छह महीने काम छह महीने आराम

आदरणीय मोदी जी,

माडल खोजने में आपका जवाब नहीं । खोजने से ही मिलता है । केंद्र सरकार जहाँ न खोजने का माडल है वहीं आप खोजने के । झाँसी में जो आपने कहा है उससे मेरी उम्मीदें बढ़ गई हैं । इसलिए आपके नाम एक चिट्टी तो बनती ही है । 

आपने कहा कि आपने कारखानेदारों को बुलाकर कहा कि आपकी फैक्ट्री में बिहार यूपी के मज़दूर काम करने आते हैं । एक कमरा लेकर बीस पचीस लोग रहते हैं । बाप रे । एक कमरे में पचीस लोग । वो भी उस गुजरात में जिसकी तारीफ़ अमरीका कर रहा है( राजनाथ ने झाँसी में कहा) । मैंने जब सूरत से यही रिपोर्ट बनाई तो आपके जाप समर्थकों ने गाली देकर धो दिया सर । चलिये आपने यह स्वीकार किया कि एक कमरे में पचीस मज़दूर रहते हैं । बाक़ी प्रदेशों में मज़दूरों की हालत सोचकर डर जाता हूँ । दिल्ली के कापसहेड़ा में भी यही हाल है सर । 

खैर तो आपने कारखानेदारों को बुलाकर कहा कि ये जो बिहार यूपी के मज़दूर काम करते हैं आठ घंटा और हफ़्ते में छह दिन । इनके आउटपुट का अध्ययन करो । ऐसा करो कि ये लोग आठ घंटे से ज़्यादा काम करें । बारह घंटे चौदह घंटे । ताकि ये लोग छह महीना काम करे । छह महीने में ही साल भर का काम कर दें और बाकी छह महीने छुट्टी दे दीजिये ताकि ये बिहार यूपी लौट कर वहाँ भी पसीना बहा सकें । आपने कहा कि अगर यह प्रयोग सफल हो गया तो । यक़ीन जानिये अगर ये प्रयोग सफल हो गया तो आप पूँजीवाद को समझने का कार्ल मार्क्स से भी बड़ा नज़रिया दे देंगे । सारे कम्युनिस्ट ताकते रह जायेंगे । 

क्या क्या सोचते हैं साहब । कौन सी कंपनी ये प्रयोग कर रही है बतायेंगे ज़रा । छह दिन बारह घंटे काम । पता कीजियेगा ये मज़दूर अभी भी इतना ही काम करते हैं । फिर भी ये कौन सा कारखानेदार होगा जो साल भर का काम छह महीने में करा कर अगले छह महीने के लिए बिहार यूपी भेज देगा । ये तो कांट्रेक्ट लेबर का ख़तरनाक रूप होगा । या तो कारख़ाने भी छह महीने बंद रहेंगे या बाकी छह महीने के लिए दूसरे मज़दूर रख लेंगे । इस दौरान उनकी क़ीमत यानी मज़दूरी में क्या उतार चढ़ाव होगा इसका अध्ययन करने के लिए बोले हैं कि नहीं । कोई कारख़ाना अपने मज़दूर से साल भर की उत्पादकता छह महीने में निकाल लेगा । साल भर का आर्डर भी ले आयेगा । इसके लिए आप लेबर क़ानून भी बदलेंगे । उम्मीद है आपने इस माडल का ड्राफ़्ट अंबानी अदानी और टाटा को भी भेजा होगा । वहाँ भी ये शुरू हो जाए न तो मज़ा आ जाये । हाँ यह क्लियर नहीं हुआ कि छुट्टी वाले छह महीने में पूरी सैलरी मिलेगी या आधी । कोई बात नहीं । अगली रैली में बता दीजियेगा ।

हम तो चाहेंगे कि आपका माडल सफल हो जाये । ताकि हम छह महीने लंबी छुट्टी का जीवन जी सके । ऐसा कमाल सिर्फ वही सोच सकता है जो हमारे मनमोहन सिंह की तरह अर्थशास्त्री नहीं है । क्या आइडिया है सर जी । अब समझ आया आप अपनी कामयाबी को माडल क्यों कहते हैं । ऐसा माडल शहज़ादे तो कभी सोच ही नहीं सकते । आप इस माडल का नाम छह महीने काम छह महीने आराम गारंटी योजना रख दीजिये । उनकी बोलती बंद हो जाएगी । झाँसी में आपने इसका एलान किया है इसलिए इसका नाम झाँसा माडल भी रख सकते हैं । 

बाक़ी तो आपने शहज़ादे को जो ठीक किया मज़ा आ गया । लेकिन आज मैं आपकी राजनीतिक प्रतिभा से ज़्यादा आर्थिक प्रतिभा का क़ायल हो गया । आर्थिक मामलों में कम समझ रखता हूँ इसलिए कम ही लोग मेरी इस तारीफ़ को समझ पायेंगे । 

आपका 

रवीश कुमार'एंकर' 


49 comments:

  1. काश हमें भी लम्बी छुट्टी नसीब हो।

    ReplyDelete
  2. JHANSA MODEL ultimate reply hamare bhavi VIKASH PURUS MODI JI k sampoorn bhashan ka bs 2 shabdon me jawab...

    ReplyDelete
  3. वाह भई.....झाँसी में झाँसा

    ReplyDelete
  4. कोई कुछ भी कोई कह ले मोदी एक फेनामेनन है :-)

    ReplyDelete
  5. यक़ीन जानिये अगर ये प्रयोग सफल हो गया तो आप पूँजीवाद को समझने का कार्ल मार्क्स से भी बड़ा नज़रिया दे देंगे । ha ha :D :D

    ReplyDelete
    Replies
    1. Are bhai prayog safal he gujarat me sabhi got.karamchari ko adhese kam tankva milte he,
      Or kam bhi adhe se kam

      Delete
  6. रविश जी मुझे यह झासा नहीं लगता. मोदी जी ठीक कह रहे हैं.वह यह प्रयोग करके देखना चाहते हैं कि आधे समय में पूरा काम कराया जा सकता है.शायद सत्ता में आने के बाद इसकी जरुरत पड़े.पहले भी विश्व में इस तरह का प्रयोग १९२० से १९४० के बिच हो चूका है.यह अर्थशास्त्र का कोई नया सिद्धांत नहीं गढ़ रहे. बस पुरानी बोतल में नयी शराब भर रहे हैं.

    ReplyDelete
  7. पता नहीं रविशजी कि नमो क्यों इतना प्रसिद्ध हैं, हमें तो वे भी एक साधारण नेता ही लगे, बस गरीबी हटायेंगे, महँगाई गायब कर देंगे, रोजगार देंगे वही नेतागिरी वाले भाषण करते हैं। कोई भी नेता तरीके नहीं बताता कि आप महँगाई कैसे हटाओगे, रोजगार दोगे तो रोजगार कैसे पैदा करोगे, उसके लिये आपने क्या ब्लूप्रिंट तैयार किया है। हमें तो ये नेता कम और तानाशाह ज्यादा लगते हैं, कहीं पढ़ा था कि भारत की जनता पिछले १० वर्ष की आजादी से परेशान हो गई है, इसलिए अब इनको मोदी जैसा एक तानाशाह चाहिये, वैसे हम तो दोनों ही पार्टीयों को पसन्द नहीं करते हैं, गद्दी पर आने के बाद काम वही करते हैं, केवल पार्टी बदल जाती है, हम तो चाहते हैं कि अच्छे लोग राजनीति करें और जनता को भी यह समझ में आये।

    अब ये बोलते हैं कि २४ रूपये वाले को गरीब घोषित किया है तो क्या आप सरकार में आ गये तो वाकई आप २०० रूपये कमाने वाले को गरीब घोषित करने वाले हैं ?

    ReplyDelete
  8. मोदी का ही आईडिया है सारे चैनल पर क्रिस्टल क्वालिटी एक ही रिले सारे चैनल पर क्या आईडिया है
    मोदी नहीं चाहते की कोई चैनल अपने टुच्चे कैमरे से उनका प्रसारण करे सब डिजिटल कर दिया ....वाह वाह

    ReplyDelete
  9. दे दाता के नाम तुझको अल्लाह रखे ....ये भी जोरो सोरो से गा रहे है हर मंच से, पहले नहीं गाते the वो जब से सुशिल मोदी ने कह दिया तब से कुछ जायदा ही रिपीट टेलीकास्ट कर रहे है

    ReplyDelete
  10. itna mt hasaya karo sir ji...pet dard ho gya :D modi shayad kisi kalpanik duniya me g rahe h..12 ghante k kaam ko 8 ghante ka btakr ab kya 16 ghante kaam karane ka irada h kya inka??
    aise economist ko aur aisa gyan dene wale ko mera shat shat pranam ;)

    ReplyDelete
  11. रवीश सर , आज मोदी के जिस कार्ल मार्क्स कि पूंजीवाद के लिए नया फॉर्मूले वाले स्पीच कि बात कर रहे है / जिसमे ६ महीने कार्य & ६ महीने आराम है .. ये आजकल बी पी ओ इंडस्ट्री में बहुत सरलता से स्वीकार्य है / आज यहाँ हफ्ते में तीन दिन डबल शिफ्ट ( ८ - ८ घंटे ) कर के बाकि के तीन दिन लीव पर रह सकते हो . और फेस्टिव सीजन में जो कर्मचारी उत्तर प्रदेश या बिहार से है / वो पूरे वीक डबल शिफ्ट करने बाद नेक्स्ट वीक के लीव पर चले जाते है /

    ReplyDelete
    Replies
    1. भाई जी मोदी जी नरक जैसी फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों की बात कर रहे है न की वातानुकूल कॉल सेंटर्स की | आप एक घंटा ही काम करके देखिये उन् मजदूरों की जगह , 6 महीने ही लीव पे जाना पढ़ जायेगा खुद-ब-खुद

      Delete
  12. I think this can be done. Shayad Govt. mein aane pe namo bhi 2.5 years ka holiday package chahte hon.
    What an idea sir g!

    ReplyDelete
  13. Sir modi aapko nahi lgta ek politician ki jagah mgt guru ki baat jyda krne lage hai

    ReplyDelete
  14. रवीश भाई!
    इस आदमी की तो ऊपर की मंजिल बिलकुल साफ है। इसे प्रधानमंत्री उम्मीदवार किस ने बना दिया?

    ReplyDelete
  15. कोई भी व्यक्ति हमेशा की तरह इस बार भी इस प्रलोभन में फंस जायेगा ।
    आधी रोटी - पूरी रोटी - आधा पेट - भर पेट - आधा काम - पूरा आराम ।
    बहेलिया आएगा - जाल बिछाएगा - दाना डालेगा - लोभ से उसमे फंसना नहीं - जपते रहो - फंसते रहो ।

    ReplyDelete
  16. i think this model can work where work is done in shifts 24*7.. as it happens in bpo already.. so its already happenning.. dont make fun of it.. besides.. job guarantee, leave with pay.. indians are hard working people.. they will be ready to work extra if there is job guarantee and leave with pay.. although it can not be applied universally but in few sectors it is definitely beneficial.

    ReplyDelete
  17. जिसका जो मन आ रहा है मंच से खड़ा होकर बस बोल दे रहा है। ठीक भी है। कौन फैक्ट चेक करने बैठ रहा है बोकरात को ? जितना भी सुना है इनको, आजतक एक नया ( क्रन्तिकारी तो दूर की बात है ) आईडिया नहीं सुना इनसे। न अर्थनीति न सामाजिक या राजनैतिक नज़रिए से। दक्षिनपंथी जिसकी तुलना थ्रेचेर या रेगेन से कर रहे हैं, उनकी आर्थिकनिति तो वामपंथियों को भी चकरा देने वाली है (मिसाल्तन - फ़ूड सिक्यूरिटी पर कहना की अभी कम लोग दायरे मैं हैं और लोगों को लाया जाना चाहिए)। जो मन में आये मुह खोल को उगल दो..ताली मारने वाले आपकी डकार पर भी वाह वाह करेंगे। बोलने की स्टाइल पर ही बात होगी या जो बोला है उसपर भी ध्यान दिया जाएगा ?
    बाक़ी आपने लिखा तो हर बार की तरह अच्छा ही है। अच्छे से ज्यादा खरी खरी और सच्ची बात लिखी है। इस मौसम में जिस राजनेता पर आपने चिट्ठी न लिखी हो, उसपर लानत है ;)

    ReplyDelete
  18. छह दिन बारह घंटे काम क्या आंकलन है दो घंटे प्रतिदिन ...आप का जबाब नही
    पानी में तिल साफ़ दीखता है इसलिए नही कि पानी साफ़ है बल्कि तिल का रंग काला है

    ReplyDelete
  19. sarkari ONGC ke ocean-rig pe posted log isi model ke jhanse kaa labour kar rahe hain Patrakaar ko general knowledge badhhana chahiye

    ReplyDelete
  20. sarkari ONGC ke ocean-rig pe posted log isi model ke jhanse kaa labour kar rahe hain Patrakaar ko general knowledge badhhana chahiye

    ReplyDelete
  21. ravish g hamare plant me yeh vyavsha aur acchi chal rahi hai 5 mahine wah ghar ke kheti ke kam nipta leta hai

    ReplyDelete
  22. ravish g hamare plant me yeh vyavsha aur acchi chal rahi hai 5 mahine wah ghar ke kheti ke kam nipta leta hai

    ReplyDelete
  23. sir aapke fan hain ham :)
    kya dulatti chala kar deekhayee hai aapne :)

    ReplyDelete
  24. main bekar me hi aapko ek achha patrakar samjhta tha ... dusre log sahi kehte hain ... aap patrkar ho hi nhi sakte... kyunki patrkar kabhi biased nhi ho sakta hai ... abhi filhaal itna hi kahunga ... ek do din me jarur vistr me varnan karunga... fursat milne pe...

    P.S: main Modi samrthak nhi hun ... isliye ye mt samjhiyega ki aapne modi ke liye likha, is wajah se main yahan likh rha hhun. buddhhi jivi hain aap ... kandhe pr uparjan ke alawa ek alag bhar (kripaya kartavya padhen) bhi le rakh hai aapne ... us drishtikon se ek bar soch kr dekhiye ... sayad mere kahe bina aap tk wo bat pahunch jaye ...)

    ReplyDelete
  25. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  26. जो खुद मुंगेरी लाल के हसीन सपनों के झांसों में हो वह झांसा ही दे सकता है। और किसी चीज़ की उम्मीद करना ही बेकार है।

    ReplyDelete
  27. Bahut hi wahiyaat ....jiss model pe itne tikhe vyanga kiye gaye hain wo already kayi jagahon par successfully
    kaam kar raha hai.....ummeed thi ki secular ravish kumar apne secular rahul gandhi ke ISI aur musalman ladkon pe diye gaye bayan ke defence mein likhenge...jinko NaMo ne apne jhasi rally mein sandeh prakat kiya tha...Aakhir IB ne in details ko rahul gandhi se kyu sajha kiya..???

    ReplyDelete
  28. raveesh jee. ye kalpana koi nayee baat nahee hai.aaj bhi bangaal, oddisa aur bihar ke kuch majdoor sirf har din 12 ghante kaam ki shart par hi civil construction work ke liye aa rahe hai.meri pichali steel company me bhi 12 ghante pratidin ke liye hi kaam karne ke liye rajee hote the.aur haa ye log diwali,holi ya durgapuja ke liye chuttee nahi lete lekin kheti ke dino ke liye jaroor chuttiya lete hai.

    ReplyDelete
  29. Dear ravish bhai,
    Intezar kar kar ke thak gaya isliye likh raha hu. Rajniti, manmohan, rahul, modi, ye jitega, wo harega padh padh ke ab ub hone lagi. Kasba ka content chipakne sa laga hai. Varieties nahi rah gay I. Comments ache or dhero beshak mil rahe hain but sir aapke lekhan ko pasand karne wala varieties chahega, jis par vastav me apni pratikriya di ja sake. Roj roj ek hi bat...acha nahi lag raha sir.

    ReplyDelete
  30. Dear ravish bhai,
    Intezar kar kar ke thak gaya isliye likh raha hu. Rajniti, manmohan, rahul, modi, ye jitega, wo harega padh padh ke ab ub hone lagi. Kasba ka content chipakne sa laga hai. Varieties nahi rah gay I. Comments ache or dhero beshak mil rahe hain but sir aapke lekhan ko pasand karne wala varieties chahega, jis par vastav me apni pratikriya di ja sake. Roj roj ek hi bat...acha nahi lag raha sir.

    ReplyDelete
  31. Dear ravish bhai,
    Intezar kar kar ke thak gaya isliye likh raha hu. Rajniti, manmohan, rahul, modi, ye jitega, wo harega padh padh ke ab ub hone lagi. Kasba ka content chipakne sa laga hai. Varieties nahi rah gay I. Comments ache or dhero beshak mil rahe hain but sir aapke lekhan ko pasand karne wala varieties chahega, jis par vastav me apni pratikriya di ja sake. Roj roj ek hi bat...acha nahi lag raha sir.

    ReplyDelete
  32. इसे तो साझा करना ही पडेगा। इस पोस्‍ट पर यही मेरी टिप्‍पणी है।

    ReplyDelete
  33. bस पोस्‍ट पर मेरी अिप्‍पणी यही है कि इसे साझा करना ही पडेगा।

    ReplyDelete
  34. आप भी तो आजतक कार्ल मार्क्स के नाम पर दुनिया को लंबे समय तक झांसा देने वालों की जमात का हिस्सा बनकर अपनी निष्पक्षता को ही दाँव पर लगा चुके हैं। जबतक आप पत्रकार/ रिपोर्टर थे आपकी बातें बहुत प्रभावित करती थीं, लेकिन जब से आप विचारक/ संपादक हो गये हैं आपके पूर्वाग्रह झांकने लगे हैं।

    ReplyDelete
  35. रविश जी जरा संभल के लिखा कीजिये. आजकल मोदी के अंधभक्त उनकी किसी भी आलोचना को बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं हैं. गाली देना तो आम हो गई है. बहुत आक्रामक हैं. कभी इनके सामाजिक वर्ग का भी विश्लेषण कर लिया कीजिये.

    ReplyDelete
  36. ar hamhu kahabbbb...ki ravish bhaiya.
    ee faltu chij k bajay e manch k
    "ravish ki report" k adda bana ddd..

    aaj puranka ravish laukal rahannn h ndtv par..13 December 2010 wala....mid day meal k report le k..

    ReplyDelete
  37. Ravish sir kya aap bhi
    unqualified insane ke idea's ko bahut gabhir tareke se matlo,
    Jase gujarat ke got.teacher ko rs 2500 ki tankva milte he,aadhe kam ki

    ReplyDelete
  38. नफरत के अंधे मोदी क्या देखेने मजदूरों का भला |

    जहाँ उनके अपने राज्य में नमक के मैदानों में काम करने वाले मजदूर को उसके मरने के बाद नमक में ही दफनाया जाता है | ऐसा इसलिए नहीं होता की वह मजदूर अपने काम से इतना प्यार करता है की वो अपनी वसीयत में अपनी आखरी इच्छा नमक में दफ़न होना लिख जाता है | बल्कि ऐसा इसलिए होता है की उसके शरीर में नमक की मात्रा इतनी अधिक हो जाती है की उसका जलना नामुमकिन होता है

    ReplyDelete
  39. मोदी जी का प्रधानमंत्री और चोकीदार वाले बयान ने बहुत लोगों का दिल जीत लिया ! नेता फेकू ही होता है , पर कुछ हटके होना चाहिए !

    कम से कम आज कोई नई सोच तो दे रहा है !

    ये बात सच है,आप इनसे नफरत कर सकते हैं ,आप इन्हें लाइक कर सकते हैं,पर आप इनको इग्नोर बिलकुल नहीं कर सकते !


    ReplyDelete
  40. LAGBHAG ISI TARAH KA SYSTEM KUCH RAILWAY STATION KE VENDOR KA HAI...JO 48-48 GHANTA KAAM KARTE HAI...PHIR DUSRE LOG ATTE HAI AUR PAHALE WALA AARAM KARNE CHALA JATA HAI....KISI KE SOCH PAR USKE PESHE KA ASAR JARUR RAHTA HAI,,,,AUR YEHA BHI DIKH RAHA HAI...HAHAHAHAHAH

    ReplyDelete
  41. Raveeshbhai, yeh to sirf jhansa hee de sakta hai, kuchh constructive karna iske bas kee baat nahee....

    ReplyDelete
  42. कल मोदी जी ने बुंदेलखंड में कहा कि हमने गुजरात में उत्तरप्रदेशी और बिहारी मजदूरों के लिए एक स्कीम सोची है, कि इन मजदूरों से 8 घंटे की बजाय 12 घंटे काम कराया जाए, जिससे उन्हे ज्यादा पैसा मिलेगा. उन्हें फसल के समय बारिस में 3 महीने की छुट्टी दी जाए, जब कि इस समय तो मंदी का दौर होता है, वो कहते हैं कि इन 3 महींनों की सेलरी हम देते हैं, हम सैकड़ों मजदूर दिखा सकते हैं, जिन्हे पैसा नहीं मिलता है.
    अब मुद्दे की बात यह है, कि क्या अदानी पॉवर, रिलायंस, टाटा और विदेशी अनगिनत कम्पनियों में हम पढ़े-लिखे बेरोजगारों के लिए क्या कर रहे हैं? क्या किसी कम्पनी से कहा कि उ. प्र. और बिहार के युवाओं को मैनेजर या इंजीनियर बनाओ? क्या हमारे अंदर ये आत्मविश्वास या टैलेंट नहीं है? क्या हमेशा ही हम यू.पी. बिहार वालों को मजदूर की नजर से ही देखते रहोगे? क्या कभी मुम्बई में अपने गठबन्धन वालों से ये कहा कि इन बिहारी या उत्तरप्रदेशी गरीब मजदूरों को मत सताओ?

    ReplyDelete
  43. कल मोदी जी ने बुंदेलखंड में कहा कि हमने गुजरात में उत्तरप्रदेशी और बिहारी मजदूरों के लिए एक स्कीम सोची है, कि इन मजदूरों से 8 घंटे की बजाय 12 घंटे काम कराया जाए, जिससे उन्हे ज्यादा पैसा मिलेगा. उन्हें फसल के समय बारिस में 3 महीने की छुट्टी दी जाए, जब कि इस समय तो मंदी का दौर होता है, वो कहते हैं कि इन 3 महींनों की सेलरी हम देते हैं, हम सैकड़ों मजदूर दिखा सकते हैं, जिन्हे पैसा नहीं मिलता है.
    अब मुद्दे की बात यह है, कि क्या अदानी पॉवर, रिलायंस, टाटा और विदेशी अनगिनत कम्पनियों में हम पढ़े-लिखे बेरोजगारों के लिए क्या कर रहे हैं? क्या किसी कम्पनी से कहा कि उ. प्र. और बिहार के युवाओं को मैनेजर या इंजीनियर बनाओ? क्या हमारे अंदर ये आत्मविश्वास या टैलेंट नहीं है? क्या हमेशा ही हम यू.पी. बिहार वालों को मजदूर की नजर से ही देखते रहोगे? क्या कभी मुम्बई में अपने गठबन्धन वालों से ये कहा कि इन बिहारी या उत्तरप्रदेशी गरीब मजदूरों को मत सताओ?

    ReplyDelete
  44. ravishji,
    अब आज से(धन तेरस) 6 महीने न सही 6 दिन तो आप छुट्टियों पर रह ही सकते हो (दूज तक) :)

    दीपावली की शुभ कामनाएं :)

    ReplyDelete
  45. mujhe pata hai, kuch IT mein kaam karne wale majdoor hain, ya aisa kahun ki saare ke saare; haan hum 12 ghante kaam karte hain lekin sirf 5 din, aur kabhi kabhi pure 7 din.

    ReplyDelete