नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे





12 comments:

  1. Kya baat hai Sir! Aapki nazar ki daad deni padegi......

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  2. रवीश कुमार को ‘स्व. वेद अग्रवाल स्मृति’ सम्मान

    बधाई हो जी

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  3. धन्यवाद अपनी ब्लाग वार्ता द्वारा जनवादी ब्लाग से परिचित करने के लिए.आपकी उठाई शंकाओं का समाधान तिवारी जी के लेखन से नहीं हो सका उस पर तो मैं कुछ नहीं कह सकता.परन्तु अपनेhttp:// krantiswar .blogspotspot com पर मैं शुरू से ही कम्युनिस्ट विचारधारा को पूर्ण भारतीय परिप्रेछ में प्रस्तुत कर रहा हूँ.यह अलग बात है उसे तुच्छ समझ कर ठुकरा दिया जाए.

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  4. रवीश जी
    आजकल एनडीटीवी खबर की वैबसाइट पर
    आपका कार्यक्रम नहीं मिलता
    अपना भी एक सेक्शन बनवाइए ना ताकि ऑनलाइन देख सकें विनोद दुआ live की तरह

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  5. सब कुछ कहते कुछ शब्द ......

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  6. सौ साल बाद कोई रामचंद गुहा टाईप का इतिहासकार जब इंडिया आफ्टर कलमाड़ी या इंडिया आफ्टर राजा लिखेगा तो हो सकता है आपके इन तस्वीरों का संदर्भ के रुप में जिक्र करे कि साल 2011 में जब स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच चल रही थी तो बीपीएल दूल्हे बाल बनवाने कहां जाते थे....!

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  7. यह छायाचित्रों का दौर अनोखा चल रहा है...
    इतिहास सा रच रहा है...

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  8. असली भारत की तस्वीर है रविश जी....

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