अरविंद ने बड़ी संख्या में युवाओं को राजनीति से उन पैमानों पर उम्मीद करने का सपना दिखाया जो शायद पुराने स्थापित दलों में संभव नहीं है । ये राजनीतिक तत्व कांग्रेस बीजेपी में भी जाकर अच्छा ही करेंगे । कांग्रेस और बीजेपी को भी आगे जाकर समृद्ध करेंगे । कौन नहीं चाहता कि ये दल भी बेहतर हों । मैं कई लोगों को जानता हूँ जो अच्छे हैं और इन दो दलों में रहते हुए भी अच्छी राजनीति करते हैं । ज़रूरी है कि आप राजनीति में जायें । राजनीति में उच्चतम नैतिकता कभी नहीं हो सकती है मगर अच्छे नेता ज़रूर हो सकते हैं ।
एक्ज़िट पोल में आम आदमी पार्टी को सीटें मिल रहीं हैं । लेकिन आम आदमी पार्टी चुनाव के बाद ख़त्म भी हो गई तब भी समाज का यह नया राजनीतिक संस्करण राजनीति को जीवंत बनाए रखेगा । क्या कांग्रेस बीजेपी चुनाव हार कर समाप्त हो जाती है ? नहीं । वो बदल कर सुधर कर वापस आ जाती है । अरविंद से पहले भी कई लोगों ने ऐसा प्रयास किया । जेपी भी हार गए थे । बाद में कुछ आई आई टी के छात्र तो कुछ सेवानिवृत्त के बाद जवान हुए दीवानों ने भी किया है । हममें से कइयों को इसी दिल्ली में वोट देने के लिए घर से निकलने के बारे में सोचना पड़ता है लेकिन अरविंद की टोली ने सोचने से आगे जाकर किया है । वैसे दिल्ली इस बार निकली है । जमकर वोट दिया है सबने ।
राजनीति में उतर कर आप राजनीतिक हो ही जाते हैं । अरविंद बार बार दावा करते हैं कि वे नहीं है । शायद तभी मतदान से पहले कह देते हैं कि किसी को भी वोट दीजिये मगर वोट दीजिये । तब भी मानता हूँ कि अरविंद नेता हो गए हैं । आज के दिन बीजेपी और कांग्रेस के विज्ञापन दो बड़े अंग्रेज़ी दैनिक में आए हैं आम आदमी पार्टी का कोई विज्ञापन नहीं आया है । अरविंद के कई क़दमों की आलोचना भी हुई, शक भी हुए और सवाल भी उठे । उनके नेतृत्व की शैली पर सवाल उठे । यही तो राजनीति का इम्तहान है । आपको मुफ़्त में सहानुभूति नहीं मिलती है । कांग्रेस बीजेपी से अलग जाकर एक नया प्रयास करना तब जब लग रहा था या ऐसा कहा जा रहा था कि अरविंद लोकपाल के बहाने बीजेपी के इशारे पर हैं तो कभी दस जनपथ के इशारे पर मनमोहन सिंह को निशाना बना रहे हैं । मगर अरविंद ने अलग रास्ता चुना । जहाँ हार उनके ख़त्म होने का एलान करेगी या मज़ाक़ का पात्र बना देगी मगर अरविंद की जीत हार की जीत होगी । वो जितना जीतेंगे उनकी जीत दुगनी मानी जायेगी । उन्होंने प्रयास तो किया । कई लोग बार बार पूछते रहे कि बंदा ईमानदार तो है । यही लोग लोक सभा में भी इसी सख़्ती से सवाल करेंगे इस पर शक करने की कोई वजह नहीं है । अरविंद ने उन मतदाताओं को भी एक छोटा सा मैदान दिया जो कांग्रेस बीजेपी के बीच करवट बदल बदल कर थक गए थे ।
इसलिए मेरी नज़र में अरविंद का मूल्याँकन सीटों की संख्या से नहीं होना चाहिए । तब भी नहीं जब अरविंद की पार्टी धूल में मिल जाएगी और तब भी नहीं जब अरविंद की पार्टी आँधी बन जाएगी । इस बंदे ने दो दलों से लोहा लिया और राजनीति में कुछ नए सवाल उठा दिये जो कई सालों से उठने बंद हो गए थे । राजनीति में एक साल कम वक्त होता है मगर जब कोई नेता बन जाए तो उसे दूर से परखना चाहिए । अरविंद को हरा कर न कांग्रेस जीतेगी न बीजेपी । तब आप भी दबी ज़ुबान में कहेंगे कि राजनीति में सिर्फ ईमानदार होना काफी नहीं है । यही आपकी हार होगी । जनता के लिए ईमानदारी के कई पैमाने होते हैं । इस दिल्ली में जमकर शराब बंट गई मगर सुपर पावर इंडिया की चाहत रखने वाले मिडिल क्लास ने उफ्फ तक नहीं की । न नमो फ़ैन्स ने और न राहुल फ़ैन्स ने । क्या यह संकेत काफी नहीं है कि अरविंद की जीत का इंतज़ार कौन कर रहा है । हार का इंतज़ार करने वाले कौन लोग हैं ? वो जो जश्न मनाना चाहते हैं कि राजनीति तो ऐसे ही रहेगी । औकात है तो ट्राई कर लो । कम से कम अरविंद ने ट्राई तो किया । शाबाश अरविंद । यह शाबाशी परमानेंट नहीं है । अभी तक किए गए प्रयासों के लिए है । अच्छा किया आज मतदान के बाद अरविंद विपासना के लिए चले गए । मन के साथ रहेंगे तो मन का साथ देंगे ।
puri ummid his ki iss baar imaandari aur sachhai ki hi jeet hogi. Arvind Ji ki jeet pakki hai
ReplyDeleteसर तीन दिन मेहनत कर नाम जुड़वाया... पहली बार वोट दिया.... सबके मुंह से सुना कि झाड़ू को वोट देंगे... लेकिन कौन लोग हैं जो ईमानदारी की बात हजम नहीं कर पा रहे हैं... मिडिल क्लास... वो बहुत चालाक और जाति विशेष और धर्म विशेष के लोग हैं... इनका भरोसा तो पहले लोकतंत्र पर भी नहीं था... लेकिन मजबूरी में बीजेपी, कांग्रेस दोनों पर कब्जा जमाए बैठे हैं... ना जाने कब इस देश में जीने वाले ओबीसी, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक को ज्ञान होगा... एक और अंबेडकर की जरूरत है.. अंबेडकर ना सही ईमानदार अरविंद ही कुछ बदल पाएं... लेकिन जाति विशेष और धर्म विशेष के लोग तो बीजेपी के आलावा किसी दूसरे को वोट नहीं देंगे... बेकार में मायावती का वोट प्रतिशत मैंने कम कर दिया
ReplyDeleteशत प्रतिशत सहमत। मगर साहसिक प्रयास सिर्फ अरविन्द का ही नहीं है बल्कि कई अन्य गुमनाम युवक, युवतियों, बड़े और बुढो का भी है जो अपना बहुत कुछ दांव पर लगा कर "आप" के समर्थन में जुटे। कई ऐसों से बात चीत हुई जिन्होंने अच्छी खासी नौकरी छोड़ दी। कई लोगों ने अपनी मेहनत कि कमाई को दान में दिया। निस्वार्थ भाव से। व्यक्तिगत रूप से तो यही समझता हूँ कि इस प्रकार का साहस जिससे इन गुमनाम लोगों का न मान होगा न मन्नुअल - अदभुत है।
ReplyDeleteहाँ अरविन्द और उनके साथियों ने उन एलीट इंटेलेक्टुअल्स को भी करारा जवाब दिया है जो अपने ड्राइंग रूम में बैठकर राजनितिक बदलाव के नाम पर सिर्फ बौद्धिक हस्तमैथुन करते थे। इस श्रेणी में जे एन यू टाइप का वर्ग भी शामिल है जिसकी राजनितिक सोंच सिर्फ वन डायमेंशनल है । और चाय सिगरेट के आगे नहीं बढ़ पाती।
अरविन्द इस दशक के एक ऐसे पोलिटिकल इंटरप्रेन्योर बनके उभरे हैं जिसे एक राजनीतिक आईडिया को पैदा करना और फिर उसे बखूबी बेचना आता है। तमाम दलों, वर्त्मान एवं भविष्य के राजनीतिज्ञों उनसे बहुत कुछ सीख सकते हैं।
इतना यकीन रखिये की अगर वह हार भी गए तो फिरार नहीं होंगे। बस दिक्कत इतनी है कि अन्य दलों कि तरह विचारधारा यहाँ भी ताक पर रहेगी।
Koshish hotee rahnee chahiye. Is baar nahi to aglee baar. Arvind ji ne dona national parties ke ankhon se ankhon mila ke BJP ke CM kee candidate ko change kar diya.Congress ne pahle se hee haath khade kar diye. Bhaiya aur Bhabhiji kee sabhayen iska praman hai.Bakaul Dushyant kumar"Sirf hangama khada karna mera maqsad nahin, meree koshish hai kee yeh surat badalnee chahiye". Shashwat ke comments kabilegaur hai.
ReplyDeletebahut hi khub likha hai
ReplyDeleteArvind G ne ek Sarahniya prayas kiya hai.Wo ek naye parivartan ke wahak hain.Ham unki jeet ki kamna kartey hain. Unkey is imandar prayas ko jo is sadey huye system ke khilaf hai main Salam karta hoon. Jeet nahi bhi hui to chunautiyan aagey bhi bahut hain. Big B ne kaha hai "Parivartan Prakrati ka niyam hai". Parivartan zaroor ayega Arvind G ne Jhadoo utha li hai system ko saaaf karne ke liye.
ReplyDeleteSir, i don't have the articulative acuteness but one line iwould like to add " despite lack of experience in administrative skills & constraints, a rebellion is better than any politician "
ReplyDeleteAAP is far much better than other conventional parties till now. Lets see aage kya hota hai... Ravish g what happened to your twitter account? and can you please share your facebook page?
ReplyDeleteRavish bhai,
ReplyDeleteAapke vichar sachhaie or imandari wale hain. Aap jase or arvind jase logo ko hi to dekh kar lagata hai ki abhi bi imandari hai or sachai ko kahne ki kubbat bhi. Yakinan Bharatiya rajniti me aaj ki tarikh me bahut gandgi hai, lekin aaj bhi eise bahut she bhartiya hain, Jo is rajniti ko thik karne ki samarthy rakhte hain.
Apni choti si team k sath arvind ne Jo sahas dikhaya wah salute karne k Kabil hain. Hame bhi eise karyon, eise logo ka manobal badha kar aaage lane ka prayas karna chahiye.
Samaj ke har field me corrupt logo ki wajah she charo or negativity ki badbu fail gayii hai. Saans lene ke liye Kuch to sakaratmak prayas karne hi honge.
Is post k liye aapka bahut bahut dhanywad...
Ravish bhai,
ReplyDeleteAapke vichar sachhaie or imandari wale hain. Aap jase or arvind jase logo ko hi to dekh kar lagata hai ki abhi bi imandari hai or sachai ko kahne ki kubbat bhi. Yakinan Bharatiya rajniti me aaj ki tarikh me bahut gandgi hai, lekin aaj bhi eise bahut she bhartiya hain, Jo is rajniti ko thik karne ki samarthy rakhte hain.
Apni choti si team k sath arvind ne Jo sahas dikhaya wah salute karne k Kabil hain. Hame bhi eise karyon, eise logo ka manobal badha kar aaage lane ka prayas karna chahiye.
Samaj ke har field me corrupt logo ki wajah she charo or negativity ki badbu fail gayii hai. Saans lene ke liye Kuch to sakaratmak prayas karne hi honge.
Is post k liye aapka bahut bahut dhanywad...
ndtv कि लुच्चागिरी के हम कायल हो गए हैं। कि किस तरह से दिल्ली के चुनाव को केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के पक्ष में बनाया जाये ये देखने लायक रहा. जाहिर सी बात है आप के जो आपा होना चाहिए था के 20 करोड़ के चुनाव फंड में ndtv का खर्च शामिल है या नहीं।। स्टिंग ऑपरेशन का क्या हुआ। .. गम्भीरता से बहस सिर्फ केजरीवाल पर होगी मोदी तो जैसे मजाक हैं..... केजरीवाल जैसे जोकरों का अस्तित्व सिर्फ मीडिया के वजह से है। । निर्भया आंदोलन का केजरीवाल से कोई लेना देना नहीं है। । ग़लतफहमी न फैलाएं। ..
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ReplyDeleteरविश जी एक कड़वी बात करने जा रहा हूँ. नहीं पसंद आये तो हटा देंगे.छात्र जीवन से ही मैं सक्रिय और संवेदनशील राजनीति से जुड़ा रहा हूँ.आर्थिक और पारिवारिक दबाव में नौकरी करनी पड़ी और वो भी सरकारी 'साहब' की.मेरे कई मित्र AAP से जुड़े हैं और दिल्ली इलेक्शन में जी जान से लगे हैं. मैं भी अपना लोभ संवरण न कर सका और अंतिम दस दिनों के लिए दिल्ली चला गया.लोगों में काफी उत्साह देखा.मंगोलपुरी,सुल्तानपुरी,रोहिणी,नई दिल्ली सहित कई विधान सभा क्षेत्रों में सुबह से शाम तक घुमा.दिल्ली के उन झोपड़पट्टी में खासकर घुमा जहाँ आज भी जीवन अपने नियुनतम स्तर है.मेरे साथ महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक,तमिलनाडु तथा US के कुछ साथी थे.वे करीब एक महीने से लगातार लगे हुए थे.इस दौरान मैंने दो तीन चीजें शिद्दत से महसूस की(आपकी बातें दुहराना ठीक नहीं, जो एकदम उचित है.) -
ReplyDelete१. कई जगहों पर उम्मिद्वार का चयन गलत था और इसे चुनाव तक ताले रखने की सहमती बनी.
२. जिस मध्य वर्ग को AAP का आधार माना जा रहा था मैंने उस दौरान ही उनपे शंका की और एक स्वस्थ बहस भी हुई.अगर बेलाग अपनी बात कहूं तो उच्चवर्णीय मध्य वर्ग अंतिम दस दिनों में रंग बदलना शुरू कर दिया था.दलितों,मुसलामानों और और अन्य गरीब तबके के एक बड़े हिस्से में AAP के प्रति सही सहानभूति दिखी और वही शायद वोट में तब्दील भी होगा.मेरे ख्याल से उपरोक्त मध्य वर्ग मौजूदा हिन्दुस्तान में सबसे संगठित और और एक हदतक प्रतिक्रियावादी तबके में तब्दील होता जा रहा है.
३. इसी से सम्बंधित यह भी पता चला की AAP से, BJP के बजाय कांग्रेस को अधिक नुक्सान होने वाला है.
और अंत में उम्मीद करता हूँ की यह आन्दोलन और इसके कार्यकर्ता अपने तमाम अंतर्विरोधों के प्रति एक सकरात्मक संवाद बनायेंगे.मेरी समझ से AAP को अन्ना के भूत को भूलकर आगे बढ़ना चाहिए.
bahut khub likha
ReplyDeleteaapne to emotional kar diya sir... aaj aisa lag raha hai jaise tufaan k bad ki shanti ho
ReplyDeleteAarab spring एक सब्ज़ी वाले की वजह से शुरू हुआ यह बात जनता की warning bell थी?
ReplyDeleteवैसे ही समस्याओं की अवगणना ही शासक को अप्रीय बनाती है। है न ?
nice ravish ji .........
ReplyDelete"और कुछ हो न हो अच्छे लोगो कि एक पार्टी बन गयी । इसे बने रहना चाहिए, हमारी अगली पीढ़ी के लिए । वैसे उम्मीद है कि आप का रिजल्ट अच्छा ही आयेगा|"
ReplyDeleteDil jeet liya Sir aapne yeh likh kar....... isliye nahi ki aapne Arvind ji ke prayas ki taarif ki...isliye kyonki aapne dil se likha...
ReplyDeleteAap jab bhi Arvind ya AAP ki aalochana bhi karte hain, tab bhi mujhe bura nahi lagta....kyonki aapke sochne, kehne me sachchai hai...aap nishpachh bhav se kehte hai :))
Amit Kumar Sachan
Minneapolis
Dil jeet liya Sir aapne yeh likh kar....... isliye nahi ki aapne Arvind ji ke prayas ki taarif ki...isliye kyonki aapne dil se likha...
ReplyDeleteAap jab bhi Arvind ya AAP ki aalochana bhi karte hain, tab bhi mujhe bura nahi lagta....kyonki aapke sochne, kehne me sachchai hai...aap nishpachh bhav se kehte hai :))
Amit Kumar Sachan
Minneapolis
ravish sir uttar pradesh me bhi do hi party hi s.p ya b.sp b.sp ka ake hi kaam hi jnta ka rupeya park me lga deti hi greeb kisan no ki jmeen kabja kr letey hi our park bnwa deti hi our s.p kaam hi kanoon bewstha theek nhi rahti hi mera sochna hi aap uttar pradesh me bhi apna yogdan de
ReplyDeleteRavish ji bilkul sahi likha .arvind jite ya hare lekin is dauran pata nahi unhone kitne ARVIND paida kar diye.
ReplyDeletePadh ke ankho mein ansoo aa jati hai. Jab koi immandari ki baat karta hai aur ladhai bhi karta hai, usko log kya kya nahin bolte hai.. AK is the real hero and will fight and no doubt we all support him.
ReplyDeleteAap jaise reporter ki bajeh se hi media walo ki thoda sa ijaat bachi hai.
Salute to you Ravish for your journalism
Nice read but on news channel you guys are totally different.. I hope some day that will also change :)
ReplyDeleteRavish Ji,
ReplyDeleteAap bhale Arvind ko Shaabashi de rahe hai. Jiska Hamein garva to hai hi lekin har labja aise laga jaise har us volunteer ko bola ja raha hai jo Arvind ke saath khada hai. Isiliye me apaka shukriya karati hoo mera our mere hazaaron sathiyo ka hausla badhane ke liye...
thank you.
AUR EK BAT MIDDLE CLASS KHASKAR JINHONE ATAL KO DEKHA HAI WO ABHI BHI BJP KE PICHE BHAG RAHA HAI.WO LOG ABHI NAYI POLITICS KE LIYE TAIYAR NAHI HAI.
ReplyDeleteअजीब से विरोधाभास में जीने वाले हम, हमेशा वही बात सुनना पसंद करते हैं जो हमारे कानों को शोभती है, खुद चाहे 10 रुपये की टिकिट बचा लें डीटीसी या अन्य किसी बस में लेकिन अगर बगल वाले से भगवान वाले आचरण की उम्मीद करेंगे, छिद्रान्वेषि लोग अगर त्वरित बिन्दुओं पर फिट बैठ जाये तो फिर वह बंदे की खोद खोद कर कमियाँ ढूँढेंगे और ऐसे अप्रासांगिक चीज़ें सामने लाएँगे जिससे आप main मुद्दों से भटक जाओ.... खैर अब जो है सो है इसको इतनी जल्दी नहीं बदला जा सकता भारतीय मानस का स्वभाव है ये।
ReplyDeleteबाकी कहने को ये है कि जैसे गणित में शुद्ध उत्तर निकालने पर ही नंबर नहीं मिलते बल्कि step marking होती है अर्थात आपकी कोशिश का evaluation भी होता है तो केजरीवाल जी की भी step marking होनी चाहिए उनकी कोशिशों पर बात की जानी चाहिए ।
बाकी अरविंद की यह कह कर आलोचना करने वाले कि वह महत्वाकांक्षी हैं और सत्ता पाना चाहते हैं, तो भाई मुझे लगता है कि सिर्फ नरेंद्र मोदी जी ही वीतरागी हैं और इस समय बस वही एक देशभक्त हैं बाकी के तो सब लमपट सत्ता भूखे हैं, ऐसे भोले भंडारियों को नरेंद्र मोदी ही सद्बुद्धि दें तो उनका भी कल्याण हो और देश का भी।
रमेश केलकर जैसे लोगों को लगता है कि अगर आप बीजेपी oops मोदी के समर्थन में नहीं हैं तो निश्चित तौर पर बिके हुये हैं और सीधे सीधे गाली गलौज़ पर उतर आते हैं (रमेश केलकर जी क्या यही सीखते हैं), केलकर जी आप बुरा न मानें (और अगर मान भी जाओगे तो क्या उखाड़ लोगे) तो आपसे से प्रश्न है आपको मोदी की दलाली के कितने पैसे मिलते हैं, कितना rate चल रहा आपका और आप जैसे दलालों को मोदी कितने पैसे में खरीदते हैं?
हाँ इस बीच यह जानकार थोड़ा दुख हुआ कि किसी ने BSP की चर्चा नहीं की, जबकि पिछले चुनाव में इनका considerable vote percentage था, इस बार बढ़ा ही होगा कुछ न कुछ।
एक बहुत ही अप्रासांगिक बात मैं भी किए लेता हूँ, अब BSP की बात चली है तो और यहाँ कुछ बुद्धिजीवी तबका (कुछ comments पढ़ कर तो यही लगता है) आता है बराहे क़स्बा, कि जब मायावती ने 500 करोड़ रुपए मूर्तियों पर ख़र्च कर दिये तब सबने छाती पीट पीट कर मातम मनाया और पानी पी पी कर कोसा कहा कि यह पैसा विकास के कामों में ख़र्च हो सकता था और पैसे की बरबादी की है , अब कोई मुझे बताएगा कि 2063 करोड़ रुपए statue of Unity पर ख़र्च हो रहे हैं वो भी तो एक पुतला ही बन रहा है क्या ये रुपये की बरबादी नहीं है, आखिर है तो एक मूर्ति ही, ये बात सबने दाल भात की तरह पचा ली...लियॉन भाई ये मोदी "साहब" कर रहे हैं तो justified है???
मुझसे कुछ लोगों ने कहा की ABP पर agenda प्रोग्राम में अरविंद केजरीवाल कुछ बातों पर असहज दिखे और कुछ बातों का उनके पास जवाब नहीं था, उनमे से एक प्रश्न मुझे याद आ रहा है कि आपकी विदेश नीति क्या है?
ReplyDeleteभैया, जब आप 10वीं की परीक्षा देने जा रहे होते हो तो 10वीं का ही syllabus पढ़ते हो न या MSc. का syllabus पढ़ते हो?
विदेश नीति की जब बात आएगी तब वह भी देख लिया जाएगा, वैसे इस सवाल का अरविंद ने बड़ी इममानदारी से जवाब दिया था कि हमारी team है जो इन सब चीजों के बारे में विमर्श कर रही है और समय पर ये भी बताया जाएगा...
अब या तो राहुल और मोदी की तरह जो भी जी में आए बोल दो बिना सोचे समझे कुछ भी झूठा सच्चा या फिर साफ बोल दो कि साब अभी हम ये सब सोच रहे हैं जैसा कि अरविंद ने किया, यार तुम्हें एक अच्छा नेता मिल रहा है ये काफी नहीं है, भगवान चाहिए क्या मंदिर बना कर पूजा करनी है या सही व्यवस्था बनवानी है?
बात हार या जीत की होनी ही नहीं चाहिए, 1 साल की पार्टी ने काँग्रेस बीजेपी की हवा खराब कर दी और सब से बढ़कर एक नई राजनीतिक सोच दी है मुझे लगता है इतना भी काफी है,जो सीटें मिलती हैं वो बोनस होगा...
अगर यहाँ एक भी volunteer मेरा यह comment पढ़ता है तो उसे मेरी तरफ से बधाई
:)
केजरीवाल जी ईंमानदार हैं इसमें "शायद" कोई शक नहीं है...हालाकि अभी ये जानना बाकी है कि उन्हे ईमानदारी का सर्टिफिकेट कहां से और किस संस्थान से मिला है...जिसके भरोसे वो सबको बेईमान और खुद को और उनसे जुड़े लोगों को ईमानदार बताते हैं...दिल्ली का जो भी परिणाम आए उसे सबको बिना "कुतर्क" किए स्वीकार करना चाहिए..क्योंकि लोकतंत्र में जनता ही सर्वोपरि होती है...और रही बात ईमानदारी कि तो मेरी जानकारी में हर्षवर्धन, शिवराज सिंह और मणिशंकर अय्यर जैसे भी नेता है जिनकी ईमानदारी पर सवाल नहीं उठाया जा सकता...
ReplyDeleteMind Blowing bolte hain aur Likhate hain Ravish ji...Dil Se !!!
ReplyDeleteAwesome article !! Admire your balanced approach.
ReplyDeleteVery well said Ravish ji.
ReplyDeleteअरविन्द की लड़ाई व्यवस्था परिवर्तन की है ! दिल्ली चुनाव में इसके लिए शानदार प्रयास किया है ! कभी सुना नही था कोई पार्टी चुनाव में शराब रोकने के लिए खुलकर सामने आएगी ! अरविन्द और आम आदमी पार्टी ने नये आयाम स्थापित किये हैं ! इस भ्रष्ट व्यवस्था में जहाँ पक्ष और विपक्ष समान रूप से भ्रष्ट हों, मिलकर आम आदमी पार्टी का मुकाबला करेंगे तो लड़ाई सख्त ही होगी ! आम आदमी पार्टी 10 सीटें जीतेगी या 40 ,इससे ज्यादा महत्वपूर्ण ये है कि अपनी बात को, अपने विज़न को कितने लोगों तक ले जा सके ! यही सार है लड़ाई का जिसे आगे भी जारी रहना चाहिए.
ReplyDeleteYou are just Awsm Sir. A big big fan of ur. Media is still surviving just because of people like u... Hats Off You!!!
ReplyDeleteCertainly AAP has raised hopes ,whatever the results it has pricked the system if not shaken it.
ReplyDeleteIf AAP does not keep it's flock together, if some MLAs break away.Then new "NADIR".
When Hope fails ,the biggest sufferers are optimists.The political "Empire" controlling part of system will certainly strike back.
INQULAB ZINDABAD
ReplyDeleteArvind jeet gaye(seat nahi), itihaas aur hum sabka dil.Par agar AAP majority me nahi aati to phir hum(apne desh ya videsh me rahne wale, wo log jo hindustan ke logon ko vastav me pragati karte dekhna chahte hai) haar jayenge.Kyuki shayad itihaas me ye dusra JP movement ban kar rah jaye, jo lada jarur par jeeta nahi, aur jiska haar ka nateeja mila lalu ya unke jaise kayi aur.
ReplyDeleteCompletely agree , at least Arvind Sir has tried to Cleanse the politics , educated lakhs of youth
ReplyDeletethat politics is NOT dirty , only dirty people make it dirty, so good educated people join politics ,Politics will automatically become CLEAN . so lets spread the word about joining Politics, also educated Children about Clean politics.
A very well written and thought provoking article...Thank you from all those who supported AAP and also from those who care for the country!
ReplyDeleteAK brave hain jo cong aur bjp ko chunauti diya. Imandari se. Aur aap (You) bhi imandari se likhtey aur Boltey hain.Sir galat logon ka saath dena ya aisa samjhey ki sahi logon ki sahi parakh nahi hona ye sab bahut pehley se chalta aa raha hai. We the people ki Bimari bahut purani hai (Chronic). Thik honey mein time lagega.But healing bahut fast hai. Ek saal mein kuchh had tak thik hua hai. I request Dr. Arvind Kejriwal to remain as our nation doctor.
ReplyDeleteबिल्कुल सही रवीश भाई, हिम्मत का काम है। कल का प्राइमटाइम गपास्टिंग सही लगा। ये गपास्टिंग शब्द कहाँ से आया पता नहीं पर है शानदार। जब गाँव मे थे तो खूब करते थे और बड़ो कि बात भी खूब सुनते थे। वो कुछ करेगा दिन भर गपास्टिंग करता रहता है :)
ReplyDeleteTo experience peace & Happiness is achievement in life.
ReplyDeleteThe one who can experience this is the winner.
This is what the AAP volunteers & supporters have experienced & they are the winners.
AAP volunteers HAVE WON! India's citizens have won, the politics of our democracy has started changing for the better. Whatever the results the cleansing of the rotten politics has begun!
Ravish Ji
ReplyDeleteBahut achha likha aapne or bahut achha kiya AAP ne. Shayad hi koi neta ab kabhi kahega ...kuch chahiye to jao jaake chunav lad lo :)
Disclaimer : a supporter of AAP !
bilkul sahi. Mai Arvind ko Mahatma Gandhi ke smanter manta hu. Jee karta he Arvind ko Mahatma Arvind kahu.
ReplyDeleteRajneesh Dhakray Ji kewal Unity wali murti hi kyon, kya kabhi kisi ne soch raili ke liye taiyar kiye gaye stajon me kitna kharch kiya jata hai..jo garib 1 crore ka spana bhi nahi dekha hoga unse milne aur guftgooo karne ke liye neta utne amount ka stage banate hain. ye garibo ke gaal pe sidha chanta nahi to kya hai.
ReplyDelete@Ravish ji: ab kya kahoo blog ke bare me. Ap jab field me ja kar general public ka interview lete hain to kafi sajeev lagta hai koi kritrimta nahi. kayal hoon bas. aur kuch nahi kahna.
Bahut sahi likha Ravish Ji aapne.. mujh jaise naa jane kitne log America mai poori raat jaagte rhe is election ko follow karne k lie... Delhi ghar se nikli hai aur vote bh kia hai.. baki dekhte hain 8 ko kya results aate hain.. mujhe abh bh ummed hai Jeet Sacchai ki hi hogi.. AAP Sarkar banayegi... bahut jaan ne walon ne AAP ko vote kia hai.. lakon logon ne is chunav mai apna sab kuch daon par laga dia.. Uper wala itna baderd nh ho sakta.. Sach ki jeet hogi.. Arvind Kejriwal ka bht bada Prashansak.. aur haan aap ka kal ka Primetime bht mast tha..
ReplyDeleteदेश कि राजनीती बदल रही है
ReplyDeleteमनमोहन सिंह बोल रहे है
नरेंद्र मोदी आ रहे है
अरविन्द केजरीवाल छा रहे है
शायद यह मुल्क एक बड़ा बदलाव देखने जा रहा है ।
इसमें कोई शक नहीं है कि अरविन्द केजरीवाल ने इस देश कि राजनीती को एक नयी दिशा देने कि कोशिश की है । केजरीवाल के अच्छा सबक दिया है इन चुनावो से । आज के बाद शायद कोई नेता आम आदमी से यह नहीं कहेगा कि अपनी मांगे पूरी करनी है चुनाव लड़ लो :) ।
I guess lot of credit goes to anna hazare andolan
DeleteYouth started following politics
Started reading newspaper
Even 16 dec gangrape showed lot of things..... us time itna to pata chala ki janta bhi apne according law banwa sakti hai..
Rula diya sir.....Mai student hn aur Arvind ne mujhe ladna sikhaya hai system se...Wo mere liye Jeet chuke hain...
ReplyDeleteraveesg hu kosish karne walo ki kabhi haar nahi hoti.......ARIVIND JI KI to jeet hi jeet hai...........
ReplyDeletebahut aacha lekh likha hai aapne AAP party ke liye... Yeh Aam adami ki jeet hai.
ReplyDeleteye maniratnam ki film yuva ki yaad dilati hai.arvind ki. APP PARTY
ReplyDeleteMANIRATNAM KI FILM YUVA BHI KUCH ARVIND KI APP PARTY KI TARAH THI.
ReplyDeletesir mujhe lagta hai ki aap bhi bhrastachariyo ki hi upaj ho aur isiliye desh hit ke liye arvind ji ne jo prayas kiya hai usme aap samarthan nahi karna chahte .
ReplyDelete1.)Seriously if AAP is not going to survive ....then the honest man gets the answer itself that politics is really a social work or something else
ReplyDelete2.)the high middle class plays a vital n prominent role in these days.
3.) If AAP loses then its not a defeat of Arvind sir but this is the defeat of democracy.
sir ji kuch bhi ho,
ReplyDeleteआज फिर आजमा ले तू ऐ वक़्त,
कर ले सितम जो तेरी बंदिश मे है,
इतना बरगराने पर भी ना हिला,
‘अरविंद’ तेरी ज़िद देख, कातिल आज फिर मुश्किल मे है,
1.)Seriously if AAP is not going to survive ....then the honest man gets the answer itself that politics is really a social work or something else
ReplyDelete2.)the high middle class plays a vital n prominent role in these days.
3.) If AAP loses then its not a defeat of Arvind sir but this is the defeat of democracy.
Great writing Ravish ji. Balanced thoughts, liked it.
ReplyDeleteपहले ही इतनी सारी कमेंट्स आ चुकी हैं । मेरी ये है - यह बात अपने बिलकुल सही कही - "अरविंद को हरा कर न कांग्रेस जीतेगी न बीजेपी ।" फिर भी मैं ज़रूर चाहता हूँ कि इस बार 'आप' पार्टी आये । फिर भी जो भी होगा अच्छा ही होगा ।
ReplyDeleteDil to acchi lagi aapki baatein, isliye nahi ki "Arvind" ya "AAP" k baare me baatein ki gayi.
ReplyDeleteAur ye Dil se nikli hui baatein aur kahi na kahi hum sab in baaton ko sochte hai pareshan hote hai. But MAST bhi rahte hai aur phir wahi Tea stall or dinner karte samay galiya aur baatein wahi KHATAM. but TRY karne ki himmat kabhi bhi nahi hoti...is baar koshis to ki hum sabhi nahi hai.
Yaad hai mujhe bachpan me jab Election ke promotion k liye netao ki gadiya jaati thi to hum sab sadak k kinare ho jaate the gali/maar khane k darr se...apne aap lo rok lete the ...let them pass then we will go from that road. kuch khaas nahi to ye to kiya AAP ne ki wo Darr nikala logo k man se aur har ek aam aadmi bhi involve ho paya...
Ravish...thanks for your Article and you unbiased support to all the good person who is trying to change INDIA.
-Subhag
Wonderfully written sir, hats of to you...
ReplyDeleteBut, the fact is basically, the system is made by us (the object) not by the leaders. therefore, if the system is corrupt, only we are responsible for that. As because, we (the mass of society) are not able to choose the suitable leader.
Hope, this time AAP will win in Delhi. But, as per my experience about my country, it looks almost IMPOSSIBLE.
However, AAP has succeed in changing the way of thinking for the young generation. So, It seems, Every thing will be fine, when this generation will lead the India.
आप लिखते बहुत बढ़िया हो मजा आता है पढ़ने, कृपा इसी तरह से सच्चाई के साथ लिखते और न्यूज़ पर दिखाते रहे तो इतिहास आपको हमेशा याद रखेगा कि एक ही बंदा था जिसने पेड न्यूज़ के बावजूद सच्चाई और ईमानदारी का साथ दिया।
ReplyDeleteहैट्स ऑफ
मनोज जीनवाल
अब दिल्ली में कौन जीतेंगे कौन हारेंगे इसका फैसला तो जनता ले चुकी है और आठ तारीख को सबके सामने आ ही जायेगा |
ReplyDelete.
क्यों न अब और जमीनी मुद्दों को उठाने के काम किये जायें..
.
उत्तराखंड में वरिष्ठ लोकसेवक जे.पी.जोशी नौकरी दिलवाने का झाँसा देकर लड़की का यौनशोषण करने के आरोप में गिरफ्तार हो चुके हैं,
.
पत्रकार तरुण तेजपाल अपनी सहकर्मी का यौनशोषण के आरोप में गिरफ्तार हो चुके हैं,
.
भगोड़ा बलात्कारी संत नारायण साईं भी आज ही गिरफ्तार हो चुका है,
.
आशाराम जैसे दुराचारी संत भी बलात्कार के आरोप में जेल में है,
.
पूर्व न्यायाधीस ऐ.के. गांगुली पर भी यौनशोषण का आरोप लग गया है
.
अब इन सबको इतनी जल्दी और इतनी कड़ी सजा हो ताकि फिर कोई इस प्रकार के कुकृत्य करने का ख्याल भी मन में न लाये.
.
.
. मीडिया जगत अन्य जमीनी मुद्दों को पारदर्शिता से उठाये....
bahoot achha likha aapne.result kuchh bhi rahe kejriwal ji ko nai ummeed se sabhi koi dekh rahe hai.itni himmat birle hi koi ker pata hai in ghagh politician ke samne.kejriwal ko saluate;;;;;
ReplyDeleteArvind ji hi jeetege !!!
ReplyDeleteSir ek ummed ki kiran hai. Bhut achcha kiye Arvind ji
ReplyDeleteअरविन्द की लड़ाई व्यवस्था परिवर्तन की है ! दिल्ली चुनाव में इसके लिए शानदार प्रयास किया है ! कभी सुना नही था कोई पार्टी चुनाव में शराब रोकने के लिए खुलकर सामने आएगी ! अरविन्द और आम आदमी पार्टी ने नये आयाम स्थापित किये हैं ! इस भ्रष्ट व्यवस्था में जहाँ पक्ष और विपक्ष समान रूप से भ्रष्ट हों, मिलकर आम आदमी पार्टी का मुकाबला करेंगे तो लड़ाई सख्त ही होगी ! आम आदमी पार्टी 10 सीटें जीतेगी या 40 ,इससे ज्यादा महत्वपूर्ण ये है कि अपनी बात को, अपने विज़न को कितने लोगों तक ले जा सके ! यही सार है लड़ाई का जिसे आगे भी जारी रहना चाहिए !
ReplyDeleteअरविन्द की लड़ाई व्यवस्था परिवर्तन की है ! दिल्ली चुनाव में इसके लिए शानदार प्रयास किया है ! कभी सुना नही था कोई पार्टी चुनाव में शराब रोकने के लिए खुलकर सामने आएगी ! अरविन्द और आम आदमी पार्टी ने नये आयाम स्थापित किये हैं ! इस भ्रष्ट व्यवस्था में जहाँ पक्ष और विपक्ष समान रूप से भ्रष्ट हों, मिलकर आम आदमी पार्टी का मुकाबला करेंगे तो लड़ाई सख्त ही होगी ! आम आदमी पार्टी 10 सीटें जीतेगी या 40 ,इससे ज्यादा महत्वपूर्ण ये है कि अपनी बात को, अपने विज़न को कितने लोगों तक ले जा सके ! यही सार है लड़ाई का जिसे आगे भी जारी रहना चाहिए !
ReplyDeletehttps://www.facebook.com/photo.php?fbid=771231679560621&set=a.561209733896151.144628.560967393920385&type=1&theater
ReplyDeleteयदि समय मिले तो कॉमेंट्स जरुर देखिएगा ....आपके विचारों पर मेरी पोस्ट पर क्या कहते हैं लोग !
What a honesty of the man who was never transferred once during a decade along with his wife while in the same period Khemka been transferred two dozen times and Bedi shifted from being an IPS officer to Traffic Inspector to a Jailer.
ReplyDeleteThose who are honest, do not fight against posting outside Delhi.
Those who are honest, do not sit back against inter-department corruption for a decade (never heard of voice of this man during job nor from his wide)
Those who are honest, do resign ad work for public only if department is not letting them to do it. NOT doing anything during post and cautiously taking Study leave to make NGO, just shows that one didnt wanted to leave if new venture doesn't work (which was illegal as per service norms already)
A diamond shines everywhere, not complaining that "Mood Nahi Tha Jab Job Thi" or "Its not only me who wasn't transferred but there were 240 more"... Are you real?
Ye Ravish Kumar kya bat karte hai..Inki reporting hamesa se BJP ke against me chalti hai...Ye vahi Ravish Kumar Hai Jo Gujrat election 4 din pahle ja ke Gujrat Model ki kamiya deekha rahe the..Inhe BJP me koi khasiyat deekhayi nahi Deti..
ReplyDeleteBjp corrupt air gundon ki party hai isliye isme usi type ke logon ko khasiyat dikhayee deti hair. By the way ravish ji aapka ye article bahut sahi air achha laga aaj media me aap jaise logon ki wajah se hi transparency bani huyee hair
DeleteRavish ji, I Salute you sir. I did not know that India has journalists like you. Appne dil se likha hai aur aapka article dil ko choo gaya. Hats off sir.
ReplyDeleteSalute you sir. Dil ko choo gaya aapka article aur Arvind dono.
ReplyDeleteकेवल एक प्रश्न पूछना चाहता हूँ कि, अरविंद केजरीवाल की जीत आम आदमी की जीत और अरविंद की हार आम आदमी की हार कैसे है ?....क्या जिन लोगो ने किसी अन्य पार्टी को वोट दिया है वो कोई खास आदमी थे....वैसे ही अरविंद को मीडीया ने इमानदारी का सर्टिफिकेट देकर बहुत undue advantage दिया है.....लेकिन ऐसे ब्लॉग लिख कर और उनकी हार को भी जीत बता कर आप उन्हे जो शहीद बना रहे हैं...मेरी समझ से परे है. जो भी दिल्ली के चुनावों में इस बार हुआ वो वाकई एक विशेष घटना थी, लेकिन उसको पूर्वाग्रह से और किसी खास नज़रिये से पेश करना अनुचित है . क्या अपने इस घटना कि सही विवेचना की है ? ये सवाल आपको स्वयं से ही पूछना चाहिये .
ReplyDeleteBaat haar ya jeet ki ho rhi h lekn agr aam aadmi party ki ek seat b nilalti h to mai ise unki jeet manuga
ReplyDeleteWhat an article sir..superb..
ReplyDeleteWhat an article sir..superb..
ReplyDelete1 of d best article i ever read!
ReplyDeleteमुझे समझ मे नही आता की क्या लोकतंत्र मे वोट इमानदारी को ही दिया जाए.
ReplyDeleteक्या इमानदारी भी एक ब्राँड है जिसपे लेबल चिपक जाए वो इमानदार है.
क्या पार्टियाँ भी चोर लुटेरा भ्रष्ट या इमानदार होती है .
एक उदाहरण भाजपा अपने उद्भव के पहले Party with differens कही जाती थी. लेकिन सत्ता हाथ मे आते ही दामन दागदार हो गया. तो कोई नई पार्टी को हम औरोँ से अलग कैसे मान लेँ, जो चुनाव मे हर हथियार का इस्तेमाल कर रही है जैसा दुसरे दल कर रहे है.
रही बात केजरीवाल की तो उनकी इमानदारी भी सँदिग्ध रही है औरोँ की कमीज से इनकी कमीज थोडा ज्यादा साफ दिखे तो यह कोई पैमाना नही है इमानदारी नापने का .
रामत्व और रावणत्व के बीच भरत्वय को ढुँढने की ये महज कोशिश है
अन्ना आन्दोलन के दौरान दिल्ली का युवा वर्ग सडको पर था एक ऐसे आन्दोलन के लिए जिसकी विषय वस्तु उनके समझ के बाहर था
दामिनी प्रकरण मे भी युवा सङको पर उतरा इन आन्दोलनो का हश्र चाहे जो हो दिल्ली का युवा वर्ग व्यवस्था के खिलाफ खडे होने मे खुद को सहज पाता दिखा और उसके इसी सोँच को राजनीतिक अवसर मेँ भुनाने का प्रयास केजरीवाल ने किया है बाकि तो वो लोग है ही जिन्हे तमाशा देखने मे मजा आता है चाहे वो बँदर का हो या साँप का
AAP zindabad... Sachhai ki hamesa jit hoti rahi h.. Aur jit hoti rahegi ... Jai hind !
ReplyDeletethousand mile journey started with first step and aap already taken that one arvind and friend are really seems to be common man they get angry if anything said against them but they are leader of mass and now they have to behave like that and i am sure in this j ourney their will be lots of ups and down but common man like me want a hope like majority see in modi that he will do miracle in contrast to rahul gandhi its a comparison of tushar kapoor opposite katrina obviously katrina will be more beautiful but if katrina will be challanged by hrithik than only a challange can be under stood rahul and manmohan like tushar kapoor so my hrithik can be unknown but mighty priyanka vadera but in congress rule of game are different so my cocktail for people faith congress need some hrithik .i know it become confusing but if aap sustain than kejriwal can be unbeatable to any modi in few year of persistence because modi will not talk against any yedurappa gadgari bangaroo in contrast kejri can sustain as long as a unbeatable hope by talking and doing honest .
ReplyDeleteI just want to quote an american Journalist from yr 1860 --
ReplyDeleteThere is no such thing, at this date of world's history, in America, as an independent press. You know it and I know it.
There is not one of you who dares to write your honest opinions and if you did, you know beforehand that it would never appear in print. I paid weekly for keeping my honest opinion out of the paper I am connected with. Others of you paid similar salaries for similar things, and any of you who would be so foolish as to write honest opinions would be out on the streets looking for another job. If I allowed my honest opinions to appear in one issue of my paper, before twenty-four hours my occupation would be gone.
The business of the journalists is to destroy the truth, to lie outright, to pervert, to vilify, to fawn at the feet of mammon, and to sell his country and his race for his daily bread. You know it and I know it, and what folly is this toasting an independent press?
We are the tools and vassals of rich men behind the scenes. We are the jumping jacks, they pull the string and we dance. Our talents, our possibilities and our lives are all the property of other men. We are intellectual prostitutes.
---Jhon Swinton, Chief editorial writer, New York Times (1860-1870)
DIL SAY . MAIN PADNAY KA CHOR HOON PER MAJA AAYA PAADH KER.
ReplyDeleteSab thik raha but kuch bonanteer jo last me jakar naraj ho gaye ya dusro ke bahkawe me aakar alool jalool bhasa ka use karne lage uske leya kahi na kahi ham log bhi jimebar hai hamare pas unko motivate karne ka koi pree plan nahi tha, Arvind ji and parti se ek request hai ki nirash ya kisi na kisi wajah se demotivated volanteer ko time to time sahi motivation karte rahna chahiye.....kyoki wahi log is bar kahi na kahi issue bante rahe hai or parti ke leya kuch na kuch negativity chorte rahe hai...
ReplyDeleteSab thik raha but kuch bonanteer jo last me jakar naraj ho gaye ya dusro ke bahkawe me aakar alool jalool bhasa ka use karne lage uske leya kahi na kahi ham log bhi jimebar hai hamare pas unko motivate karne ka koi pree plan nahi tha, Arvind ji and parti se ek request hai ki nirash ya kisi na kisi wajah se demotivated volanteer ko time to time sahi motivation karte rahna chahiye.....kyoki wahi log is bar kahi na kahi issue bante rahe hai or parti ke leya kuch na kuch negativity chorte rahe hai...
ReplyDeleteJise bjp teen bar main nahin hara payi use arvind ji ne 6mahine main hara dhrnge mere liye ye hi bahut hai
ReplyDeletewhy we take this as Defeat ?? It is a real victory of the honest people of India. India needs honest Leaders not the dirty politician.
ReplyDeleteRavish Ji, Thanks for writing a such a heart touching thoughts. Jai Hind!!!
Great thought sir, i wish AAp will win.
ReplyDeleteरवीश सर जी .हमारे उत्तर प्रदेश में कुछ लोग ऐसे भी है जो चीफ मिन्स्टर के खास बन कर ओनकी आड़ में काला धन इकठा करते है. और एक खेल कि सोसायटी बना कर काले रुपए को सफेद रुपया बनाते है . इस पर भी थोडा चर्चा करिये गा ?
ReplyDelete.. AAP already won... its now Delhi whose fate is to be decided on 8 ... they had proved far more than the expectations... thry has set new benchmarks .. they have raised the standard of politics... they have made youngsters to participate volunteerly in politics... they have proved that political background is not necessary to enter into politics, if u hav a noble cause and a good intention.... u can do it fight election without money ... you can fight election without liquor and cash distribution and also try to stop others who are doing it.... he has proved that even if you have fielded your candidate and further if they are proved to be corrupt or criminals ethically you should bring them down like AAP did in rajauri garden.....
ReplyDeleteHe has proved to be an ideal leader... he proved that if a LB Shashtri want to fight election today he can do...he has proved that monopoly of biporal politics can be broken down....
An he will continue doing it...
He won the heart of Country .... Assembly of Delhi is nothing if you compare.
They played role of social activists, satyagrahi,true journalism, wishtle blower, revolutionary, ideal politicians, cituzen army, detectives, motivators, leaders ... wht else ppl need to prove they are more capable than others...
And when sm disgusting fellow says "Arvind ne Anna ko dhokha diya"
It sounds lyk they r saying "Subhash ne Gandhi ko dhokha diya"..
Mai to bolunga literally AAP ne keh ke le li dono ki.. Ab baba jee ka thullu lekar jao sarkaar banane... Gale milke banao to pol khul jayegi aur 2014 me batayegi janta wapas bjp ko.... aur hung assembly bhi hui to bhi loksabha election k sath fir Delhi election hoga to us samay to aur kuchahin kar denge bjp la ye log ...... jeet gyi AAP to kam kichahin hoga bjp ka nhi to mamla aur jamega hung assembly baad..... intresting
And at last I wud go for "wait for 8"...
Ravish ji,
ReplyDeletebahoot aacha article. muze aise lagta hain
"Abhi to picture baki hain mere dost..."
AAP shows a way of good politics and they are true on it. I hope its just starting and this fever will spread all over the country.
-Sachin
Ravish ji,
ReplyDeletebahoot aacha article. muze aise lagta hain
"Abhi to picture baki hain mere dost..."
AAP shows a way of good politics and they are true on it. I hope its just starting and this fever will spread all over the country.
-Sachin
रविश जी,एक बहुत पुरानी कहावत है...."सभी अच्छे जब तक वास्ता ना पड़े । " क्या कह सकते हैं, ऐसे तो लोग आसाराम को भी पूजते थे । वक़्त और हालात बताएँगे । हाँ, आप पार्टी का सच्चाई का मुद्दा सही है.... अगर वो सच्चा मुद्दा है तो????
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा !!! corporate media के जमाणे मे आपकी और AAP की इम्मांदारी के लिये ध्यन्यवाद !!!
ReplyDeleteRavish ji,
ReplyDeletepl continue to report with courage.
___The wheel has been set in motion___
Arvind has done an amazing job. He has worked as a catalyst to bring together all the good hearted Indians from all over the world, under one roof (so called).
All these wonderful people who have worked together for about 2-3 months will be friends forever. They will be friends because they are bonded by glue of love-respect-honesty and hard work.
Arvind's act has sown a seed, which will explode in time to come. The wheel has been set in motion.
thank you.
Rajeev
USA
Ravish,
ReplyDeleteI agree that the journey so far was nothing less than incredible, but the real test lies in the future.
If AAP forms a government which is unlikely then maybe they will bring the change they have promised.
But in more likely scenario if they form an opposition I hope the tides of time don't wash them away.
Nonetheless hoping for the best and wish you all the best for bringing the real message out via your show.
Now it's time to get back to reality and watch big boss.
Your dedicated viewer from offshore.
Vikas Lamba
ब्लॉग का शीर्षक, सुदर्शन कि कहानी(स्कूल मैं शायद आपने भी पढ़ी होगी) का याद दिलाती है। और ईमानदारी वाला प्रसंग उस बात कि जब बाबा भारती खड्ग सिंह से बोलते है कि इस घटना को किसी के सामने प्रकट ना करना वरना लोग दीन-दुखियो पर विश्वास नहीं करेंगे। इस ब्लॉग के लिए एक बार फिर से धन्यवाद्।
ReplyDeleteHaar - jeet "AAP Party" ki nahi; "AAP" ki hai....har time apni problems ka rona baghwan aur apni kismat ke aage rone walo..agar kudh kutch nahi kar sakte cum se cum karne walo ka sath to do....aur ha baghwan kudh nahi aate koi na koi jariya hota hai bus farak itna hai ki tumeh sahi ki paichan karni hai...
ReplyDelete"Hats off to Ravish ji"...
अरविंद को हरा कर न कांग्रेस जीतेगी न बीजेपी । तब आप भी दबी ज़ुबान में कहेंगे कि राजनीति में सिर्फ ईमानदार होना काफी नहीं है । यही आपकी हार होगी ।
ReplyDeleteRavish ji aap ke liye aaj respect aur hi bash gaya ..... Kash log apni jeet ka mahatwa samajh gaye hon
ReplyDeleteरवीशजी, आप लगता है ब्लाग लिखते समय सिर्फ दिल कि सुनते हो इसिलिये आप कि बात हमारे दिल तक पहुंचती है । आपका ब्लाग पढ़ कर मुझे बचपन कि कहानी याद आ गयी..अब्बुखां की बकरी । एक निड़र बकरी "चांदनी" कि एक जालिम भेड़िये से लड़ाई वेसे ही हे जैसे अरविन्द कि भ्रष्ट व्यवस्था से लड़ाई । जिस तरह चांदनी हार के भी जीती मानी जाती है उसी तरह चुनाव परिणाम कु्छ भी कहे पर अरविन्द अपनी लड़ाई जीत चुके है ।
ReplyDeleteI am surprised that nobody has bothered to write about the organising ability of Kejriwal.
ReplyDeleteWithout any state or organised group's support, he has put together a political movement ( I won't call it a party) and surpasses even the organising ability of RSS prachark like Nana Deshmukh (JP movement).I can easily compare him to self-less Lohia.
What an Article Sir Jee... Speacially last paragraph ne to dil pe dastak dee hai...AAP Jindabaad...Hum Jitnege ya Harenge Pata Nahi...Par Lade Jarur Hai...
ReplyDeleteSir,
ReplyDeleteI have written before also & will repeat again , You are just different from others.
Companies from abroad are ready to stand in Que to employ IIT Graduates & have a look at our Govts. how they are dealing with likes of Khemkas,Kejriwals etc. Can't we use Great minds of IITs for our own country . ya hum is layak hi nahin hein ki unhein use kar sakein.
BEWARE IITians , DON'T REMAIN IN INDIA , JUST RUSH TO ABROAD ELSE HAVE A LOOK AT KHEMKAs & KEJRIWALs.
Should we not feel ashamed.
Thanks Ravish ji for such a nice blog.
ReplyDeleteArvind has stirred many souls and awaken many minds. I confess to be one of them seriously. Very nice blog MUST for share. Thanks Ravish.
ReplyDeleteRavish Ji aapki bato me pata nahi kya jadu hai. aapni har bat me desh logic jhalkta hai. mai kejriwal ka fen nahi hu. but yes aapki bato se 100% sahamat hu. sach kaha aapne kejrwal ne sach me kuch bada kia hai, vo kitni seats jete ya hare ye bat aur hai. but yes he has done something commentable
ReplyDeletesir bohot acchi baate likhi hai apne. koi party haare ya jeete usse badi baat ye hai ke us party ne yuvao me politics ke prati nazariya badal diya. jis politics ko aaj tak log keechad samjhte the aaj hme usme ummeed nazar aa rahi hai. ab hame bhi lagta hai k han ye desh hamara bhi hai or agar ise hm achha bnana chahte hai to sirf dusro pe dosh dalne se kuch nahi hoga balki aage badh ke khud jhaadu haath me uthani padegi or bakiyo ko bhi apne kaamo se prerit krna hoga.
ReplyDelete111 कमेंट अब तक | शायद पिछले कई ब्लोग्स में आपके सबसे ज्यादा कमेंट होंगे | इसने "आप" की उपस्थिति को सुनिश्चित तो कर ही दिया है | रही बात हार जीत की, तो हो सकता है हार जाये लेकिन असली जीत पार्टी की तभी हो जाएगी जब स्वराज मॉडल जीती हुई सीटो पर लागू होगा | हो सकता है हमारी मेहनत उतने बेहतर परिणाम ना लाये, राजनितिक कच्चापन या अनुभवहीनता का प्रभाव पद सकता है | पर इन चुनावो का गहरा परिणाम आगे जाके दिल्ली और देश पर पढने वाला है |
ReplyDeleteहमे इस बात का तो गर्व अभी से है की हम एक महानायक के साथ लढ़े |
होसला बढाने के लिए शुक्रिया
-एक सदस्य, आप पार्टी
Super Blog Sir g, this is the time to come out and lead our Nation
ReplyDeleteAll words are less always whether it is Prime Time or your blog......
ReplyDeleteBharat aatma se be imaan logo ka desh hai.
ReplyDeleteMann main be imaani rakh ke log imaandari ki Baat karte hain
Lekin Maine Arvind kejrival Ji jaisa dusra nahi dekha...Jo bolta bhi wahi aur karta bhi wahi hai...wo bhi danke ki chot pe...WO imaandari Jo kitabi lagti thi iss desh main usko Ji kar dikhaya...log itni imaandari ko bewakoofi kehte hain...ye diwanapan lagta hai...par yahi baat Nai pidhi ko jisne apne rajnitik affiliation decide nahi kiye hain ko arvind Ji se jodta hai...yuva vote aap ko gaya Thai...ye agar bane rahe rajniti main toh inka samay abhi aayega jab yuva vote aur badhega jisko arvind Ji ne isi beimaan samaj se bhi umeed rakhna sikhaya...ishwar se prarthan hi karunga ki agar haar ho bhi toh ye rajneeti main bane zaroor rahe...vyapak badlaw samay leta hai....Lekin Arvind Ji ne patthar toh tabiyat se uchala hi hai..Iss se toh andha bhi inkaar nahi kar
sakta...
आम आदमी के जीतने की उम्मीद ज्यादा है अगर ऐसा नही हुआ तो शायद तो ये हार अरविन्द की नही होगी ये हार एक आम आदमी की होगी जिसने काफी उम्मीद लगा रखी है अरविन्द से ।
ReplyDeleteफिलहाल देखने से तो यही लगता है कि नई पीढ़ी केजरीवाल द्वारा जनित राजनीति की नई बराखड़ी पढ़ने को बेताब है। अब वक्त बतायेगा कि यह सिर्फ सोशल मीडिया का असर था या फिर वास्तव में मन-मस्तिष्क पर खींची गई एक संवेदनशील वैचारिक लकीर। जो राजनैतिक भविष्य के प्रति सचेत करती दिखायी दे रही है।
ReplyDelete-आश्ीष उनियाल, देहरादून (उत्तराखण्ड)
Tumara ye jameer voting k pahale jaag gaya hota to ye sab nahi likhana padata tumhe and tumhe apani partrkarita par garv hota. abhi tum sirf rang badal rahe ho. ho to tum bhi bike hue putale
ReplyDeleteNice ravish ji
ReplyDeleteRavish aaj ro diye hum..kyun nahin logon ne utsav ki tarah manaya is election ko..pehli baar to mauka mila tha..par thik hai jitna bhi kiya uske liye Dilli Ko Salaam..ummeed karte hain ki ladai ZINDA rahegi..
ReplyDeleteMain to Australia mein rehta hun..na mera business hai wahan ...na family hai..na property..par jee jaan lagaya..duwayein bhi ki..par thoda kam pad gaya.............
kya karein aankein sukh nahin rahi
I am really worried today. If AAP didn't come out as single biggest party in Delhi. It's chances in Lokshabha are very little. Then we don't have any answer to Narendra Modi. The way he is playing with sentiments by allowing UP riots accused to be felicitated in Agra rally. It gives a clear signal that he is pro-hindu(his actions might not be that detrimental as his ways are). We have to understand what his followers will do, when he come to power. Even Narinder bhai Modi would not be able to control that, which he says about Gujarat riot, that he couldn't control that(even if we believe him for 1 min). Those people will do massacres across India(we all know that these people are stopped by police forces nothing else). If that happens after national elections then we will be thrown out of development cycle for next few decades. You can call me hypothetical, sadist whatever, but the way which things are progressing really makes me nervous.
ReplyDeleteSir ye aap ki bhi keet hai
ReplyDeletebahut khub sir... keep it up
ReplyDeleteAAP kewal kuch seato se is liye peeche rah gayi ki jayada tar logo ne socha hamara vote barbad chala jayega, kyo ki AAP ki sarkaar nahi banegi, logo ne socha nahi tha itni jayda seate ayengi. kash log baki seat per bhi ek change ke liye vote karte
ReplyDeleteAaj sab results samne hai to ye padhne ka maja dugna ho gaya. Next blog ka wait hai ab.
ReplyDeleteअब देखना है की ये जवानी की रोमान्स कितना दिन टिकता है . ये कोलज का प्यार-मुहब्बत धर्म, जाती और पैसे की अग्नि परिच्छा पास कर पाता है की नही... इतिहास मे ऐसा कई बार हुआ है जैसे जेपी के टाइम मे, या फिर एक दौर हुआ करता था जब जेनयू और सेंट स्टेइफेंस के दीवाने एक अलग समाज गढ़ने चले थे, पर ये सब कुछ इतना शाश्वत् नही हुआ.. अगर हमने इस बार वो सारे रेकोड तोड़ दिया तो ये कुछ अदुभूत होगा.. इंडिया के लिए और उसके बच्चो के लिए ...
ReplyDeleteHello ravish Sir,
ReplyDeleteaam aadmi party ki jeet ham sab ki jeet hai jaisa ki aap ne apne lekh me likha hai...
ye kehkar ki dono major party BJP aur CONGRESS ab inse sabak lenge....ki kaise honesty se bhi election jeeta ja sakta hai....
ha iske sath hi mai ek important baat bata du ki yadi AAP ne satta lekar Delhi me apni bahumat bana kar aur chief minister ke liye Arvind ji ko locate kiya to ham jaise aam aadmi ka aAAP se vishwas uth jayega kyunki BJP aur CONGRESS dono hi ek thali ke chatte batte hai..
So i think AAP aisa kuchh nhi karegi aur loksabha ke liye preparation karegi..
jaldbaji se nhi balki puri nistha aur imandari se....
JAI BHARAT MA..
JAI HIND..
AUR CONGRATS FOR WON 24 SEATS IN Delhi...
रवीश दा
ReplyDeleteअगला "हम लोग" आप के विधयकों के साथ।
Mujhe pata hai ravish ji ..aap bhi AAP ki jeet se bhot khus honge...khub khul k vyakt nai kar sakte..lekin raat ko jab bichawan pe gaye honge to jarur socha hoga...ye achha hua...aisa hona chahiye...aur hote hi rehna chaiye..
ReplyDeleteYe ek aam imandar aadmi ki soch hai..vichar dhara hai...
Ye aaj ke yuvaon ki soch hai...jo ki imandar hai...aur desh k liye kuch karna chahta hai..apne pidhi dar pidhi k kast se nikalna chahta hai..Wo ye janta hai ki usme pratibha hai..junoon hai..shakti hai....par use sahi se usne aaj tak istemal nai kiya hai...aaj wo uub k use istemal karne ki chahat mein bade bado ko lalkar raha hai...chigghar maar raha hai...aur jab aaj usne usme thodi si jeet ki kiran najqr aayi hai to bhabhuk ho ke chup k kisi kone mein apne khusi k aanu bhi pochta hai...Aam admi sahi mein pareshan hai...chahe wo delhi ka aam admi ho ya mumbai ka..ya fir patna ka hi le lijiye...ya bhopal hi sahi..parehan to hai..har roj jhuj raha hai..har roj lad raha hai...kya yahi ladai ki jindgi ka hakdar hai wo..Nahi..bilkul nai...Ab nai Raj..Niti hogi..nai soch hogi...jo mere liye hogi..jo main banauga...jo mujhe aur mere desh k liye hogi...na..hi kisi ambani..na kisi birla aur na kisi wadra k liye...
Jai hind Jai bharat.
Ravish ji aap ka bada fan raha hun shuru se aur shayad pata nahi kab se !
ReplyDeletekal bahut din baad mene ndtv india dekha jaise pehle dekhta tha kafhi samay tak.ek chiz dhayan me aayi samay badal raha he.
aap thode moote lag rahe he, nidhi ji ko chasma lag gaya he, me toh bahut dino tak kadambiniji aur unko behene manta tha.manoranjan ji abhi tak dilchasp he,abhi tak kranti sambhav news wale nahi lagte. aur bahut kuch....
ek waqt that aise lag raha tha imaandar, saaf sur aur khuli politics nahi aa saakti par ye ho gaya sab partyioko chapkar lag gayi. samay saach me badal raha he! log jud rahe he , halka hi saahi log in chizo me dilchaspi le rahe he ab pehle jaise subh ki khabar shaam ki raddi nahi rahti. log sun rahe he ek dusre ko, apne aap ko.
ye dekh ke accha lagta he! me ek news paper reader hun roz padtha hun aur hamesha aise logo se milta hun jo news me bharosa nahi rakhte. ab wahi log padhne lag rahe he aur sabse ahaam sawaal puch rahe he. aur shayad yahi badlav he!
Pata nahi,ab bharosa karne ki himmat nahi juta pate...kal tak saari partiyan " janta ki seva hum karenge, hum karenge ki hod lagi thi "
ReplyDeleteab jab mauka mil raha jameen par kaam karne ka to " pehle aap - pehle aap " hone laga.
ho sakta hai raajneeti samajh nahi pa rahe hum ya sayad vipakssh me baith ke hi jyada seva ho sakti hai..---inki baaton se to aisa hi lagta hai...
sab kah rhe hain ki fir se chunaav hoga,, dadaji bachpan me batate the jitna chunav hota utne kharche aur mahangai ki boojh badhti hai... ab humein itna pata to nahi , to idhar udhar se sab jaanakariyan ikatthi kar rahe hain...
khair, maargdarshan ke liye
patrakaar to hain hi...dheee dheere samjhenge...
Aapki blog kaafi acchi lagi, bookmark bana liye hain...milte rahenge..
Dhanyawaad.
Kya khoob , Abhe to shuruaat hi.....ab kahee deekh raha hain sihansan khaalee karon kee janta aatee hai
ReplyDeleteAnna Aandolan ke samay rajnitik parties hee nahi , bahutere journalists , writer , intellectual etc. Arvind aur unki team par tanj kas rahe the ki itana hee jan samarthan haasil hai to aakar chunav ladiye ..sarkar banaiye aur manmana lokpaal kanoon banaiye .
ReplyDeleteAur aakhir Arvind Anna ke aashirvad aur samarthan ke bina lad liye ..to we ghabada gaye ...! Ummid nahi hogi maje hue ..pake hue dhaansu rajnetaon aur netaon ko aam aadami kya soch raha hai ..!
bahut khoob...
ReplyDeletepar kya AAP delhi se bahar bhi aisa pradarshan kar sakti hai.
ravish ji kuchh halke shabdon me kya ye DU par JNU ki jeet hai?
ReplyDeletemujhe aisa isliye lag raha hai kyunki delhi ke polotics me BJP aur Congress dono ke jyadatar bade leaders ya to ABVP ya NSUI ke DU ke neta rahe hain. lekin iss bar shayad pahlibaar JNU ke log Kejriwalji ke sath the. kuchh sachchai hai isme? bataiyega please
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ReplyDeleteवह अपने जैसा ही ढिखता है.......... पैंट के ऊपर शर्ट लटकाए हुए। अपने जैसा ही बातें करता है.......... सरल, सपाट और गैर विशिष्ट अदा मे। वह अपना ही कोई पड़ोसी लगता है,,,,,,,बिलकुल आम। परंतु जिन आदर्शों को हम अपने अंदर तथाकथित वयवहारिकता के द्वारा सिसकाते हैं, उसे वह दिलेरी से जीता है। अपनी तरुणाई के जिस सपनीले आदर्शत्मक व्यक्ति को हम ने पीछे छोड़ दिया.............उसे उभरता देख फॉलो करने का दिल होता है। मेरे आदर्शों को व्यवस्था रोज ललकारती.......रोज तोड़ती है। आज जब वह व्यवस्था को ललकारते हुए जीत रहा है तो लगता है जैसे मैं ही जीत रहा हूँ। मैं दिल्ली से बहुत दूर बैठा हूँ...................फिर भी दिल्ली दूर नहीं लग रहा।
ravish ji,
ReplyDeletenamashkar
ab to A.A.P ko achhi jit mil gayi hai........par ye jo pehle aap pehle aap chal raha h usme aisa nhi lagta ki janta kahi pis jaegi......mai aapki kahi baaton se sahmat hu par ab arvindji ko kuchh vade jo pure karne h unka kya??????
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ReplyDeleteMujhe nahi pata ki arvind kitne prbhavashali prashasak kay taur par ubhrenge kyunki shayad dehli mein unhe pura samay naa mil saka ki voh kuch kar paate. Lekin shayad unhone ek galti bhi ki, jo nahin karte toh shayad lokpal bill bana paate aur apne aap ko saabit karne k liye zyada samay de paate. Unhe delhi ko sampurn rajya kaa darja dilwane ka prayatn karna chahiye tha. Congress ka haath marodte toh shayad voh ye kar paate. Khair jo bhi hai, achha hai. Prayatna karne waala hi safal ya asafal hota hai, lekin apni ek alag chhap toh chhod hi jaata hai. Lekin AAP ko thoda samay lagana hoga. pehle delhi par vijay aur uske baad desh ki gaddi ki taraf kadam badhane honge.
ReplyDeleteHaldi twacha nikharti hai kintu haldi peekar ek raat mein gora nahi hua jaata :) Arvind ji ko thoda sa dhairya rakhna chahiye. Samay k sath sath sab badlega.
ReplyDeleteV P SINGH KE JALE HUE KO KEJRIWAL BHI PHUNK PHUNK KAR PEENA CHAHIYE....
ReplyDeleteFeeling awesome while reading your blog...Thank you Ravish Jee
ReplyDeleteFeeling awesome while reading your blog..Kya likhte hai Ravish Ji aap..Wahh!!!
ReplyDeletesahi kaha Ravishji, I am watching these days your visits to various parts of India about election reviews etc.
ReplyDeleteYou are collecting many facts from there about where stands specially rural - village India. You have that all in your videos. A suggestions from my side : Why don't you take all those collected videos as evidence to show to Supreme Court that this is truth of real India. They can ask the political parties or Governments that where are going the FUNDS which they show they are putting on development if the condition of so many places in India is so BAD.
I hope you can think over my suggestion.
Thanks
Gulzar
ravish ji mai apse hamesha sahemat raheta hu magar is lekh se mai shemat nhi hu. Kyuki arvind ji ne do dalo se loha nhi blki arvind ne kam se kam 5 bde logo se chunaoti swiaae ki h jisme 1.corporate gharana 2.media 3.congress 4.bjp 5.nirasha vaadi logo se bhi loha liya h isliye taarif uski jarur honi chahiye aur desh me 1 umeed jgai hai isliye haar aur jeet mahetva nhi rkhti... jai hind..!
ReplyDeleteहम चाहते है की कोई आये और हमारे लिए कुछ करे क्यूंकि हम सब मे खुद कुछ करने की आग न बची है और ना सुलगाई जा सकती है....ना जाने अगर कोई ऐसा करने का प्रयास करे भी तो चिंगारियों को हवा देने की बजाय हम स्वंय उन्हें बुझाना ही पसंद करते है...ऐसा लगता है मानो जनता के लिए यह इलेक्शन मात्र एक क्रिकेट मैच भर रह गया हो जिसमे कोई भी जीते उन्हें तो बस मनोरंजन से फर्क पड़ता है....अक्सर सुना है की नेता ओछी राजनीति करते है पर हर बार इलेक्शन के आंकड़े तो यह कहते है की डेमोक्रेसी मे चरम ओछी राजनीति तो जनता ही करती है........उम्मीद है की जनता किसी चुनाव मे तो अपनी मूँदी हुई आँखों को खोल सच्चाई की झलक देख अपनी प्रवर्ती से हट कर मतदान कर पाएगी...
ReplyDeleteजमीन पर पड़े हुए सिक्के का एक ही पहलु दिखता और बीच दरिया में बहती हुई नाव में एक तरफ़ा बैठे हुए को नदी का एक किनारा ही दिखता है | उसी तरह से जब तक हम किसी भी चीज का विश्लेषण करते हुए उसके सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों कार्यो और उनके दोनो तरीके के प्रभावों का उल्लेख ना करे तब तक वह विवेचना एकतरफा और पक्षपातपूर्ण ही लगती है | वास्तव में अरविन्द जी ने एक सराहनीय प्रयास किया है और इसकी प्रशंसा भी की जानी चाहिए | परन्तु प्रयास मात्र ही आवश्यक नही अपितु उससे होने वाले प्रभाव और परिणाम के भी उत्तरदायित्वता लेनी पड़ेगी | अगर भारतीय राजनीती अस्थिरता के तरफ बढती है तो इसका जवाबदेय कौन होगा | जिस महाभारत का आरम्भ केजरीवाल ने किया है उस महाभारत के वो अभिमन्यु मात्र है जो कि चक्रव्यूह के अंतिम द्वार पे आकर खुद को असमर्थ पाते हैं और उन लोगो को भी उन्होंने बहुत पीछे छोड़ दिया है जिन्होंने उन्हें भरोसा दिया था की वे अंतिम द्वार तोड़ देंगे ( जैसे भीम ने महाभारत में)| अब उनका हश्र क्या होगा ये तो कल के गर्भ में छुपा है | अतः देशहित में आवश्यकता है की हम सिक्के को हाथ में ले कर उसके दोनों पहलुओ को देखे या सर घुमा कर नदी के दोनों किनारों को देखे | आखिर महाभारत का युद्ध जीतने में अभिमन्यु की नहीं अर्जुन की आवश्यकता होती है |
ReplyDeleteAAP likhte utna hi accha hai,jitna sundar TV par bolte hai.Kaamna hai AAP aise hi rahe.
ReplyDeleteवो जो हारा था बार बार
ReplyDeleteउसमे भी जितने का हौसला था
उडान में थी ताकत
और अंदाज था आसमान के विस्तार का,
पता था उसे कि
जीत प्रसिद्धी की पहली सीढ़ी है
फिरभी उसने हार चुनी .....
इस उभोक्तावादी व्यवस्था में :
जीतने के लिए हारना पड़ता उसे ;
अपना आत्मसम्मान , अपने मूल्य और अपनी विचारधारा
ऐसी जीत से हार भली थी
एक सच्ची , इमानदार हार ........
गांधी उपनाम को लहराने वाले और गांधी टोपी को चमकाने वाली पार्टियों में अंदरखाने कोई रिश्ता है, इस बात पर कयास लगते रहे हैं मगर इस बार पहली बार संभवत: चीजें साफ हो गईं।
ReplyDeleteकांग्रेस की प्रमुख विरोधी, भारतीय जनता पार्टी को उकसाने के लिए आम आदमी पार्टी (आआपा) का उसके कार्यालयों पर हमला बोलना इस बात का संकेत है कि पर्दे के पीछे बड़ा खिलाड़ी कोई और है, जो सुरक्षित दूरी बनाए रखते हुए पूरा तमाशा देख रहा है।
यह अचानक नहीं हुआ कि आआपा ने अपना निशाना बदल लिया। भ्रष्टाचार की पर्याय बनी कुनबा कांग्रेस से देश को मुक्त कराने की विलंबित ताल जब बीच-बीच में बेवजह भाजपा नाम गुनगुनाने लगी तब ही साफ हो गया था कि यह राग क्यों छेड़ा गया है। आज मुख्य मुद्दा गौण है और व्यवस्था से भागने वालों ने भ्रष्टाचार को नेपथ्य में छिपाते हुए पूरा जोर उस ओर लगा दिया है जहां कांग्रेस चाहती थी।
दिल्ली में कांग्रेस के भ्रष्टाचारी शासन के खिलाफ बने माहौल को मोड़ और मतों को विभाजित कर आआपा ने भ्रष्टाचार पर प्रहार किया या सिर्फ भाजपा को रोकने का काम, आज यह सवाल फिर से ताजा हो गया है।
Dear Ravish ji
ReplyDeletethere is doubt that you are a true person and much more honest man professional. This article of yours is showing your concern towards the society.
But here i just want to know that what are you doing at NDTV? may you please tell us that how big amount has taken by your Media house form BJP to showing false surveys against AAP.And why don't your Chanel giving space to the election campaign of AAP? Hope you will reply to these questions.
Dear ravish ji May i ask you that what is going on at NDTV ? How big amount is brived by BJP to your Media house. You are One of the editors of NDTV. Hope you can clarify this to a common people.
ReplyDeleteIn My opinion the bribe money (earn by wrong method)should be recover.
ReplyDeleteBy taking this step nobody involve in corruption.
This is not a matter of win or defeat of Arvind Kejriwal. This is a matter to ignite a source of light. He is capable or not capable....it does not matter. BUT this matters that he had compelled two big parties to clean thier faces. BJP and Congress both dropping corrupt faces because of him. It is truth...either you agree or not. You (BJP/Congress) are choosing better faces for 2014 elections due to fear of Kejriwal or your Antaraatma ki aawaaj......BUT you are choosing. Sharam aati hai isliye Kejriwaal ko credit nahi de sakte....par aag to usne lagaai hai ye wo bhi jaante hai. And the most important thing...winning is not the scale of success. Jhansi ki Raani started freedom struggle in 1857. She never seen freedom. Then her contribution is useless ???? NO. Everybody is agree but many of them will not accept this in voice.We dont want BJP /Congress to be finished.....we want them to be improved and for that one inducing force should be present always. Lot of things to say...
ReplyDeleteHi Ravish,
ReplyDeleteMy broken hopes towards AAP Enlight every time when I read the views of people like you.
Glad! To read this article.. thank u sir... this is not a party... this is our hope that... system badlega... desh sudhrega...
ReplyDeletenice analysis
ReplyDeleteआप की बात से शत प्रतिशत सहमत हूं । आज की राजनीति से जुड़ी बातों पर प्रतिक्रिया करने का मन ही नहीं करता है । परन्तु अरविन्द केजरीवाल के राजनीति में आने से तथा चुनाव में भाग लेने से उम्मीद जगी है । हार और जीत मायने नहीं रखते हैं बल्कि उनकी सक्रियता ही बहुत है । वे आज के राजनीति मे दिशासूचक का काम कर रहे है तथा सभी दलों को दिक्भ्रमित होने से रोक कर आम जनता को राजनीति एवम चुनाव से उम्मीद बंधाने मे सफ़ल हुए हैं ।
ReplyDeleteअजय कुमार
बहुत अच्छा लेख रविश जी।
ReplyDeleteअरविन्द सच में कुछ परिवारों की रखैल बन के रह गई भारतीय जनतान्त्रिक व्यवस्था पर दुल्हन के श्रृंगार का एहसास है।।।
इस नोजवान को मेरा भी सलाम
well said. they rekindle the hope of change and also give heart that anyone can try to clean up the polity. evenif the established parties have written them off, they have changed themselves to guard agianst the onslaught
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