ला सिटी लाइफ़ स्टाइल पत्रिका है । डेढ़ सौ रुपये की । इसके सितंबर अक्तूबर अंक के कवर पर राबर्ट वाड्रा की तस्वीर है । भीतर भी कई तस्वीरें हैं । ख़ूबसूरत और फ़िट । खुद फिट नहीं हूं मगर कोई फिटनेस की बात करता है तो ठीक लगता है । आडवाणी ने अपने तरीके से फिटनेस का प्रदर्शन किया लेकिन आज कल कई सांसदों की फिटनेस हैरान करती है । खैर इस पत्रिका में वाड्रा का इंटरव्यू भी है और जीवन के प्रति नज़रिया भी । यहाँ इसलिए दे रहा हूँ कि ताकि आप समझ सकें एक व्यक्ति कितने नज़रियों के बीच रहता है । कुलीन क्लास के लिए वाड्रा कुछ और हैं और पोलिटिकल क्लास के लिए कुछ और । हमारे आपके लिए कुछ और । बाकी आप भी पढ़ियेगा ( प्रचार न समझें ) । ऐसी बात नहीं है कि वे इंटरव्यू नहीं देते ! कानूनी और राजनीतिक बातों के अलावा यह इंटरव्यू वाड्रा के जीवन में झाँकने का अच्छा मौक़ा है । हैंडसम बंदा है ! इंटरव्यू का डिटेल नहीं दिया वर्ना यह पत्रिका के साथ बेईमानी होती । पढ़ना है तो उन्हीं की साइट या कापी से पढ़ें । जब राबर्ट को चिट्ठी लिखूँगा तब ज़रूर इसका इस्तमाल करूँगा ।
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ReplyDeletehandsome banda hai....ye achha hai....aakhir gandhi parivar ka damad hai....nai v hoga to ho gaya hoga :)jaldi se thik hoiye aap..yehi kamna hai..pranam sir..
ReplyDeleteदमदार पत्रिका
ReplyDeleteCover page par chape hain to iskee ik hee vajah hai ke voh Gandhi parivar ke damad hain nahi to bataieye bagair kuch kiye aadmi 300 crore ka malik ho jata hai aur hum bahoot kuch karke bhi ek paise ke bhi malik nahi hote." Sabke naseeb main soorah kahan niklata hai, apna saya to roshni ho to saath chalta hai". Aapkee khat ke intzar main....
ReplyDeleteget well soon sir!!
ReplyDeleteplease must wrote a latter to mr. Vadra. i am highly excited to read that latter.
Any News that doesn't favor NaMo aka BJP is called Paid News.
ReplyDeleteso ravish ji is it the news sponsored by congress?
मुझे ऐसा लगता है कि भारत के सभी नागरिक किसी न किसी पार्टी का सदस्य बन गये हैं,आप जो भी बात कहेंगे उसके राजनीतिक निहित ढूँढे जाएँगे ।
पता नहीं काँग्रेस वाले आपको क्या कहते हैं मोदी aka BJP वालों ने आपको कोंग्रेसी दलाल मान ही लिया है ।
कोई इन भोले भंडारियों से ये तो पूछो कि अगर काँग्रेस की वकालत करने वाला (इन्ही की शब्दावली में) कोंग्रेसी दलाल है तो ये खुद क्या BJP के दल्ले न हुये !
आप अनंतमूर्ति और वी के सिंह के लेख के कमेंट पढ़िये । ट्विटर पर तो गाली देना धंधा हो गया । एक लाइन बीजेपी की आलोचना की होती है तो भगदड़ मच जाती है । इन्हें लगता है लोग मेरा लिखा पढ़ कर बीजेपी को वोट देंगे । दूसरा इससे पता चलता है कि किन लोगों के सहारे बीजेपी जनमत बनाने निकली है । कई लोग गाली का बचाव यह कह कर करते हैं कि लोगों का ग़ुस्सा है । हद है । सारी दलीलें के ठेकेदार यही हैं
ReplyDelete@Ravish Ji: ऐसे लोगों के लिए ही यीशु (क्षमा करें मेरा भगवानगीरी में मेरा यकीन नहीं) ने कहा था कि "ईश्वर इन्हे क्षमा करना इन्हे पता नहीं ये क्या कर रहे हैं"
ReplyDelete@Raghav: श्रीमान जी मुझे लगता है या फिर ऐसे कह लीजिये कि रवीश जी ने जो कारण twitter छोडने का दिया था वो मुझे ये लगा कि मोदी भक्तों (मोदी समर्थकों नहीं) की अतार्किक गालियों से तंग आकर वह twitter छोड़ रहे हैं, वहाँ मोदी के प्रधानमन्त्री बनने या न बनने का पूर्वाग्रह मुझे तो नहीं लगा ।
बाकी रवीश जी का क्या stand था ये तो वही बता सकते हैं हाँ रविश जी जवाब देकर मुझे यहाँ इस आरोप से बचा सकते हैं कि मैं रवीश जी का "दलाल" हूँ ।
(इतना घिनौना शब्द है, मुझे आज तक किसी के लिए कहने की हिम्मत तो दूर सूझा भी नहीं और ये "भक्त" कितनी आसानी से इसका use कर रहे हैं, इनकी भगतई थोडी बहुत तो इसी से समझी जा सकती है)
Life Style चेनल देखने तक तो ok-लेकिन Magazine....time westage नहीं लगता?या आप सच मैं बीमार हो जो सभी टाइमपास पढ़ भी डाला और कुछ share भी कर रहे हो?(throat infection?) ow no!not again!ab aap vapas ek week ki छुट्टियों पर उतर जाओगे :-( ?
ReplyDeleteवैसे अब मुझे याद आ रहा है-'अडवाणी युग का समापन?' वाले PT मैं anchor महोदय मज़े से सेहत्मंदों की इर्ष्या कर रहे थे क्या?:-p kya?:) सब cong/bjp नहीं होते ok?:-\
Ravish ji ..Twitter pe aapko bahut log follow karte for good reasons..ye kuchh log is tarah ka mahaul bana rahe hain.. wese social media aur media ki is problem pe maine ye blog likha ..padiye aur aapka feedback pratishit hai http://pateldeepak2k.blogspot.com/2013/09/its-biased-media-vs-biased-social-media.html
ReplyDeleteफिलहाल, ये इंटरव्यू ऑनलाइन तो नहीं मिल रहा कहीं (कम से मुझे तो नहीं दिखा)… जब आएगा तो ज़रूर पढूँगा
ReplyDeleteRAVISH JI,
ReplyDeleteguaranty dekar kehta hu, Fit na hone ke bawjud aap pe Kadambini Sharma Flatter hogi hehe :P
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ReplyDeleteरविश, एक आप ही ऐसे पत्रकार थे जो सामाजिक मुद्दो और ऐसे भारत को दिखाते थे जहा आज भी बिजली, रोड और सरकार की टीवी पर दिखाई जाने वाली योजनाए नही पहुचती है. 'रविष् की रिपोट' के ज़रिए. लगता है आप को दिल्ली का हवा का असर हो रहा है या तो फिर बड़े लोगो के साथ उठने बैठेन्ने से , उनसे प्रभावित हो रहे है. अच्छा है, पेज थ्री पत्रकार ही बन जाइए, पर अपने ब्लॉग को कचरा पेटी मत बनाइए. लोगो के कॉमेंट से मुझे पता चलता है की ये लोग टाइमस ऑफ इंडिया पर कमेंट लिखने पढ़ने वाले न्ही है..कुछ तो अलग पढ़ने और चर्चा करने की उम्मीद से आते है यहा लोग..नाउम्मीद ना कीजिए..
ReplyDeleteसार्थक प्रस्तुति का इंतजार ।
ReplyDeleteKya yahi hamare Bharat ka kisaan no.1 hai
ReplyDeletebakwas
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