"और मैं कहता हूं
आपने शासक बहुत देख लिए,
एक बार इस सेवक को आजमाकर देखिए
मैं आज हिन्दुस्तान की हर गली,मोहल्ले में, हर मतदाता से
मैं खुद के लिए वोट मांगने आया हूं
कि आप कमल के निशान पर बटन दबाइए
आपका वोट सीदा-सीधा मुझे मिलनेवाला है"
ग़नीमत है नरेंद्र मोदी को चुनाव लड़ने के लिए एक पार्टी के निशान की ज़रूरत है वर्ना वो बीजेपी का भी नाम लेना बंद कर देते । मोदी का बस चले तो ई वी एम मशीन से कमल का निशान हटाकर अपनी तस्वीर लगा दें । "कमल के निशान पर बटन दबेगा वो सीधा मुझे मिलेगा ।" मोदी खुद ही बोल रहे हैं । रैलियों में भी उन्होंने अपने मुँह से मोदी का नाम जपना शुरू किया है । मोदी को लग रहा है कि बीजेपी को भी पहले से बता कर रखना चाहिए कि वोट उन्हें मिला है ताकि किसी संख्या संकट की स्थिति में कोई और दावेदार न आ जाये । यहाँ तक कि वे केजरीवाल के आटो स्पेस में भी आ गए हैं ।
बीजेपी भी मोदी के नाम वोट मांग रही है । अबकी बार मोदी सरकार का नारा लिखा जा रहा है । भाजपा सरकार या एन डी ए सरकार कहने की औपचारिकता भी समाप्त हो गई है । मोदी चुनाव में ऐसे भाषण दे रहे हैं जैसे जनता को ब्लैंक चेक साइन करके दे रहे हैं । सितंबर में प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवारी का एलान और छह महीने बाद अप्रैल में घोषणा पत्र तक नहीं । बीजेपी के नेता कहते हैं कि मोदी का भाषण ही घोषणापत्र है । मोदी ही सब है ।
मोदी खुद में रम गए हैं । बीजेपी मोदी में रम गई है । पिछले सात महीनों में मोदी ने कितने रंग के कुर्ते पहने हैं इसी का कोई कोलाज बनाए तो अलग तस्वीर नज़र आएगी । वे हर दिन एक नए कुर्ते में होते हैं । उनकी सदरी भी अलग अलग तरह की होती हाल। कई बार लगता है कि इनके पास कितने प्रकार के कुर्ते हैं । क्या एक रंग के पचास पचास कुर्ते हैं । एक रणनीति यह हो सकती है कि हमेशा नए रंग के कपड़े में दिखाओ ताकि जनता के बीच उम्मीद की तरह फैल जायें । लोग उन्हें तरोताज़ा और कुछ करने वाला समझें । ऐसा नहीं कि बाकी नेताओं के पास कम कुर्ते होंगे मगर इतनी वेरायटी मैंने किसी नेता में नहीं देखी है । हर नेता अपनी छवि बनाने के लिए पहनावों पर ध्यान देता है मगर मोदी अतिरेक के स्तर से भी आगे जा चुके हैं ।
तमाम होर्डिंग में उनके पोज़ की वेरायटी देखिये । लगेगा कि चुनाव शुरू होने से पहले ही खींच कर रख लिये गए हों । हर दिन तीन रैलियाँ करने वाले मोदी के पास वक्त कहाँ से निकलता होगा कि वे कैमरों के सामने अलग अलग मुद्रायें बनाते होंगे । इस चुनाव में इतना परिश्रम तो कोई दूसरा कर ही नहीं रहा है । लेकिन खुद के अनेक रंग रूप में पेश करने की धुन किसी व्यक्ति की अन्य मनोवृत्ति को दर्शाती है । एक ही शहर में लगे तमाम होर्डिंग में एक ही नेता इतने पोज़ में नज़र आ रहा है । एक ही दिन के अख़बारों के अलग अलग पन्नों पर उनकी तस्वीरें छप रही हैं । हर स्लोगन के साथ नए कपड़ा या नया पोज़ । इसका पैसा कहाँ से आ रहा है ये सवाल तो कोई पूछ ही नहीं रहा । पूछेंगे तो उनके लोग चढ़ जायेंगे कि आपने राहुल गांधी से पूछा ।
Kataksh! Bahut khub.
ReplyDeleteNarcissism और Fascism में कोई सम्बन्ध होता है की नहीं.मुझे नहीं पता .अगर आपको या किसी को पता हो जरूर बताएं.
ReplyDeleteNarcissism is the root of fascism
Deleteकोई कसर नहीं है बाकी।
ReplyDeleteजब एक आदमी को ब्रांड बना कर प्रस्तुत किया जाता है तो यही होता है "रवीश सर", देखते नहीं हैं प्रोडक्ट वही होता है पर हर बार नये पैकिंग में लाकर "पहले से और भी बेहतर" कह के बेचा जाता है और लोग नया समझ कर फिर से बेवकूफ बन जाते हैं. ये कुछ कुछ रंगे सियार कि तरह का मामला है..
ReplyDeleteसर काश आप जैसे लोग राजनीती में होते, ऐसे हैं पर बहुत कम | आजकल जो आप अंतिम आदमी(सही मुद्दे) कि जो बातें दिखा रहें हैं उससे ये तो लगता है कि चलो कोई तो सच्ची (भले १००% न हो) पर अच्छी पत्रकारिता कर रहा है|
खास कर आपकी "शुभम" और "शमा" जैसे युवाओं से बातचीत बरी प्यारी और ऊर्जा प्रदान करने वाली थी, ऐसे ही आपना कम जारी रखें सर.. पर कभी कभी ये डर भी लगता कि किसी दिन आपके सीनियर का फ़ोन आये और ये प्रोग्राम बंद करवा दिया जाये ये कहते हुए कि कोई मुनाफे वाला प्रोग्राम बनाओ जैसे कि दूसरे उल जलूल दिखा रहें हैं............
Ravishbhai gujarat ne ek mahatma Gandhi the !
ReplyDeleteGandhi. Vs. Modi
Ahinsa. Hinsa karo
Sadagi. Adambar,dikhava
Sachai. Juth ka sahara
Swadeshi. Videshi apnavo
Dharma sahisnu. Kattar soch
Social. Corporate
Mahatma. Selfish
Gandhiji kudko insane samajte the ,or modi kudko bhagavan,(gujarat no nath)
Ghandiji ki soch thi pichadi jati ki vikash Ho or hamare modi kud ko pichada batata he,
Akher me nathuram godse ne tin goli se bapu ki hatya ki thi,magar aaj lagata he ki chothi(4) goli baki thi jise ab pure desh ko khatra he,
Ravishbhai gujarat ne ek mahatma Gandhi the !
ReplyDeleteGandhi. Vs. Modi
Ahinsa. Hinsa karo
Sadagi. Adambar,dikhava
Sachai. Juth ka sahara
Swadeshi. Videshi apnavo
Dharma sahisnu. Kattar soch
Social. Corporate
Mahatma. Selfish
Gandhiji kudko insane samajte the ,or modi kudko bhagavan,(gujarat no nath)
Ghandiji ki soch thi pichadi jati ki vikash Ho or hamare modi kud ko pichada batata he,
Akher me nathuram godse ne tin goli se bapu ki hatya ki thi,magar aaj lagata he ki chothi(4) goli baki thi jise ab pure desh ko khatra he,
Paisa jahan se aa raha hai, voh sabko maloom hai . Kach me nai nai industry lagwai gai hai voh kab kam aayege . Yeh prachar corporate prayojit hai kitne Political parties bol rahi hai. Ek Nitish kumar, doosre Kejriwal aur Comunist Parties . Congress, SP , BSP , BJD, TDP, YSR Congress yeh saare to bolne se rahe . Is baar 18-40 saal wale voter 60% hai . Aap to dilli wale ho. Aajkal yuva kee kya pasand hai aap se jyada kaun janta hoga. Modi unhi ke Brand ambassador hai . Modi oosee 60% me se 40-45% vote kheenchne kee koshish kar rahe hai . Baqi 40 % me aap aur hum. Isme jo bhi mil jai(min 15%)voh "Bhage Bhoot kee Langotee". Aur to jo hai so haiye hai.
ReplyDeleteउपलब्धियों के साथ ब्यक्ति अहंकारी भी हो जाता है ये इक सच है हो सकता ये बात सब पे लागू न होती हो पर ये सच है मोदी के साथ भी ये होने लगा है पहले बो कहते थे भाजपा ने चाय बाले कहा से कहा ला दिया अब कहते है की कमल के फूल पर बटन दवाना वोट मुझे ही मिलेगा और कल जब वो प्रधानमंत्री बन गये तो कह सकते है की में राजा हूँ और इस देश को मोदी ने बनाया में देश ने मोदी को नहीं ! मोदी के आने का यही डर है ! भाजपा का गाना "अछे दिन बाले हैं हम मोदी जी को लेन बाले है " ऐसा लगता है की जेसे इस देश की खुशियाँ कहीं कैद थी जो हम रविन्हुड मोदी जी छुड़ा कर लायेंगे ! जेसे मोदी जी के कुरते की जेव में कैद हैं
ReplyDeleteइक सवाल मेरा वनारस के लोगो से भी है अगर मोदी वनारस से जीते और उन्होंने वनारस की शीट छोड तब वनारस के लोग क्या करंगे ! ?
आप का सहारनपुर का पूरा प्रोग्राम रविवार को दोपहर में देखा। कितने परतो में ये देश बसता हैं। यकीन मानिए शमा की गाँव जैसे गाँव की संख्या उत्तर और पूर्व में ज्यादा हैं।
ReplyDeleteआपकी हमारी प्रशंसा की जरूरत न पड़े पर हम तो कायल हैं। मानवीयता आपकी , आपके ब्लॉग्स और प्रोग्राम में झलकती हैं।
मुझे और चम्पारण को गर्व हैं आप पर।
निस्पक्ष होकर झकझोरिये व्यवस्था को , उठाते रहिये हांसिये के मसले। धन्यवाद , रवीश भाई।
वैसे हमारे हुक्मरानो की ऑखें बहुत कुछ बोलती हैं। सदभाव , empathy , विनम्रता आदि ,आदि ;
iltijaa na gire chilman au juba ki tarteeb
ham khaksaro ki bani rahe nazar-e-fareb
leadership to majboot hi honi chahiye.indira gandhi ke liye bhi yahi kaha jata tha par unse achchha p.m. aaj tak desh ko mila kya.aise lizlize leader se jise khud pe bharosa hi na ho so called ahankari hi sahi.
ReplyDeleteमुझे यकीन है कोई (बुद्धिजीवी), इस समय चुप चाप कहीं, एक किताब लिख रहा होगा - "मैनीफचरिंग कंसेंट - इंडियन स्टाइल (इलेक्शन '१४)"
ReplyDeleteमज़ाक की बात नहीं। सही में इसका अध्यन करना चाहिए कैसे इतने सुचारू रूप से छवि बनाने और उसे बदलने का काम - कब से, किसके द्वारा, कैसे और किस क़ीमत पर किया गया। इस मामले में तो मोदी ओबामा से भी आगे निकल गए।
नोट: जो लोग सोच रहे हैं कि मोदी के आने पर दिल्ली का दरबारी कल्चर बदल जाएगा, वो विश्वास और इत्मीनान रखें कि बिलकुल दरबारी बदल जाएँगे पर दरबार फिर भी रहेगा। दीवान-ए-ख़ास की जगह बदल जायेगी पर बादशाह फिर भी रहेगा।
Ravish Ji.......15 Salo se aaj tk jb bi Delhi se apne hometowm Budaun (UP) jata hu to road Waise hi ghadde ...ghadde ...ghadde .Partiya khti hai vikas ho rha hai....shayd theek hi hai ghaddo ka vikas ho rha hia chahe wo sadke ho ya desh....ghadde me hi hai. Rail me safr kro to ek reserve sheet pr km se km 5 log bas se safar kro to.........hai Bhagwaan...har baar kiraya bada hua hota hai.
ReplyDeleteRavish ji kya aap ne kabhi Aanand Vihar ke samne UP Roadways ki baso ke karn Jam Dekha hia jo wo lambi lambi line bna kr diesel Delhi me dlwati hai or presaan janta hoti hai. Jb kiraya hr bar bdta hai to Diesel Delhi se kyo ? Kisi ke paas koi jawab nahi....kya modi real me Desh ko Theek kr denge.........
Today I was in Baroda ....it's seems that It is the capital of India and Modi is PM ! Full of posters . :D :D
ReplyDeleteravishji, kapdon ka kharcha to bahut nahi hoga, asli kharcha to prachaar ke liye saikdon tv,akhbaar aur pat vigyaapan mein hi hota hai.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
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ReplyDeletebaaki baatein ek taraf lekin ek bunyaadi baat hi desh ka har naagrik samajhane ki koshish kare toh sahi mat dena shaayad uske liye aasan ho jaaye. koi bhi umeedwaar neta jo dharmandh (fanatic)ho woh kam se kam bharat jaise desh ka pradhanmatri toh kya kisi prakaar ka mantri banne yogya nahi hai.jis kisi ke bhaashann ya kaam karne ke tareeke mein pratyaksh apratyaksh tareeke se vibhaajan ki durganddh aaye woh desh ki seva karne ke liye nahin balki apni seva karaane ke liye laalayeet hai. jis kisi ke iraadon ki neenv vibhaajan par tikee ho woh iraade kitne mazboot aur kamzor honge iska andazaa lagana parde ke peeche ke shaddyantra ko samjhne ke muqaable asaan kaam hai. if you believe in unity beware of the ones who believe in division!
ReplyDeleteजब तक हम डरते रहेंगे हम कुछ ना कुछ समानता ढूंढकर एक झुंड बनाते रहेंगे, साउथ मे नार्थ के लोग और नार्थ मे साउथ के लोग भी झुंड बनाते है, ऐसे मौके पर जाति बिरादरी भी नही देखी जाती, बस डर से निजात पाने का एक तरीका भर होता है, या कहे अपना असर बनाने का तरीका होता है। अपने अपने डर और असर बनाने की चाहत से छुटकारा पाने की कोशिश करनी होगी, तभी सही चुनाव सम्भव होगा।
ReplyDeleteModi jis tarah ke sevak hain unke chahne vale bhi usi tarah ke sevadaar hain , itna guroor ki bas FB main unfriend karne ke alava koi raasta nahi soojhta.bhakti ho rahi hai proper jaise modi Bhagwan Vishnu ke avatar hoon, har har modi, namo namo .. Ese slogan kaun neta ke liye likhta hai. Aur kaun insaan itna ghamandi hoga (ravan ki baat na karein too) Jo khud ko ese pukare jane par etraaz na kare .... He is actually enjoying to be treated like God .. Shame on him . Insaan ban nahi paye Bhagwan banane chale
ReplyDeleteab kuch bhi ho ravish jee.. you have to give him credit..he is not like RAGA jo khle sure hone se pehale he haar maan liya hai..
ReplyDeleteab jo bhi ho, abki baar modi sarkar..
जी बिलकुल सही किसी को अब पुछने का अधिकार नही है कारण अपने खुद के चरित्र मे खोजे मीडिया,२००२ - २०१४ के समय मे कितना कुछ इस मोदी के बारे मे नही कहा या नही हुआ ? किस कलर का कुरता पहनते है उसकी जगह ये पता करे की कहा से मिलती है इतनी उरजा ,केजरी हो या रागा इतनी भुख दिखा पायेनगे ?
ReplyDeleteजी बिलकुल सही किसी को अब पुछने का अधिकार नही है कारण अपने खुद के चरित्र मे खोजे मीडिया,२००२ - २०१४ के समय मे कितना कुछ इस मोदी के बारे मे नही कहा या नही हुआ ? किस कलर का कुरता पहनते है उसकी जगह ये पता करे की कहा से मिलती है इतनी उरजा ,केजरी हो या रागा इतनी भुख दिखा पायेनगे ?
ReplyDeleteSIR JI yeh sab kuch din ki bat hai,
ReplyDeleteelections ke bad sab gayab ho jayenge.
Aapka hangout dekha. Gussa accha hai, mujhe bhi bahut aata hai. Me ek party ke liye kaam kar raha hu. Kabhi thak jata hu aur mayusiyat bhi ho jati hai. Aapko dekh kar thoda bal milta hai. Apni sehat ka dhyan rakhiyega, aapke jaiso ki bahut jarurat hai
ReplyDeleteRavish ji, baki log modi se itana kyo dar rahe hai, raja koi bhi ho, kaisa bhi ho ,janta ka hal vahi rahta hai jaisa aap p.t. me dikha rahe hai.
ReplyDeleteUpcoming ideology would be like (according to bjp troll ) "Hindustan mein rhena hai to modi modi kehna hai"
ReplyDeleteMi TV Anchors ko bhi dekh kar sochti hu roj ye naye kapde kaha se pahnte hi. Channel deta hi ki apna hota hi?
ReplyDeleteSach me dekh kar mi sochti hu.
रवीश दा, हम कुछ मित्रों ने आपके प्राइम टाइम से प्रेरित हो कर मोदी जी की आलोचना लिखने का एक प्रयास किया है। आप से और क़स्बा के सभी साथियों से अनुरोध है कि एक बार ज़रूर पढ़िए। शुक्रिया। ब्लॉग का लिंक है http://ek-aur-inquilab.blogspot.in/2014/04/part-i.html
ReplyDeleteरंग रंगीला परजातंतर...
ReplyDeleteतुम्हारे wassapp में ये चुटकुला आया कि नहीं...
ReplyDeleteएक लड़का गुलदस्ता लिए लड़की के दरवाजे के सामने घुटनो के बल बैठ गया सोच कर कि जैसे ही वो दरवाजा खोलेगी प्रपोस कर दूंगा..लेकिन दरवाजा लड़की कि माँ खोल देती है तो तो वो सकपका कर बोलता है..
आंटी अब की बार, मोदी सरकार :))
वैसे ऊपर वाले कमेंट से मै भी सहमत हूँ..तुम एंकरों को रोज के नए कपडे कौन देता है जी ?? वाइट मनी ही होगी ;)
disclaimer : मै मोदी जापक कतई नहीं हूँ..वोट फॉर आप और NOTA
Vampanth ke gutti peeye logon ko ap kuch soojh nahi raha toh kapdon kee baat karne lage..Jalan...Burnol ke khapat JNU main badh gayi hogi??Main yah nahi poochoonga paisa kahan se aaya.
ReplyDeleteAre laal salam walon kuch solution to de nahi saktey..Jaati/Dharam kaam nahi kar raha hai.Khud toh 20 seat lane wale nahi hain..Lakin koi koshish kar raha hai kuch accha karne kee toh pet main dard kyon ho raha hai???
ReplyDeleteKripya Andh samarthak modi ko gali dene kee jagah doosra loktantrik vikalp batayiey
Andh Samarthak Radia Tapes /Krantikari vajpayee/Pattharbaaj Ashutop se poocho paisa kahan se milta hai?
ReplyDeleteVampanthi ganag bahut chatur hai..10 saal k UPA par koi baat nahi kar raha hai..Sab modi k peeche pade hain jaisey 10 saal se woh PM hai.Itna dar kahe ka hai bhai???NGO ka dhanda gujrat main band nahi hua hai aage bhee band nahi hoga so chillll..
ReplyDeletejo djyada dikhta hai vahi to bikta hai .
ReplyDeletejo jyada dikhta hai vahi to bikta hai .
ReplyDeleteअधिक कुछ लिखने की जरूरत नहीं है, जो "समझदार" हैं वे जानते हैं कि इस समय देश की जरूरत क्या है. अलबत्ता जिन्हें "भगोड़ी बवासीर" अथवा "सेकुलरिज़्म की रतौंधी" हो वे खुद अपने मुँह से कह चुके हैं कि उन्हें "अस्थिरता" पसंद है...
ReplyDeleteमतदान का महापर्व आरम्भ हो चुका है. प्रिय युवाओं, आईये नए भारत का निर्माण करें. देश को किसी तीसरे-चौथे-पांचवें मोर्चे की सरकार के हवाले होने से बचाएं... "काँग्रेस मुक्त भारत" ही देश की तरक्की की राह आसान करेगा...
=================
हर-हर मोदी, घर-घर मोदी... अबकी बार मोदी सरकार.
नरेंद्र मोदी '' लूज़े '' (सौजन्य स्व. राजीव गांधी ) या जीतें … काफी मेहनत किया है ! बहुत पहले से तैयारी करते आ रहे है। परीक्षा से पहले वाली तैयारी में परिश्रम झलक रहा है बाकी रिजल्ट चाहे जैसा आये। '' रोटी और कमल '' मोदी और कमल हो गया है।
ReplyDeleteवह भी उन्हीं के श्रीमुख से। शायद , बागपत में पहली बार उन्होंने यह नारा दिया !
भाजपा , कमल , एनडीए सभ मोदी में बदल गया गया है यह संघ से भी छूट है ! किसी भी कीमत पर 2014 , 2004 न पाये ! 'गुब्बारा ' न फूटे !
मोदी को अंदरूनी भय तो है न कि 'भाजपा सेकुलर है , मोदी कम्युनल' है ? जैसे अटल युग में अटल जी सेकुलर आडवाणी कम्युनल ?
आडवाणी , राजनाथ , अरुण जेटली , सुषमा जी सभी सेकुलर हैं , मोदी कम्युनल हैं ! मेहनत मोदी करें और सेकुलरिज्म के नाम पर राजनाथ या आडवाणी जी आ जाएं ? इसलिए मोदी अब खुद मोदी का पाठ करने लगे हैं। संघ ने इसलिये साफ़ कर दिया है कि मोदी नहीं तो विपरीत स्थिति में विपक्ष में।
यह चुनाव मोदी बनाम सभका है। मोदी मुद्दा बन गए हैं। मनमोहन सिंह जी उर्फ़ पीएम जी के लिए फायदेमंद भी हो सकता है कि वे मुद्दा नहीं हैं , जबकि दस साल से वे सरकार चला रहे हैं। सबके तीर मोदी पर चल रहे हैं , मानों दस साल से गुजरात से ही केंद्र सरकार चल रही हो।
केजरीवालजी जी भी सोनिया जी या राहुल जी से नहीं मोदी से लड़ रहे हैं। मोदी ही महंगाई , बेरोजगारी , बीमारी , असुरक्षा , अशिक्षा , गरीबी के लिए , सड़क , बिजली , पानी के लिए जिम्मेदार हैं ? है , न ! पिछले 50 -60 साल से वे ही तमाम पिछड़ेपन के लिए जिम्मेदार हैं ?
ध्यान रहे , मोदी की शानदार बढ़त में '' सेकुलर फ्रंट '' की महान भूमिका है। गुजरात की तरह पूरे भारत में मतदाताओं के एक वर्ग का सहनुभूति भोट भी मोदी को मिलेगा। कारण , सभी इसी पर पड़े हुए हैं !
jo djyada dikhta hai vahi to bikta hai .
ReplyDeleteKya eek CM ke paas apne kapde kharidne ke bhi paise nahi hote hain kya???
ReplyDeletesawal hi be buniyad hai.
bakwas sirf bakwas.
Raviswa pagla gaile hoo.
yee article kisi puhadpana see kam nahi hai.
ReplyDeletegandi soch ka dimak lag gaya hai ravish ke dimag ko yaa fir kisi PAAP ki prachar karne kaa kaam kar rahen hain wo bhi sakta hai.
akhir yee saab ashutosh ke hi biradari ke hain. kuch acha hazam hi nahi hota inko kyun ravish sahi kaha naa???
Kya eek CM ke paas apne kapde kharidne ke bhi paise nahi hote hain kya???
ReplyDeletesawal hi be buniyad hai.
bakwas sirf bakwas.
Raviswa pagla gaile hoo.
आपने अपने लेख में ही इसका जवाब दे दिया है । जब कोई व्यक्ति ब्रांड बन जाता है या वह स्वयं को ऐसा प्रस्तुत करता है तो यह सब तो होना स्वाभाविक है !
ReplyDeletePramod ji kee baton me kafi dam hai. Congress /UPA ka vikalp kya hai. Yadi BJP nahi to Third front kya . Modi ji ko appose karne wale Jaswant singh the lekin yadi unhe Badmer se ticket mil jata to voh bhi santusht ho jate . BJP me sara virodh kewal seats ko lekar hua. Yani ki Modi kee vichardhara ya unke taur tareenkon se koi etraj nahi. MODI 200 ke upar le aaye to Minister. 200 se kam to Prime Minister kee Probability. Dono hath me laddu, so called secular aur Minister Rajyog hua to Prime Minister."Khan sahib yeh ticket to Intzari hai"
ReplyDeleteयह बात तो बिलकुल सही है की अब बीजेपी नहीं रहा, बस मोदी रह गया है. लेकिन सच्चाई यह भी है की एक अकेला प्रधानमंत्री सब कुछ नहीं कर सकता. अगर वो सब कुछ कर सकता तो मनमोहन सिंह भी ख़राब नेता नहीं हैं, लेकिन उनके हाथो में कुछ नहीं था.
ReplyDeleteyuvaon ki image ki bhookh ka bhojan hain modi ji, jabki harek jaankari google par available hai aise me vichaar, vishleshana aprasangik malum hote hain..
ReplyDeleteModi brand Nirasha me asha ka brand hai....verna aap hi bataye yeh ek insaan aisa kya karlega jeet ne ke baad ki desh ke din badal jayenge
ReplyDelete.Nahi koi Jadu nahi na kar sakta hai bhai....Desh me Nirasha ki hawa hai jis par Modiji sawar Hai.
http://guptgu.blogspot.in
ReplyDeletehttp://guptgu.blogspot.in
ReplyDeleteFirst you Clean your Body,Mind,Face & Heart, Then Only you can do for others same things. That's only MODI want to say "PEOPLE OF INDIA"
ReplyDeleteFirst you Clean your Body,Mind,Face & Heart, Then Only you can do for others same things. That's only MODI want to say "PEOPLE OF INDIA"
ReplyDeleteAap khud apni branding apne hi blog par karte ho...kai baar padha hai apni stuti gaan hi had paar kar jaate ho.....(example ke taur pe :..kisi ne rote hue phone kiya..beta bolne lagi ..kisi ne bhai bol diya...falana mere liye cake le ke aaya...wagar wagar)aisa lagta hai apne aap ko sarwashresta patrakaar ghoshit kar liye ho.... Aapke pass aisa karne ki monopoly thode hai...baki bhi kar sakte hain...baki jo hai si haiye hai..
ReplyDeleteRavish jee sada Gandhi Gandhi ka jaap karne walo se ek prarthna thi ki ek baar NATURAM GODSEY ke antim shabd bhi padh lete. NATURAM GODSEY ka kadam shayad galat tha magar uski bhawana nahi.
ReplyDeleteऐसा क्या लिख दिया आपने जो मोदी भक्तों को इतनी पीढ़ा हो गयी की भाषायी संस्कार तक भूल गए......स्वस्थ्य आलोचना होनी ही चाहिए और आपके पास वह दृष्टी भी है और शब्द भी ....! बहुत बढ़िया !!!!
ReplyDeleteBhaiyo aap log jo kuch bhi bol rahe ho midi ji je bare me..plzz ek bar apne uper isko apply krke dekho tab khud hi samajh jaoge...kya aap log partiyo me naye kaprhe pahanke nai jana chahte...jab itni barhi party hai to aisa nai ho sakta ki unke paas kaprhe kharidne ki b paisa na ho..ye to had hai bhaiyo...kya aap logo ko nai lagta ki dunia gujrat ki tareef kyu karti hai...
ReplyDeleteKya Aap Logo ko Ye B Nai Pata ki Japan Ne Modi Ki Tarif Kyu ki?..
Modi Ji Ke Aane Se Changes Honge..so Is Bar Kebal Modi Sarkar