आदरणीय पूर्व सेनाध्यक्ष वी के सिंह जी,
जैसा कि आप जानते हैं मैं बड़े लोगों को चिट्ठियाँ लिखता हूँ । दो दिनों से बोख़ार के कारण बेचैन मन के लिए समय व्यतीत करने का अच्छा तरीक़ा भी है । आप जानते ही हैं कि जब से पत्रकारिता शोरगुल वाली हो गई और दर्शक तू तू मैं मैं की चौपाल में टीवी से लेकर ट्वीटर तक पर मज़ा ले रहे हैं मैं घर पर समाचार माध्यमों से दूर रहता हूँ । आज जब इंडियन एक्सप्रेस में आपके बारे में ख़बरें पढ़ीं तो मैं गूगल करने लगा । कहाँ से शुरू करूँ । लिख रहा हूँ स्नेह निमंत्रण प्रियवर तुम्हें समझाने को, खत पढ़कर चल मत आना हमीं को उल्टा समझाने को !
" भारत के सैनिक से ज़्यादा बहादुर, संवेदनशील,सहनशील सैनिक दुनिया में नहीं हैं "
आप अपने राज्य हरियाणा के रेवाड़ी में भूतपूर्व सैनिकों की रैली में बोल रहे थे । राजनीति में सेना से कोई आता है तो अनुशासन और ईमानदारी की दिव्य छवि लेकर आता है । अपने तमाम सहयोगियों के महाभ्रष्टाचार का बचाव करने वाली पार्टियाँ आप लोगों को मेडल की तरह सजा कर दिखाती हैं ताकि लगे न कि राजनीति में सब चोर डाकू ही हैं । आप बोले जा रहे थे-
" आज जब देश की हालत अस्त व्यस्त है । आज जब देश एक मुश्किल दौर से गुज़र रहा है तो भूतपूर्व सैनिकों और सैनिकों आपकी बहुत ज़रूरत है क्योंकि कहीं पर कोई कमी होती है तो सेना को बुलाया जाता है । आज अगर निर्माण का काम करना है , परिवर्तन का काम करना है तो इसमें आपकी भूमिका है "
भूतपूर्व सैनिकों का आह्वान तो ठीक है मगर सैनिकों का ? परिवर्तन और निर्माण क्या है सर? सेना का आह्वान कर रहे हैं ? सैनिकों को बुला रहे हैं तो रेजीमेंटों में नेताओं के तंबू लगवा दीजिये न वोट माँगने की रैली वहाँ भी हो ही जाए । सिर्फ इसलिए कि आप ईमानदार है और सेनाध्यक्ष पद से रिटायर हुए हैं तो एक राजनैतिक मंच से सैनिकों का आह्वान कर सकते हैं । आप फिर बोल रहे है उसी रैली में -
" देश की सुरक्षा नीतियों को देखकर अफ़सोस होता है । हमारी नीतियाँ ठीक नहीं हैं । पड़ोसी देश हमारी सीमाओं का उल्लंघन करते हैं, पश्चिम, उत्तर और पूरब की सीमाओं का उल्लंघन करते हैं । बेखौफ और बेखटके । इसलिए कि हमारी नीतियां ठीक नहीं हैं । इसलिए नहीं कि हम कमज़ोर हैं । क्या आप कमज़ोर हैं ? नहीं न तो जो कमज़ोर नीतियाँ बनाते हैं उन्हें बदलने की ज़रूरत है । "
मैं सर गूगल कर रहा था । जनवरी २०११ का आपका बयान है लद्दाख में चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सीमा के अतिक्रमण का ( सोर्स- newindianexpress.com और news.oneindia.com) । आप इस खबर का खंडन कर रहे हैं और बता रहे हैं कि यह अतिक्रमण नहीं बल्कि धारणाओं का मामला है । यानी आपके समय मे भी ऐसी बेसिर पैर की बातें होती थीं और आप खंडन करते थे । वर्ना आप कमज़ोर नीतियों के ख़िलाफ़ इस्तीफ़ा न दे देते । जब आप उम्र के सवाल पर सरकार को अदालत में खींच सकते हैं तो चीनी अतिक्रमण का विरोध तो कर ही सकते थे । अदालत वाली बात से पहले यह समझना चाहता हूँ कि आप बीजेपी के मंच पर क्यों होते हैं और बीजेपी के नेता आपके मंच पर क्यों ? बीजेपी आपका बचाव क्यों करने लगती है ? आपने अन्ना वाले मंच का क्या किया जिस पर आप रिटायर होते ही गए थे ।
( indiatoday.com, timesofindia.com, 02/02/2013, Day and Night news.com 20.9.2013) गूगल ने इस साइट से आपका एक बयान निकाल कर दिया है मुझे । जो अनुवाद के साथ इस प्रकार है-
" एक कमांडर के नाते मुशर्रफ का कारगिल युद्ध से पहले भारतीय सीमा में ग्यारह किमी अंदर आने के साहस की तारीफ करता हूँ । "
आप दुश्मन की करनी को साहस बताते हैं, कोई रोक सकता है आपको, आप सेनाध्यक्ष हैं न सर । खैर आगे जो कहते हैं अगर उसे नरेंद्र मोदी जी ने सुन लिया या संघ ने तो देख लिया तो हमको मत कहियेगा ।
" कारगिल के दौरान भारतीय पक्ष से ग़लतियाँ हुईं थीं जिससे पाकिस्तानी सेना को हमारी सेना में आने का मौका मिला । हमें मुशर्रफ को बच कर जाने नहीं देना चाहिए था "
आप कारगिल युद्ध को भारतीय नीतियों( या एनडीए सरकार की ? ) की ग़लती मानते हैं तो आपने उस वक्त कमज़ोर नीतियाँ बनाने वालों को बदलने का आह्वान किया था ? नीतिसेंट्रल की साइट पर खबर छपी है कि आप रायबरेली से सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ टिकट मांग रहे हैं । ( बीजेपी ने अपने कार्यकर्ताओं को जो बुकलेट दिया है उसमें दिया है कि किन वेबसाइट का अनुसरण करना है । इनमें नीतिसेंट्रल भी एक है )
जनरल साहब बीजेपी में आपकी सेटिंग आडवाणी से भी बेहतर है । जिन्ना को अच्छा क्या बताया बेचारे को निपटा ही दिया गया । आप मुशर्रफ की तारीफ़ कर मोदी जी के साथ रैली करते हैं । उस मोदी जी के साथ जो गुजरात की चुनावी रैलियों में मियाँ मुशर्रफ पुकारा करते थे । संदर्भ बता दूँ या रहने दूँ सर । मोदी जी प्र म पद के उम्मीदवार बनकर पहली बार आपकी रैली में रेवाड़ी आते हैं । अभी आप बीजेपी में थोड़े न शामिल हुए हैं । तब ई हाल है । बीजेपी मरी जा रही है आपका बचाव करने में । कुछ तो बात है । जिन्ना सेकुलर और मुशर्रफ साहसिक । कहीं तब के सेनाध्यक्ष मलिक साहब पर तो टिप्पणी नहीं है ये । वाजपेयी जी की सरकार पर तो आप कर नहीं सकते न !
बीजेपी तो तब भी आपका पक्ष ले रही थी जब आप उम्र के सवाल पर सरकार से लड़ते हुए सुप्रीम कोर्ट चले गए । वहाँ जब सोलििटर जनरल आर एफ नरीमन ने वे सारे दस्तावेज़ दिखा दिए कि आपने कब कब दस मई १९५० का जन्मदिन मानने की बात कही है तो आपके पास बचाव में कुछ नहीं था । उससे पहले तक आप भी सूत्रों से ऐसी ख़बरें लीक कर रहे थे । आप केस हार गए और पद पर भी बने रहे । इस्तीफ़ा नहीं दिया । मैं नहीं कह रहा कि आप ईमानदार नहीं है । बल्कि सेना मे आपकी यही कमाई है । लेकिन इतिहास यह भी है कि राजनीति में कई लोगों ने इस कमाई को भुनाया भी है ।
इस बीच आपने भी आरोप लगाया कि टेट्रा ट्रक के लिए किसी लेफ्टिनेंट जनरल ने आपको १४ करोड़ की पेशकश की थी । क्या सबूत दिया आपने, नाम लिया कि नहीं और सरकारी जाँच किस स्तर पर है ये सब बाद में गूगल कर यहाँ अपडेट कर दूँगा सर । वो मेजर वाला क़िस्सा भी जो वर्दी में आपके घर दिन के वक्त जासूसी उपकरण लगाने आया था ! कुछ तो चल रहा है आपके सरकार और बीजेपी के बीच ! खंडूड़ी साहब भी सेना से आए थे । ईमानदार और बढ़िया आदमी । निशंक जैसे घोटाले के आरोपी ने उन्हें चुनावी मैदान में हरवा दिया । ख़ैर । कांग्रेस में भी सही सब होता है ।
आज इंडियन एक्सप्रेस में ख़बर छपी कि आपने कोई सीक्रेट एजेंसी बनाई थी ( नहीं मालूम कि यह सेनाध्यक्ष ऐसा यूनिट बनाते हैं का) जो जम्मू कश्मीर में तख्तापलट पलट का प्रयास कर रही थी । अफ़सरों ने गवाही दी है मगर सबूत मिलने के आसार कम हैं क्योंकि रितु सरीन लिखती हैं कि सबूत मिटा दिये गए होंगे । आपने एनजीओ बनवाया । क्या क्या न किया । यह भी जानता हूँ कि सत्य तो सामने आएगा नहीं हम तो बस इधर उधर की दलीलें ही करते रह जायेंगे ।
इस बीच किरण बेदी जी का भी ट्विट आया है कि सरकार जनरल वी के सिंह से सोच समझ कर व्यवहार करे क्योंकि सेना के लाखों जवानों की उन पर नज़र है । वे उनकी आवाज़ भी हैं । क्या बात है जनरल साहब । बेदी जी ने यह भी कहा कि सीक्रेट सर्विस फ़ंड की कोई ज़रूरत नहीं है । जब तक शिखर का सामूहिक नेतृत्व इस पर फैसला न करे । कहीं बेदी जी आप पर शक तो नहीं कर रही हैं ? या आपको बचाने के लिए नया सुझाव दे रही हैं ! और ये क्या बेदी जी । आपके क़ानून में तो सब बराबर हैं फिर ये लाखों सैनिकों की नज़र वाली बात के क्या मायने हैं ? भड़का रही हैं ? ठीक है जनरल साहब को चिट्ठी लिख रहा हूँ मगर वे आपको भी तो फार्वर्ड कर ही सकते हैं न ।
खै़र सरकार की तरफ़ से खबर आ रही है कि वो सीबीआई जाँच के लिए नहीं कहेगी । सीक्रेट फ़ंड और सैन्य ख़ुफ़िया का मामला है पता नहीं क्या क्या
सामने आ जाए । जम्मू कश्मीर के उस मंत्री ने भी खंडन कर दिया है कि आपने उसे पैसे दिये थे राज्य सरकार गिराने को । लेकिन अन्ना जी जो एक सिपाही थे वे अपनी सेना के जनरल से नाराज़ हो गए हैं । उन्होंने कहा है कि अगर जनरल साहब मोदी के साथ गए तो देश का यह सच्चा सिपाही उनसे रिश्ता तोड़ लेगा ( बात सही है थोड़ी नमक मिर्च लगा दी है मैंने जैसे सच्चा सिपाही वाली बात )
अंत भला तो सब भला । आप राजनीति कर रहे हैं । ईश्वर करें आप सफल हों और वो दृश्य भी देख सकूँ कि आपके आह्वान पर सैनिक नीतियाँ बनाने वालों को बदलने निकल पड़ें ! ठीक सर ।
आपका ग़ैर सैनिक देशभक्त
रवीश कुमार' एंकर'
Ravish ji.. aapko BJP se koi khundak hai kya? Aisa lagta hai jaise BJP ke kisi neta ne kabhi aapke kuch aisa kaha ho, ya kuch kia ho ke aap puri ki puri BJP ke khilaf ho gye hain...
ReplyDeleteWe don't have option. Either BJP or congress. There is nothing like third front.
Aur agr aap BJP ko support nhi kr rhe hain to iska matlab saaf hai ke aap congress ke supporter hain.
Khule aam nhi kehte hain but support karte hain.
Aisa isliy kyuki aapki popularity kam na ho jaye logo me kyuki logo me to gussa bhara hua hai congress ko le ke.
Jise support karte hain saaf kahiye... I am supporting BJP.
Ab aap batiye ke koi aur option hai apke pass. Congress ko to ab mai kbhi vote nhi dunga jb tk zindagi rahegi... Mai aapse puchta hu... aap bahut acha likhte hain.... to jo likhiye khul ke likhiye...
Dhanyavaad.
This comment has been removed by the author.
DeleteAapki Hindi Kamzor hai kya bhai. VK Singh Ka BJP ka se koi lena dena nai. Sirf PM awaiting ke sath stage share karlena kisi ko uss party ka member nahi bna deta. Peace
Deleteरविश भाई चिट्ठी आपने आदरणीय वी के सिंह जी को लिक्खी है। लेकिन धोखे से मैंने पढ़ लिया। अब जब गोपनीयता का नैतिक ताला मैंने तोड़ ही दिया था तो सोचा कि थोड़ी तांक-झांक के बाद अब इसे फेसबुक पर शेयर भी कर ही लूँ। लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा कोई ऑप्शन ही नज़र नहीं आया। अब ये तो ग़लत बात है। पूरा देश करप्शन में डूबा है। ऐसे में आप हमें इत्ता छोटा से करप्शन भी नहीं करने देना चाहते। यह तो सरासर नाइंसाफी है।
ReplyDeleteराजनीति का यही चरितर दू फिट ऊपर छे फिट भीतर
ReplyDeleteजो दीखता है वो होता नहीं जो होता है वो दीखता नहीं
राजनीति का यही चरितर दू फिट ऊपर छे फिट भीतर
ReplyDeleteजो दीखता है वो होता नहीं जो होता है वो दीखता नहीं
Ek bat to sach hai ki police ki koi value nai hai., ye mujaffarnagar me bi dekha hamne ki army k ane k baad hi halat control me aye..
ReplyDeleteYad hai commonwealth games jb foot overbridge gira tha.,
sir arunanchal pradesh me army k upar k program kijiyega .. To vahan pe pata chalega ki kaisi situation me army A.P ko protect kr rai hai.
wah sir,
ReplyDeleteummed karta hu aur aasha bhi ki aapka ye latter v. k. singh ji padhe aur aapko reply kare. agar unka reply aaye to hume jarur bataeyega sir...mai khuleaam congress and bjp ka virosdh karta hu jabki MR. Narendra Damodar Ka fan bhi hu....
wah sir,
ReplyDeleteummed karta hu aur aasha bhi ki aapka ye latter v. k. singh ji padhe aur aapko reply kare. agar unka reply aaye to hume jarur bataeyega sir...mai khuleaam congress and bjp ka virosdh karta hu jabki MR. Narendra Damodar Ka fan bhi hu....
न पूछ मुझसे मेरी हसरतों के बारे में
ReplyDeleteजितना समेटूं उतनी ही बिखर जाती हैं || दीप्ति
रवीश जी आप अगर गूगल की जगह कुल्ला कर लेते तो वी के सिंह जी की इज्ज़त बची रह जाती | आपभी सैनिक की भावना को नही समझ रहे | थोडा कूल होकर कुल्ला करिए ... वे तो पड़ोसियों को साहसी बता कर खुद को नाकारा और अयोग्य बता रहे हैं | वे स्पष्ट कर रहे हैं कि मैं तब भी अपोर्च्युनिष्ट था और अब भी | अन्ना के साथ रहा कर खुद को ईमानदारी के खोल में सुरक्षित रखा ... अब उसकी ज़रुरत नहीं ... वो रास्ता सुख सुविधाओं का नहीं ... अब मोदी के गुणगान में ही भलाई है | आपका गूगल मिश्रित कुल्ला भारी पड़ेगा |
बीजेपी मरी जा रही है आपका बचाव करने में । कुछ तो बात है . . . ha ha ha
ReplyDeleteहजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमाँ, लेकिन फिर भी कम निकले
बीजेपी तो तब भी आपका पक्ष ले रही थी जब आप उम्र के सवाल पर सरकार से लड़ते हुए सुप्रीम कोर्ट चले गए । वहाँ जब सोलििटर जनरल आर एफ नरीमन ने वे सारे दस्तावेज़ दिखा दिए कि आपने कब कब दस मई १९५० का जन्मदिन मानने की बात कही है तो आपके पास बचाव में कुछ नहीं था । उससे पहले तक आप भी सूत्रों से ऐसी ख़बरें लीक कर रहे थे । आप केस हार गए और पद पर भी बने रहे । इस्तीफ़ा नहीं दिया
निकलना खुल्द से आदम का सुनते आये हैं लेकिन
बहुत बे-आबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले
सर इस बार , आपसे लिखी गयी sabhi बातो पर असहमत हु , पीछे के दरवाजे के खेल को तो मुझसे ज्यदा ही जानते होंगे
ReplyDeleteअगर कोई ऐसी बात नहीं है तो ...
1.) THere is no check and balance system for intelligence related work in india
2.) So, there is no imporatnce of such reports
3.) There is only one check and balance exist in the world of intelegence and it's Honesty and trust
4.) Vikram singh strongly rise a point of defence deal in his book many years ago
As example ... For aradar station in Jammu and kashmir OR Tamilnadu
All our agency establish station for them self
IB , RAW , Military intelligence etc. but there is no need of 3 for same type of data at same place...there is need of co-oration
Secondly he superbly and openly write about the monopoly of defense dealers ( A experience of RAW, he some time work in RAW )
If have time than sir, read that book : India\'s External Intelligence: Secrets Of Research And Analysis Wing [RAW]
http://www.flipkart.com/india-s-external-intelligence-secrets-research-analysis-wing-raw-01/p/itmdytydfggrpghd
1st तो आप का title समझ मैं नहीं आया भारी हिंदी लिखा है
ReplyDelete2nd सेनाध्यक्ष पर आरोप है
3rd आरोप politicaly inspired है
ravishji आप पत्रकार ही जब सेना के बारे मैं ना के बराबर जानते हो तो कुछ comment करना सही नहीं होगा।मुझे तो बस इतना ही समझ मैं आ रहा है-जो बी हो रहा है वह देश हित नहीं हो सकता-चाहे सेनाध्यक्ष पर आरोप हो या उनका कथित involvement...
वैसे फौजीओं को हम एलिअन्स की तरह treat कर रहे है क्या?
रही बात फ़ोउजिओन के political रुख़ की-तो गलत क्या है?शिस्त देखनेको मिलेगी :) शायद हिंसा भी?:-(
लेकिन जब काली कमाई और अपने राऊडीज़ की वजह से अगर गुंडे jail से भी चुन कर आ जाते हो तो यह तो फिर भी सैनिक है उसके अध्यक्ष और अब तो पूर्व :) फिर यह तो सिर्फ चुनावी चालबाज़ी हुई--i think they should get warm welcome+strong and tough but healthy competition:) अन्ना हजारे must select one less spoil candidate for his vote:-( like us voters-an actual picture of indian elections.
i mean-should media stop its Foofaji's role?(stop laughing:) and pls write the next latter to your next स्नेही people बुख़ार शायद कम हो जाए ) :) :-p
रविश जी, अच्छा नहीं लगा कि बुखार में रहते हुए आपने पूर्व सेनाध्यक्ष को यह खुली चिट्ठी लिखी। शायद बुखार का ही असर है कि आप भी लिखते-लिखते राजनितिक पार्टियों की तरह बौराए गये हो !
ReplyDeleteसेना से जुडी किसी भी प्रकार की जानकारी ठोस तथ्यों के आधार पर होनी चाहिए न कि आधी-अधूरी और राजनैतिक आरोप से प्रेरित।
हमारे राजनितिक दल तो बौद्धिक स्तर पर दिवालिये हो चुके हैं। कम से कम आप तो मत होइये। आखिर इस तरह के मामले देश, सेना और सुरक्षा से जुड़े हुए हैं। कभी-कभी चुप रहने में भी भलाई होती है
आपकी प्रतिक्रिया की उम्मीद में...
Sir aapne toh VK Singh ki kehkar leli. Vaise kasam se kehraha hu hum dono ki soch kaafi milti hai Billa-Ranga ki tarah, yeh sab jo aapne likha hai uske baare mein bhi soch raha tha News dekhte huye.
ReplyDelete" एक कमांडर के नाते मुशर्रफ का कारगिल युद्ध से पहले भारतीय सीमा में ग्यारह किमी अंदर आने के साहस की तारीफ करता हूँ । "
ReplyDeleteRavish ji Vyangya sirf aap akr sakte hain. sense of humor sirf apka hain. koi aur bole to o galat hi bolega iska vardaan to jese swyam sarswati ne diya ho apko.
आप कारगिल युद्ध को भारतीय नीतियों की ग़लती मानते हैं तो आपने उस वक्त कमज़ोर नीतियाँ बनाने वालों को बदलने का आह्वान किया था ? कोई स्टैंड लिया था ?
Ravish Ji, ase time pe ek army head dushman desh se lade ya apne desh ki nitiyo ke khilaf. aur ase time pe govt ke khilaf bol de sanik ko ye sandesh de ki tum to khmakha marne ja rhe ho. dushman se nhi desh ki nitio se lado. aur dushman desh hmari dhrti le jaaye.
आप केस हार गए और पद पर भी बने रहे । इस्तीफ़ा नहीं दिया । मैं नहीं कह रहा कि आप ईमानदार नहीं है ।
Ravish ji is desh mein case harne ke baad bhi jajba nhi harna hota. himat chaiye hoti hain.
जनरल साहब राजनीति करें तो ठीक और सरकार करें तो बड़ी बेवकूफ
ravish ji ek rajniti hoti hain apne bhle ke liye aur ek desh ke bhle ke liye. behtar kosni hain apko samjane ki jarurat nhi.
इस बीच किरण बेदी जी का भी ट्विट आया है कि सरकार जनरल वी के सिंह से सोच समझ कर व्यवहार करे क्योंकि सेना के लाखों जवानों की उन पर नज़र है । वे उनकी आवाज़ भी हैं । क्या बात है जनरल साहब
Ravish ji, ye baat ek dam sach hain aur sach ko accept karne mein itni dikat ku
apka befkuf Reader
Yogesh
" एक कमांडर के नाते मुशर्रफ का कारगिल युद्ध से पहले भारतीय सीमा में ग्यारह किमी अंदर आने के साहस की तारीफ करता हूँ । "
ReplyDeleteRavish ji Vyangya sirf aap akr sakte hain. sense of humor sirf apka hain. koi aur bole to o galat hi bolega iska vardaan to jese swyam sarswati ne diya ho apko.
आप कारगिल युद्ध को भारतीय नीतियों की ग़लती मानते हैं तो आपने उस वक्त कमज़ोर नीतियाँ बनाने वालों को बदलने का आह्वान किया था ? कोई स्टैंड लिया था ?
Ravish Ji, ase time pe ek army head dushman desh se lade ya apne desh ki nitiyo ke khilaf. aur ase time pe govt ke khilaf bol de sanik ko ye sandesh de ki tum to khmakha marne ja rhe ho. dushman se nhi desh ki nitio se lado. aur dushman desh hmari dhrti le jaaye.
आप केस हार गए और पद पर भी बने रहे । इस्तीफ़ा नहीं दिया । मैं नहीं कह रहा कि आप ईमानदार नहीं है ।
Ravish ji is desh mein case harne ke baad bhi jajba nhi harna hota. himat chaiye hoti hain.
जनरल साहब राजनीति करें तो ठीक और सरकार करें तो बड़ी बेवकूफ
ravish ji ek rajniti hoti hain apne bhle ke liye aur ek desh ke bhle ke liye. behtar kosni hain apko samjane ki jarurat nhi.
इस बीच किरण बेदी जी का भी ट्विट आया है कि सरकार जनरल वी के सिंह से सोच समझ कर व्यवहार करे क्योंकि सेना के लाखों जवानों की उन पर नज़र है । वे उनकी आवाज़ भी हैं । क्या बात है जनरल साहब
Ravish ji, ye baat ek dam sach hain aur sach ko accept karne mein itni dikat ku
apka befkuf Reader
Yogesh
" एक कमांडर के नाते मुशर्रफ का कारगिल युद्ध से पहले भारतीय सीमा में ग्यारह किमी अंदर आने के साहस की तारीफ करता हूँ । "
ReplyDeleteRavish ji Vyangya sirf aap akr sakte hain. sense of humor sirf apka hain. koi aur bole to o galat hi bolega iska vardaan to jese swyam sarswati ne diya ho apko.
आप कारगिल युद्ध को भारतीय नीतियों की ग़लती मानते हैं तो आपने उस वक्त कमज़ोर नीतियाँ बनाने वालों को बदलने का आह्वान किया था ? कोई स्टैंड लिया था ?
Ravish Ji, ase time pe ek army head dushman desh se lade ya apne desh ki nitiyo ke khilaf. aur ase time pe govt ke khilaf bol de sanik ko ye sandesh de ki tum to khmakha marne ja rhe ho. dushman se nhi desh ki nitio se lado. aur dushman desh hmari dhrti le jaaye.
आप केस हार गए और पद पर भी बने रहे । इस्तीफ़ा नहीं दिया । मैं नहीं कह रहा कि आप ईमानदार नहीं है ।
Ravish ji is desh mein case harne ke baad bhi jajba nhi harna hota. himat chaiye hoti hain.
जनरल साहब राजनीति करें तो ठीक और सरकार करें तो बड़ी बेवकूफ
ravish ji ek rajniti hoti hain apne bhle ke liye aur ek desh ke bhle ke liye. behtar kosni hain apko samjane ki jarurat nhi.
इस बीच किरण बेदी जी का भी ट्विट आया है कि सरकार जनरल वी के सिंह से सोच समझ कर व्यवहार करे क्योंकि सेना के लाखों जवानों की उन पर नज़र है । वे उनकी आवाज़ भी हैं । क्या बात है जनरल साहब
Ravish ji, ye baat ek dam sach hain aur sach ko accept karne mein itni dikat ku
apka befkuf Reader
Yogesh
We silute army. Lekin agar kuch log kuch galat kaam kar rahe hain to usse correct karna jaroori hai. Yehan correction sirf inquiry ke baad ho sakti hai. V.K.Sing ke bare main pahle bhi suna thaa. It was wrong reason. It should be very clear. Agar koyee galat kar raha hai to use rokna zaroori hai, nahi to dusre log bhi galat kaam start kar denge. Kanoon sab ke lye barabar hai. V.K.Sing kal tak Anna Hazare ke anti curruption movement ke sath thhe, bad main Modi ke sath ho gaye. Yeh apne aap main bagut sandigdh hai. Woh sarkar ke khilaph opportunity ko dhundh rahe hai. "Pal bahr main shola, pal bhar main shabnam". Dekhte Rajneeti kis karbat leti hai. He is complete politician now.
ReplyDeletesaala rabish congress ka challa hai sala clearly congress ka pakh na lekar saala harami dimag se bjp ko gali dete rahta hai
ReplyDeletebihari ka naam pe kalank
bhai agr aapko itni hi nafrat hai inse toh na padha karo inka blog.
Deleteआदरणिय रविस बाबु
ReplyDeleteविषय = दिन रात तरक्की करे बधाई
नम्र निवेदन है कि आप रात दौगुनी दिन चौगुनी तरक्की कर रहे है आप को बधाई आप को पद्म श्री मिलना चाहिए मे सरकार से गुजारिश करुगा जिसकी शायद जरुरत नही है
आदरणिय रविस बाबु
ReplyDeleteविषय = दिन रात तरक्की करे बधाई
नम्र निवेदन है कि आप रात दौगुनी दिन चौगुनी तरक्की कर रहे है आप को बधाई आप को पद्म श्री मिलना चाहिए मे सरकार से गुजारिश करुगा जिसकी शायद जरुरत नही है
आदरणिय रविस बाबु
ReplyDeleteविषय = दिन रात तरक्की करे बधाई
नम्र निवेदन है कि आप रात दौगुनी दिन चौगुनी तरक्की कर रहे है आप को बधाई आप को पद्म श्री मिलना चाहिए मे सरकार से गुजारिश करुगा जिसकी शायद जरुरत नही है
ट्वीटर पर मोदी भक्तों द्वारा प्रचारित एक कांग्रेसी दलाल पत्रकार रवीश जी लगता ह आप बालाजी के भक्त ह जो बिना प्याज की सब्जी खाते हो, कभी प्याज पर भी लिखिये, ८० रूपये हो गया ह , एक महीना से प्याज वाला सब्जी नही खाये ह,
ReplyDeleteरविश जी, वैसे तो चिट्ठी लिखना आपका पेशा, एकाधिकार और अपने स्वामियों तक अपनी स्वामिभक्ति का सन्देश पहुँचाने का एक माध्यम है पर आज मैं आपको दर्पण दिखाने के लिए ये लघु संबोधन कर रहा हूँ। आपको एक पत्र प्रणव राय को लिखना चाहिए जिसने एक हरम खोलकर आप जैसों को पाला जो नाना प्रकार के स्वांग रचाकर कांग्रेस की सत्ता को बचाए रखने को इतने ज्यादा उत्सुक हैं की टूटी गलियां और सड़कें खोजने गुजरात चले जाया करते हैं। देश की राजधानी दिल्ली में सीलमपुर, जहांगीरपुरी, रमेश नगर समेत ऐसे कई इलाके हैं जहाँ जाकर ये भ्रम टूटता है की भारत निर्माण की सच्चाई क्या है लेकिन आपकी ओंखों पर तरक्की का चश्मा चढ़े होने के कारण ये दिख नहीं पाया होगा, आपके आदर्श और प्रतिस्पर्धी तो पंकज पचौरी हैं। एक पत्र अपने मालिकों की मालकिन को भी लिख डालिए और उससे पूछिये की भारत वर्ष के किसानों को मजदूर और मजदूरों को भिखारी बनाये रखने में इतनी दिलचस्पी क्यों ले रही है। पैसा, तरक्की, झूठी शोहरत कमाने के लिए स्टूडियो में और मालिकों के गोद में बैठकर उनके नेताओं की स्क्रिप्ट लिखने से फुर्सत मिले तो आइना देखिये और पूछिये स्वयं से की दलाली करना आसान है पर सीधा सादा जीवन बिताना इतना मुश्किल है क्या ? आपके दुकान को प्रमोट करने वाले ब्लॉग को पढ़ा पर आपके लग्गो भग्गो और हाँ में हाँ मिलाने वाले चपाटों की तरह की प्रतिक्रिया नहीं दे पाया, इसके लिए मेरी आलोचना को स्वतंत्र हैं, समय नहीं होने के कारण ये नहीं बता पा रहा हूँ की आपको और किस किस को पत्र लिखना चाहिए . . . .
ReplyDeleteमन में बैठा कौन,
ReplyDeleteचलो सब मिल कर पूछें।
सेना भी अछूती नहीं है , cant एरिया में सिपाही शराब बेचते मिल जायेंगे, स्टोर में कर्नल स्तर तक के अधिकारी रिश्वत लेते हैं। निजी अनुभव के आधार पर कह रहा हूँ।
ReplyDeleteRavishji pranam....V.K singh ji agar BJP mein jana chahe isme main koi galti nai manta...wo jaye...aur shauk se jaye...magar duniya ko aur apne sena ko bargalaye nai...kyuki ye mansik charitra hota hi ki hum apne neta se bhot prabhvit hote hai..aur main ye yakin se keh sakta hu ki sir. v.k.singh ke bhi sena mein bhot fan following hogi...to main itna kehna chahunga...kripya sena ko bargala k bhart ko pkistan na banaye...jahan tak ravishji apse prashna pucha ja rah hai..ki aap congressi hai ya bhajpye..to main unhe uttar dena chahunga...ki agar apke. samne khane mein makai ki roti aur maruae ki roti parosi jaye to aap sirf gahum ki roti ki khwaab hi dekh sakte hai...aisa nai hoga ki makai ya marua ka swad gahum ki tarah ho jayega....mera kahne ka tatparya ye hai ki agar aap congress ki nitiyo se pareshan hai aur BJP keliye apka mann manta hi nai(jo main sochta hu ravish ji ka v haal hai)...TO KYA ???chup hokar..chaddar taan ke so jaye.....kripya uttar de jinhone ye sawal uthaya hai....khair..dhanyawad ravishji...hum abhiyantao ke liye ye blog ek bara madhyam hai ..kripya ise continue kijiyega...pranam...
ReplyDeleteKulhusan ji Mere father aur unke father dono army main subedar the. Lekin unse aaj kee tulna kee jai to shayad aaj ka subedar grand father kee tulna main kahin nahin thahrta. Mere Baba(GF)retirement ke baad jab gaon aaye to unke record ko padhkar us samay ke district collector (sultanpur,UP) unse milne gaon aaye aur ek hafte tak wahin rahe. Mere father(Retirement -1976) ke samay bhi unka bahoot samman hota tha. Lekin uske baad society main corruption bahoot tezi se faila. Isse army wale bhi achoote nahe. Unke sath ke dosto ke fridge car aa gaye aur makan ban gaye to unhone bhi income ke other source talashi suru kar de.Father ne kabhi daroo nahi peeye lekin gaon wale unka chutti main intzar karte rahte the( whisky aur rum).Free main peene ke liye mil jaatee thee.
ReplyDeleteRahi baat Gen V K Singh kee to jo koi rajneeti main aata hai oose is tarah ke situation se do char hona padega. Aaj ke tarikh main rajneeti main aise logon kee bahoot jaroorat hai. LS ka election ladiye voh bhi moohabbat se haren ya jeeten iska koi matlab nahin hai. Haan agar National parti join karnee hai BJP ke alawa koi option hee nahin hain koi bewkoof hee hoga jo INC join karega.Ravishbhai kee soch shayad alag ho sakti hai.
रवीश भाई ,
ReplyDeleteआपके बुखार का ताप का असर शब्दों के मायाजाल के माध्यम से जनरल सिंह और नरेन्द्र मोदी पर फूट रहा है.
नेशनल सिक्यूरिटी के नाम पर लोग क्या क्या करने तो तैयार हो जाते हैं, और किस हद तक किसी पर अंधविश्वास दिखा सकते हैं, ये भी कमाल है। मैं सेना का कायल हूँ.…पर ये बात कभी समझ नहीं आती कि लोकतंत्र में किसी सेना अद्ध्यक्ष पर सवाल क्यों नही किया जा सकता? (सवाल से माने केवल भ्रस्टाचार की जांच नहीं)। "नेशनल सिक्यूरिटी" और "सैनिक का हौसला" टाइप जुमले के पीछे, इन प्रश्नों से बचना, कहीं हमारा ये डर तो नहीं दिखता, कि ऐसे सवाल करने से कहीं, जनमानस में बची एकमात्र संस्था जिसपर हम आँख बंद कर के विश्वास कर सकते है -कहीं उसमें भी वही कमियाँ/बीमारियाँ न निकल आएँ जो देश के बाकी संस्थानों को निगल रही हैं…
ReplyDelete(क्योंकि यहाँ बातों का उल्टा अर्थ निकाला जा सकता है - मैं स्पष्ट करना चाहता हूँ, सेना के किसी अधिकारी से प्रश्न करने का मतलब पूरी सेना की साख या इमानदारी पर सवाल करना नहीं होता। ऐसी सोच बहुत ही खतरनाक भाषा को जन्म देती है, जिसका इस्तमाल आजकल हमारे नेता खूब कर रहे हैं। )
रविशजी जनरल साहब ओम प्रकाश चोटला के मंच पर भ्रष्टाचार के विरूद्ध
ReplyDeleteकी लड़ाई की क्या कैफ़ियत देते हैं जो न केवल टीचर भर्ती घोटाले में पुत्र
सहित जेल काट रहे हैं बल्कि उनका सारा जीवन ही स्मरणिय(?)है.
अन्ना / चौटाला / मोदी = वीं के सिंह ,कैसे संगति बैठाते हैं .
रविश जी प्रणाम, नियमित पाठक हूँ मैं आपके ब्लॉग का, उम्मीद हैं आप जल्द कुशल हो,
ReplyDeleteकाफी अच्छा लिखते हैं आप , कुछ लोग बेवजह अनाप शनाप बोलते हैं आपको लेकर, पर लिखते रहिये, आपक लप्रेक या पत्र या रिव्यु सबकुछ बेजोड़ होता हैं.
भक्त तो आसाराम के भी हैं उन्हें इगनोर करे। पता नहीं इतनी भक्ति कहा से पैक करवाते हैं ये लोग। …
आपका शुभेक्षु ,
कुंदन शाही
aएनडीटीवी की सच्चाई .................................
ReplyDeleteएनडीटीवी के मालिक का नाम >>>पर्णोय रॉय
पर्णोय रॉय की पत्नी का नाम >>> राधिका रॉय
राधिका रॉय की बहन का नाम >>>ब्रिन्दा करात
ब्रिन्दा करात के पति का नाम >>> प्रकाश करात
ये है एनडीटीवी की सच्चाई , ये न्यूज़ चैनल पूरी तरह से कम्यूनिस्ट पार्टी का ही है
!
कृपया ये जानकारी बिलकुल सही है , इसको और भी लोगो को बताए !!
Like · · Promote · Share
शानदार लेख . सैन्यवादियों की नींद उड़ाने में सक्षम .
ReplyDeleteखरी-खरी
ReplyDeletesir!! aapka prime time show hmesha dekhta hoo aur achchha lgta h dekh kar ki aap har politician se to the point aur khulkar baat karte hain...ye letter bhi usi kari ka ek hissa hai.
ReplyDeletejab lakho-caroro dakarkar neta hmare bhagya-vidhata ban sakte hain,jab jail me rahte hue neta ya unke ristedar election lar aur jeet sakte hain to fir ARMED FORCES ke log kyu nhi election lar sakte hai...retirement ke baad GENERALS GOVERNOR,AMBESEDOR sahit bade-bade pado par baith sakte hain to politics kyu nahi....sayad aap bhi aaj ki rajniti ke hisab se hi sochne lage hain..KYA AISA DIN HUM NAHI DEKHENGE JAB DESH KI KAMAAN PROFESSIONALS KE HAATHO ME HO!!!
Ravish ji, bahut sunder aur santulit lekh.
ReplyDeletePhir bhi kuchh bhakt aapa kho rahe hai?
Had ho gai vk singh ne kon sa gunah kar diya . Is desh main defence matters par likhane wale journalist nahi hai . Or ap jaison ki samajh mashaallah h defence matter main
ReplyDeleteकभी जब अपना जमीर जोर मारता है
ReplyDeleteदो की जगह चार छह पैग उतारता है
पहले पहल बुरा लगता था सुनना दलाल
अब अपनी भी हो गई गैंडे सी खाल
(खबरफ़रोश के अंश ) दलाल पत्रकारो को सादर समर्पित ।
रवीश भाई पुरी विनम्रता के साथ कह रहा हूँ कि आपकी चिट्ठी बहुत सतही है और बिना जरुरत के अनेक लोगों के बयान को जोड़ते-जोड़ते काफी बड़ा बनाया गया है |एक पत्रकार का काम दर्पण दिखाना होता है| ऐसा नही है कि आप ने भाजपा या कांग्रेस का पक्ष लिया है |
ReplyDeleteदरअसल बात उतनी बड़ी मुझे नही लगती है..हो सकता है जनरल सिंह भाजपा से चुनाव लड़ना चाह रहे हों,और सेना के छवि से कांग्रेस वालो को लग रहा हो कि भाजपा को फायदा हो सकता है|वैसे भी किसी भी देश में देख लें सेना का झुकाव दक्षिणपंथी दल की तरफ ही होता है |लेकिन इसका मतलब ये होगा कि ऐसी बातों को आधार बनाकर जिसको साबित नही किया जा सकता है,आधार बनाकर टारगेट किया जाए | आम चुनाव मुद्दे और नीतियों के बजाय वैक्तित्व और एक -दुसरे के चरित्रहनन को आधार बना कर लड़ा जाए |दुर्भाग्य से अभी तक ज्यादातर ऐसा ही होता रहा है परंतु ऐसे ही होते भी रहना चाहिए ?
http://www.chauthiduniya.com/2012/12/%E0%A4%87%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%A8-%E0%A4%8F%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%B8-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%AA%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0.html
ReplyDeleteRavish Bhai!
ReplyDeleteAap ki aadat sach bolne ki hai!!! Meri bhi hai, jiska bahut nuksan uthaya meine, magar kya karta, aadat se majboor tha aur hu. Bas issi tarah chalte raho, hum tumhare saath hain!
Well said Sir !!! i am big fan of your!!! our India need All media man like you!!! hats off to you Sir!!
ReplyDeleteTotally agree with you sir,it's really sad that some leaders are trying to mix up the Indian army with politics and so our some of retired senior army personnel are doing.
ReplyDeleteAs an Soldier Brat and an Aspirant of Indian Army i'll never want that something like that should happen and surely never want that Indian army should have the image like Political party and politicians do have.
waise ravish kumar tu sahi ja raha hai aise he kam karte rah dalali ka bahut jald pankaj pachori dalle jaise tere ko bhi koi na koi post mil jayegi.
ReplyDeleteरविश भाई मैंने आपकी चिठ्ठी पढ़ी ,बड़े ही ख्श्रंग अंदाज़ में आप लिखते हैं ,
ReplyDeleteअपने जज़्बात को ज़रा सम्भाल्के रखियेगा , नहीं तो मोदी भक्त लोग आप को बहुत बुरा भला कह्नेगे,
आपका शुभ चिन्तक
नासिर सिद्दीकी
Ravish Kumar,Aap ko ramnath goyanka award mil gaya congress ki chaaplusi kr ke, ab kya padm shri chahiye jo aap desh ki sab se nirvivaad sanstha,is des ki sena aur sena ke poorv adhyaksh per hi aarop laga rahe ho.Shrdheya V.K. singh ji ne sainiko ka aahwan desh ko jihadiyo aur maovadiyo se bachane ke liye kiya hai parantu aap samajh nhi paye aur aap ye soch rahe hain ki wo sena se modi ko vote dene ka aagrah kr rahe hain.Waise aap ki galti nhi hai kyuki aap to jihadiyo aur maovadiyo ko shantipriy log samajhte hain.
ReplyDeleteनापाक गठजोड़ों की आंतरिक संगतियों के छिपे हुए निहितार्थ बाहर लाना जरूरी बात है .'शिवशंभु के चिट्ठे'की याद आ गई .
ReplyDeletetoo gud ravish ji isiliye hum bhi aapke bahut bade fan hai, aur ndtv prime time par aap jab rahte hai to dekhna zaroori ho jata hai sirf is laalsa se ki kuch nai pol ya kuch naya sunne ko milega ....
ReplyDeletelage raho ravish ji
best of luck
well done,
ReplyDeleteu r the best anchor, where should I vote for you bhai sahab,
ReplyDeleteZara acche se check karwa lena bhaisahab,, aaapka bukhar NA-MONIA bhi ho sakta hai..Aaj Kal dengue se bhi jyada chala hua ...
ReplyDeleteZara acche se check karwa lena bhaisahab,, aaapka bukhar NA-MONIA bhi ho sakta hai..Aaj Kal dengue se bhi jyada chala hua ...
ReplyDeleteZara acche se check karwa lena bhaisahab,, aaapka bukhar NA-MONIA bhi ho sakta hai..Aaj Kal dengue se bhi jyada chala hua ...
ReplyDeleteक्या लिखते हो तुम स्टार।
ReplyDeleteवाह............मजा आ गया पढ़ के
DEAR Ravish Jee,
ReplyDeleteMuje ni pta ki kya galat hai...aur kya shi hai.....aur muje ni pta ki ap kis party ke hai.....Lekin muje lagta hai....ap khul kar ni likhate hai....aur ha app kewal congress ke virodiyo ko hi chunte hai.....jab ap koi bi topic uthate hai....ya likhte hai.....jabki muje lagta hai....ki muje lagta hai ki.... media ko government se question karna chahiye kisi bi maater me aur fir opposition se lekin ...kyoki har cheej ke liye tatkalik governmrnt jimedar hoti hai... usake bad bipaksh......lekin mai app ko ek sach bat bta deta hu....apko nind nhi ati hogi..rato me...ap uth uth kar sochte honge.......
aur muje ek question puchna hai apse..... hamre desh me ek parampara hai.....koi ghotala hai...ya danga hota hai...fir uski janch hoti hai...aur fir janch ki janch hoti hai...aur fir kuch ni hota ...to kyo na ham man le ki as a result most of the time ..bas time kharab hota hai....ap media wale party in a government par pressure kyo ni banate...chahe koi bi party satta me ho.
...............................................................................aur fir log kyo na samje ki app bi kisi party ke numainde hai...kyoki app ko bi to apni job karni hai....ap bi to prerit hi hai...na kisi bichar dhara se....like professionalism.....kyoki app log unhi logo par debate karte hai...jo single hote hai............
aj kal mai dekhta hu...sab log muslim ke bare me bolte hai...ap bi bolte hai....lekin jab muslim galti karta hai to bi ...hindu ke bare me bolte hai....kyo ni muslim ke birodh me bolte..kyo ni ajam khan par debate karte.
Aur Mai manta hu ki V K Singh Puri tarah se galat hai......lekin ek admi ki galti ki vajah se kya pure
system ko change kar dena chahiye...... .aur app is cheejo par bi debate kijiye.....ki jab se upa-2 bana hai...uska hamesa se sanbidhanic sansthao se takaro ho rha hai...kyo..... even supreme court se.....to kyo ni media sarkar ke against me kuch bolti....kyo modi bade ho gaye...jabki government me to rahul aur sonia hai......vo kyo ni bolte.....ki kya galat aur kya sahi hai....? aur ap kabi puchte bi ni...jab congress aur government ek ni hai to...ap is par debate kyo ni karte......
"जनरल वी के सिंह- यक रहैन ईर यक रहैन वीर"
As Kashmir has been mentioned, it is pertinent to mention that Congress president and National Advisory Council chairperson Sonia Gandhi, and former NAC member Harsh Mander, are both associated with foreign bodies committed to the secession of Jammu & Kashmir from India.
Sonia Gandhi is co-president of the Forum of Democratic Leaders in the Asia-Pacific which supports the secession and independence of Kashmir. The Rajiv Gandhi Foundation she heads has accepted funds from Friedrich Naumann Stiftung, a foundation which funds the FDL-AP.
Mr Mander is a member of the Working Group of the Justice Foundation Kashmir Centre UK, of which Syed Ghulam Nabi Fai is director; it has received funds from Pakistan’s ISI. Fai is an American citizen of Kashmiri origin who was arrested by the FBI in July 2011 for secretly receiving $3.5 million from the ISI to fund illegal lobbying on the Kashmir issue. He hosted seminars to promote Islamabad’s viewpoint on Kashmir internationally; prominent guests included Mr Dilip Padgaonkar, the Indian Government appointed interlocutor on Kashmir.
British media calls the Foundation a front for Pakistani spies. American prosecutors said in court that Fai ran some Kashmir Centers on behalf of the Pakistani Government, including the ISI. Surely it is others who have some explaining to do. Gen Singh should switch from defending himself to asking questions.
DEAR Ravish Jee,
ReplyDeleteMuje ni pta ki kya galat hai...aur kya shi hai.....aur muje ni pta ki ap kis party ke hai.....Lekin muje lagta hai....ap khul kar ni likhate hai....aur ha app kewal congress ke virodiyo ko hi chunte hai.....jab ap koi bi topic uthate hai....ya likhte hai.....jabki muje lagta hai....ki muje lagta hai ki.... media ko government se question karna chahiye kisi bi maater me aur fir opposition se lekin ...kyoki har cheej ke liye tatkalik governmrnt jimedar hoti hai... usake bad bipaksh......lekin mai app ko ek sach bat bta deta hu....apko nind nhi ati hogi..rato me...ap uth uth kar sochte honge.......
aur muje ek question puchna hai apse..... hamre desh me ek parampara hai.....koi ghotala hai...ya danga hota hai...fir uski janch hoti hai...aur fir janch ki janch hoti hai...aur fir kuch ni hota ...to kyo na ham man le ki as a result most of the time ..bas time kharab hota hai....ap media wale party in a government par pressure kyo ni banate...chahe koi bi party satta me ho.
...............................................................................aur fir log kyo na samje ki app bi kisi party ke numainde hai...kyoki app ko bi to apni job karni hai....ap bi to prerit hi hai...na kisi bichar dhara se....like professionalism.....kyoki app log unhi logo par debate karte hai...jo single hote hai............
aj kal mai dekhta hu...sab log muslim ke bare me bolte hai...ap bi bolte hai....lekin jab muslim galti karta hai to bi ...hindu ke bare me bolte hai....kyo ni muslim ke birodh me bolte..kyo ni ajam khan par debate karte.
Aur Mai manta hu ki V K Singh Puri tarah se galat hai......lekin ek admi ki galti ki vajah se kya pure
system ko change kar dena chahiye...... .aur app is cheejo par bi debate kijiye.....ki jab se upa-2 bana hai...uska hamesa se sanbidhanic sansthao se takaro ho rha hai...kyo..... even supreme court se.....to kyo ni media sarkar ke against me kuch bolti....kyo modi bade ho gaye...jabki government me to rahul aur sonia hai......vo kyo ni bolte.....ki kya galat aur kya sahi hai....? aur ap kabi puchte bi ni...jab congress aur government ek ni hai to...ap is par debate kyo ni karte......
"जनरल वी के सिंह- यक रहैन ईर यक रहैन वीर"
As Kashmir has been mentioned, it is pertinent to mention that Congress president and National Advisory Council chairperson Sonia Gandhi, and former NAC member Harsh Mander, are both associated with foreign bodies committed to the secession of Jammu & Kashmir from India.
Sonia Gandhi is co-president of the Forum of Democratic Leaders in the Asia-Pacific which supports the secession and independence of Kashmir. The Rajiv Gandhi Foundation she heads has accepted funds from Friedrich Naumann Stiftung, a foundation which funds the FDL-AP.
Mr Mander is a member of the Working Group of the Justice Foundation Kashmir Centre UK, of which Syed Ghulam Nabi Fai is director; it has received funds from Pakistan’s ISI. Fai is an American citizen of Kashmiri origin who was arrested by the FBI in July 2011 for secretly receiving $3.5 million from the ISI to fund illegal lobbying on the Kashmir issue. He hosted seminars to promote Islamabad’s viewpoint on Kashmir internationally; prominent guests included Mr Dilip Padgaonkar, the Indian Government appointed interlocutor on Kashmir.
British media calls the Foundation a front for Pakistani spies. American prosecutors said in court that Fai ran some Kashmir Centers on behalf of the Pakistani Government, including the ISI. Surely it is others who have some explaining to do. Gen Singh should switch from defending himself to asking questions.