Forced labour . विनोद कुमार शुक्ल की नौकर की क़मीज़ पहने यह नौजवान काम पर चला जा रहा था । टी शर्ट पर लिखने वाले ने शायद हैपनिंग युवाओं के फ़ैशन लिए लिखा होगा मगर पहनने वाले नौजवान ने उसे यथार्थ की तरह पहन लिया है । सड़क पर चलते चलते कितना कुछ दिख जाता है । चलते रहिए ।
सब किसी न किसी स्तर पर Forced Labour ही कर रहे हैं.., उसके साथ ही गौर करने लायक है - dignity of labour
ReplyDeleteraveesh kumar you should also wear this shirt.BECAUSE SOME TIME YOU DO REPORTING AGAINST YOUR PERSONALITY AND LIKING.
ReplyDeleteKitna kuch dikh jata hai aur kitna kuch nhi bhi.. Waise ye kehna galat nhi hoga ki us T-shirt ke qoute aur context (Paripekshya shayad :) ko dekhne ke liye sirf aankhe nhi nazare bhi chahiye jo aapke paas hai.. Samman. Devendra
ReplyDeletegadhey to panjiri patrakarita main bhi khaa rahe hain ravish ji.
ReplyDeleteबहुत कुछ कहती यह टीशर्ट।
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