लगा कि क्यों ना हम ही संसद में पहुँच जाए और इन्होने पब्लिक के बीच में छद्म पार्टी बनाकर अपना प्रोपेगण्डा शुरू किया । और अपने इस प्रोपेगण्डा के लिए इन्होने अण्णा को गांधी बना दिया, और जब अण्णा ने इनके प्रोपेगण्डा का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया तो इन्होने अण्णा को गन्ना बना दिया ।
आजादी के बाद 60 के दशक में जब दिखावी आदर्शवाद खत्म होने लगा और येन केन प्रकारेंण सत्ता सुख प्राप्त करने के लिए कुछ नेताओं नें संसद और विधानसभाओं में पहुचनें के लिए दबंगों और बदमाशों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करना शुरू किया । इन बदमशों का इस्तेमाल करके पोलिंग स्टेशनों को लूटा गया, लोगों से जबरन चुनिन्दा लोगों के लिए ही वोट करवाया गया और लोकतन्त्र को अपने कब्जे में कर के रखा गया ।
ReplyDelete70 और 80 के दशक में इन गुंडे ,बदमशों और डकैतों को ये लगने लगा, कि ये नेता लोग हमारा प्रयोग करके संसद और विधानसभाओं में पहुचते हैं, तो इससे बढ़िया है कि हम इनके लिए काम न करके स्वयं के लिए काम करे और खुद ही संसद पहुंच जाए और इस तरह राजनीति का बड़े पैमाने पर अपराधीकरण शुरू हुआ ।
90 के दशक में जब संचार क्रांति हुई और इलेक्ट्रोनिक मीडिया की पहुँच घर घर में होने लगी तो इन नेताओ ने पेड न्यूज़ के द्वारा पुनः पब्लिक को मूर्ख बना कर संसद और विधानसभाओं में पहुँचना जारी रखा और इस प्रक्रिया में एक बहुत बड़ा भ्रष्ट मीडिया तंत्र पैदा किया ।
इक्कीश्वी शताब्दी के पहले दशक में मीडिया के इन भ्रष्ट पत्रकारों ने खूब पैसा कमाया और शोहरत भी कमाई । अब इन पत्रकारों को ये लगने लगा कि क्यों ना हम ही संसद में पहुँच जाए और इन्होने पब्लिक के बीच में छद्म पार्टी बनाकर अपना प्रोपेगण्डा शुरू किया । और अपने इस प्रोपेगण्डा के लिए इन्होने अण्णा को गांधी बना दिया, और जब अण्णा ने इनके प्रोपेगण्डा का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया तो इन्होने अण्णा को गन्ना बना दिया ।
Bahut badiya Ravish bhai. Ye anna to pehle se hi ganna the. Logo ne bekar mein hee gandhi ka naam de diya tha....
ReplyDeleteanna se hame bahu ummid thi lekin inhone dhoka diya
ReplyDeletemujhe lagta hai ki anna ko koi mainej kar raha hai
ravis ji aap hi kuch kariye
ak padtal karti huye story laiye ki Anna ko kaun-kaun mainej kar raha hai.
As your fan i never miss your programmes but this the best I have got from you, till date. Very much agree to your blog. Anna only turned out to be a damp squib. He kept on boarding different buses and now he probably doesn't even know his destination.
ReplyDeleteरवीश जी
ReplyDelete'अण्णा-गांधी से गन्ना तक' पढ़ रहा था...आखिर में पहुंचा हूं कि खबर मिली बिन्नी टीएमसी दफ्तर पहुंचे हैं...खेल तो वहीं लगता है जो आपने ब्लॉग में बयां की...पत्रकार होने के नाते इसके मायने और भी बखूबी समझ सकता हूं...लोगों को नया नजरिया देने के लिए धन्यवाद..
पंकज कुमार
BHAI TUMKO KEJRIWAL NE KYA DIYA H
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