दक्षिण दिल्ली का डियर पार्क बेहद हरा भरा और ख़ूबसूरत है । आसमान कम पेड़ ज़्यादा दिखते हैं । दिनों से तमन्ना थी कि डियर पार्क के लम्बे रास्ते पर चलूँ । लंबा तो है मगर बहुत लम्बा नहीं मगर । पेड़ आसमान को ढंक कर इसके आधे हिस्से को ओझल कर देते हैं । लगता है कि रास्ता इतना लम्बा है कि दूसरा छोर दिख भी नहीं रहा । आज ओर छोर पार कर गया । जैसे ही थोड़ा वक्त मिला चलने चला गया । अद्भुत आनंद और शांति । लगा कि मैं खुद के साथ हूँ ।
रास्ते में व्यायाम करने के तरीके बताने वाले कई बाइलिंगुअल साइनबोर्ड मिले । इनके दोनों भाषाओं मेम साथ साथ पढ़ते हुए लगा कि हम एक साथ स्कूल और पार्क दोनों में चल रहे हैं ।
फिर एक बहुत पुरानी सीढ़ी भी मिली । चढ़ने से पहले सोचने लगा कि इन्हीं से एक दिन उतरना भी है । हम रोज़ चढ़ते उतरते भी रहते हैं ।
मतलब, आज प्राइम टाइम कोई और प्रस्तुत कर रहा है :)
ReplyDeleteAapka Gandhiji ke uper prime time discussion achchha tha.. i mean kam se kam kisi channel ne dikhaya otherwise waki sab to TRP batorne mein lage the.
ReplyDeleteyakinan kal ka prime time bahut achha tha.....pr Friday ko aap nahi aate...aapka intzar hamesha rahta hai......
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबढ़िया है रविश सर
ReplyDeleteआप पार्क में घूमते रहिये.
इस देश में बहुत कुछ हो रहा है जो देश का 'आम' आदमी जानना चाहता है..
एक ठो रिपोर्ट का लिंक चस्पा रहे हैं, डिलीट मत कीजिएगा ..
हो सके तो एकगो स्टोरी बनाइये.... आपके लेनल, ओह सोरी चेनल का टी आर पी में काफी बढोतरी होगी.. लकड़ी को छू कर.. ओह नो टचवुड कहते हैं.
http://pcwedsndtv.blogspot.in/2013/10/unholy-wedding-of-p-chidambaram-with_17.html
Thoda time nikalkar PRIME TIME mai bhi aa jaye.pls
ReplyDeleteimage ache hai,ap photography bhi karte hai sir
ReplyDeletebahot khub
ReplyDeleteबड़े शहरों ने अपने किसी छोटे कोने में ऐसी जगह बचा के रखी है ये जान/देखकर ख़ुशी हुई। साथ ही बहुत सी पुरानी यादें भी ताज़ा हो गईं। बहुत सुन्दर था शहर। कम से कम उस नज़र से जिससे मैं उसे देखता था। शायद अब भी होगा। क्या कहते हैं रवीशजी एक राउंड और लगा आया जाए !
ReplyDeleteचढ़ने से पहले सोचने लगा कि इन्हीं से एक दिन उतरना भी है । हम रोज़ चढ़ते उतरते भी रहते हैं
ReplyDeleteवाह सर क्या रूहानी नजरिया है , एक पल में हकीक़त से रूबरू करा दिया ...अद्भुद
इसमें डियर कहाँ है?:)
ReplyDeleteनिर्देश रोचक लगे, अच्छा होता चित्र ही लगा देते।
ReplyDeleteडियर पार्क हॉउस खास के पास है ,में अक्सर यहाँ जाता था,एक बहुत सुन्दर मंदिर है यहाँ पर भगवान जग्गनाथ का !
ReplyDeleteइसके अन्दर एक रिसोर्ट भी है,
यहाँ पर सत्संग भी होता है ,
जगन्नाथ मंदिर बहुत सुन्दर है ,जाइएगा ज़रूर ,
और हाँ प्रसाद जरुर खाइयेगा |
जय जगन्नाथ !
sir ghaziabad chhod diya kya?
ReplyDelete