एक आईएएस अफ़सर का फ़ोन आया । अरविंद के साथ मेरा हमलोग चल रहा था । उन्हें ग़ुस्सा इस बात को लेकर था कि इस आदमी को चोर बेईमान बताने में मैंने विशेष परिश्रम क्यों नहीं किया । पहला सवाल क्या ये गारंटी लो सकते हैं कि इनके सारे उम्मीदवार ईमानदार रहेंगे । मैंने कहा क्या ये सवाल आप कांग्रेस बीजेपी से कर रहे हैं ? कोई जवाब हीं । फिर कहने लगे पता है कौशांबी में कितने फ़्लैट हैं । मैंने कहा एक हैं । जैसा देखा था आज तक वैसे ही है । आप के पास सबूत है तो दीजिये कल खुद अरविंद को घेर कर पूछूँगा । जनाब चुप हो गए । फिर मैंने कहा दोनों नौकरी करते हैं । दो घर ख़रीद लिया होगा तो कौन सी बड़ी बात है । मैं भी ख़रीदने की सोच रहा हूँ । यह कहाँ लिखा है कि दूसरा घर चोरी का होता है । तो तड़ से अफ़सर साहब बोले लेकिन आपने क्यों नहीं पूछा कि पत्नी क्यों इंकम टैक्स में नौकरी करती है । मुझसे रहा नहीं गया । पूछ दिया कि उनकी पत्नी क्या करे इसका फ़ैसला आप करेंगे, अरविंद करेंगे या उनकी पत्नी । मैं अरविंद को चोर मानने के लिए तैयार हूँ बस आप अपना बता दीजिये । आप सौ प्रतिशत ईमानदार हैं न । फ़ोन कट गया । सही में कट गया । दोबारा नहीं आया ।
अब समझ आ रहा है । दरअसल भ्रष्टाचार एक सिस्टम है । इस सिस्टम का पीड़ित भी लाभार्थी है । जो रिश्वत देता है वो उससे कमाता भी है । हाँ इस सिस्टम के बाहर के गेट पर खड़ा आम आदमी ही मर रहा है बस । भीतर लेन देन करने वालों को कोई दिक्क्त नहीं है । यही लोग चाहते हैं कि बस कहीं से कोई एक बार अरविंद केजरीवाल को चोर साबित कर दे । ताकि करप्शन को लेकर उन्हें नैतिक संकट का सामना न करना पड़े । भ्रष्टाचार सीमित परंतु बड़ी संख्या में लोगों के रोज़गार का ज़रिया भी है । इसी सिस्टम से प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जुड़े लोग सवाल करते हैं कि भाई साहब सचमुच अरविंद ईमानदार है । ये लोग चाहते हैं कि हे भगवान अरविंद को फ़ेल करा देना । उनकी बस यही चिंता है कि खुद की ईमानदारी और दूसरे भ्रष्ट को पकड़वाने का दावा करने वाला न जीते । ये और बात है कि हार जीत का निर्णय जनता तमाम बातों को देखकर करेगी मगर इसमें ईमानदारी पर सवाल करने वाला एक तबक़ा अलग से हैं ।
AAP will be the new age indian political party....we must give them a try
ReplyDeleteaap ne likha hai "sahi mein arvind imaandaar hai"?yes he is.i wanna see him as winner.bqz mein chahti hoon ki mera imaandari and sachai se vishwas na uthe.jo sapna arvind dekhte hai woh hee hum bhi dekhte hai ki sachai ki jeet ho.kahin se to ache ki shuruat ho .jaise aap jaise kuch imaandaar reporter hai baise politics mein bhi aa jaye to kitna acha ho
ReplyDeleteI totally agree with you....
Deleteu r right
Deleteअगर अरविंद इमान्दार नहीं है तो क्या हो जायेगा एक नया खिलाड़ी आ जायेगा और स्थति ज्यों की त्यों रह जायेगी । पर अगर वो सही निकला और जनलोकपाल बना दिया सुराज लाने लगा इमान्दारी को प्रोत्साहन और बेईमानों को सज़ा होने लगी तो हिन्दुस्तान का नाक नक्सल बदलने लगेगा जिस चीज़ को पाने की कोशिश करते हुए जयप्रकाश सफल हो कर भी असफल ही रह गये । हज़ारों इमान्दार जो रोज़ रोज़ मार खाते हुए भी चल रहे हैं उनके विश्वास को बल मिलेगा और देश की नकारात्मक सोच को सकारात्मक बनना होगा । सोचिये ये सवाल कितना मायने रखता है कि "अरविन्द इमान्दार है क्या "
Deletelike button kahan hai??
ReplyDeletesir, do din se primetime lagata hu aapke liye. Lekin anchor kadambini ji milti hai. Aap ka show kab aayega?????
ReplyDeleteरविन्द केजरीवाल को जितनी गालियाँ पड़े लेकिन लोकपाल आन्दोलन के समय सड़कों पर उतरे दिल्ली के उन लाखों या हजारों लोगों और देश में उस आन्दोलन और लोकपाल की अवधारणा से सहमत हम जैसे और हमसे अलग प्रकार के भी सैकड़ों-हजारों-लाखों या करोड़ों लोगों के सपनों के टूटने या साकार होने के लिए दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार एक बार बनना जरुरी है। देखना जरुरी है कि जिस जनलोकपाल आन्दोलन पर एक समय में समूचे देश की नजर थी और हमारी महान संसद ने जिसे अव्यवहारिक और अपनी सर्वोच्चता के खिलाफ बताया था, 29 दिसंबर को लागू होने के बाद वही जनलोकपाल दिल्ली के भ्रष्टाचार को कितना कम कर पाता है. साथ ही जिस 'स्वराज' की बात आम आदमी पार्टी कर रही है वो कितने व्यावहारिक रूप से दिल्ली में लागू हो पाती है. जब वर्तमान व्यवस्था यथास्थिति बनाये रखने में ही अपना कल्याण समझती है तो एक नई सोच और नए प्रयोगों का स्वागत होना चाहिए। जब 65 साल यूँही देखते-देखते बिता दिए तो 5 साल का रिस्क लेने में तो कोई हर्ज नहीं होना चाहिए। कम से कम 'नौ मन तेल' तो दीजिये ताकि 'राधा' को न नाचने का बहाना नहीं मिले।
ReplyDeleteWell said sir.
DeleteYeh sawaal log isliye puch rhe hain kyunki logon ko vishwas nhi hota ki koi aadmi imandari se koi party bna sakta h...shayad hum imandaro logon ko aage karne main peeche reh gye...agar shi waqt rehte ise nhi badla gya to desh ka aur bura hal hoga...
ReplyDeletesuperb...excellent sir :)
ReplyDeleteravish ji,sir ab mujhe samjh aaya ki main aap ka fan kyon hu ..kyon aap ko sunta hu ,samjhta hu ...
ReplyDeleteaap ke vichro ko pranam ...
vishwas bana rhta hai ki bharat mata ke sanskar kahi na kahi abhi bhi panp rhye hai....
Agree.
DeleteRavish jee sahi main aap mere tarah hi ho jo bhi aap likhte ya bolte ho man ko bhati hai
ReplyDeleteI never knew about Prime Time by RK though had heard about NDTV from NRIs but when I started to follow AK / AAP on internet tv/ FB and watched AK talking about his favourite ones, have never missed RK’s Prime Time. Superb!
ReplyDelete.. unable to understand what is meant by ‘matric but failed in mathematics’
अरविन्द जी ने अच्छा ही किया इनकम टैक्स की जॉब छोड़ दी | अगर नहीं छोड़ते तोह उस 2 करोड़ के दान का क्या होता जिसको अन्ना जी के ठुकराने के बावजूद भी अरविन्द जी अपनी वेबसाइट पर और दान देने की डिमांड कर रहे है ! जो २ करोड़ सारी लाइफ नहीं कमा पाते सरकारी जॉब करके वोह उन्होंने एक झटके में कमा लिया | मुझे उनपे ज़रा भी अचरज नहीं होता की क्यों वोह लोकपाल में NGO's को शामिल करने के खिलाफ थे |
ReplyDeleteजैसी द्रृष्टि वैसी सृष्टि
Deleteप्रोग्राम के लास्ट मे सही बोला आपने ' शक की सारी सुई अरविंद पर ही मत ख्तम कीजिए , बचा कर रखिए BJP और CONGRESS के लिए भी'. हम ईमानदार और सही आदमी पर ज़्यादा शक करते है .. क्योकी इनको target करना आसांन होता है और ज्वाब देने मे soft और ईमानदार होते है. किसी बाहुबली नेता से सवाल कीजिए ऐसा लच्छेदार ज्वाब देगा की लाहोलुहन कर देगा.. और आप इसमे ही खुश रहेगे की वाह क्या ज्वाब दिया है... ह्म लोग वैसे भी दबंग टाइप के लोगो से और भारी भरकम भाषा (मोदी एक उदाहरण है) से ज़्यादा प्रभावित रहते है... शायद ये सब कुछ मे Macho type देखने और दिखने का obsession ही दबंग टाइप सिनिमा सूपर हिट करा देते है और ज़िले से गूंडे सा दिखने वाला नेता बाज़ी मार जाता है. सोचिए ऐसे लोगो से हमे बात करने मे डर लगता हे तो हमारी बहू बेटियो को अगर अगर बात कंरनी हो तो कैसे करेंगे .. कही पढ़ा था - हम लोग ऐसे लोगो को देश चलाने का ज़िम्मा दे देते है जिनको अपने बच्चो का guardian भी नही बनाना चाहते..
ReplyDeleteArvind ney ek aasha toh bandhi hain par kyan woh us par tik saktey hain joh woh swaraj kee baat kartey hain. Muje lagta hain ke woh badey badey wadey karney se pehley chotey chotey badlav se shuru kare jissey ke woh phas na sakey. Jab logon ney itna aitabaar kiya hain BJP aur Congress par toh inka toh ek chance banta hee hain.
ReplyDeleteZabardst Ravish Ji.. Sach main aap media main hote hue apni limitattion mai kis tarah us sacchai k sath hai iska bahut bada example tha is baar ka HUM LOG.. Arvind Kejriwal ko jo aapne platform provide kia apni baat rakhne k lie wo kabil-e-tarif hai... kai baar mujhe lagta tha ki aap kuch jyada hi NaMo ki taang khinchte hain. but now i feel that you always stands with truth.. Poore india mai aap akele credible patrakar bache ho.. i always watch ur Prime time n Hum Log but is week aap nh aa rh hain Prime time mai.. aur haan jab Congress, BJP dono ko dekh chuke hain to ek mauka AAP ka banta hi hai.. kya pata sach mai neeyat saaf hi ho unki.. Thanks Ravish Ji.. aap ki sachhi patrakarita k lie.. aapka bahut bada prashanchak, Shashank Dalela, Bharatpur wale (aajkal flat banane ka paisa kamane k lie America mai rehna pad rh hai)
ReplyDeleteअरविंद केजरीवाल ईमानदार है या नहीं, यह उस आई ए एस्स्स्स को अरविंद केजरीवाल के 'करप्ट' इन्कम टैक्स विभाग के उन लोगों से पूछना चाहिए जिनहोंने उसके साथ काम किया है .
ReplyDeleteअच्छा है!
ReplyDeleteAfter many years we have some honest, educated, hard working leader who is trying to clean this dirty system. Its high time now that we should support him. Other parties are trying their level best to defame him and his party sine they are scared that their corruption will come to an end. We should not be caught in these traps and we should support AAP. If not today, tomorrow never comes. we will die in this rotten system life long and we are creating a still rotten system for our children
ReplyDeleteईमानदार तो हैं अरविन्द...आगे भी रहेंगे, यह उनकी जीवनशैली को देखकर भरोसे से कह सकता हूँ ।लेकिन इन तिकड़मी नेताओं से पार पा सकेंगे, इसपर डाउट है ।
ReplyDeleteउनकी नीतियाँ भी बहुत आश्वस्त नहीं करती...खैर विषय ईमानदारी है अभी ।
u are correct
Deleteअरविंद की ईमानदारी पर मुझे कोई शक नहीं ! उन्हें राजनीति में एक अवसर मिलना ही चाहिए !
ReplyDeleteagar AAP party jeet jati hai to 6 maah baad hi yahi janta iski dushman ho jayegi.kyonki janta beimaan ko to 5 saal jhel legi lekin imandar ko jyada din jhel nahi payegi.
ReplyDeleteHats off to you sir....thanks a ton..!!
ReplyDeleteजिस IAS अफसर ने आपको फोन किया उसके लिए बहुत बुरे शब्द दिमाग में आ रहे है इतने बुरे कि लिख नही सकता शायद वो UP के मुख्य सचिव जैसे चरित्र का होगा खैर 100 में से 90 तो ऐसे ही है लेकिन जयपुर में बैठे अरविन्द की दिल्ली में जीत की दुआ जरुर करते है इस सवाल से इतर की वो ईमानदार है या नही और इससे भी इतर की AAP के सारे उम्मीदवार ईमानदार होंगे या नही क्योकि मेरी नजर में सबसे महत्वपूर्ण ये है कि जो गलती गाँधी, जयप्रकाश ने की वो अरविन्द नही कर रहे है l जरा भारत से बाहर देखिए दक्षिण अफ्रीका में आज़ादी का श्रेय मंडेला को है तो उन्होंने जिम्मेदारी भी सम्भाली न की त्याग का ढकोसला करके खुद को महानतम बना लिया और देश को मूर्खो के हवाले किया नही, अमेरिका के लिए भी वाशिंगटन ने जिम्मा खुद उठाया देश के निर्माण का, कोई भी दूसरा देश देख लीजिये क्रान्ति के प्रणेता ने जिम्मेदारी उठाई तो ही देश का भला हुआ और अब अरविन्द ये नही कह रहे कि वो पद नही लेंगे जीते तो क्योकि उसे पद कहना ही सबसे बड़ा पाखंड है जिसे जिम्मेदारी कहना चाहिए l और एक बात रविश भाई आपको बहुत से तथाकथित पत्रकार राजनीति में सक्रिय है फिर भी दावा करते है कि वो पत्रकारिता में निष्पक्ष थे आप तो सबकी खबर लेते है आप अरविन्द को उतना ही समय जरुर दीजियेगा दिल्ली चुनाव की बात करते समय जितना BJP और कांग्रेस को देंगे
ReplyDeleteअरविन्द कि इमानदारी पर कोई शक नही ...लेकिन हमें बेहतर योजनाओं कि जरूरत है |भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा है लेकिन सिर्फ एक ही नही | इस देश में भ्रष्टाचार के जन्म लेने के पीछे बहुत से आर्थिक और सामाजिक परिस्थितिया भी जिम्मेदार है |
ReplyDeleteRavish ji...Hats off to you! you are still connected with routes and that matters the most. God Bless!
ReplyDeletewah sir realy mujhe garv hai ki mai aapka fan hu....sir arvind ji ka jeetna bahut jaruri hai nhi to kal se koi bhi leader uth ke aam aadmi ko boolega ki protest mat karo dam hai tumhari baton me to election lado chunav jeet ke aao aur apna kanoon bana lo...hat's off to you!! superb
ReplyDeleteराजनीति भ्रष्ट बेइमानो का गण माना जाता हैं लेकिन क्या राजनीति में ईमानदार लोगो का आना बर्जित हैं?
ReplyDeleteकेजरीवाल जी परिवर्तन लाना चाहते हैं तो क्यों नही उन्हें एक मौका दिया जाये ताकि जनता ही सरकार बने या सरकार वो करे जो जनता कहे और देश में स्वराज आ जाए और वो सिर्फ आम आदमी पार्टी ला सकती हैं।
अगर मोदी ईमानदार हैं तो एक बार बोल दे की बीजेपी सत्ता में आएगी तो जनलोकपाल पास करेगी फिर मैं मोदी को ईमानदार मान लूँगा।
sir ji modi ka gujaraj lokayukt bill dekh lena..sari pol khol deta hai!
DeleteKEJRIWAL IS A WELL PLANNED PERSON BY CONGRESS .......AND AFTER ELECTION IT WILL BE PUBLICLY OPEN WHEN KEJRIWAL WILL GIVE SUPPORT TO CONGRESS
DeleteThis comment has been removed by the author.
DeleteSAHI KAHA APNE,SIR.sirf aam aadmi hi is len den ke sytem se bahar hai,.i m wrkng as a physician in a village.aur yeh baat bakhubhi samajhta hun..lekin us tak apka blog ya tweet pahaunch nahin payega.aur na hi uska kbhi phone aayega apke pas is blog ki badhayi dene ke liye,lekin ispe alochna krne walon ke hazaron msg aa jayenge..kya apko nahin lgta ki chattisgarh aur jharkhand mein ladne wale log jo yeh mante hain ki humari samasya electoral system se hal nahin ho payegi toh uspe vichar ki zrurt hai????
ReplyDeleteI respect, follow and support Shri Arvind Kejriwal #AAP
ReplyDeleteRAVISH BAS EK HI KARAN HAY ARVIND KE BAD AP MERA HERO HO...AP DONO KI SACCHAI.AUR MUJHE JANNE WALE LOG JANTE HAY AP MERE KITNE FAVOURITE HO
ReplyDeleteI really think that there will be a day when all blind Modi supporters will face their fate & then they will realise that they should have think rationally rather than just being a blind follower!
ReplyDeleteGreat writing Ravish!..
kya baat h ravish ji....i am also your fan......kuch log hi bache hain media men...jo imandari se kaam karte h....main bi media men kaam kar chuka hu...isliye bahut karib se dekha h media ko.
ReplyDeleteVery Nice Ravish Sir .. ..
ReplyDeleteरवीश भाईजी, शुभ दिन, क्या हुआ आप स्वस्थ तो हैं? मैं कई दिनों से जानना चाहता था।पर पूछने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था क्योकि यह निजी प्रश्न था। लेखक और वकील से निजी प्रश्न पूछने से डर लगता है। लोगों ने जानना चाहा तो मैंने भी पूछने का साहस किया। चिंता केवल आपके और आपके और आपके परिवार के स्वास्थ की है। अमिताभ बच्चन की नक़ल नहीं परन्तु उनकी सीख की तरह कभी कभी लिख दिया करे कि मै आज स्टूडियो से देर से आया, स्वस्थ न होने के कारन घर पर आराम कर रहा हूँ आदि आदि। हम भी आपके सीलिंग फ़ैन न सही टेबल फेन तो हैं।
ReplyDeleteअन्यथा तो आप रवीश की रिपोर्ट बनाने में भी किसी रिक्शे या चाय वाले से कुछ पूछ रहे भी हो सकते है, पर ऐसा लगता नहीं।
केजरीवाल ब्लॉग के बारे में अपने विचार बाद में रखूंगा। नवरात्रि में माँ आप पर और आपके परिवार पर विशेष कृपा अनुकम्पा करे।
Arvind ko dilli mein mauka dekar ek baar parakhna chahiye agli baar lok sabha mein lekin is baar toh n m mody ko hi ls me mauka dena chahiye
ReplyDeleteएक tweet भेज कर कुछ सवाल पूछना चाह रहा था आपसे, जवाब मिल गया , excellent @indyannn
ReplyDeleteएक tweet भेज कर कुछ सवाल पूछना चाह रहा था आपसे, जवाब मिल गया , excellent @indyannn
ReplyDeleteWe have hopes on Arvind, or rather only hope is with Arvind.
ReplyDeleteIf congress wins the next elections some how -- I will seek an asylum in any country.
Education has taught me one thing "Corruption is the heart of 80% of India's problem", I hope people in Delhi spread this message forward.
अरविन्द की ईमानदारी व्यक्तिगत ईमानदारी है। इस तरह के कई उदारहण सिर्फ दिल्ली में ही होंगे। सराहना इस बात की होनी चाहिए की उसको लेकर वे सड़कों पर उतरे। व्यवस्थागत राजनैतिक ईमानदारी साबित होना अभी बाकी है। काश दिल्ली की जनता उन्हें मौका दे।
ReplyDeleteab tak to hai.. kab tak rahege ye koi tai nahi kar payega.. wo khud bhi nahi.. agar satta mai aa gaye to bahut muskil hoga apne imaan par tikee rehna.par mool sawal imaandaar hai ? ha hai.
ReplyDeleteI am big follower of your shows. I like the way you put the points. You are right people are not able to digest ki ye kaise ho sakta he, koi is corrupt system me itna imandar kaise ho sakta he. Galti unki nahi he, unhone hamesh jo dekha he wo hi wo kah rahe hen.
ReplyDeleteBut i want to say one thing if you are not convinced with Arvind then is there anyone else who is more convincing? Why we are talking about future, why we are thinking that these people may get corrupted in future. Talk about present and let me know if being a AAM AADMI do you see somebody else who is better than Arvind, let me know his name i will vote for him.
बहुत अच्छा सर जी ....
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा हैं आपने ...
India need more independent journalists like you, You are one of very rare good Hindi anchors today. I watch NDTV Hindi just for your show... Always be like what you are..
ReplyDeleteGod Bless!!!
बहुत अच्छा सर जी ....
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा हैं आपने ...
Ravish ji isi wajah se mujhe dar hai Arvind ko log vote nahi karenge aur unhe bahut bada dhakka lagega isse kynki yaha baat ye hai kya log honest aadmi ko vote karenge mujhe to nahi lagta may be log sudhar gaye ho pata nahi par Itihas to kuch aur hi kahta hai.
ReplyDeleteवैसे भी अब गेंद जनता के पाले में है। चुनाव में क्या हम "आप " पार्टी को वोट देंगे ?अरविन्द केजरीवाल और साथी हमें एक "लाईट एट द एंड ऑफ द टनल " दिखा रहे हैं। क्या हम अब अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे? क्या हम बेईमानी से इन्तिहाँ की हद तक त्रस्त हो चुके हैं या अभी यह भ्रष्टाचार और सहन कर सकते हैं ? बात अरविन्द की इमानदारी की नहीं है ,अब हमारी इमानदारी की है ,कि हम कौन सा सिस्टम चाहते हैं।
ReplyDeleteRavish sir, kahi arvind kejriwal ke sath show karne k bad apko kahi prime time se chutti to nahi karadi na...?
ReplyDeleteprime time log dekhte hai kewal aapke liye apke vicharo k liye apke pani pine k style k liye,
sir we are miss u on prime time, sir agar kuch iss karan k wajah se aap nahi aa rahe prime time me to wo show bhi koi nahi dekhenga sir
अरविन्द का मैं समर्थक नहीं हूँ पर अरविन्द जी के सफ़र से मैंने सिख है की अगर मैं भी (आम आदमी )राजनीती मैं जाना chahu तो कितनी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, क्यूँ की जो लोग पहले से हैं राजनीती मैं वे किस प्रकार लोगो को रोकने की कोशिस करते हैं ये भी दिख ही रहा है
ReplyDeleteWell written .I don't care whether Arvind honest or not (Though he is ) but he has clear intention to clean this system and empowerment of Aam Aadami.....Intention matters a lot.
ReplyDeleteHats off to your courage just for the fact that you wrote what you wisely analysed without being biased and without being afraid of the dirty politicians!! Thats like a true journalist!!
ReplyDeleteएक आम आदमी की दुविधा ....इमानदारी की आज की परिभाषा क्या है ???
ReplyDeleteI Support AAP
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletehttp://3kone.blogspot.in/2013/05/blog-post.html
ReplyDeleteथोड़ी और सूक्ष्मता से देखने पर यह स्पष्ट हो जाता है की भ्रष्टाचार सत्ताधारी ही करते हैं | निष्ठा निरपेक्ष | तो भ्रष्टाचार की जड़ सत्ता साबित होती है | सत्ता अर्थात समाज द्वारा मान्यताप्राप्त व्यवस्था को चलानेवाले व्यवस्थापक | पर ऐसी सत्ताएं तो संसार भर में अनादी काल से व्याप्त हैं | पर ऐसा भ्रष्टाचार तो और किसी देश में नहीं दीखता | न ही इतिहास में | तो आखिर खोट कहाँ है ? खोट है हमारी व्यवस्था (सत्ता) के व्यावहारिक प्रयोग में | सत्ताधारी असल में व्यवस्थापक होते हैं, मालिक नहीं | 65 साल पहले हमने जो व्यवस्था अपनाई है उसमे सत्ताधारियों को गलती से व्यवस्थापक के बदले मालिकाना हक़ दे दिया गया है | अत: सत्ता निरंकुश हो गई है | और निरंकुशता, जो प्रस्तुत सन्दर्भ में संविधान-सम्मत केन्द्रीकरण का प्रारूप लिए हुए है, वही भ्रष्टाचार की जड़ है | इसी केन्द्रीकरण के कारण सत्ता समय-समय पर विशेषाधिकार अपने गुर्गों को बांटती है, जो "लोक" को लूटते हैं ।
मैं आपके विचारों से पूर्ण रूप से सहमत हूँ। समय आ गया है इन निरंकुश नमकहराम नौकरों को लात मार कर नौकरी से निकालने का
Deletewah kya likha hai. maza aa gaya. aawaz to uthani hi hogi sir, sirf imandari se kam nahi chalega. yeh chor log kitni dhauns ke saath bolte hai inko thik to karna hi hoga.
ReplyDeleteagar khud ki awaz nahi nikalti to kam se kam iman ki awaz ko support karna hi hoga.
is mulk mein beiman log hi zyada hain isme koi shaq nahi hai, aur woh powerful bhi hain isliye logon ko jaagruk to hona hi hoga.
Galib ne kaha tha " murkhon ki kami nahi galib, ek dhundhuo hazar mil jayenge"ekdum sahi kaha tha. is desh mein log beimano ki izzat karti hai kyunki woh murkh logon se bhari padi hai.
Great sir, you feel that he is honest.
ReplyDeleteArvind kejriwal is only who show the right way for youth as well as honest and transperent poltics.
Thanks to Mr. Kejriwal and you too.
Love you to both guys..
Reminds me of this adage. George Orwell - "The further a society drifts from truth the more it will hate those who speak it."
ReplyDeleteRavish ji sach mayne main kahe to media se bharosa uth chala tha.... Lakin kuch waqt pehle aap ka or kuch patrakaro ka video dekha tha youtube pe tabhi pahli bar aap ko leke ek soch bani ki aap jaise logo ki vajah se sachhai jinda hain.. Tab se apko follow kar raha huu..waise @ndtv congress ka channel bata ke log dekhna pasand nahi karte but apka prime time apke jo show ate hain jarur dekhta hu.... Ab rahi arvind ji ki bat ... To muje ghandhi ji ka slogan yad ata ..arvind ji ke liye jo hume kahi school main padhaya gaya tha ....ki log pehle tumhara virodh karenge... Fir tumhe avoid karenge ..or fir tumhe apnayenge...yahi bat aj arvind ji ke sath ho rahi hain...waise main AAP ka ek volunteer hu or muje garv hain ki main ek sache or imandar insan ke sath huuu...hume bataya jata hain ki party main kisi bhi swarth ya lobh ke chakkar main na jude..sirf desh ke liye agar sahi mayne main kuch karna ho to hi jude...aj main bhi apni job dav pe laga ke desh ke liye kuch kar raha huu...arvind ji ne vision diya hain desh ke yuvaoo ko..jo log sawal kar rahe hain unki imandari ko leke main unko mansik tuor pe kamzor samajta huu...jai hind
ReplyDeleteमुझे गर्व है कि मेरे देश में आप जैसे लोग हैं। वैसे आप दिल्ली के निवासी है, इसलिए आप से जलन भी होती है। अगर मैं वहाँ होता तो मुझे भी आप जैसा सौभाग्य प्राप्त होता। इश्वर सदा आप जैसे देशभक्तों को सुखी रखे। जय हिन्द। जय आप
DeletePeople Like Ravish ji should Join AAP.
ReplyDeleteSir, Jo v hai pahle to aap bahut achha bolte aur likhate hain.. rahi baat kejariwal ki to use jitni baar suno utni baar apne aap par sharm aati hai ki hum ab tak so kyon rahe the.....
ReplyDeleteArvind is a honest man otherwise why he resigned from Income tax service ( IRS). But he and his candidates will submit a false affidavit as soon as election is over. When they submit that their election expenditure was with unrealistic limit of Rs.16 Laks. The system is also making persons dishonest. We can not get any honest leader( with rare exception) without dealing with this problem. How a honest man can fight a election without proper funding. In my view,The important question is why we failed to get honest leaders.
ReplyDeleteAbusing congress or BJP does not solve the problem
Arvind is a honest man otherwise why he resigned from Income tax service ( IRS). But he and his candidates will submit a false affidavit as soon as election is over. When they submit that their election expenditure was with unrealistic limit of Rs.16 Laks. The system is also making persons dishonest. We can not get any honest leader( with rare exception) without dealing with this problem. How a honest man can fight a election without proper funding. In my view,The important question is why we failed to get honest leaders.
ReplyDeleteAbusing congress or BJP does not solve the problem
Agreed 100% with your views. To hide their own misgivings, they are trying to make other guilt!!! Kehte hain na "iss hamaam mein sab nange hain..."
ReplyDeleteDear Ravish,\
ReplyDeleteI am proud of you because you write correct abou kejriwal. But sir Pl do open secret about BJP Congress. Yes Arvind is Honest but how are congress BJP leaders. Thanks
RAVISH SIR......satya humesha vijay ko prapt hua hain,aur aage bhi hoga...chunavi nateeje kya rahenge aur AAM AADMI PARTY ka bhavishya kya hoga, agar hum in sab baato ko darkinar bhi kar de to bhi sir Arvind kejriwal ki pahal jisne raajneetik swaroop ko badla hain.... wo swaym main ek uplabdhi hain.
ReplyDeleteAaj yuva sakti ek baar phir aaj samaklit hue hain.....aur kisi bhi desh ki yuva sakti uski amulya dharohar hoti hain.
Desh ko behtar, kushal rajneetigya milne he chahiye....aur Arvind sir ke is kadam se aaj phir ye chah hue hain ki kyo na hum he is yogya bane ki desh ki baagdor sambhal sake aur desh main humesha sushasan ho.
I am glad Ravish you wrote this because you felt there is a big need for change .... Imagine how people will now compare transpancy and sincerity when Rahul Modi or Akhilesh address their constituencies ..... More than Arvind, you all in Media need to be complimented for enjoining nation in this great pursuit ... Please keep the tempo....we need this. !
ReplyDeleteVinod Kapoor
fmr. Dy.DG
Doordarshan
MUJHE TO GARV HOTA HAI KEJRIWALJI PE JO RAJNITI KA SARA SAMIKAR BIGAD K RAKH DIYEN HAI AAJ RAJNITI JO CHANGING DEKHANE KO MIL RAHA HAI YE SAB INKA HI DEN HAI.MATMA GANDHI BHI AKELE HI LADAI SURU KIYE THE AUR UNKI VIJAY HUI THI AUR AAP KI BHI JEET BHI PAKKI HAI
ReplyDeleteकई बार ऐसा लगता है कि इस देश में सबसे बड़ा भ्रष्टाचार खुद को ईमानदार बताना है ।
ReplyDeleteravish ji imandari ki bat to lagbhag har samajhdar aadmi janta h...par agar delhi m nahi jeete to imandari sirf aap logo ke program tak hi simat tak rah jayegi..
ReplyDeleteIsliye yaha jitne bhi arvind ji ke samarthak h unse hath jodkar request h ki jese bhi help kar sako (ground level, internet, donation) karo kyoki saval arvind ka nahi imandari ka h....
umeed karta ho ki delhi me arvind jeete nahi tu india ko koi nahi baccha sakta
ReplyDeleteRavesh ji....aap logo ke wajah se news dekhne ka mann karta hai....nahi toh tv bhi kholne ka mann nahi karta
ReplyDeletehahaha..Ravish Sir, aapka Arvind vala humlog program dekhne par laga tha ke aapne toh Arvind sir ka poora test hi le liya es program ke bahane. Jis par vo kull mila ke khare bhi utre. ye blog padh ke vishwas ho gya hai ke agar aap jaise paarkhi insaan ko bhi Arvind ki neetiyan jach gyi hai..toh Arvind kahin na kahin kaafi saksham rahe hein ye bade badlaav mein bhumika nibhane mein.
ReplyDeletesir Arvind to immandar he chahe koi mane ya naa mane.... lekin ye acha laga ki aap bhi unke sath hen... AAP ko ham sab k sath ki jarurat he....jay hind..
ReplyDelete"humlog" ka woh episode wakae dekhne layak tha,worth watching,thumbs up to you!!
ReplyDeleteदोस्तों,
ReplyDelete"आम आदमी पार्टी" और अरविन्द केजरीवाल क्या राजनीती में सिर्फ सत्ता परिवर्तन की जगह व्यवस्था परिवर्तन करने आये हैं ? या इससे भी ज्यादा कुछ और ??????
आज़ादी के बाद से हमारे राजनैतिक दलों ने- चाहे वो कांग्रेस हो या बीजेपी या सपा या बसपा या अन्य पार्टियाँ- एक काम बखूबी किया है और वो ये है कि उन्होंने राजनीती में ईमानदार और परोपकारी नेताओं को साइड लाइन कर दिया...
पहले ज़माने में कोई भी नेता कितना भी भ्रष्ट क्यों ना हो पर वो हमेशा डरता था कि कहीं उसका अपराध और भ्रष्टाचार कहीं लोगों की निगाह में ना आ जाये...उस भ्रष्टाचार के सार्वजानिक होने पर नेता अपमानित महसूस करते थे और विपक्ष/ जनता के कहने या दबाव में झट से इस्तीफा भी दे देते थे क्योंकि तब उनकी आँख का पानी इतना भी खत्म नहीं हुआ था...और इलज़ाम लगने भर से ही कमोबेश उनका राजनितिक और सार्वजानिक जीवन मृतप्राय मान लिया जाता था....सार्वजानिक जीवन की यही रीत चल रही थी उस समय...
पर धीरे-धीरे बदलते वक़्त के साथ राजनीतिक दल सत्ता की मलाई चाटने में में इतने मशगुल हो गए कि उनका जमीर कब उनके अन्दर ही दम तोड़ गया , ये उन्हें पता ही नहीं चला....अब तो इलज़ाम और तोहमत लगना जैसे मैडल मिलने के सम्मान की तरह हो गया है राजनीती में ...जितने ज्यादा घृणित और जघन्य अपराध में नाम संलिप्त, उतना ही राजनीती में बड़ा कद...जितना बड़ा घोटाला, उतना बड़ा नाम.....
और तो और बाकि के नेता भी सिर्फ क़ानूनी दांव-पेंच की भाषा में बात करके इन भ्रष्ट और अपराधी नेताओं को ऐसे बचाते रहे कि जैसे सभी एक दुसरे के "दामाद, जीजा-साला, बहनोई और ससुर " वाले रिश्तों में से किसी एक में कैद हों.....राजनीती में जरुरत से ज्यादा कानून के जानकार काले कोट वाले विद्वान आ जायें तो यही होना स्वाभाविक भी है...
अब राजनीती सिर्फ कोर्ट के नज़रिए की मोहताज़ बना कर रख दी गयी और नैतिकता, शुद्ध आचरण, उसूल, मर्यादा , लोक-लाज, लिहाज जैसे शब्द मानो कोयले की दलाली के साथ ही कहीं किसी खदान में दब से गए या दबा दिए गए –एक कब्र के रूप में.....और इस राजनैतिक शुचिता की कब्र पर किसी पार्टी ने ऊपर से दो मुट्ठी मिटटी डाली तो किसी ने पांच मुट्ठी मिटटी डाली और कुछ ने बेशक मिटटी अपने हाथों से ना भी डाली हो पर इस "सामाजिक और राजनैतिक बलात्कार" के वो मूक चश्मदीद गवाह बने रहे..
लालू यादव जैसे लोगों ने जेल जाते-जाते जिस तरीके से अपनी पत्नी को सत्ता सौंप कर बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था वो दिन इस मुल्क की राजनीती में बची थोड़ी बहुत लाज और शर्म का आखिरी दिन था...
और अब इस मुल्क में सबसे बड़ी दिक्कत ये है अब हमारे तक़रीबन सारे के सारे नेताओं ( कुछ एक को छोड़ कर) की आँख का पानी बिलकुल ही खत्म हो चूका है..लुच्चे हो चुके है वो जनता के सामने..अब उनपर कोई फर्क ही नहीं पड़ता है...लाख इलज़ाम लगें भ्रष्टाचार के, हत्या के, दबंगई के, अपहरण के पर कमाल है कि वो जल्दी से इस्तीफा दें या राजनैतिक जीवन को छोड़ दें ....अब तो कुछ बलात्कारी, गुंडे, माफिया और अपराधी किस्म तक के लोग नेता बनकर सीना चौड़ा करके सत्ता के गलियारों में घूमते हैं....
और इसी बीच इसी किस्म के वातावरण में आम जनता ने आगे आकर अपना हक “जन-लोकपाल” के जरिये इनसे माँगा और बाद में अनेक पड़ावों को पार करता हुआ ये आन्दोलन “आम आदमी पार्टी” की शक्ल अख्तियार कर आज इन मौजूदा राजनैतिक दलों को चुनौती देने के लिए उठ खड़ा हुआ है..
अब "आम आदमी पार्टी" और अरविन्द की मुहीम सिर्फ व्यवस्था परिवर्तन तक ही सीमित नहीं है बल्कि ये एक आन्दोलन हैं जिसमे राजनैतिक आचार, व्यवहार , उसूल, लोकहित और शर्म लिहाज को फिर से स्थापित करना है...
ये राजनीती के शुद्धिकरण की एक बड़ी मुहीम है जिसमे फिर से राजनीती में लोहिया, लाल बहादुर शाश्त्री, राजेंदर बाबु, जय प्रकाश नारायण जैसे देशभक्त लोगों को संसद और विधानसभाओं में ले कर आना है....
अब सत्ता का भी परिवर्तन होगा, व्यवस्था का भी और शुरूआत होगी एक नए अध्याय की - राजनातिक शुद्धिकरण के अध्याय की !!
मुल्क आपका, जिम्मेवारी आपकी, वोट आपका तो फैसला भी आपका !!
जय हिन्द !! वन्दे मातरम !!
डॉ राजेश गर्ग.
Well said!
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ReplyDeleteरवीश दा .. इतने कमेंट बहुत कम पोस्ट पर आती है ... इसे भी अरविन्द के समर्थन के रूप में देखा जाना चाहिए
ReplyDeleteमीडिया से समर्थन का अर्थ है उन्हें मंच प्रदान करना जो आप बखूबी क्र रहे हैं ... शुक्रिया
रवीश दा .. इतने कमेंट बहुत कम पोस्ट पर आती है ... इसे भी अरविन्द के समर्थन के रूप में देखा जाना चाहिए
ReplyDeleteमीडिया से समर्थन का अर्थ है उन्हें मंच प्रदान करना जो आप बखूबी क्र रहे हैं ... शुक्रिया
Sir this is first time when reading i m reading ur blog. Hamesha suna hai ye dunia tab tak jeevit hai jab tak yaha insaniyat hai. Koi shak krne ki wajah nahi lagti ki kejriwal imaandar hai. But darr lgta hai ki jis tarah unke upar media baar baar sawal khde krta hai kahi log un par shak na krne lage. Kyuki kisi b juth ko 1000 baar bolne se shak to banta hi hai. Lagta hai arvind is ladai mai akele na pad jaye.
ReplyDeleteArvind kejriwal ji nayak hai
ReplyDeleteArvind kejriwal ji nayak hai
ReplyDeletehave you ever asked these question to party like indian national congress and bhartiya janta party ? i am not defending anyone but have any one dare , by asking these quest to leaders which r in posn.
ReplyDeleteमाना ठोस रूप से नहीं कहा जा सकता, पर इस पोस्ट पर आये इतने सारे कमेंट(९०+ ) को देखकर, इसमें कुछ न कुछ तो पढ़ा ही जा सकता है !
ReplyDeletesach likha hai aapane
ReplyDeleteरवीश जी,मैं आपके सारे ब्लॉग पढ़ता हूँ और अक्सर लोगों के कोमेंट्स भी,पर इस पोस्ट पर कुछ ज्यादा ही कोमेंट्स है, ये कहीं न कहीं दर्शाता है कि लोगों को अरविंद के रूप मे एक नई आशा दिख रही है,उम्मीद करते है कि ये इस भ्रष्ट तंत्र मे कुछ तो बदलाव लाएगी चाहे कितना भी छोटा क्यों न हो
ReplyDeletevery well said ravish ji
ReplyDeleteअरविन्द केजरीवाल की इमानदारी को अपने तर्कहीन सवाली मापकों से मापने वाले वो सभी मानस जो खुद भ्रष्टाचार की दलदल में गर्दन तक धसें हुए हैं उन सभी के लिए एक बहुत ही सहज आर्टिकल रूपी जवाब।
ReplyDeleteउम्मीद हैं वो लोग लेख की सरलता को समझ कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे। वरना अरविन्द के रूप में उनका खतरा बरक़रार रहेगा, चाहे "आप" आये या नहीं भी आये फिर भी।
Awesome sir
ReplyDeleteरही बात ईमानदार की तो वो किसी का नहीं होता भाई --------par imandar aam aadmy ka hota hai...........
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ReplyDeleteSir Aap ke words ki ek alag hi chhata hai, ek alag beuty hai aur sabse badi chiz ye hai ki aap jo bhi kahte ho, vo imandari aur neutarally likhte ho aur t.v par bolte ho......awesome sir, bat rahi aake ye lekhank ki "सही में अरविंद ईमानदार हैं ?" vo imandar ho ya na ho, aapne bakhu bi imandari se likha hai........Appriciated the things........
ReplyDeleteKya yeh prashan Kejriwal ke liye prashansa nahi? Shayad bakiyon ne unse yeh sawal kiye jane ka haq hi kho diya ho aur Kejriwal se isliye poochte hain ke kahin na kahin ek matdata ko umeed ki koi kiran dikkhayi deti ho?
ReplyDelete66 sal se in bhrasht logo ko aajmate aa rhe hai......... is bar inhe aajmane me kya harj hai.!!!
ReplyDeleteआदरणीय रविश बाबु,
ReplyDeleteसादर प्रणाम,
लिखना लिखने से आता हैं, आपकी ये बाते प्रेरित करती हैं कुछ लिखूँ पर क्या ये समझ में नहीं आता, गीत ग़ज़ल जैसा कुछ बनता ही नहीं, और नहीं अनु मालिक जी जैसा सुपर टैलेंटेड हूँ, फिर भी सुरु कर रहा हु एक पत्र लिखना आपके नाम (मेरा शुरू सही से शुरू नहीं होता , लोग बोलते हैं मैं श को स कहता हूँ ),
कुछ दिनों पहले के लेख में आपनें उल्लेख किया था की राजनिति में काफी ग्लैमर हैं, शायद फिल्मो से ज्यादा, हिंदुस्तान में क्रिकेट, फिल्म और पोलिटिक्स ही तो ज्यादा बिकते हैं। मेरा एक सवाल हैं आपसे जब इतना ही हैं तो लोग नफरत क्यों करते हैं नेता से , पार्टी से, पॉलिटिक्स से. मुझे मालूम हैं की मैंने कोई न्यूटन जैसा सवाल नहीं पूछा हैं और नाही ऐसी किसी ज्ञान की प्राप्ति हो गयी मुझे रात को ४ बजे. अब देखिये सोच आ गया, तो सोचा हिम्मत करके पूछलू आपसे।
राजनीति में बिना दाग के रहना पॉसिबल हैं क्या? लोग हर चीज के लिए पॉलिटिक्स को गलत क्यों मानते हैं। आप देखिये ना, अब तो त्योहारों में भी मिलावट होने लगा और लोग कहते हैं की आधुनिकता हैं (जैसे रेडीमेड माँ दुर्गा और अन्य देवी देवताये और पूजन सामग्री ). अभी करवा चौथ आने वाला हैं देख लीजियेगा की आदर्श के नाम पे क्या होता हैं सब की अपनी अपनी सहूलियत के हिसाब से परम्पराओ का आधुनिकीकरण करते हैं पर गाली सिर्फ नेता को देते हैं.
ये तमाम फिल्म वालो पर भी तो आरोप लगता हैं जैसे अफेयर के, प्रोडूसर को टाइम न देने खा. को-स्टार से बदतमीजी करने का , चेक बाउंस होने का , फ्लॉप फिल्मो में पैसे लेके काम करने का गलत चीजो को एंडोर्स करने का पर इन्हें तो हम कभी न कभी महान मान कर पता नहीं क्या से क्या लिख देते हैं। ये जो यंग लोग गाली देते हैं पॉलिटिक्स को, वो चेन्नई एक्सप्रेस जैसी पिक्चर को सुपर हिट करा देते हैं वो भी पैसे देके, स्कूल, कॉलेज, दफ्तर से छुट्टी लेके पर , वोट डालने नहीं जाते।
ऐसा नहीं लगता आपको , की जो लोग गलत करते हैं वो कमज़ोर मानसिकता के होते हैं और वो इतना सबकुछ सहन नहीं कर पाते और गलती कर बैठते हैं. पॉलिटिक्स में तो पक्ष और विपक्ष होता हैं जो 24 * 7 में खुलकर विरोधियो के बारे में बोलते हैं पर बॉलीवुड और क्रिकेट में ऐसा नहीं होता हैं इतने व्यापक स्तर पे. देखिये सर, मैं कोई दुखी होके या राजनीतिक दल की तरफ से नहीं लिख रहा , थोडा सोचता हु अपने देश के बारे में. पता नहीं कितना योगदान कर पाउँगा पर करना तो हैं
क्या हम सब सही कर रहे हैं। मुझे नहीं पता ये मेरा पत्र कितने स्टार लायक हैं या इसकी रेटिंग क्या होगी पर लिखा आपको।
आपको कॉपी करने वाला,
आपका पड़ोसी
कुंदन शाही
रवीश जी, मैं भा ज पा का बचपन से समर्थक रहा हूँ, किन्तु ये पार्टी अब वो अटल-आडवानी की पार्टी विथ डिफरेंस नहीं रह गयी. मुद्दों का दिवालियापन तो है ही, भ्रष्टाचार में भी कांग्रेस की प्रतियोगिता में शामिल लगती है. चलिए कोई बात नहीं, अरविन्द सामान कोई तो है जो हम जैसे को नेतृत्व देने के लिए खड़ा हुआ है. अन्ना तो बोल कर चले गए..सब चोर है, पर अरविन्द ने हमें पर्याय दिया/ आप धन्यवाद के पात्र हैं.
ReplyDeleteबिहार के बहुचर्चित लक्ष्मणपुर बाथे गांव में 58 लोगों की हत्या के असली दोषी लालू यादव है . उन्ही की सह पर इन लोगो ने बिना सोचे समझे विद्रोह कर दिया . क्या हुआ ? लालू भी जेल में और जल्द ही मुलायम, मायावती जैसे लोग भी अन्दर जायेंगे . हम धन्यवाद् देना चाहेंगे न्यालय को ...जज साहब को ....और उन तमाम समाज के लोगो को जो इस संघर्ष में हमारे साथ थे . आगे जो सबसे महत्वपूर्ण कार्य करना है ओ है किसी भी कीमत पे न्यालय बे आरक्षण वेवस्था नहीं होना चहिये. न्यालय पे समाज के प्रबुद्ध, और सामर्थ लोगो का होना बहुत जरूरी है . सभी संस्थाओ से हमारा पकड़ ढीला हो रहा है . न्यालय को बचाना है. दोस्तों आपको जानकार ख़ुशी होगी की अभी झारखण्ड हाई कोर्ट ने २ ३ अवर नययाधिशो की पदोउन्नति हुई, जिसमे २ १ हमारे तिवारीजी, मिश्राजी, पांडेयजी, दुबेजी, शर्माजी, उपाध्याय जी थे . बस इसी तरह समाज के प्रति अपनी जिम्वारियो को समझते हुए समाज के प्रति अपनी responsibility को निभाना है. जय हिन्द.
ReplyDeleteI m not leaving in Delhi but I am keeping a close eye on Delhi election thru net & TV. Ravish ji your comment is worth reading, it has forced me to have a strong faith on your blogs & news. Looking forward to see what happens in Delhi if AAP wins the election. I hope that we will also get alternate option in our city during election in 2014.
ReplyDelete"आतंकवादी ऑर महापुरुष किसी दूसरे लोक से नही आते."
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ReplyDeleteएक आदमी जो मंदिर मस्जिद ,या दंगे का दर, झूटी धरम निरपेक्षता या किसी को बिना यह दर बताये की दुसरे को ख़तम नहीं करोगे तो तुम्हारा धरम ख़तम हो जायेगा ! इन सब को छहोरकर वोह वोट वोट के नाम पर मांग रहा है क्या इतनी ईमानदारी बीजेपी और कांग्रेस के भूके भेरियो के सामने कम है
ReplyDeleteArvind Kejrival Ji hi Delhi ka kuch acha kar skte hain. Aur koi kuch nhi karne wala. Sab k sab loot ke kha jayenge. Arvind Ji hi is bar Delhi ke Chief Minister banenge.
ReplyDeleteaaj to kafi comment aa gaye.kejriwal ji ki himmat aur parisharm ki dad deni padegi.ab to bas dilli ki result ka intjar hai.bas aap jaise log unka saath dete rahe .
ReplyDeleteaaj to kafi comment aa gaye.kejriwal ji ki himmat aur parisharm ki dad deni padegi.ab to bas dilli ki result ka intjar hai.bas aap jaise log unka saath dete rahe .
ReplyDeleteकांग्रेस सरकार ने सबको चोर बना देने की योजनाये चला राखी है. मंरेगा इसका सबसे बड़ा udaharad है गाँव के मुखिया/प्रधान को बगैर काम कराये पैसा खर्च करने की तरकीब सिखा दी जिससे वोट देते samay वोह कांग्रेस को चोर न कह सके. अजीब माया है.
ReplyDeleteकांग्रेस सरकार ने सबको चोर बना देने की योजनाये चला राखी है. मंरेगा इसका सबसे बड़ा udaharad है गाँव के मुखिया/प्रधान को बगैर काम कराये पैसा खर्च करने की तरकीब सिखा दी जिससे वोट देते samay वोह कांग्रेस को चोर न कह सके. अजीब माया है.
ReplyDeleteबड़ी कठिन है डगर पनघट की!"सही मे अरविन्द ईमानदार है"ये प्रश्न शायद होना चाहिये " क्या अरविन्द सबसे कम भ्रष्ट है"तो मेरा जबाब होगा हां!
ReplyDeletebhai arvind ji ka jeeta bahut jaruri hai delhi me aap ka gov. banna bhi jaruri hai nhi to aane wale kal me koi bhi honest person aur honest face politics me nhi aayega aur es haar se bahut galat massage jayega humare samaj me ki hum honest politics chahte hi nhi hai, fir uske baad hume inhi bharasht natao ko jhelna hoga aur uske baad yahi chor neta hume aankh dikhayenge aur bolenge dekh liya tum log kya ho aur tumhari kya aukaad hai, fir uske baad ye log aur bedharak scam murder and raAPE KARENGE KYUKI YE TAB JAAN JAYENGE KI HUM CHAHE KITNA BHI GALAT KARE HUM TO SHARAB PAISA LATTHI AUR GUNDO KE SAHARE JEET HI JAYENGE CRIMINAL KE UPAR JO ORDINANCE YE LOG LAAYE THE AUR WAPAS KAR LIYA AAP DEKHNA YE LOG FIR SE USE KISI AUR RASTE SE LE HI AAYNGE.....EK ACCHE AUR SAHI SAMAJIK REPRESENTATION KE LIYE AAP KA DELHI ELECTION ME JEETA BAHUT HAD TAK JARURI HAI VARNA HUM INKE KHILAF ISE HI JANTAR MANTAR AUR INDIA GATE PE FAST KARTE RAHENGE, ABHI TO YE SUN BHI LETE HAI LEKIN BAAD ME TO WO BHI NHI SUNENGE AND POLICE KE HATHO SABKO WAPAS BHAGA DENGE....
ReplyDeleteWaah Ravish ji!
ReplyDeleteI think these elections in Delhi will decide whether we deserve any change in the political system or not. Somehow when I meet people I get a feeling that we don't deserve honest people in the politics because at our own level most of us are as opportunistic, indifferent and dishonest as these politicians. By the way while travelling from Dehradun to Delhi I had a conversation with the driver who is a resident of delhi and asked him about his opinion of Arvind. He said that Arvind is honest but his followers are the same as before...
ReplyDeleteRavish you are just awesome there is something in your writing that cannot described by words god has given you something very special please use this and thanks for the wonderful writing
ReplyDeletekush chaubey
रवीश सर, एक निवेदन है... अरविंद केजरीवाल के समर्थन में दर्जनों एनआरआई दिल्ली पहुंचे हैं.. सब सफल और पढ़े लिखे हैं... हम लोग में एक शो कर दीजिए... क्यों आए... क्यों दिल्ली की जनता पढ़े लिखे इंजीनियर की पार्टी को वोट दे... क्यों ना बीजेपी को वोट दे... निगेटिव ही सही... आपके मिसाइल जैसे सवाल ही क्यों ना हो... शायद दिल्ली वालों की आंखे खुल जाए... प्लीज सर... मीडिया में आप ही आखिरी उम्मीद हैं
ReplyDeleteरविश कुमार जी ! अगर वास्तव मे "आप" लोगों को राजनीति करनी ही है तो चाणक्य नीति पढ़नी चाहिए क्योंकि ये जानना अति आवश्यक है कि वास्तव मे राजनीति के बेसिक फंडामैंटल्स (मौलिक आधार) क्या है और परिवेश के साथ कैसे परिवर्तित होते हैं ...केजरीवाल जी इंजीनियर थे सो उनको उसी क्षेत्र मे रह कर इतिहास रचना चाहिए था ...लेकिन परीक्षा पास करने के कला ने उन्हें आईआरएस बना दिया ...जिससे वो एक अच्छे ड्राफ्टमैन साबित तो हुए लेकिन अच्छे अधिकारी नहीं ...आरटीआई उसी ड्राफ्टमैनी का परिणाम है... लेकिन एक अधिकारी होने के कारण कुछ उल्लेखनीय कारनामा कर पाए जैसा कि दुर्गा शक्ति नागपाल, किरण बेदी, अशोक खेमका, गोविंद राघो खैरनार आदि ने किया और बहुत से अधिकारियों ने तो अपनी ईमानदारी के कारण जान तक गवन दी। सवाल ये उठता है एक अधिकारी जिसके पास जब शक्तियाँ थीं तो उस अधिकारी ने अपने शक्तियों का उपयोग कहाँ किया या किया भी या नहीं ??? यदि नहीं तो ऐसे व्यक्ति का राजनीति मे सफल होना ठीक वैसा ही है जैसे कोई व्यक्ति रोज 10 घण्टे बड़ी ईमानदारी और मेहनत से घाँस छीलता है और एक निश्चित समय के बात उस व्यक्ति को उसी ईमानदारी और मेहनत की बदौलत आईएएस बना दिया जाए। वैसे एक बहुत मौलिक और महत्वपूर्ण प्रश्न है आपसे यदि "आप" उत्तर दे पाएँ तो बेहतर होगा "अरविंद केजरीवाल ने अपने कार्यकाल मे कितने भ्रष्टाचारियों को पकड़ कर जेल मे डाला...???" आपके पास यदि इसका उत्तर न हो तो केजरीवाल साहब से मेरी ओर से निवेदन करें कि वो स्वयं ही इसका उत्तर दें ..इसका उत्तर मिलना बहुत आवश्यक है ??
ReplyDeleteKejriwaal ji imaandari par shak karne waale Modi ji ke Badbolepan par sawaal kyo nahi poochhte. Mujhe to lagata hai bahut saare log Modi ko pasand unki sampradaayik chhavi ki wajah se karte hai. Vikas to ek bahaana hai
ReplyDeleteKejriwaal ji imaandari par shak karne waale Modi ji ke Badbolepan par sawaal kyo nahi poochhte. Mujhe to lagata hai bahut saare log Modi ko pasand unki sampradaayik chhavi ki wajah se karte hai. Vikas to ek bahaana hai
ReplyDeleteRAVISH JI CHARAN SPARSH..HONESTY AND TRUTH KO LOGO KE SAMNE RAKHNE KE LIYE..
ReplyDeletejai ho ravish sir aapki.
ReplyDeleteaap agar es bharat mata ki PM hote to maja aur bahut accha lagta.
aksar sochta hun arvind ki delhi sarkar ki nakamiyon ki charcha ke baare me .akhir kyon log is kasauti par dusaron ko nahi parakhte.wo kahte hai ki inhone vayde kiye ,ye apne ko imandaar batate hain par kya dusare dal kabhi vayde nahi karte ,kya ve apne ko beiman kahte hain?thak gaya hun netaon se ye zumla sunte sunte ki janta sab janti hhi janta bahut samjhdar hai par wo vastav me janta ko kitna samajhdar samjhte hain ye unke bhashnon,unke prachar aur chhadm prachar ko dekh kar pata lagta hai.kash koi kahta janta bholi hai,janta nadaan hai to suqoon hota ye sochte hain jant ke baare me.arvind kya hain ,nahi janta par unke sawal kya sahi nahi hain.akhir kyon naahi jawab de dete unka.shayad wo jante hain ki janta itni bhi samjhdar nahi,agar hoti to bahut pahle puchha hota aur jawab dene ke liye ham hote hi kahan?wahan to koi aur hota jawab dene ke liye ya shayad sawal hi nahi hote.
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