लिज़ हर्ले का न्यौता

लिज़ हर्ले भूल गईं । या भेजा तो मिला नहीं । शादी का न्यौता । लिज़ हर्ले और अरुण को मैं नहीं जानता । मगर मीडिया में होने के कारण इनकी शादी में परोसे जाने वाले खाने से लेकर मेहमानों की रजाई तक की ख़बरे बनाते बनाते लगा कि लिज़ अब तक मेरे बारे में जान गई होगी । कि कोई तूफान संवाददाता रवीश कुमार मेरी शादी की रिपोर्टिंग कर रहा है । मैं सोचता था कि लिज़ का इंडियन गार्ड हिंदी चैनल देखकर पल पल बताता होगा कि मैडम आजतक ये दिखा रहा है । एनडीटीवी इंडिया वो दिखा रहा है । इट्स ऑसम रिपोर्ट्स । और एनडीटीवी इंडिया का रिपोर्टर तो शानदार है । सारा ब्यौरा दे रहा है । तभी लिज़ ने कहा होगा मस्ट इनवाइट हिम । मगर एक चैनल मुझसे आगे निकल गया । उसने कैप्शन लगाया । सदा सुहागन रहो लिज़ ।

मैंने अपने बॉस को कहा । बेवकूफी भरा कैप्शन है । पता नहीं कि लिज़ ने सदा सुहागन रहने के लिए शादी की भी है या नहीं । पहले न अब । लिज़ हर्ले नवविवाहित नहीं है । पुनर्विवाहित है । उसके जीवन में तलाक भी शादी से कम बड़ा उत्सव नहीं होता है । फिर हम क्यों दुखियारे प्रदेशों से आए हिंदी के पत्रकार अपनी बीबी को शादी के वक्त दादी चाची से मिले आशीषों को लिज़ पर भी लादने लगे । सदा सुहागन रहो । मुझे लगता है लिज़ इसी बात से इरीटेट हो गई । यानी चिढ़ गई होगी ।

और मुझे नहीं बुलाया । मुझे लेफ्ट आउट लग रहा है । जब कोई न पूछे तो अंग्रेजी में उसे लेफ्ट आउट कहते हैं । लिंज़ ने इंडिया आकर फोन तक नहीं किया । हम हिंदी पत्रकारों को । उसके मैनजरों ने भी नहीं । मगर उसकी शादी एक इंवेंट है । और होमलोन और क्रेडिटकार्ट की संतान दर्शक उसकी शादी का खाना कपड़ा देखने के लिए भुखाये बैठे हैं । वो टीवी पर देख देख कर पत्तल चाटने लगता है । और टीआरपी बढ़ने लगती है । इन्हीं के लिए तो हम दिखा रहे हैं । लोफर दर्शक और भ्रष्ट वोटर कैसी पत्रकारीय और राजनीतिक व्यवस्था चुनते हैं हम ६० साल से देख रहे हैं । पहले वोटर ही अपराधी बनकर राजनीति की मदद कर रहा था , बाद में अपराधी वोटर राजनीति में आकर नेता बन गया । उसी तरह लोफर दर्शक टीआरपी से पत्रकारिता की मदद कर रहा है बाद में यही लोफर दर्शक पत्रकारिता में घुस कर एडिटर हो जाएंगे । फिलहाल सिटिज़न जर्नलिस्ट हैं ।

मैं भी कहां का फ्रस्टेशन कहां निकाल देता हूं । ग़लत है । बात लिज़ के न्यौते की हो रही थी । दुल्हन के लिए हमने भी विंध्याचल से आलता, सिंदूर और जार्जेट की साड़ी खरीदी थी । मुंह दिखाई के लिए । दुनिया में घूम घूम कर फोटो खिंचवा रही दुल्हन लिज़ को अरुण की दादी नानियां क्या मुंह दिखाई देंगी । मंडप से पहले ही दुल्हन उघार हो गई । भोजपुरी का शब्द है उघार । मतलब सबने देख लिया या सबके सामने आ गया । लिज़ को ज़रुरत नहीं थी । मेरी मुंह दिखाई की । उसने कहा कि ऐसे रवीश कुमारों को बुलाने लगी तो मेरी शादी में मेहमान कहां खड़े होंगे । इसीलिए उसने नहीं बुलाया । अगर मैं उसके लिए फ्रांस के बुर्बॉन वंश की कोई ऐतिहासिक चीज़ भेंट कर सकने की हालत में होता तो लिज़ एसएमएस भी करती । डियर रवीश, आई एम वेटिंग फार यू । यू हैव टू कम । विदाउट यू माय मैरेज हैज़ नो मीनिंग । और मैं भी अपने एडिटर से कह पाता । सर आई हैव टू गो । शी इज़ माय फ्रैंड । दिस इज़ ए पर्सनल इंविटेशन । डोंट इरिटेट विद मी । इट्स ट्रू । आय एम गोइंग । बॉस भी क्या करते । कहते जाओ मगर वहां से लाइव ओबी कर देना । हे लिज़ तुमने क्यों नहीं बुलाया ।

7 comments:

  1. ह्म्म! सचमुच बहुत जुलम हो गया यार! कम से कम यार तुमको तो बुलाना ही चाहिए था। इतना न्यूज बटोरे हो, इत्ता बोल मारे, इत्ता लिख मारे। लेकिन यार! परदेसी (विदेशी) है वो भी गोरी मेम। ऐसे लोगों पर भरोसा नही करना चाहिए। अब आगे से ध्यान रखना। उसकी अगली शादी का न्योता आए तो भी नही जाना। पिछला रिकार्ड देखकर, अगली शादी भी दूर नही दिखती।

    और हाँ, सैडियाना मत। मस्त रहो।

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  2. आज के अखबार में हेडलाइन देखी थी
    "Another Takeover by an Indian" :)

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  3. कोई बात नही भाई जी, इस बार नही बुलाया तो क्या हुआ...तलाक का इन्तजार कीजिये..कौन सा कुम्भ का मेला है जो १२ वर्ष बाद आयेगा...फिर शादी करेंगी लिज और तब तक शायद
    उन्हें अपनी गलती का एहसास हो जाये और उस समय वो निमन्त्रण पत्र भिजवा दें... मुस्कराते रहो... तब तक देसी शादियों की दावतें उडाते रहो...

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  4. हमें पता था कि हमें नहीं बुलाया जायेगा इसीलिये हम भी नहीं बुलाये उनको अपनी शादी में।

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  5. ये लिज हर्ले कौन है?

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  6. जानकर बुरा लगा। लेकिन आप परेशान मत होओ, लगे रहो, एक न एक दिन वो आप को जान ही जाएंगी। अगली शादी में पक्का बुलाएंगी। :)


    और जैसा जीतू भाई ने कहा सैडियाना मत।

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  7. Sir,nahi bulane ka ek karan jo mujhe lagta hai Wo yeh hai ki aap hindi patrakar hain

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