Ravish bhai sapna to har koi dekh sakta h.. Dekhna b chahiye...
Ek dusri wajah se comment kar raha hu... Aaj pariwar walo ko socha aapki gujrat wali report dikhau.. Puri ndtv ki site chan mari par video nahi mila.. Mjhe yad h Dec 2012 ki thi shayd wo report.. site par 2010 k video hain 'ravish ki report' k par gujrat wala nhi! Aesa kyun bhala? Youtube par available h lekin fir b sawal to bnta h na sir? Ndtv bik gya kya? Maine suna ki apko pareshan b kia gya tha?
Jaruri samjhein to bataye jarur.. Baqi to Google/youtube hayiye hai..!
Thank you Vidya. So it was a PrimeTime show and not a 'Ravish ki Report'. I dint do proper research. Apologies ravish sir.
Its so easy to speak ill of any pillar of democracy for a common man... Every now and then we see all political party spokespersons blaming media for everything. As ravish mentions often that Such signs of media loosing credibility are not good for the health of a young democracy. I only added to it..
Lekin sir shaq to baeth hi gya h abb... UP m modiji ko 53 seat!! o.O... Pachta nahi h.. Acha kie the jo beech m delhi elections time par opinion polls band kie hue the ndtv wale... In sab se or kachra hota hai.. Ek voter ki bhavnao se khelna hi kyu hua... Uppar se hamare desh m to log vote barbad nhi hone dena chahte or jo jeet raha usi ko vote krte hain..
रवीश भाई बढ़िया आदमी हैं. रवीश भाई साठा चौरासी जाते है और पूरी कोशिश से ये दिखाते हैं कि राजपूत वोट सिर्फ राजपूत कैंडिडेट को ही मिलने वाला है, वहीँ मैनपुरी जाकर वो यादव वोटो को यादवों को ही मिलने के बारे में परसेप्शन बनाते हैं. बीच में सवर्ण बनाम पिछडो कि बहस को भी हवा देते हैं तो कहीं देवबंद वाले इलाके में मुसलमानों और जाटों के बीच में लकीर खींचते नज़र आते हैं. चंडीगढ़ गए थे तो ये बताने से पीछे नहीं रहे कि कैसे मॉडल सिटी की परिकल्पना कोरी हवाबाजी है और इस तरह बाहरी मजदूरों को इस सिटी ब्यूटीफुल के हार्ट में सीधे जगह नहीं मिल पाती. इंडिया अगेंस्ट करप्शन के दिनों मैं उनसे मिला था. बढ़िया इंसान हैं और बड़ी सरलता से उन्होंने कहा था कि जो मैं टीवी पर बोलता हूँ जरूरी नहीं वो मेरे मूल विचार हों और कई बार जो हम सोचते हैं और जो बोलते हैं उसमे बड़ा अंतर आ जाता है. यंग जेनरेशन को चाहिए वो ख़बरों के पीछे की खबर समझे.
फुर्सत में आम आदमी पार्टी के फाउंडर अश्विनी उपाध्याय के खुलासा वाले वीडियो देखिये.. अन्ना आन्दोलन में रामलीला ग्राउंड के पीछे एक वीआईपी टेंट में आशुतोष/पुण्य प्रसून वाजपयी/रविश वगैरह मीडिया वाले innovative आईडिया देते थे,जैसे--सबको अन्ना टोपी पहनाओ/केजरीवाल जी मफ़लर लपेटिये/सैंडल पहनिए... इससे आम आदमी की छवि बनेगी और क्रांतिकारी माहौल भी बनेगा.. फिर यही लोग टीवी पर केजरीवाल के पक्ष में हवा भी बांधते थे.. मतलब पूरी की पूरी नौटंकी पहले से ही सेट थी.. यहाँ तक कि अन्ना आन्दोलन के शुरुवात में ही तय हो गया था कि चुनावी पार्टी बनेगी.. लेकिन क्या है कि लालच/स्वार्थ बे-लगाम होते हैं.. पहले बिन्नी,फिर अश्विनी उपाध्याय जैसे ढेरों लोगों ने पोल-पट्टी खोलनी शुरू कर दी.. कुमार विश्वास भी जल्दी ही फुदक-फुदक के उड़ेगा..
वैसे ndtv के ही पंकज पचौरी प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार हैं..तो नमक-हलाली तो हर 'कीमत' पर करेंगे ही .
तार्किक/खोजबीन करने की प्रवृति बिलकुल होनी चाहिए.. जितनी जल्दी लोग मीडियाकर्मियों से काउंटर-क्वेश्चन करेंगे,लड़ाई और सरल होती जाएगी.. एक उत्सुकता और साझा करता हूँ.. मैंने कईयों से पुछा कि, उप्र और बिहार जीते बगैर दिल्ली में सरकार बनाना असंभव है.तो सुषमा स्वराज जैसी अग्रिम पंक्ति की नेता ने उप्र की सीट क्यों नहीं चुनी? ऐसे cozy होकर कांग्रेस को कैसे उखाड़ा जाएगा? और मीडियावालों ने कभी भाजपा के चुनावी-नीतियों पर सार्थक-सार-गर्भित प्रश्न नहीं पूछें हैं.जो भी पूछें हैं वो सब के सब नरेन्द्रमोदी के विरोध में ही हवा ख़राब करने में .. नंदन नीलकेनी दस साल तक कैबिनेट-मिनिस्टर की सुविधा लेते रहे,लेकिन किसी मीडियावालों ने उनसे कांग्रेस के भ्रष्टाचार पर कोई प्रश्न नहीं पूछे.जो भी बाइट्स बनाये हैं वो नंदन नीलकेनी के 'पक्ष' में ही?
Why you dont ask Namo/Raga , How price will come down? How education will be cheaper? How transportation will be better? How jobs will be created? How everybody will get water? What about medical facilities? security,internal & external? How naxalites will be reformed? Etc,etc.
accha hai.. waise kaha ki pic hai sir?
ReplyDeleteकई हॉकर्स की सिविल सर्वीसज़ में पहुचने की कहानियाँ पढ़ी है|
ReplyDeleteU.P. ke various shehro ka mizaz jan liya apne Ravish ji, capital kb a rhe hain....a humble request...
ReplyDeleteSapno ka aasman to Sabka ek jaisa hi hota hai
ReplyDeletehaqiqat ki zameen bhale kam ho!
Baat to uski nazar ki gahrai me hogi jo shiddat se aati hai
yeh to parosne se pehle chakhne jaisa hai.....jo bhi ho bande mein jigyasa to hai
ReplyDeleteRavish bhai sapna to har koi dekh sakta h.. Dekhna b chahiye...
ReplyDeleteEk dusri wajah se comment kar raha hu... Aaj pariwar walo ko socha aapki gujrat wali report dikhau.. Puri ndtv ki site chan mari par video nahi mila.. Mjhe yad h Dec 2012 ki thi shayd wo report.. site par 2010 k video hain 'ravish ki report' k par gujrat wala nhi! Aesa kyun bhala? Youtube par available h lekin fir b sawal to bnta h na sir? Ndtv bik gya kya? Maine suna ki apko pareshan b kia gya tha?
Jaruri samjhein to bataye jarur.. Baqi to Google/youtube hayiye hai..!
Ravish sir...Bihar ka koi plan....ek trip to banta hai....
ReplyDeleteBhanu, Gujarat report is available under Prime Time http://khabar.ndtv.com/video/show/prime-time/258349
ReplyDeleteThank you Vidya. So it was a PrimeTime show and not a 'Ravish ki Report'. I dint do proper research. Apologies ravish sir.
ReplyDeleteIts so easy to speak ill of any pillar of democracy for a common man... Every now and then we see all political party spokespersons blaming media for everything. As ravish mentions often that Such signs of media loosing credibility are not good for the health of a young democracy. I only added to it..
Lekin sir shaq to baeth hi gya h abb... UP m modiji ko 53 seat!! o.O... Pachta nahi h.. Acha kie the jo beech m delhi elections time par opinion polls band kie hue the ndtv wale... In sab se or kachra hota hai.. Ek voter ki bhavnao se khelna hi kyu hua... Uppar se hamare desh m to log vote barbad nhi hone dena chahte or jo jeet raha usi ko vote krte hain..
चिठिया हो तो हर कोई बाँचे
ReplyDeleteभाग ना बाँचे कोय
Adbhut sir ji.
ReplyDeleteरवीश भाई बढ़िया आदमी हैं. रवीश भाई साठा चौरासी जाते है और पूरी कोशिश से ये दिखाते हैं कि राजपूत वोट सिर्फ राजपूत कैंडिडेट को ही मिलने वाला है, वहीँ मैनपुरी जाकर वो यादव वोटो को यादवों को ही मिलने के बारे में परसेप्शन बनाते हैं. बीच में सवर्ण बनाम पिछडो कि बहस को भी हवा देते हैं तो कहीं देवबंद वाले इलाके में मुसलमानों और जाटों के बीच में लकीर खींचते नज़र आते हैं. चंडीगढ़ गए थे तो ये बताने से पीछे नहीं रहे कि कैसे मॉडल सिटी की परिकल्पना कोरी हवाबाजी है और इस तरह बाहरी मजदूरों को इस सिटी ब्यूटीफुल के हार्ट में सीधे जगह नहीं मिल पाती. इंडिया अगेंस्ट करप्शन के दिनों मैं उनसे मिला था. बढ़िया इंसान हैं और बड़ी सरलता से उन्होंने कहा था कि जो मैं टीवी पर बोलता हूँ जरूरी नहीं वो मेरे मूल विचार हों और कई बार जो हम सोचते हैं और जो बोलते हैं उसमे बड़ा अंतर आ जाता है. यंग जेनरेशन को चाहिए वो ख़बरों के पीछे की खबर समझे.
ReplyDeleteफुर्सत में आम आदमी पार्टी के फाउंडर अश्विनी उपाध्याय के खुलासा वाले वीडियो देखिये.. अन्ना आन्दोलन में रामलीला ग्राउंड के पीछे एक वीआईपी टेंट में आशुतोष/पुण्य प्रसून वाजपयी/रविश वगैरह मीडिया वाले innovative आईडिया देते थे,जैसे--सबको अन्ना टोपी पहनाओ/केजरीवाल जी मफ़लर लपेटिये/सैंडल पहनिए... इससे आम आदमी की छवि बनेगी और क्रांतिकारी माहौल भी बनेगा.. फिर यही लोग टीवी पर केजरीवाल के पक्ष में हवा भी बांधते थे.. मतलब पूरी की पूरी नौटंकी पहले से ही सेट थी.. यहाँ तक कि अन्ना आन्दोलन के शुरुवात में ही तय हो गया था कि चुनावी पार्टी बनेगी.. लेकिन क्या है कि लालच/स्वार्थ बे-लगाम होते हैं.. पहले बिन्नी,फिर अश्विनी उपाध्याय जैसे ढेरों लोगों ने पोल-पट्टी खोलनी शुरू कर दी.. कुमार विश्वास भी जल्दी ही फुदक-फुदक के उड़ेगा..
वैसे ndtv के ही पंकज पचौरी प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार हैं..तो नमक-हलाली तो हर 'कीमत' पर करेंगे ही .
तार्किक/खोजबीन करने की प्रवृति बिलकुल होनी चाहिए.. जितनी जल्दी लोग मीडियाकर्मियों से काउंटर-क्वेश्चन करेंगे,लड़ाई और सरल होती जाएगी.. एक उत्सुकता और साझा करता हूँ.. मैंने कईयों से पुछा कि, उप्र और बिहार जीते बगैर दिल्ली में सरकार बनाना असंभव है.तो सुषमा स्वराज जैसी अग्रिम पंक्ति की नेता ने उप्र की सीट क्यों नहीं चुनी? ऐसे cozy होकर कांग्रेस को कैसे उखाड़ा जाएगा? और मीडियावालों ने कभी भाजपा के चुनावी-नीतियों पर सार्थक-सार-गर्भित प्रश्न नहीं पूछें हैं.जो भी पूछें हैं वो सब के सब नरेन्द्रमोदी के विरोध में ही हवा ख़राब करने में .. नंदन नीलकेनी दस साल तक कैबिनेट-मिनिस्टर की सुविधा लेते रहे,लेकिन किसी मीडियावालों ने उनसे कांग्रेस के भ्रष्टाचार पर कोई प्रश्न नहीं पूछे.जो भी बाइट्स बनाये हैं वो नंदन नीलकेनी के 'पक्ष' में ही?
बाकी जो है वो हैय्ये ही है.
copy & pasted from media truth..
SIR JI jagruk ho raha hai India
ReplyDeleteWhy you dont ask Namo/Raga ,
ReplyDeleteHow price will come down?
How education will be cheaper?
How transportation will be better?
How jobs will be created?
How everybody will get water?
What about medical facilities?
security,internal & external?
How naxalites will be reformed?
Etc,etc.
NDTV is anti Hindu pro congress.So is AajTak.
ReplyDeleteWhole media is for Congress/