मैंने ट्विटर फेसबुक अकाउंट बंद कर दिया है
बस यूं ही मन किया और ट्विटर फेसबुक बंद कर दिया। पहले भी नहीं सोचा न अब सोच रहा हूं। एक बार पहले भी ऐसा कर चुका हूं। कुछ मित्रों से पता चला कि मेरे ऐसा करने से कुछ फालतू लोगों को अफवाह टाइप बेचैनी हो रही है। वे सब बातें सच भी हों तो आप मेरी क्या मदद कर सकते हैं ज़रा इसका भी नुस्खा पेश कर दिया जाता। हद है। सोशल मीडिया न हो गया मोहल्ले के चबूतरे पर बैठे रिटायर्ड लोगों को जमावड़ा हो गया कि कौन कहां जा रहा है उस पर नज़र रखना ही काम हो गया। हम हैं कौन जो बंद करने से पहले प्रेस कांफ्रेंस करते। अच्छा हुआ मैंने ये सब बकवास पढ़ा नहीं। आपको कुछ भी कहना ठीक लगता है तो मौज लीजिए।
कितना लिखें और कितना बकें बस एक सीमा पार करते हुए कहने से थकान होने लगी। ऊब गया। खालीपन अवांट- बवांट लिखने के लिए बाध्य कर रहा था। चार पत्रकारों को दस हज़ार सहचरों के बीच सेलिब्रेटी गढ़ देने से कोई सेलिब्रेटी नहीं हो जाता। औकात बोध से बड़ा कोई बोध नहीं है और बकरी पाल लीजिए मगर मुगालता मत पालिये। मैंने देखा है कि चार आने के एंकरों को टेढ़ा होकर चलते हुए और सामने आते हुए लोगों को गेस करते हुए कि ये वाला पहचानेगा कि नहीं। पहचान लिया तो बस हां हां। ये सब बीमारी है। गनीमत है कि इन सबका शिकार नहीं हुआ। एक दुपहर मन किया कि चलते हैं इस दुनिया से। चले गए। बात खत्म।
जिस काम के पीछे कोई कारण नहीं उस पर कोई कहकहे लगाता तो कोई बात नहीं थी मगर कारणों का कयास। भारत के एक फालतू प्रधान देश भी है। हमारे पास सचमुच कोई काम नहीं बचा है। अब हम इंतज़ार कर रहे हैं हिन्दी के फटीचर पत्रकारों के बिग्रेड में से दो चार को पहले सेलिब्रेटी टाइप घोषित करो फिर चंद धूलधूसरित करने वाले किस्सों का पता लगाकर फलूदा निकाल दो। पूर्व में ऐसे सारे प्रयास भी बेकार गए हैं। आगे भी जायेंगे। हकीकत देखिये। किसी को कुछ फर्क नहीं पड़ता। जिस पर आरोप लगता है उसी का अभिषेक हो जाता है। मूर्खों थोड़ा तो जागो। नहीं तो कोई बात नहीं ये शौक भी पूरा कर लीजिए। मतलब क्या कहें। चार आदमी न पहचान लिया कि एंकर भी अब लिखे जाने लायक हो गए। बहुत सही।
सारी अफवाहें सत्य हैं। तो ? ट्विटर फेसबुक एक सशक्त माध्यम है। उससे अलग हो जाने से मेरी राय नहीं बदली है। वहां सक्रिय नेताओं के भांड के बारे में पहले भी लिखता रहा हूं। वहीं लिखा है। अपने गांव खानदान में ऐसे लोगों को देखा है। जो कुछ नहीं कर पाये तो नेताओं को झोला उठाकर गांव में भांड बन जाते थे। ठीक है। सपोर्ट करने के नाम पर महत्वपूर्ण होने की बीमारी असलियत और वर्चुअल दोनों जगहों पर बराबर है। जो कार्यकर्ता है उसकी सक्रियता तो समझ आती है कि उसे अपना जीवन किसी पार्टी के लिए देना है। उसकी बातों का सम्मान भी करता हूं। इसलिए कि राजनीति को गंभीरता से बरतने की आदत है। लेकिन जो भांड हैं? नेता लोग अलग अलग आइडी से अपना भांड बना रहे हैं। आईटी सेल को तभी मैं भांड सेल कहता हूं। भांडगीरी को ही अंग्रेजी में प्रोपैगैंडा कहते हैं।
दूसरी बात कि सोशल मीडिया का मीडिया पर क्या असर पड़ा इस पर भी ट्विटर की टाइम लाइन पर बहस कराता रहता हूं। अलग अलग किस्म की राय आती रहती है। मैं इस टाइप का व्यक्ति तो हूं नहीं कि अपना शो बेचूं। कहां लुंगी खरीदी उसकी जानकारी दूं और कहां तौलिया पसारा वो जगह भी बता दूं। कुछ निजता तो फिर भी चाहिए न। वर्ना आईडी के साथ पासवर्ड भी सार्वजनिक कर दीजिए। इस हल्ला हंगामा से निकलने का अधिकार है कि नहीं है। मैं भी टाइमलाइन पर मौजूद कुछ संजीदा और अच्छे मित्रों दर्शकों को मिस करता हूं लेकिन क्या इसके बाद भी मुझे एकांत नहीं मिलना चाहिए। फैनलोलुपता कभी रही नहीं। सब अपने ही हैं। किसी का दिल दुखाने के लिए तो नहीं गया हूं। अपना दिल बहलाने के लिए निकल आया हूं। आसक्ति ही दुख का कारण है। गए हैं तो गए हैं यार । सामान्य बने रहना सीखीये और दूसरे को भी सामान्य बने रहने दीजिए।
जो लोग मेरा फेक अकाउंट या मेरी तस्वीर लगाकर ट्विट कर रहे हैं उनसे कोई शिकायत नहीं है। ये बीमार लोग होते हैं। इसी बहाने इन्हें जीने का कुछ बहाना मिल जाता है। ऐसे लोगों से कोई शिकायत मत रखियेगा। इन्हें आपकी मदद की ज़रूरत है। सोचिये इतने काम में से फर्जी होने का काम चुनने वाला आपकी दया का पात्र है कि नहीं। आप इतने क्रूर कैसे हो सकते हैं।
Indeed. Similarly, Primetime holds no significance..people accusing, debating over issues leading to great confusion and no solution. What shall happen of the real deal? "Kitna bakein?"
ReplyDeleteThe whole democracy concept is to blame, why else 1 Jesus Christ can easily control whole world and here 33 crore cant manage a country. 'Democracy'-disruptive and full of red tapism.
sir missing you very much
ReplyDeletesir missing you very much
ReplyDeletesir apna koi numbar de dijiye kbhi kbhi aap se bat kar luga
ReplyDeleteबधाई...
ReplyDeleteAapki kami si lagti hai..... Seriously.
ReplyDeleteहलांकि, इन दो माध्यमों पर आपको काफी मिस कर रहे हैं लेकिन आपका आलेख पढ़ कर और वजह जानकर संतोष हुआ। इन दोनो माध्यमों पर आपकी कमी महसूस कर रहा हूँ...लेकिन टीवी पर आपको देखकर (जो आपको जानने का मूल माध्यम है) वह कमी तो पूरी हो ही रही है। आशा है आप एक नए अवतार में पुनः दिखेंगे...वैसे दिखते तो आप हैं ही..तब तक के लिये इन दो माध्यमों पर आपसे विदा...हाँ कमी जरूर खलेगी...इससे आप अवश्य सहमत होंगे।
ReplyDeleteआशुतोष मित्रा, इलाहाबाद
सर आप ट्विटर या फेसबुक से अकाउंट बंद कर तो लिए! ठीक किये ! कभी कभी मै सोचता हूँ, दलों में बटे लोगो को आइना दिखाने वाला कोई तो है,! मै बदल गया, शायद कोई और भी बदल जाये, यही सोचकर विनती करने वालो के भीड़ में से एक मै भी हूँ.... की आप वापस आ जाये!
ReplyDeleteआपका लेख पढ़कर एक पल के लिए कोई भी यह कह सकता है आपने ठीक किया... लेकिन शायद मुझे नहीं लग रहा है! यहाँ का एक नियम है, तारीफ के बदले तारीफ मिलता है, और आइना बनिएगा तो लोग तोड़ने की सोचते है ! क्या कहना चाहता हूँ शायद मेरे भी समझ में नहीं आ रहा लेकिन मतलब एक ही है.....!! कृपया फिर से आ जाइये!
बधाई, मीडिया में कोई तो इतनी हिम्मत रखता है!
ReplyDeleteबस मिलते रहिये, अब चाहे कही भी टीवी या अख़बार या यही पर :)
ReplyDeleteनमस्कार सर।आप की बहुत याद आती है।वापस लौट आए।
ReplyDeleteहमने भी आपसे पहले फेसबुक डिएक्टीवेट किया लेकिन उस पर किसी ने चर्चा नहीं की :-)
ReplyDeleteवैसे, आपकी यह पोस्ट जरूरी थी।
Ham Chaar dost saath baithte hain Aur agar media par charcha hoti hai to aapka jikra Aapke bebaak aur tatasth najariye ke liye jarur hota hai..AAp un gine chune media vaalon me se hain jo apni spashtvaadita ke liye jaane jaaate hain....chaliye twitter par naa sahi par Apne vichaar blog aur TV par hi pahunchaate rahiyega...Social media ki chaar deewari se bahar nikalne ke liye Badhaai...
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteYou could report impersonation here if you have time: https://support.twitter.com/forms/impersonation
ReplyDeleteबधाई ....
ReplyDeleteआपने और भी ज्यादा इससे अच्छे काम करने हैं ..
शुभकामनायें!
आसक्ति ही दुख का कारण है।
ReplyDeleteइस तनाव भरे जीवन में आपका हल्के से गुदगुदाना,कभी चिढाना फिर हल्के-फुल्के ढंग से मानना, यही कमी महसूस होगा! सजहता से बारी-बारी से सबको टोक कर उसको खुश होने का अवसर देना यही कमी खलेगा और क्या लिखू सबको अपने लिए अपने ढंग से जीने का अधिकार है !आप जो फैसला लेंगे वह आपका अधिकार छेत्र !
ReplyDeleteye thik h ki aapne band kar diya apna twitter or facebook account ,, shayad kami v ho sakti h inki aur haa shayad aap ab jyada ekantwaaaaas mahsus karten honge..
ReplyDeleteरवीश जी आगे के जीवन की ढेर सारी शुभ कामनाएं !!
ReplyDeleteमुद्दों की तरह व्यक्ति की निजता आवश्यकता है सामान्य जीवन की सरलताओं की। सम्भवतः सेलिब्रिटी होने के कष्ट/गर्व इतने करीब से समझ न भी आयें व्यक्ति तो समझ आता है। व्यक्ति होने का अधिकार महत्वपूर्ण है। शुभकामनायें।.......(Anuj Sharma)
ReplyDeleteaapne jane anjane twitter ka ek aur user kam kar diya..... ab twitter login ki jaroorat he nahee lagti..
ReplyDeletesir, it's your choice but really miss you...hope you will be come back soon :)
ReplyDeleteAap se jyada aapke shabdo se prem hai ...aap jaane anjane kuch aisa bata jaate hain jo achaa lagta hai...Bus Itne ka he swarth hai
ReplyDeleteअब अगर हम रवीश सर का सम्मान करते हैं तो उनके इस निर्णय का भी सम्मान है । उनके समय पर सिर्फ और सिर्फ उनका हक है । उनकी निजता की भी रक्षा होनी चाहिए ।
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteवजह कोई भी हो,निजता आप का हक है। सिखा बहुत कुछ हम सबने वो लालसा बनी रहेगी। अगर इशारा मिला होता तो वो वार्ता जो आप केसाथ हुई सुरक्षित कर लिया। मिले भी कसबे से थेमिलते रहे यही इसी उम्मीद से-
ReplyDelete-एक पाठक
सरजी आप उन कुछ लोगों में से थे जिन्हें मैंने पहली बार फॉलो किया था ट्विटर पर...!रवीश की रिपोर्ट से आपका इम्प्रैशन था जबकि मैंने २-३ रिपोर्ट्स ही देखि होंगी..!क्या आप कल से टेलीफोन कनेक्शन भी कटवा रहे हैं..? कम्युनिकेशन के रास्ते बंद करके कहाँ तक शांति महसूस करेंगे..! जब तक जीवन है संघर्ष है ये कविता स्टाइल आपकी है और आप ही चलते चलते इतने दूर निकल जाना चाहतें हैं की लोगों के बीच रहते हुए लोगो की आवाज नहीं सुन सकें ? मुमकिन नहीं..! फिर भी आपको आपकी शान्ति और एकांतवास मुबारक ! पर आपकी टीवी में दबंगई स्टाइल से primetime में फिरसे आना तारीफ़-ए-काबिल है !अंत में इतना ही कहना है की कहीं आप गुरुदत्त स्टाइल जैसे दुखी तो नहीं हैं?: ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है....? आपका ही स्टाइल है, सकारात्मक सोच और कर्म नकारात्मकता को ढीला कर देतें हैं..! शुभरात्रि !
ReplyDeleteKafi kuch likha hai logo ne aap ko kayi log tho bhawisya ki subhkamanaye bhi de rahe hai mano aap koyi mittra hai jo kahi bahut dur jara hai,or to or laga ki aap ki nayi nayi shadi huyi hai tho bhai lijiya bhavi jiwan ki subhkamanaye. Per kuch ne subhkamanaye is liye bhi di hai ke aap ne tweeter aakhir chod diya unko mere abhinandan. Per kiya wakayi aap ne un wajaho ka ullekh kiya hai jinki wajaha se aapne ye madyam chode. Mene bhi aap kitarah facebook ko alwida kaha tha wajah sirf itani thi ki man maan nahi raha tha wo iss social media ki wajaha nahi samjh paraha tha. Log aapne maan ki baato ko iss tarah se likh te the ki mano wo kuch pana chahate hao kisise. Sabdo ke piche ka aartha jaan pana vayise bhi kathin hota hai or tab haalat or aalag ho jate hai jaab maan me kuch or ho or likah kuch or jaaye. Par bhasha itani saaf chees hai ke wo man ki bhawane ko bhi sokh leti hai. Per fir ye baate tho mai aap ke leye likh raha tha par aab iss me bhi I ME aagaya. Chaliye jane dijiye. Jo hum jo karne aaye the wo kare. Aap ne jo kuch kiya accha kiya maan jis baat se santusht ho or aatma halki baani rahe wahi karna chahiye. Baad waaps nahi aayiye ga bada aajib lagta hai. Par ye baat mai aade maan se kehe raha hu....
ReplyDeleteParateek mishra ( mishra.prateek334@gmail.com)
नमस्कार ! चलते चलते इतने दूर निकल जायेंगे उम्मीद नहीं थी ! आपके फैसले का सम्मान करते है ! आपके निजता के अधिकार में तनिक भी दखलंदाजी नहीं ! आप की आईडी एक ऐसा प्लेटफार्म थी जहाँ विद्वजनो से मुलाकात हो जाती थी, एक खालीपन सा दे गये ! हमें पता है आप शोहरत को जूते पर रखते है, फिर भी हो सके तो प्रशंसको की भावनाओ के मद्देनजर फैसले पर पुनर्विचार कीजियेगा ! ढेर सारी शुभकामनाये ! देखते रहिये ! चलते रहिये ! सादर वन्दे !
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteSir jee namaskar! I fully endorse & respect your views. However will miss you. Bye...!!
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletesahi kiye aapne..
ReplyDeleteआदरणीय रवीश जी,
ReplyDeleteआपके निजता के फैसले को सम्मान करता हूँ । हाँ, एक बात कहना चाहता हूँ, मेरा twitter पर पिछले 3 सालों से account था, लेकिन आपके tweets पढने के लिए ही पिछले महीने से twitter खोलना शुरू किया था।
आपका blog पढ़कर बहुत अच्छा लगा, social media पर आने या ना आने के आपके निर्णय का मैं सम्मान करता हूँ ।
एक निवेदन है, अगर आप youtube.com पर अपना account बनाकर उसमें अपने कार्यक्रम रख सकें, तो बहुत अच्छा रहेगा।
आपके कार्यक्रमों का बेसब्री से इंतज़ार रहता है । आपका ये blog भी आपके आवाज़ में पढ़ा है।
एक बात और, मध्य प्रदेश से होते हुए भी, ये आपके व्यक्तित्व का ही प्रभाव था, कि हिंदी और देवनागरी लिपि के प्रति प्रेम फिर से आ गया है । धन्यवाद
gurudev , take care :)
ReplyDeleteMaine twitter account mei sabse pehle aapko follow kiya tha. Aur ek baar ka shock laga ki aapne deactivate kar diya. Kami toh mehsus hoti hi h.Aapke tweets alag hote they.par koi nahi aadat par jayegi.Blog aur TV toh h hi.Milte rahiyega :)sayonara :)
ReplyDeletePar ek baar sochiyega jarur.. Rahi personal wali baat..woh toh aap hi decide karte h aap kya tweet karenge.Personal tweets mat kariye.simple. Par Please come back to twitter & FB
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteYour leaving Twitter is definitely a loss to many of your admirers. I'm one of them. You have every right to decide what type and how much of an online presence you want to have. You're a national journalist and have onerous responsibilities. When I think of your Twitter account, I'm always reminded of a rare combination of language, honesty, grace, and a style that no other Indian journalist matched or matches. I subscribe to many Western journalists' accounts too, and I have seldom seen these qualities in their online expression. But a man like you needs to be moving--you always insist on moving (“Chalte rahiye”)--to newer accomplishments and greater heights. I'm sure many of us, your fans, wish for you these things. Thank you for making our lives richer with your online interaction, and all the best to you! -- Anish Dave
ReplyDeletesir,mai hamesa sochta tha ye twitter hamesa khushaal rahega lekin aapke bina banjar sa lg rha muje..isi aas me ki aap to aayenge ek din abhi tk twitter se chipka hu..sir shanti jaruri h aapko lekin aapke jane se kitne log Asant ho gye h..aap bhi jante h shanti mn se h phir aapka bhi mn to twitter chorne ka nhi hi tha phir kyu aap kuch chichore ke karan apni shanti kho rhe..laut aaiyee sir aapke tweet padne ko raat ke 1bje tk jagta tha or subah phir 6 bje uth jata tha, ab khub sota hu pr aapke tweets bhi khub miss krta hu..pta nhi aap aayenge bhi ya nhi pr hamlog aas lagaye rahenge...zald aaiyega:)
ReplyDeletesir aap ko sunane twitter par aaya tha...ab aap hi waha nhi rahe...umid hai vapas aaoge
ReplyDeleteWell most benefit of this action is that u save lots of energy now u don't have to charge your battery frequently.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteSir, twitter pe aako miss karte hain. Indrapuram/vaishali/noida mein aapke fans ki kami nahi hain. Specially aapki Shayari aur aapke TM dialog miss ki jaa rahi hai. Sooch rahe ki HCL mein aapka official fan club bana lein - Mane kah rahe hain.
ReplyDeletePls come back to atleast twitter.
aap se itna prem hai ki twitter se jane ki shikayat nahi karenge. @mukeshpathakji
ReplyDeletesir good you clarified on your blog about twitter account. but want to say one thing, your prose writing is so much like my grand mother's Usha Priyamvada's writing.shayad naam suna ho aapne.
ReplyDeletesir good you clarified on your blog about twitter account. but want to say one thing, your prose writing is so much like my grand mother's Usha Priyamvada's writing.shayad naam suna ho aapne.
ReplyDeletesir ji apke wajah se to twitter join kiya tha.
ReplyDeletesab se jyada to
chalta hu aur aap bhi chalte rahiye
twitt mis krunga.
Aap ka faisla jaisa bhi aakhir hai to aap ka
ReplyDeletemauj kara babu ji..
ReplyDeleteसर आपसे ये उम्मीद नही थी कि आप हमे इस उलझी दुनिया मे छोड जाओगे आपसे बहस करने मे मजा आता था कम से कम जवाब तो मिल ही थे सर आप आ जाये प्लीज
ReplyDeletemeine aapke liye hi twitter account banaya tha, lekin kabhi follow nahi kiya,thik hai thik hai(aapki style mein)lekin harroj primetime bina chuke aaiyega bina chuke.
ReplyDeleteMisss u very muchhhh....sir
ReplyDeleteLove u...
bahut dukhi hain Sir aapke liye, n khush bhi... aaj aapse backstage mulakat hui thi Show mein aaye the as a audience... bahut kuch kehna n sunna chahte the aapse, aap shayad jaldi mein the... ghrwale sb kitna khush hue jb photo tv par aaya hamara par kuch mayne ni rakhta, aapse twiiter ka rishta tha aapne wo kyun band kar diya, kaun Inspire karega humko, mana kuch log hote hain gaali dene wale par fir kuch chahne wale bhi to hote hai... aap niraash aur matlabi nahi ho sakte... wapas laut aaiye Sir Ji... charan kahan hain Guru ji tumhare... :)
ReplyDeleteTo do job in media is not easy, we all undersatnd _save job
ReplyDeleteये तय हो गया कि ब्लॉग्गिंग ही सत्य है... बाकि सब (सोशल चोंचले) मिथ्या... (खासकर आप जैसों के लिए)
ReplyDelete:( :( :( :( :(
ReplyDeleteक्या कहें? आपके इस निर्णय के कुछ दिन पहले ही मैंने ट्विटर से विदा लिया था और करीब डेढ़ बरस पहले फेसबुक को अलविदा कह चुका हूँ। फसबुकिया समुदाय काफी अर्थों में फुरसतिया समुदाय है जो किसी के लिए भी डंडे लेके निकल पड़ता है। ट्विटर पर इतना शोर कि दिमाग और दिल के बीच का सम्बन्ध ही ख़तम कर दे। बहरहाल, जो किया अच्छा किया। आप यहाँ लिखते रहें हम वांचते रहेंगे। धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत पहले मैंने कहा भी था - (लिंक - http://blog.blogadda.com/2012/05/31/interview-with-ravishankar-shrivastava-hindi-blogger-foss) - ब्लॉगिंग का भविष्य उज्जवल है। यह एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है, जो कभी पुराना नहीं पड़ेगा, कभी ऑब्सलीट नहीं होगा। ओरकुट से, चैट से, फेसबुक से लोग जल्द ही उकता जाएंगे मगर ब्लॉगिंग से नहीं। आने वाले दिनों में नेट से जुड़ा हर बंदा या तो ब्लॉग लिखता होगा या फिर ब्लॉग पढ़ता होगा। यह बात मैं पूरे भरोसे के साथ कह सकता हूं।
ReplyDeleteतो, ब्लॉग में बने रहिए, ये इटर्नल है, और कोई फ़ाल्स फ़ीलिंग नहीं. हम तो आज भी आपकी शुरुआती पोस्टों को याद करते हैं जिसमें आपने अपने घर के नए फ्रिज आने की बातें की थीं... :)
हम लबों से कह न पाये उन से हाल-ए-दिल कभी
ReplyDeleteऔर वो समझे नही ये खामोशी क्या चिज़ है.....!!!
कभी मन किया तो आइयेगा जरूर उस चौपाल पर !!! तब तक आप भी चलते रहिये । हम लोग भी आपको गूगल बाबा के जरिये तलाशते रहेंगे अलग अलग चौपालौ पर। और चलते रहेंगे ।
!!! जय हिंद - जय हिन्दी !!!
apka tweets to padhta hi tha lekin join do teen din pehle kiya tha.
ReplyDelete1 salaah jyada tareephon se bhi bachen.ye apko bhi "nari" ki tarah vyakti nahi banne dega.
i guess, would be fine to see you here, if not on FB or Twitter. :-)
ReplyDeleteरवीश भाई, आप भी दिल्ली की उस हवा के शिकार हो गए हैं जिसके शिकार तमाम दूसरे तथाकथित 'बड़े पत्रकार' हो चुके हैं। आपकी परेशानी यह है कि आपने बुद्धिजीवी होने का न सिर्फ भ्रम पाल लिया है बल्कि उसका भारी-भरकम लबादा भी ओढ़ लिया है। गौर करेंगे तो पायेंगे कि आपकी बैचेनी या परेशानी आपकी अपनी उपज है। इसके लिए किसी और को दोष न दें तो अच्छा है।
ReplyDeleteSWAGAT YOGYA NIRNYA.
ReplyDeleteLove u n miss u sir.
ReplyDeleteDukh hota hai ek chirag khone se,
ReplyDeleteek hath jo hamari mutthi pakda kr chalta tha
tanha bad chala apni rah me....
missing your one liners......was addicted to our tweets, it is good, i am feeling like in rehab.....come back soon sir
ReplyDeletemissing your one liners......was addicted to our tweets, it is good, i am feeling like in rehab.....come back soon sir
ReplyDeletemissing your one liners......was addicted to our tweets, it is good, i am feeling like in rehab.....come back soon sir
ReplyDeleteSir chalte chalte aap Sahi me chale jayenge ye pata nahi tha chaliye aap ko bhi khus rahne ka adhikar h aap se ki gayi un baato ko shej kar rakh lenge baki sab blog per mulakat hogi to chalte rahiye.
ReplyDeleteआपसे बात करने का मन है
ReplyDeleteकिस समय फोन करूं??
सेलिब्रिटी बन गये या बना दिये गये दोनों ही सुरत में झेलना तो बंदे को ही पड़ता है। मूर्ति पूजा भले ही हिन्दू परम्परा रही हो मगर सेलिब्रिटी फाॅलोइंग के रूप में यह चलन पूरी दुनिया में रहा है। मूर्ति से यह अपेक्षा होती है कि वह जड़ बना रहे... उसकी सारी गतिविधियाँ भक्तों और फाॅलोवरों की कल्पनाएँ तय करने लगती हैं। मूर्ति ख़ुद से कुछ करें तो बहुतों की भावनाएँ आहत होने लगती है।
ReplyDeleteआप कमेंट्स का जवाब ही नहीं देते तो कैसे पूछूं कि क्या https://twitter.com/RavishKumarNDTV यह आपका ट्विटर एकाउंट नहीं है
ReplyDeleteNo Regret but we miss you alot.. :(
ReplyDeleteTake care....
We miss you a lot.. :(
ReplyDeleteआप सबका जवाब पढ़ता रहता हूं। अच्छा भी लगा कि आपने मुझे समझा। मेरा कोई अकाउंट नहीं है तो सवाल ही नहीं उठता कि मेरे नाम से चल रहा कोई अकाउंट सही है या नहीं। गाली गलौज के माहौल में कब तक रहा जाए। भांडों ने खुद को फेंकू पप्पू कैंम में बांट लिया है। मज़ाक तक सीमित रहे ये सिलसिला तो ठीक है। देखता हूं ट्विटर से कब तक दूरी बना कर रख पाता हूं। आने का मन नही कर रहा। एक दिन के लिए अकाउंट को एक्टिवेट कर बंद कर दूंगा ताकि ये अकाउंट मेरे पास रहे। अंतिम फैसला करने तक।
ReplyDeleteकभी कभी आया कीजिये रविश जी
ReplyDeleteगेहूँ के साथ घुन भी पिस रहा है ये तो मानेगे न?
रविश जी, जब तक आप twitter पर रहे, 10 में से 9 बार आलोचना ही किया, बरखा के शब्दों में कहूँ तो "बेडरूम में दिखने वाले एंकर को लोग निजी समझने लगते हैं" कि तरह, लेकिन अब सब सुना-सुना लगता है. नकली के आते ही फॉलो कर दिया पर अब वह भ्रम भी टूट गया. मुझे लगता है, किसी पत्ते कि तरह पानी के साथ भी गीला हुए बिना रहा जा सकता है. मन के मुतबिक ना होने पर किस किस को छोड़ देंगे. tv नही, बल्कि twitter छोड़ेंगे क्योंकि yanha केवल प्यार से काम चलाना पड़ेगा, अपनी परेशानी देखी, 25-1000 लोगों का प्यार नही. इतना ही निवेदन कर सकते हैं कि अपने फैसले पर पुनर्विचार करें.
ReplyDeleteप्रणाम
रविश जी, जब तक आप twitter पर रहे, 10 में से 9 बार आलोचना ही किया, बरखा के शब्दों में कहूँ तो "बेडरूम में दिखने वाले एंकर को लोग निजी समझने लगते हैं" कि तरह, लेकिन अब सब सुना-सुना लगता है. नकली के आते ही फॉलो कर दिया पर अब वह भ्रम भी टूट गया. मुझे लगता है, किसी पत्ते कि तरह पानी के साथ भी गीला हुए बिना रहा जा सकता है. मन के मुतबिक ना होने पर किस किस को छोड़ देंगे. tv नही, बल्कि twitter छोड़ेंगे क्योंकि yanha केवल प्यार से काम चलाना पड़ेगा, अपनी परेशानी देखी, 25-1000 लोगों का प्यार नही. इतना ही निवेदन कर सकते हैं कि अपने फैसले पर पुनर्विचार करें.
ReplyDeleteप्रणाम
रविश जी, जब तक आप twitter पर रहे, 10 में से 9 बार आलोचना ही किया, बरखा के शब्दों में कहूँ तो "बेडरूम में दिखने वाले एंकर को लोग निजी समझने लगते हैं" कि तरह, लेकिन अब सब सुना-सुना लगता है. नकली के आते ही फॉलो कर दिया पर अब वह भ्रम भी टूट गया. मुझे लगता है, किसी पत्ते कि तरह पानी के साथ भी गीला हुए बिना रहा जा सकता है. मन के मुतबिक ना होने पर किस किस को छोड़ देंगे. tv नही, बल्कि twitter छोड़ेंगे क्योंकि yanha केवल प्यार से काम चलाना पड़ेगा, अपनी परेशानी देखी, 25-1000 लोगों का प्यार नही. इतना ही निवेदन कर सकते हैं कि अपने फैसले पर पुनर्विचार करें.
ReplyDeleteप्रणाम
एक बार हम भी दोनों बन्द कर बैठ गये थे, सबकी इतनी शिकायतें आयीं कि आपका ब्लॉग नहीं पढ़ पाते हैं। फिर प्रारम्भ करना पड़ गया।
ReplyDeleteकोई बातनहीं स्टार आपके ब्लॉग के कारण ही आपको ट्वीट्टर पर खोजा था। अब यहीं बात चलेगी। वैसे समायरा मैडम ने भी ट्वीट्टर बंद कर दिया।
ReplyDelete@RavishKumarNDTV क्या सच मे ही नकली ID है
Deleteया
अव्वल दर्जे की शरारत है
@RavishKumarNDTV क्या सच मे ही नकली ID है
ReplyDeleteया
अव्वल दर्जे की शरारत है
aaiye vapas twitter parr.....miss karte hain aapko....kyun band kiyaacc.ke.karno mein jana nahi chahti.......par aapka wahan hona ..'kisi bhi karan se jyada mahatav poorna hai..
ReplyDeleteaapka intezaar hai..
रवीश भाई कैसे हो, आपके जाने का उतना दुःख नहीं हुआ जितना आपके जाने के तरीके का हुआ ..आप तो हमें ऐसे छोड़ के चले गए जैसे गृहस्थ जीवन से दुखी कोई शादी सुदा युवक अपने घरवालो को छोड़ के चला जाता है हिमालय में सत्य की खोज करने..!!
ReplyDeleteकम से कम बता देते तो हम खुद को इस के लिए तैयार कर लेते ..यूँ चले जाने से मन बहुत दुखी और नाराज हुआ ,पता नहीं क्यूँ लेकिन हुआ !!
अब उम्मीद यही लगा के ट्वीटर पे बैठे हैं की आप चलते चलते उन् गलियों में फिर आओगे..!!
ट्विट्टर पे आपके इन्तजार में एक चलता मुसाफिर ..Akhil_Raj
@badal1251986
sir aap hi to the jo reply karte the hamare tweet ka ab to koi reply karne wala nhi hai twitter par khair ab aapka blog padha karenge
ReplyDeletesir aap hi to the jo reply karte the hamare tweet ka ab to koi reply karne wala nhi hai twitter par khair ab aapka blog padha karenge
ReplyDeleteसच में आपकी अंतरात्मा भी मोदी बोध से ग्रसित है... वैसे सच बताऊँ, सौ बातें बोलने वाले से एक काम करने वाला ज्यादा श्रेष्ठ होता है, और शायद इसीलिए लोग मोदी के अंध भक्त हैं, आपके नहीं...
ReplyDeleteSIR PLEASE COME BACK TO TWITTER. I MISS U A LOT. YOU KNOW WHAT?? I REMEMBER THE DAY WHEN YOU REPLIED ME ON TWITTER AND I WAS VERY HAPPY BUT NOW.........KHER KOI BAAT NI...UMMID PAR TO DUNIYA KAYAM HAI...MAI BHI ISI UMMID KE SATH YE COMMENT KAR RAHA HU SHAYAD AAP WAPAS AA JAO...@SANGAM_WADHWA
ReplyDeleteSIR PLEASE COME BACK TO TWITTER. I MISS U A LOT. YOU KNOW WHAT?? I REMEMBER THE DAY WHEN YOU REPLIED ME ON TWITTER AND I WAS VERY HAPPY BUT NOW.........KHER KOI BAAT NI...UMMID PAR TO DUNIYA KAYAM HAI...MAI BHI ISI UMMID KE SATH YE COMMENT KAR RAHA HU SHAYAD AAP WAPAS AA JAO...@SANGAM_WADHWA
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteHum chalte hain aap bhi chalte rahiye.
ReplyDeleteEkaant juld hee khatma ho--i wish:)
ReplyDeleteEkaant juld hee khatma ho-i wish
ReplyDeleteravish ji aap hamare pehle aur bhagvaan na kare antin social view guru hai aur is baat ke liye hum aapse comment nai chahte par phir b aapka man na mane to kuchh keh sakte hai.
ReplyDeletesir bhadash 4 media ne likha tha ki, aapne NDTV ke dabab me apna account band kiya hai..............
ReplyDeleteI used Twitter to comment on your Report and Prime Time shows on NDTV. (qasba is not the right place to post comments on NDTV Shows).
ReplyDeleteYou never responded though. Probably, spammers were responsible.
man ki shanti ke liye yeh bahut hi badhiya nirnaya hai. aap ko miss karenge lekin yeh aapka niji mamla hai aur aap behtar samjhenge
ReplyDeleteअकाऊंट बंद करने का कारण मेरी समझ से केवल अति ही है। रोज 2-4 ट्विट करना और 8-10 ट्विट प्रति घंटा करने में फरक होता है। मेरी गुजारिश है कि अपना ट्विटर अकाऊंट पुनः शुरू करें और दिन में 2-4 ट्विट करके आम लोगों से जुङे रहे।
ReplyDeleteRavish We regularly watch Prime Time and we miss you now very often, reason..?
ReplyDeleteClosing twitter account will it help You?
bahut badia lagi laast line... itne kaamo k bad bhi FARZEE kaam... good one !!
ReplyDeletemiss u sir
ReplyDeleteरविश जी आपका बहुत बड़ा फैन अमित
ReplyDeleteWAH SIR ,,KBHI MERE SHAHR TO AAY ,,BHOT HIGHWAY PR GHUM GY AAP KI GALIYARA DEKH JAY AAP ...
ReplyDeleteRavishji
ReplyDeleteSurprise hai ki aap itne bade vidwan hone ke Bavjud Mahabhrastachari Mayawati ki taraf bahut inclined ho. Deshka bhi sochna chahiye. Zukna hai to Babasaheb ko sada vandan kijiye. Nahi ki jatiwadke nam par satta pake karodo rupeese ki malikan ban gayee Mayawati ko.Anyway I m great fan of you.
jaha bhi likhiye bas likhte rahiye, koi to hai jiski kalam par bharosa kiya jaa sakta hai
ReplyDelete