इसी बीच एक जहाज़ हुआं हुआं करता हुआ भरभराने लगता है और हां़य हां़य करता हुआ बादलों में घुस जाता है । बिना परवाह किये कि मोहल्ले के लौंडों की तरह एक्सलेटर मार कर स्कूटर चलाने की तरह हवाई जहाज़ उड़ाने से मेरे जैसों का कलेजा थोड़ा सिकुड़ जाता है । जहाज़ों ने चिड़ियों से उड़ना तो सीख लिया मगर उनकी तरह उड़ना नहीं आया । बताइये हम जैसे यात्री कबूतर की तरह दुबक जाते हैं ।
लोग हैं कि पोलिथिन में मिठाई का डिब्बा लिये हिलते डुलते चले आ रहे हैं । कई लोगों ने आम का काटन कसवा लिया है । जी भूरे वाले गत्ते के बक्से को काटन कहते हैं । एक हम थे जो कार्टून कहते थे । बल्कि कई लोग कार्टून कहते थे । जवानी के दिनों में कुछ दोस्त जो खुुद लड़कियों से सीख कर आये थे मुझ पर हँसने लगे । कार्टून नहीं रे बे काटन । तो लोगों ने आम कसवा लिये हैं । हम सब को गराज का माल खाने की आदत है । जिन शहरों को रोज़गार की ख़ातिर छोड़ दिया उनके गराज के माल के लिए तरसते रहते हैं ।
सारी टाइल्स यही लग गई है । जल्दी ही एयरपोर्ट के लिए नया जूता आएगा । जो टाइल्स फ्रैंडली हो । आजकल अधेड़ उम्र के लोग शाट्स खूब पहनने लगे हैं । लास्ट टाइम में कूल होने के लिए । लुंगी में क्या प्राब्लम है । बड़ा ही आयातीत लगता है । भारतीय परिधान वाले यहाँ ऐसे लगते हैं जैसे ट्रेन छूट जाने के बाद लास्ट मिनट में फ़र्स्ट एंड लास्ट टाइम के लिए आ गए हों । हज जाने वाले अलग ही ताव में रहते हैं । पूरा मोहल्ला टाटा सूमो में लाद लाते हैं । बड़ा मौका तो होता है पर दूर से ही लग जाता है कि हैं भाई हज का बुलावा आया है ।
लैपटाप ऐसे खोल के बैठे हैं सब जैसे सारा काम निपटा आये हैं बस एक दो रह गया है । सारे एक्ज़ीक्यूटिव एयरपोर्ट पर काफी काम करते हुए दिखते हैं । मुझे गर्दन में सोने का मोटा चेन पहनने वाले पसंद आते हैं । लगता है कि इसी के लिए कमा रहा है । एयरपोर्ट लगता ही नहीं है कि इंडिया में है । सब यहाँ विदेशी फ़ील करते हुए चले जा रहे हैं । बाप रे कोई इसको मना करेगा । कैसे बोल रही है । मार दिया आज इसने । कान पे कटारी चला दी है ।
पुनश्च- दिल्ली एयरपोर्ट पर कुछ लोग हेल्प हेल्प कहते मिले । उनकी जेब पर पेड पोर्टर लिखा था । यानी एयरपोर्ट पर क़ुली यानी भार वाहक । पहले कभी नोटिस नहीं किया था । चलता भी तो साल में दो बार हूँ ।
kya khoob likha hai ravish bhai. aajkal prime time me nahi dikhte.kanha jahaj me ud rahe ho.
ReplyDeleteलगता है कोलकाता एअरपोर्ट का भी सौन्दर्यीकरण हो गया है...मैं तो वहां पिछले साल मई में गया था तो पुराना वाला एअरपोर्ट ही था ।
ReplyDeleteऐसे काटनों का का कीजियेगा, देख देख आनन्द उठाइये।
ReplyDeletesir 1 bar Ahmedabad airport ko aese dekhiyega...airport kam Restaurant jyada dikhega...all Gujju with Thepla & Khaman on airport
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ReplyDeleteravish ji aap gajab bolte ho
ReplyDeletemai bohot prabhavit hua hun aap se
thank you!!!!!!!!!!
https://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=2OW2Z7y30yM
आप इसी को ट्वीटर बना दिए
ReplyDeletePrime time par jaldi aao rabish ji.
ReplyDeletekolkata airport ka achchha chitran kiya hai. aapke likhne ka andaj gazab ka hai. hum biharwale 'katan' ko aaj bhi 'kartun' hi kahte hai. katan likha dekhkar to hum confusia gaye.
ReplyDeleteAb bahut ghum liye sir, prime time par aa jaiye.
Aaj to ear prassure se baahar aa gaye honge aur hight se bhi :) (visible actual hight of plane) fir bhi blog nahin likha :-/ aap sirf ghar par the?visited places kahan hai?:)mithaai ki dukan ya sabji mandi is not valid :) patrakar mahoday(ya patrakar ki aatma) ne jo visits kiye unke mentionsblog main nahin dikhe:) ulte aap ne to 'cute:-/ shrinni' aur sachin ko taang diya(very smart haan?:) )
ReplyDeletekatan shabd pacha nahin. Hum to abhi bhi cartoon he kahenge.Aur rahi kolkatta airport ke baat to 1995-97 ke beech airport par taxi track aur domestic terminal ka apron ke construction ke dauran main wohi posted tha. Us dauran wahan log ricksaw se plane pakadane aate the. Puranee yaden tazaho gayeen.
ReplyDeletehahaha... kya likhte ho yaarrr :)
ReplyDeletehahaha... kya likhte ho yaarrr :)
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