राजनीतिक दलों से जुड़े लोग भी एक रणनीति के तहत हवा दे रहे हैं ताकि आम आदमी पार्टी के कवरेज को प्रोपैगैंडा क़रार दिया जाए । ताकि वे लोगों के सामने गिड़गिड़ा सकें कि टीवी वाले हमें नहीं दिखाते थे । फ़ुटेज नपवाइये तो ज़रा कि इस देश में किन दलों को ज़्यादा कवरेज मिलता रहा है । झूठ की भी हद होती है । देश में अनेक दल हैं । उनको टीवी ने कब दिखाया । कितना दिखाया और कैसे दिखाया । बड़े दलों को लगता है कि मीडिया उनकी ज़मींदारी का बेगार हैं । अब उनका खेत भूमिहीन कैसे जोत रहा है । मीडिया कोरपोरेट तो उनके क़रीबी हैं । उनके मालिकों को राज्य सभा सांसद बनवाते रहे हैं ।
बड़े दल के कुछ चिरकुट टाइप के लोगों को इसमें मज़ा आ रहा है । कुछ नेताओं की दुकान ही चलती है दूसरे की साख मिटा कर । लेफ़्ट,बीएसपी, कांग्रेस, आप भी बीजेपी !, और अब आप । इतने दलों का मैं समय समय बताया गया हूँ । हद है यार । जब मन करता है कांग्रेसी जब मन किया आपाई भाजपाई बसपाई ।
सोशल मीडिया पर चार तस्वीर डाल कर कितना ब्लैकमेल कीजियेगा । बाहुबली पैदा करने की नई मशीन है क्या ये । रिलैक्स कीजिये । मैं कहीं नहीं जानेवाला कितनी बार कहें भाई । ढेर तेला-बेला मत करअ लोग । आप के कवरेज से टेंशन हो गया तो अपना दर्द कहिये । जब एक मुख्यमंत्री अपनी चुनावी सभी में एक अख़बार प्रमोट कर रहे थे तब किसने सवाल किया था ।चुनावों में जब पेड मीडिया उभरा तो क्या आपने उस पार्टी का झोला ढोना बंद किया जो पैसे के दम पर ख़बरें ख़रीद रही थी । कितने ऐसे अख़बारों को पढ़ना बंद किया आपने । ड्रामेबाज़ अफ़वाही कहीं के । जब कांग्रेस बीजेपी में पत्रकार राज्य सभा के ज़रिये घुस रहे थे तब भी अरविंद केजरीवाल ही थे क्या । वाजपेयी जी तो खुद वीर अर्जुन से आए । हज़ार नेता अख़बार से राजनीति में गए हैं ।
कौन किस संदर्भ में राजनीति में प्रवेश कर रहा है इसमें फ़र्क करेंगे या सब धान बाइस पसेरी । इतना क्या बवाल है । आप में पत्रकार का जाना ग़लत है तो कांग्रेस बीजेपी अपने यहाँ के पत्रकारों को निकाल देगी क्या या दोनों का मूल्याँकन उनके जीवन के अलग अलग हिस्सों के आधार पर करेंगे । गए वो हैं और सफ़ाई मैं दे रहा हूँ । आप के कवरेज से इतना भी टेंशन मत खा जाइयेगा कि अपनी पार्टी का सिंबल बदल कर अलग अलग रंग का झाड़ू ही करने लगें । अरे राजनीति कीजिये । अफ़वाह मत उड़ाइये । भरोसा रखिये खुद में और अपनी पार्टियों में । अब फ़ोन मत कीजियेगा । चिल्ल यार !
dher tela mat kar log..!!! ha..ha,,ha.. mind blowing sir..
ReplyDeleteye neta aajkal bauraaye hue bhediye ki tarah aasaan shikaar ke peeche pade hain......bas kisi masoom ka shikaar kar apna pet bharna chahte hain.....
ReplyDeleteचिल्ल यार !
ReplyDeleteढेर तेला-बेला मत करअ लोग ।===:D:D
ReplyDeleteab kaun samjhayye ki media mein bhi insaan hi hai koi bhed bakri nahi ki ek gaddhe mein gir jayegi tto peeche peeche saare gaddhe mein gir jayeinge...
ReplyDeletedher tela bela mat kara log..........wakayi bhasa pe jabardast ka pakad hai apka..aur duniya me harek type k log hain itna mat baukhlayiye sir jo log jholwa dhote hain na wo sab logwan ko apko lagta hai kya ki is sab se farak padega...,,,hmmm ...mujhko to nahi lagta .
ReplyDeleteपेट में पानी ने पचत बा नु :) एही से पाचक चाही ओकनी के :)
ReplyDeleteआप ने कुछ लोगों की मति मार दी है जी ...:)
ReplyDeleteultimate!!!..........I wish.... sabhi padhen is post ko...
ReplyDeletewarna yahan to sab dhan bayis paseri hi hai.....
sir bahut chill hai , inko chiller mein fek dijiye !
ReplyDelete२ दिन पहले आशुतोष के "आप" में शामिल होने के बाद जब आपने कहा था कि "चमटी तो मोटी चाहिए भाई " तब भी मैं यही सोच रहा था कि क्या केवल आशुतोष को ही मोटी चमटी चाहिए उनका क्या जो "आप" के उत्साह में थोडा भी ज्यादा बोल गए, उनका क्या जो "आप" को कवर कर रहे थे ? शरद शर्मा को क्या पता था कि आप जीतने वाली है ? और उनका क्या जो हर्षवर्धन या शीला दीक्षित को कवर कर रहे थे ? उनका क्या जो एक भी पोस्ट फेसबुक पर "आप" की शेयर कर देते हैं ? तो मोटी चमटी आपको भी चाहिए , शरद को भी चाहिए और मुझे भी, मुझे लगता है मई तक सबको चाहिए। सवाल केवल एक है मिलेगी कहाँ ?
ReplyDeleteलगता है आप(हमलोग वाली) गुस्सा गए हैं उनलोगों से जो लगातार आम आदमी को खास बनाने की कोशिस करने में लगे हैं।
ReplyDeleteलगता है आप(हमलोग वाली) गुस्सा गए हैं उनलोगों से जो लगातार आम आदमी को खास बनाने की कोशिस करने में लगे हैं।
ReplyDeleteलगता है आप(हमलोग वाली) गुस्सा गए हैं उनलोगों से जो लगातार आम आदमी को खास बनाने की कोशिस करने में लगे हैं।
ReplyDeleteRAVISH JEE YE JITNE BHI TIPCAL NETA HAI NA KEWAL AFWAH FAILKAR AUR VIRODHIO KO DHAKUA KAR AUR DRAKAR JANTA KO MURKH BNAKAR APNI RAJNITI KARTE RAHE HAIN. AB PARE LIKHE LOG RAJNITI ME JAYEGE TO INKO DUKANDARI KAISE CHALEGI. ISLIYE BECHARE RO RAHE HAIN
ReplyDeleteRAVISH JEE YE JITNE BHI TIPCAL NETA HAI NA KEWAL AFWAH FAILKAR AUR VIRODHIO KO DHAKUA KAR AUR DRAKAR JANTA KO MURKH BNAKAR APNI RAJNITI KARTE RAHE HAIN. AB PARE LIKHE LOG RAJNITI ME JAYEGE TO INKO DUKANDARI KAISE CHALEGI. ISLIYE BECHARE RO RAHE HAIN
ReplyDeleteRavish g ...kya kr skte h inka ....hathi chale bazaar ...@#%@%@ bhuke hazar...........baki to jo h ,so to haiye h....
ReplyDeleteAlag alag rang ka jhadu !!!!
ReplyDeletewah sir badi khoob..
Alag alag rank ka jhadu ...
ReplyDeletewah sir bahut khoob.....
रवीश सर को परेशान मत करो यार !
ReplyDeleteRavish, I think you protest too much. You are a public figure with a considerable fan following and the ability to influence your fans with the coverage and views you provide. Off late not only all channels but YOU too have covered AAP a lot (Arvind's election rally, AAP swearing, Rakhi Bidlan interview). I am not saying you should not, it is your prerogative to pick and choose your shows, but if others are complaining, they might have a valid reason to do so.
ReplyDeleteI think YOU need to take it easy!!
आप तो पहले से ही आम आदमी को तरजीह देते रहे हैं , इस नाम की पार्टी तो आज बनी है । अगर कोई दल आम आदमी की बात करता है तो इस कारण आप 'आप'के नहीं हो सकते हैं।
ReplyDeleteye imandari ka inaam hai
ReplyDeleteअबकी फ़ोन आ जाए तो कहना
ReplyDeleteआप रेडिओ भी join करनेवाले हो....
आप कुकरी शोज भी करनेवाले हो....
Mathematics के tutorials भी publish करनेवाले हो....
और लोगों को क्यूट दिखो न दिखो लेकिन bollywood भी join करनेवाले हो....
या....नहीं....?
यह सब साथ में पूछना चाहिए न? :) :-p :-p
media to wese bhi kiska dost hai ek khbar bjp ki chla di to congress apna dushman man bedti or secular ka raag alap karne lge jab ek khbar congress ki chla do to bjp ke dushman paid media ki tohmat chhelo
ReplyDeleteअरे सर बोलने वालो को किसने रोका हैं। ये इनकी सोच हो चुकी है की हर चीज इनसे ही शुरु हो और इनपर ही ख़त्म हो जाये । आप ध्यान मत दिया करो।
ReplyDeleteआप भी न सर, चुटकी ले कर हंस देते है… इसी लिए तो बड़े बड़े नेता भी आप (एएपी नहीं) से मन ही मन ही मन घबराते है।
ReplyDeleteटेंशन मत लीजिये। चील मारिये
दिल पे मत ले यार .......
ReplyDeleteSir aapko logo ki baato par jyada dhyan nahi dena chahiye. Aap bas imaandari se apna kaam karte rahiye.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteरविश जी एक प्राइम टाइम मे ईस पे भी प्रकाश डाले..पत्रकार से नेता पे.
ReplyDeleteSaare Toh Le Rahe Hai Sir, Ki Apke Mann Mein Kaya Hai. Tight Rahiyega bass
ReplyDeleteYour point of view is right..but somewhere i feel media is going crazy about AAP.. Its easy for them also..keep running the AAP saga with the help of few reporter on the ground.. A cost saving too..no need to prepare other stories..
ReplyDeletesaw a beautiful comment on facebook..sharing with you people.. seems partially true too..
जितनी तेजी से मिडिया वाले आम आदमी पार्टी को चने के झाड़ पे चढ़ा रहे हैं, मुझे डर हैं कहीं अति उत्साह में अरविन्द केजरीवाल कांग्रेस-बीजेपी को छोड़ बराक ओबामा के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा ना कर दे... :)
this one too
7 लाख से ज्यादा की भीड, बीच मे बम विस्फोट.. ना नेता भागा, ना जनता ...
कुछ सौ की भीड, और नेता २० मिनट मे फरार..
यह नेता और प्रजा के आपसी विश्वास का मसला है, नेतागिरी का नही...
चुनावी मौसम है। हर दूसरी गली में अफ़वाह और बयानों के कुकुरमुत्ते हर यूँही उगे मिलेंगे।
ReplyDeleteआप तो एक मेसेज रिकॉर्ड कर लो। रिंगटोन की जगह वही प्ले करना। "नमसकर -मैं रवीश कुमार। मैं यहीं हूँ। कहीं नहीं जा रहा। " :)
टेंशन नहीं लेने का.... स्टाइल में रहने का।
जब कांग्रेस भाजपा का ढर्रा ही आप को फॉलो करना है तो परिवर्तन की चिल्ल पों क्यों भाई? एक दिन पहले तक नेशनल न्यूज़ पर संपादक बनकर सवाल पूछने वाला अगर अगले दिन राजनीतिक टोपी पहन ले (जाहे टोपी कांग्रेसी हो या आप की) तो प्रामाणिकता और निष्पक्षता पर सवाल तो उठेगा ही ना. और कभी अपना प्रोग्राम रिवाइंड कर देखिये विरोधियों पर हूँ हाँ और दांत निपोरना और आप पर समर्थको वाला भाव भंगिमा देना, कष्ट होता है मुझ जैसे लोगों को जो सालों साल से समाचार के मछली बाजार में सिर्फ आपकी दुकान पर जाते है. खैर आपको भी हक़ है परिवर्तन के नाम पर निरपेक्षता को झाड़ू मारने का.
ReplyDeleteजब कांग्रेस भाजपा का ढर्रा ही आप को फॉलो करना है तो परिवर्तन की चिल्ल पों क्यों भाई? एक दिन पहले तक नेशनल न्यूज़ पर संपादक बनकर सवाल पूछने वाला अगर अगले दिन राजनीतिक टोपी पहन ले (जाहे टोपी कांग्रेसी हो या आप की) तो प्रामाणिकता और निष्पक्षता पर सवाल तो उठेगा ही ना. और कभी अपना प्रोग्राम रिवाइंड कर देखिये विरोधियों पर हूँ हाँ और दांत निपोरना और आप पर समर्थको वाला भाव भंगिमा देना, कष्ट होता है मुझ जैसे लोगों को जो सालों साल से समाचार के मछली बाजार में सिर्फ आपकी दुकान पर जाते है. खैर आपको भी हक़ है परिवर्तन के नाम पर निरपेक्षता को झाड़ू मारने का.
ReplyDeleteकांग के हो या बीजेपी के ?
Delete
ReplyDelete2014 is some thing new for india
ReplyDelete2014 is some thing new for india
Ravish sir ka aj mood kharaab hai...
ReplyDeleteBhadaas nikaalna bhi jaruri hai Ravishji...bhadaas nikaal ne me insaan ke andar ka sach bilkul sidha sidha nikalta hai....
Magar ab aap jyada load mat lijiyega...jise sochna hai ki ap baised ho vo aapki bhadaas me bhi AAP ke liye pyaar dhund lega....
Bindas rahiye aur mast rahiye...
Ravish sir ka aj mood kharaab hai...
ReplyDeleteBhadaas nikaalna bhi jaruri hai Ravishji...bhadaas nikaal ne me insaan ke andar ka sach bilkul sidha sidha nikalta hai....
Magar ab aap jyada load mat lijiyega...jise sochna hai ki ap baised ho vo aapki bhadaas me bhi AAP ke liye pyaar dhund lega....
Bindas rahiye aur mast rahiye...
Ravish ji. Jab kisi takatvar pehalwan ko koi naya aur anari pehalwan patkani de deta hai toh woh aise hi bahaane ghadne lagta hai haar ke jo ab congress bjp wale garh rahe hain. agar yeh is baat ka bahaana bna rahein hain ke inhe coverage thk nahi mili... toh maaf kijiyega.. itne puraane raajnitik dal ho ke bhi yeh dal apni mashuri ki kami mehsus kar rahein hain... AAP ke liye iss se badi jeet kya hogi jo yeh khud kabool rahe hain.
ReplyDeletehahahahaha.....dher tela bela mat karrr log..chil sir ji.
ReplyDeletehahahahaha.....dher tela bela mat karrr log..chil sir ji.
ReplyDeletehahahahaha.....dher tela bela mat karrr log..chil sir ji.
ReplyDeleteMeri mummy bhi yahi kahti he.. Chalo sala ravish bhi bik gaya, ab news dekhne ka sense nahi. Aur aapka ye lekh galat he, aap democracy ke 4th pillar hoke, extra favour and mahol bana hi rahe he. Dusre se puchne se pahle khud ki aatma se puch lo.. Bhai aap me bhi kejri ke gun aa gaye he, mein bacchha kasam khata hu type ke.. Yujh jese log media me rahke hi AAP ka event managment sambhalenge, ye ham aam aadmi samajh rahe he..
ReplyDeleteआपकी मम्मी ने आपको क्या खूब संस्कार दिए हैं।
DeleteHi Ravish Sir,
ReplyDeleteMai aapke prime time ka regular customer hu.mane ki Daily prime time dekhta hun.App prawaqtao ko fasate to achha ho lekin jab wo acchi tarah se fas jate hain to aap topic change kar dete ho.
To mera kahna hai ki topic change karne se pahle aap unlogo jabab dene diya kare.Unke chehre dekhne like hote hain us time.
Khaskar Prakash javreker aur sanjay nirupam ko to kabhi mat chhoriye.Ye dono mahanubhav apne aap ko duniya k sabse bade gyata samjhte hain aur discussion me hmesa wrong data use karte hain.
Dhanyawad,
Sunil Kumar
Ek generic comment niche likhe breaking news pe:
ReplyDeleteमोदी ने केजरी को बताया 'TV वाला' नेता
Hamare gaun me ek kahawat hai
"anhara duslak kanha ke (blind is making fun of Squit)" ye satik baithti hai es news pe...:)
aap ka prataap aise fail rha h ki ab aam to aam khas b bdi teji se prabhavit ho rhe h
ReplyDeleteइसमे दो राय नहि हैं
ReplyDeleteRavish ji NDTV hi dekh rha hu bas.....baki sare news chanal sathiya gaye hai aur AAJtak to diwaliya ho gya hai.......bas geet ga rahe hai...hamare gaon ko koi nahi dikha raha...waha bhi madhuri bhabhi se bhi sundar bhabhiya hai...ap par bhrosha hai...ki "AAP TUSTIKARAN" nahi karoge...
ReplyDeleteJab rajneetik dalo ko har ka khatra satata hai to vo aase he bokhala jaate hai,Par aap gussa mat kijiye varna aapka BP high ho jaayega. Hume to aapko PRIME TIME mai dekhana hai.
ReplyDeleteकुछ लोग राजनीती जगत में अफवाहो के भरोसे ही जीते है और आपको आने वाली हर फ़ोन कॉल उस बात को कन्फर्म कराती है.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteरवीश जी
ReplyDeleteमुझे ये समझ नहीं आ रहा है कि आप को किसी को भी जवाब देने की जरुरत ही क्या है , आप अपना काम अपने लिए अपनी संतुष्टि के लिए करते है और जो आप को सही लगता है वो करते है न कि किसी और के सोच और संतुष्टि के हिसाब से , फिर किसी और को आज सफाई देनी कि आवश्यकता क्या है, इससे क्या फर्क पड़ता है की लोग आप के बारे में क्या सोचते है , हर व्यक्ति अपने स्वार्थो को हिसाब से दुसरो के बारे में राय बनाता है , उनकी क्या परवाह करना । क्या पता वो आप से पूछ पूछ कर ये कन्फर्म करना चाहते हो की आप किसी भी हालत में " आप " में न जाये , या यदि जा रहे है तो जिस तरह आप ने उन्हें कई बार जनता के सामने उन्हें अपने सवालो से घेरा है वो उसका बदला निकाल सके आप को घेर कर :))।
ReplyDeleteरवीश जी
वैसे तो आप ने मना कर दिया है फिलहाल के लिए पार्टी में जाने से किन्तु चले भी गए तो किसी को कोई हक़ नहीं है कि वो आप के फैसले पर सवाल उठाये , यदि वो आप की पीछली पत्रिकारिता पर सवाल करते है तो उन्हें भी वैसे ही भाड़ में फेक दीजियेगा जैसे आप ने कहा कि आप अपनी लोकप्रियता के फेक देंगे , आप किसी आदालत में नहीं खड़े है और न ही वो जज है जो आप के लिए फैसले दे । पार्टी में जाना एक कठिन काम है वहा आप को उन सवालो का जवाब खुद खोजना होगा जो सवाल आप आज तक दुसरो से पूछते रहे थे , पार्टी में गए तो आप ये सवाल नहीं उठाएंगे की आज तक आप के गांव में बिजली क्यों नहीं गई , आप उसके लिए काम करेंगे और फिर ब्लॉग लिखेंगे की लो जी मैंने अपने गांव तक क्या आस पास के कई गांवो तक बिजली पहुंचा दी और उसके लिए इतने पापड़ बेले , आज आप बड़ी आसानी से नेताओ से पूछते है कि वो ईमानदार क्यों नहीं है काम अच्छे से क्यों नहीं करते है , पार्टी में जाने के बाद आप बताएँगे कि राजनीति में अंदर जा कर काम करना कितना मुश्किल होता है और उसके बाद भी आप कर रहे है , टीवी पर आम लोगो से जुड़े सवालो को खड़ा करना आसान है किन्तु एक ऎसी आम आदमी की पार्टी में जा कर आम आदमी और जमींन से जुड़े व्यक्ति का आम आदमी के हक़ में लड़ना मुश्किल है जिसमे एक एक बाद एक बड़े बड़े कार्पोरेट से जुड़े लोग घुस कर उसे भी पारम्परिक राजनीतिक दलो की तरह बनाने में तुले है , जहा आम आदमी के लिए फैसले खास लोग लेते है , असली लोकतंत्र की बात करने वाली पार्टी में जा कर पार्टी से अलग किसी मुद्दे पर अपनी राय रखना और खुल कर उसे कह कर पार्टी को लोकतंत्र का पाठ समझना मुश्किल काम है , राजनीति में विश्वास है का जुमला कहना आसान है किन्तु जमीनी रूप से उसे स्वीकारना और सच्ची और ईमानदार राजनीति करना मुश्किल है ,आप के इस विश्वास पर मै भी भरोसा करती हूँ कि राजनीति बुरी जगह नहीं है , बस यही बात दिल और दिमाग को ठीक से मनवाना थोडा मुश्किल होता है । जिस दिन इन तमाम मुश्किलो से बाहर निकल जाइयेगा उस दिन एक बार फिर से विचार कीजियेगा अपने फैसले पर कि कोई भी काम आप किसकी मर्जी से करते है , बाकि तब तक आप टीवी और ब्लॉग पर तो है ही ।
Ravish Bhai,
ReplyDeleteAAP HAI NA BHKIYA UDHER DETE HAI.aISE HI RAHIYEGA , BADALIYEGA NAHI.
sir, thoda break maaro, gajab likhte ho, sidhe dil se.......aapke jaisa koi dusra media mein bhi nahi hai......aapse darte hain sab politician ....politics mein aa gaye to unka business band ho jayega
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteहा हा हा सर जी रिलेक्स :)
ReplyDeleteसब धान बाइस पसेरी,ढेर तेला-बेला मत करअ लोग
ReplyDeleteinka meaning kya hai ??
क्या सर आप भी सीधे नहीं कह रहे... फोन वालों से परेशान होने की जरूरत नहीं साफ कहिये की थोडा अपने तई तोल मोल लें फिर देखेंगे बाजपाई जी का उधारण तो आपने दे ही दिया..आप के लिए न सही लेकिन राजनितिक दलों के लिए "आप" सबक है..सर ...
ReplyDeleteRavish ji,
ReplyDeleteBhot karara jawab diya hai aap ne in logoko... Maine kl hi padhi thi ye post, rat ko mere khwab me bhi yahi line aa rahi thi... Aap soch sakte hai un logonka kya hal hua hoga jiske liye aapne ye blog likha, unki to nind hi ud gayi hogi... Bhot spicy jawab diya.. Koi himmat nahi karega ab kisi bhi patrakar ke liye aisi bat kahne ka...
Abhi thode der pahle 1 news channel pe debate dekh raha tha, vaha pe bhi BJP ke Sudhanshu mittal ji aisi hi bat kah rahe the, lekin kya jawab diya Dibang ji ne.. Bhot khub... App dono jaise patrakar ki jaroorat iss desh ko hai... Hats of to both of u...
जिस तरह से केजरीवाल जी में लोगो को सम्भावनाये दिखती है आपके विचारो को सुनकर, देखकर आपके चाहने वालो ने भी आपसे आशा लगा रखी है।
ReplyDeleteइसमें बुरा भी क्या है ?लेकिन जो लोग ताने के रूप में "आप "के साथ आपको जोड़ रहे है उनसे असहमत हूँ। बाकि अंशुमालाजी से सहमत हूँ।
रवीश भाई.
ReplyDeleteबड़ा अजीब हाल है, बड़ा अजीब माहौल है. कहीं गलती से आपने यदि सच्चा को सच्चा और झूठे को झूठा कह दिया फिर तो इतनी सारी फुलझड़ियां छूटने लगेंगी कि बस बिन दीवाली ही दीवाली मन जाएंगी.
इससे भी अच्छी बात यह है कि कुछ दोस्त कहानी का पिटारा, तो कुछ दोस्त पूरे चुनाव का अंकगणित साथ लिए घूमते है. खासकर जब से केजरीवाल का आना हुआ है, कुछ लोग बौराए फिर रहे हैं, जहां मौका मिला ,वहीं पोथी पञा खोलकर कुंडली मिलान करने लगे. आपके यहां भी कुछ ऐसे लोग टहलने आ गए हैं. समझाते ऐसे हैं जैसे किसी प्राथमिक विद्यालय के पहली दूसरी क्लास के बच्चों की क्लास ले रहे हों. अरे भैया यह रवीश भाई का ब्लाग है, जिसे पढने वाला अपनी समझ भी रखता है. पर टहलते रहो, समझाते रहो अंकगणित. होगा तो वही, जो होने वाला होगा.
पर रवीश भाई आप नाराज मत हों. ऐसा माहौल बहुत दिनों के बाद
बवा है. इसमें कई संकेत हैं. शायद कुछ बहुत ही अच्छा होनेवाला है.
इ बलाग के लिए धन्यवाद.
sir ji bhut badiya
ReplyDeleteSir aaj(13/1/14) nhi aaye aap main intjaar kar rha tha.khana bna kar taiyaar baita tha jainse hi 8:58 hua NDTV lga diya par prime time suru hone ke baad jainse hi dusri anchor aayi to acha nhi lga par koi baat nhi.
ReplyDeletesir g pichle 2 prime time se dikhae nhi de rhe hai..
ReplyDeletekhi channel wale aap(ravish g) pe sak to nhi kr rhe hai..?? ki khi aap v AAP na ho jaye.. waise mujhe koi dout nhi hai..phir v puchne ko g chahta hai...
aur waise v aaj kal media pe arop v lag rha hai ki wo AAP ko jyada space de rhe hai..waise ye arop bilkul hi bebuniaad hai..
alok nath ka sanskari episode bhut NIMAN(very good) lagal..umid ba next prime time me rauaa k dekh paaeb...
NAMASKAR..
रवीश जी में आप से फेस बुक में जुड़ना चाहता हु आप को फॉलो तो कर रहा हु पर आप को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना चाहता हूँ // में आप का बहुत बड़ा प्रशंशक हु प्लीज़ निराश मत कीजियेगा //
ReplyDeleteआपका दिनरात का बैठना है इनके साथ, चू*ये कुछ तो चु**पा करेंगे। काहे का टेंशन ।
ReplyDeleteआप को नहीं
ReplyDeleteआलोचना करना और आलोचक बनना दुनिया का सबसे आसान कार्य है। मैं ऐसे बहुत लोगो को जानता हू जिन्हे अपनी जिंदगी मैं कभी बल्ला पकड़ने का मौका नहीं मिला परन्तु वो हमेशा सचिन कि बल्लेबाजी में खामिया निकालते रहते है। मैं ऐसे बहुत लोगो को जानता हू जिन्हे अपनी जिंदगी मैं कभी ढंग से कविता कि एक पंक्ति नहीं पढ़ी और वो हिमेश रेशमिया के गाने और गाने के तरीके कि आलोचना करते है। कुच्छ ऐसे भी लोग है जो ढंग से बोल नहीं पाते और सलमान खान के अभिनय कि आलोचना करते है। हम सभी बहुत ही बेहतरीन आलोचक है। हम का मतलब महान भारत देश के सभी नागरिक। हम किसी और कि गलती होने पर सभी नियम कानून का पालन करते हुए आलोचना में लग जाते है। और अगर हमारी गलती हो तो झट से सिक्के के दूसरे पहलू पर चले जाते है।
आम आदमी पार्टी का जन्म श्री अण्णा हज़ारे के भ्रष्टाचार आंदोलन से हुआ। अण्णा के आंदोलन को विश्व हिन्दू परिषद् ने भी समर्थन दिया था। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली का चुनाव जीता और कांग्रेस कि मदत से दिल्ली में सरकार बना ली। आम आदमी पार्टी अब संपूर्ण भारत में पसरने कि तैय्यारी कर रही है। आम आदमी पार्टी के फलने फूलने से भारतीय जनता पार्टी के मताधिकार को काफी फर्क पड़ेगा। आम आदमी पार्टी के सभी सदस्यो ने कांग्रेस और उसके भ्रष्ट नेताओ कि आलोचना करके दिल्ली में जीत हासिल कि है। दिल्ली चुनाव के पहेले आम आदमी पार्टी ने सभी कि आलोचना कि परन्तु अब वो सरकार में है तो उनके कार्य प्रणाली और निर्णय कि आलोचना करने का अधिकार सभी भारतीय नागरिक नागरिको को है।
अब आम आदमी पार्टी कि दिल्ली में सरकार बनाने के बाद वो आलोचक का पद खो चुकी है। आम आदमी पार्टी को अब आलोचना करने का कार्य हम भारतीयो पर छोड़ देना चाहिए, जैसा कि मै पहेले भी कहे चूका हु कि हमें आलोचना के कार्य में महारत हासिल है। मेरे शोध और जानकारी के अनुसार आम आदमी पार्टी अभी राष्ट्रीय पार्टी बनाने के लिए तैयार नहीं है। आम आदमी पार्टी के दिल्ली सरकार में लिए फैसले इस बात का संज्ञान कराते है कि वो भारत को १९९१ के पहेले के युग में ले जायेंगे। क्या हम १९९१ के पहेले का भारत चाहते है ? जहाँ हमें एक फ़ोन कनेक्शन का आवेदन करने के बाद ८ साल फ़ोन आने का इंतज़ार करना पड़ेगा। मै तो १९९१ के पहेले के भारत कि परिकल्पना से डर जाता हु। हर तरफ सरकारी बाबू लोगो का राज़ है, बिना सरकारी बाबू कि चापलूसी किये बिना कोई काम नहीं होने वाला। आम आदमी पार्टी का रवैय्या प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ लगता है , परन्तु अतर्व्यवस्था पर नजर डाले तो प्राइवेटाइजेशन ने भारत कि प्रगति में एक बहुत बड़ा योगदान दिया है।
आम आदमी पार्टी ने हाल ही में रीटेल एफडीई को पुनः वापस ले लिया है। आम आदमी पार्टी का ये निर्णय मुझे भारत को १९९१ के पहेले के दशक में ले जाने वाला मार्ग दिख रहा है। हम सभी जानते है कि भारत कि सरकारी आय उसके खर्च से बहुत कम है ऐसे समय में लोग को सब्सिडी देना कुच्छ महीनो के लिए निजाद दिल देगा परन्तु आने वाले समय में हम फिर १९९१ के पहेले के समय में पंहुचा देगा, जंहा हम विश्व बैंक के कर्ज का ब्याज भी नहीं चूका पाएंगे। हमारे देश का आयत , हमारे निर्यात से हमेशा ज्यादा रहा है और एफडीई से आने वाले पैसे के द्वारा हम अपने विदेशी मुद्रा के भंडार बैलेंस करते है और आयत कि जाने वाली वस्तुवों का दाम चुकाते है ऐसे में एफडीई हमारे देश के लिए बहुत जरूरी है।
आम आदमी पार्टी और आम आदमी पार्टी के सदस्यो ने आलोचक के रूप में बहुत बढ़िया काम किया है। परन्तु में ए मैं पहेले भी कहा चूका हु कि हम सभी भारतीय आलोचना के काम में बहुत माहिर है। आम आदमी पार्टी को अब ड्राइविंग सीट पर बैठ कर कार्य प्रणाली बनानी है और उसका निर्वहन करना है। यदि आम आदमी पार्टी इस कार्य में सफल नहीं हुई तो आलोचक उनके चिथड़े चिथड़े कर हवा में उड़ा देंगे। हम भारत देश के निवासी आलोचना करके लोगो को निस्ते नाबूत करने में एक नंबर है , हाल में हमने ये कांग्रेस के साथ दिल्ली चुनाव में करके दिखाया है। आम आदमी पार्टी को अब सचिन , हिमेश और सलमान बन के दिखाना है और आलोचना का काम हम भारतीयो पर छोड़ देना है।
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ReplyDeleteये राजनीति की कैफियत का एक नमूना है... और नमूनों की राजनीतिक कैफियत है...
ReplyDeleteना भाई ना.....
ReplyDeleteबहुते अच्छा लागल
आप को किसी भी राजनीतिक पार्टी में जाने की कोई जरूरत नहीं हैं....9 बजे का प्राइम टाइम ही बढ़िया है....पूरा परिवार एक साथ बैठ के देखता है.....भोंकने दीजिये....दीपुआ है न सबे संभल लेगा....
रंगों की दुनिया में सफ़ेद रह पाना बहुत कठिन है रवीशजी, पर आप यथास्थान डटे रहिये।
ReplyDeletekuch toh log khenge..logo ka kaam hai khna..choro in beeti baaton ko ,,kahi chut na jae raina..kuch toh log khenge..logo ka kaam hai khna...................choriye.bas aage aise he chalte rhiye...politics me aabhi gae toh kya ..aap sach bolne se chukenge nhi..so kaun si party aise member ko bardhast kregi..koi bhi ni hai...
ReplyDeleteचिरकुट लोग चिरकुते रह जाई।
ReplyDeleteना सुधारब लोगनि का हो।
आ जाई।।।।
मानबा लोगनि की ना???
aap blog bahut achhe likhte ho mai aap ka fans hu
ReplyDeleteIBN7 पर एजेंडा विद आशुतोष और NDTV पर रवीश की चर्चा के लिए इंतजार रहता था, इनके लिए किसी तरह समय निकाल ही लेता था.......लेकिन वही यक्ष प्रश्न फिर सामने आ गया - क्या देशसेवा या समाजसुधार राजनीति द्वारा ही संभव है ? क्या विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा कार्य कर समाज में परिवर्तन नहीं लाया जा सकता ? क्या मनुष्य का चरमोत्कर्ष विधानसभा या लोकसभा का सदस्य बनने पर ही संभव है ?
ReplyDeleteउत्तर अपने – अपने अनुसार दिया जा सकता है, लेकिन मैं अपने इस दृढ अनुमान के गलत साबित होने का इन्तजार करूंगा कि आशुतोष ने “आप ” में जाने में जल्दबाजी की थी I
IBN7 पर एजेंडा विद आशुतोष और NDTV पर रवीश की चर्चा के लिए इंतजार रहता था, इनके लिए किसी तरह समय निकाल ही लेता था.......लेकिन वही यक्ष प्रश्न फिर सामने आ गया - क्या देशसेवा या समाजसुधार राजनीति द्वारा ही संभव है ? क्या विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा कार्य कर समाज में परिवर्तन नहीं लाया जा सकता ? क्या मनुष्य का चरमोत्कर्ष विधानसभा या लोकसभा का सदस्य बनने पर ही संभव है ?
ReplyDeleteउत्तर अपने – अपने अनुसार दिया जा सकता है, लेकिन मैं अपने इस दृढ अनुमान के गलत साबित होने का इन्तजार करूंगा कि आशुतोष ने “आप ” में जाने में जल्दबाजी की थी I
IBN7 पर एजेंडा विद आशुतोष और NDTV पर रवीश की चर्चा के लिए इंतजार रहता था, इनके लिए किसी तरह समय निकाल ही लेता था.......लेकिन वही यक्ष प्रश्न फिर सामने आ गया - क्या देशसेवा या समाजसुधार राजनीति द्वारा ही संभव है ? क्या विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा कार्य कर समाज में परिवर्तन नहीं लाया जा सकता ? क्या मनुष्य का चरमोत्कर्ष विधानसभा या लोकसभा का सदस्य बनने पर ही संभव है ?
ReplyDeleteउत्तर अपने – अपने अनुसार दिया जा सकता है, लेकिन मैं अपने इस दृढ अनुमान के गलत साबित होने का इन्तजार करूंगा कि आशुतोष ने “आप ” में जाने में जल्दबाजी की थी I
RAVISH JI me aapke share prime time-hum log ravish ki report sub itni chahat aur siddat se dekhta hu jitna me salman khan ki har movie aur bigboss ka saturday sunday ko dekhta tha me aapse JLF me nahi mil saka lekin mere papa aap se mile the A.S.Silawat me aapka bahut fan hu aap ke satik sawal itihas me aap modi ki tarah koi galti nahi karte aur aap sawalo ko likh kar nahi bethtey aap patarkarita ke liye sabse bade samman ho. Mujhe kisi film star se milne ki chah nahi hai lekin aap se mil kar aap ko gale laga kar aapke sath photo jarur khinchwana chahta hu. Sukriya Asif Khan asifkhansilawat@gmail.com
ReplyDeleteअंबानी बहुत बड़ी हस्ती है. मीडिया उसकी गुलाम, पुलिस उसकी दरबान, सरकार उसकी फरमाबदार. वह एक नहीं दर्जनों देश खरीद सकता है . लेकिन बदनसीबी से बस एक चीज नहीं खरीद सकता - सोशल मीडिया . टूट पड़िए कि सचाई दफ़न न होने पाए....
ReplyDeleteमुकेश अंबानी का बेटा साढ़े चार करोड़ रुपए की गाड़ी से टक्कर मारता है, हफ़्ते बाद तक आपको पता नहीं चलता। टीवी-अखबार हर तरफ चुप्पी। ऐसा मनमोहन सिंह के साथ भी नहीं हो सकता। अब भी मान लीजिए अंबानी प्रधानमंत्री से ज़्यादा शक्तिशाली है। उमर अब्दुल्ला ने इस पर सही ट्वीट किया था, "सिर्फ मुंबई पुलिस को पता नहीं है कि गाड़ी चला कौन रहा था, बाकी सब लोग जानते हैं।" बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में घर के एक पुराने सेवक ने पुलिस के पास जाकर ग़लती कबूल ली है। किस्सा खतम, बच्चे लोग घर जाओ।
MODI MODI MODI
ReplyDeletejitna analysis arvind ka ho raha h ,
una ager modi ka ho to sachhayie samne aa jayege saari,
ek sach h ! jo jyada takatwar dekhta h (sirf dikhne ki baat kar raha hu )aksar log uski parbahv m aa jate h,
modi bus manch pe aate h thoda gujraat,thoda rahul,congress, fir bhart kya h ye batate h, etihaas padane lagte h,
asal m desh k jo sawaal h unhe chhune tak ki himmat nahi h modi ki.
kitna hi veer mante ho aap modi ko
per unme etni himmat nahi ki tata or ambani ko chunoti de sake....
wo sirf kejriwal m h......kejriwal ne kal aandolan kiya to sabko bada ajeb laga arajakta ho gyi kahti h,
kanun toda kah rahe h......are bhai gHANDI B ARAJAK THE fir to kyuki "dandi ytra" namak ka kanun jo toda tha unme.
aaj asl m ladayie kejriwal or police ki nahi h.
asl m ye ladai "hamare damankari sanvidhan or usse ladne wali ek soch ki h"
HAMRI BUNIYAD YAANI KI HAMARA SANVIDHAN HO ANGREJO SE [ COPY -PASTE] KIYA H USME AASTA RAKNE WALE NETA ,ASAL M ETNI AASTHA TO UNKI DESH K LIYE B NAHI H ,JITNI AASTHA UNKI SANVIDHAN OR KANUN ,BE-EMAAN SE BE-EMAAN NETA B "KANUN OR DARM M AATHA RAKHTA H" PER KYU ?
ReplyDeleteJO KANUN PAHELE ANGREJO KO BACHANE K LIYE BANYI THIE WO AAJ EN BRAST NETSO KO BACHA RAHE H.,,
OR AGER KOI AAKE US KANUN OR SANVIDHAN KO CHUTI DETA H TO TO WAH "AANAKWADI" ,"NAXL" "ARAJAK" PTA NAHI KYA KYA HP JATA H,
SOCIAL MEDIA M DEKHTE H KI LOG KAH
HINDU (NAKLI HINDU )-KAH RE H KI MODI KO AANE DO ,MUSLMANO KO BHAGA DEGA DESH KHUS H,
M MUSMAANO SE NAFRAT NAHI KARTA PER JAKIR NAYAK JAISE LOGO KO B PASNAD NAHI KARTA ...
TO ES TARH LA PM KIS KAAM KA,
HUM COMMON HINU OR MUSLIM
EN KHAS HINDU OR MUSLIMO KI KI WAJH SE PARISHAN H