मकानों की चमक उतर रही है । मकान अब पीढ़ियों के स्थाई पते नहीं रहे । अस्थायी हो गए हैं । कोई इन्हें छोड़ गया है । गुलाबी और पीले मकानों की तादाद ज़्यादा है । बैंगनी रंग का एक मकान बेहद ख़ूबसूरत लगा । कोच में स्टाफ़ तकिया कंबल समेटने लगा है । बंगाल के खेतों में ट्रैक्टर की तादाद बढ़ गई लगती है । ट्रैक्टर का आना इस बात का सूचक है कि मज़दूर पलायन कर रहे हैं । कुछ जगहों पर बैल से भी जुताई चल रही है । टिन की छत लग रही है और उसके ऊपर पुआल । बंगाल में झोपड़ियां बची हैं । बिहार पूर्वी यूपी की तरह । बंगाल में अर्धशहरीकरण की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है । बिहार की तरह ग्रामीण लगता है । नेनुआ की खेती नज़र आ रही है । डैड अपने किड्स के साथ फिर से सैमसंग गैलेक्सी में घुस गए हैं । चेराग्राम शक्तिगढ़, धनियाखाली, बलरामबाटी जैसे हाल्टों से गुज़रती हुई राजधानी कस्बाई होने लगी है । महानगर से महानगर के बीच दौड़ है इसकी । बादल घने हो रहे हैं । मौसम अच्छा है । राजधानी में वाई फ़ाई ठीक है । उसी का लाभ उठा कर चलित ब्लागिंग की ।
लाल राजधानी हरा बंगाल
बंगाल कितना हरा लगता है । लाल रंग की राजधानी जैसे ही आसनसोल पार करती है सबकुछ हरा होने लगता है । ताड़ के पेड़ किसी स्केच के कमाल लगते हैं । छोटी गायें और बकरियाँ और दीवारों पर लक्स कोज़ी के विज्ञापन । आसमान में बादल हैं और हवा पागल । घना हरा है बंगाल । दूर से किसी मोहल्ले में सिल्वर कलर के रबिन्द्रनाथ टैगोर की मूर्ति दिखी । मरे मरे से सरकारी स्कूलों के बीच तालाबों की श्रृंखला । कुछ जगहों पर मनरेगा के तहत तालाब की सफाई या खुदाई दिखी । सैंकड़ों मज़दूर जुटे हुए दिखे । मानसून लगता है बंगाल से आकर बंगाल में ही घूम कर चला जाता है । हम केरल ताकते रह जाते हैं । बंगाल का अपना लोकल मानसून है । केले के पेड़ क्या पीकर झुके जा रहे हैं । मोबाइल टावर काक तड़ुआ हो गए है ( स्केयर क्रो) । दुनिया से कटे ये गाँव नेटवर्क में हैं ।
Rajdhani main pahli baar rajdhani aai tab safar kiya tha lekin mere shahar se delhi taraf :) bur...well ye nazar to kabhi bhi nahin thi...ha rail n road mera fev transpotation mode hai...dharti ko dekhne pahchan'ne mahsoos karne aur judne ki short time suvidha!..
ReplyDeleteLocal changes and life style ko aap aasani se dekh sakte ho...
Aap ki najar se bangal dekhna(parhna) :) achha lagega well abhi to safar main hun :) :p
Shanti niketan dekhna rah gaya hai mera :( aap jaao to kuchh likhiyega jarur abi rajdhani main khana aa gaya hoga :) :) enjoy railway food :) ya fir pahunch gaye honge?
वाई फाई का लाभ ब्लॉगिंग को हो रहा है, वाह।
ReplyDeleteचरैवेति चरैवेति
ReplyDeletedaddy and kids ke bare me satik likha sir aapne...
ReplyDeleteरेल में हैं....पवन बंसल तो बहुत याद आये होंगे !
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