चुनाव में पोस्टरों की अपनी एक देह भाषा होती है । जहाँ भाजपा के पोस्टर आक्रामक हैं, उनके नारे भविष्य की दावेदारी कर रहे हैं वहीं अजय राय मोक्ष प्राप्त हो चुका है की मुद्रा में है । लचर तरीके से नारे लिखे गए हैं । " काशी की एक ही राय अजय राय अजय राय ।" मोदी के सामने अजय राय को अपनी स्थानीकता में घोर विश्वास है । मीडिया अरविंद केजरीवाल से रोज़ पूछता है कि आप हार रहे हैं मगर कोई अजय राय की तरफ़ देख भी नहीं रहा । अजय राय भी अपने पोस्टर में किसी को देख नहीं रहे हैं ।
दूसरी तरफ़ नरेंद्र मोदी ने टीवी पर अपना प्रोमो बदल दिया है । इतनी जगहों पर मोदी ने बड़ी रैलियाँ की मगर वहाँ आई भीड़ को प्रोमों का हिस्सा नहीं बनाया । जहाँ तक मुझे ध्यान है । अचानक इन दिनों टीवी पर मोदी के नामांकन के समय की भीड़ का प्रोमो आने लगा है । उसकी बारंबारता काफी अधिक है । ध्यान से देखने पर लगता है कि इस प्रोमो का टारगेट बनारस का मतदाता है ।
यही नहीं बनारस में अलग अलग कंपनियों और ट्रैवेल एजेंसियों के होर्डिंग नज़र आने लगे हैं । इनमें अहमदाबाद की सड़क से लेकर सोमनाथ मंदिर व अन्य धार्मिक पर्यटन स्थलों की तस्वीर है । ब्रांड गुजरात को बनारस में उतार दिया गया है । ट्रैवल एजेंसियों के इन पोस्टरों को चुनाव खर्चे में जोड़े जाने से बचाने के लिए तो नहीं लगाया गया है । क्या ऐसा तो नहीं कि सोमनाथ और सूर्य मंदिर के बहाने एक किस्म के धार्मिक संबंध याद दिलाये जा रहे हैं । जब मोदी जीत ही रहे हैं तो यह सब क्यों हो रहा है ।
बनारस में आम आदमी के पोस्टर कम हैं । झंडे और टोपी ज़्यादा है । आम आदमी पार्टी स्टीकर पर ज़्यादा ज़ोर दे रही है । पार्टी की सभा में बच्चों को स्टीकर बाँटे जाते हैं । ये बच्चे खेल खेल में इन स्टीकरों को दीवारों पर चिपका देते हैं । अरविंद की सभा में पैम्फलेट बाँटे जा रहे हैं कि वे क्यों बनारस से लड़ रहे हैं और गुजरात में कैसे मोदी ने कारपोरेट घरानों को बढ़ावा दिया ।
सपा और बसपा के पोस्टर बहुत कम हैं । नतीजा जो आए मगर आने से पहले कोई आराम से बैठ भी नहीं सकता । बनारस का चुनाव दिलचस्प है । एक तरफ़ बीजेपी की टोलियाँ नज़र आधी हैं तो दूसरी तरफ़ आम आदमी की टोलियाँ । बनारस का चुनाव सही में मज़ेदार लग रहा है ।
चुनाव मजेदार है , साथ ही आपके दिलजले आलोचकों का भी इनतजार है ।अभी तक कोई comment नहीं आया ।देखना है आज कैसे खीझ उतारते हैं ।
ReplyDeleteवैसे अजय राय जी की मोक्ष प्राप्त (आभासी) फोटो और उसका रोचक विवरण गुदगुदा गया । बहुत खूब ।
ReplyDeleteaiiitttt GAMCHA...kal toh DHA rahe the aap...report toh dekhi hi nahi..aap hi ko dekhte reh gaye :)
ReplyDeleteRavish ji thanks for your such an informative shows, with different flavor. One question => why there is no story on "AAP" rallies, you covered almost everyone except them?
ReplyDeletehello sir
ReplyDeletemai banglore me btech kr rhi hun.kl aap ka pt dekha apne gawn ekma se.banglore se apne gawn ko dekhna kitna badhiya lgta hai..thanku sir..tv to nhi hai yha net se download krke dekhna padta hai..isliye bahut wait krna padta hai..kl to aap gamche me akdm bihari lag rhe the..maja aa gya dekhkr..
Bade hi dharmik aur shant lag rahe hai ajay ray.
ReplyDeleteaccha chalchitran!
Sir ji...Paryatan vibhag apne brand k sath tag line add karna bhool gaya..."hans kar dekhe.... ya dekh kar hanse..." Faisla aapka...
ReplyDeleteAur @Nitin ji ko ignore kare kyoki bhai ko galat jagah bawasir rog hua hai..matlab unke dimaag me..isiliye bahkaa gaye hai...
लमहा सिनेमा देखे हैं। कशमीर ईशू पर बना रहा।बङा नीक सिनेमा था। दिखाये थे कैसे सब लोग मिला हुआ है। वैसे ही राजनीति में सब मिल कर पबलिक को मूरख बना रहा है। मुलायम, माया; अङवानी; सोनिया सत्ता में हो या न हो, किसी की शान में कोई कमी कभी नही होती । सभी उडनखटोलो पर 20-20 बलैक कैट कमाडो के साथ चल रहा है। अलग अलग चेहरों के पीछे सब एक हैं। बस ये सब मिलकर किसी भी तरह आम आदमी को नही आने देना चाहते। जानते हैं कि उनके आने से सबकी दुकान बंद हो जायेगी। बनारस हो या अमेठी इस खेल में सब मिले हैं।
ReplyDeleteरवीश जी, मैं बनारस का हूँ, और आपने जिस प्रकार यहाँ के चुनावी रंग का विशलेषण किया है उसमें कुछ नया तो नहीं देखने को मिला। बल्कि एक सवाल जरूर उठता है कि क्या ये रंग यहाँ कि जनता समझ पाएगी और इस प्रचार तंत्र के माया जाल को भेद पाएगी, या फिर इस तंत्र के आगे नतमस्तक होकर सबकुछ विकास के नाम पर ही कबूल कर लेगी।
ReplyDeletewhat camera do u use ?
ReplyDeletewhat camera do u use ?
ReplyDeleteSlogan to really thaka hua hai , ajay rai vala , bolte Bhi dum na lagana pare, hare to hue hain hee , nare laga kar kya karein..interesting laga ye jaankar
ReplyDeleteरवीश जी!!
ReplyDeleteकृपया अमेठी में AAP पर हो रहे हमलो पर भी कुछ लिखिए न।
इस माहौल में वह चुनाव कैसे होगा??
मीडिया से तो कुछ उम्मीद ही बेईमानी है पर कस्बा तो आपका है।
अगर कहने का मन करता हो तो कहिये जरूर।
रवीश जी!!
ReplyDeleteकृपया अमेठी में AAP पर हो रहे हमलो पर भी कुछ लिखिए न।
इस माहौल में वह चुनाव कैसे होगा??
मीडिया से तो कुछ उम्मीद ही बेईमानी है पर कस्बा तो आपका है।
अगर कहने का मन करता हो तो कहिये जरूर।
Ravishji,
ReplyDeleteReally liked coverage of Nitish Kumarji's rally. Get to see very little of him in National media and South Indian media. Liked his rally speech. I know very little of him from articles on Bihar development, but he seems by far a better leader than others. Wish he were the PM candidate!
Country needs reporter & anchor like u,who always shows the real picture but sir one thing I have seen almost all the reports of yours and I must admit that your editing team is actually your main strength , do u have any role there?
ReplyDeleteCarry on sir.
अजय राय जी पुराने संघी है. बाहुबली भी हैं. यह चुनाव जान के प्यासे को भी मिला देता है.बाकि बनारस का चुनाव किसी ब्लॉकबस्टर फिल्म की तरह हो गया है.सबका मनोरंजन हो गया है. आप महाराजगंज क्षेत्र में थे, इत्तेफाक से मैंने देखा, टीवी पर. चुकि आप मेरे इलाके में थे तो वह पूरा देख गया. लोग नीतीश की आलोचना तो नहीं कर सकते थे लेकिन उहापोह दिखी.बहुत कुछ कह गया बिहारी राजनीति के बारे में.
ReplyDeleteHey Thanks friends....Kuch mitron ne mujhey yaad kiya.I am in a small town of purvanchal since last 4 days till 12th may.Agree or not Rubbish jaison kee Mehnat k baad bhee Jati k bhandhan toot rahe hain aur Kamal khilne wala hai. BSP kahi takkar mai hai par na ho paayega is baar.Our whole team is in different locations.Please ask for any ground report dont depend on only Rubbish kumar.Try to see different side of coin.
ReplyDeleteएक तरफ़ बीजेपी की टोलियाँ नज़र आधी हैं तो दूसरी तरफ़ आम आदमी की टोलियाँ । बनारस का चुनाव सही में मज़ेदार लग रहा है ।
ReplyDeleteदोस्तो, आज का ज्ञान यह है कि जब कोई कुकुर किसी गाडी के पीछे दौड़ता है तो इसका ये मतलब नहीं कि वो गाडी चलाना चाहता है या खरीदना चाहता है, वो तो बस इतना साबित करना चाहता है कि--- "At least he is doing something"
ReplyDeleteEk fark mujhe mehsoos hota hai:- Modi ke chahne walon mein Modi ke Gujrat vishey par jankari ho na ho, Modi Hinduttva samarthak hain ye jaroor pata hoga.(Unke liye yahi vote dene ka karan hai modi ko)Arvind ke chahne wale AAP ki neetiyon ki jankari bhi utni hi rakhte honge jitni Arvind ke kamon ki.
ReplyDeleteRavish Bhaiya, Pranam
ReplyDeleteJo kuchh bata rahe hain lagta hai chhutti lekar Banaras hi chale jaayen, sachmuch dekhne laayak chunaav hai.
regards